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Saturday, March 28, 2009

संस्थान का कार्यालय सीज
देहरादून: नगर निगम ने टैक्स जमा न करने पर राज प्लाजा में कुर्की की कार्रवाई करते हुए राज प्लाजा स्थित एक संस्थान और हिमालयन अपार्टमेंट स्थित एक बिल्डर के आफिस को सीज कर दिया है। इन पर लाखों रुपये बकाया था। नगर निगम के इस कदम से बकायेदारों में हड़कंप है। इन दिनों नगर निगम का कर वसूली पर खासा जोर है। इसके तहत टैक्स जमा न किए जाने पर गुरुवार को निगम की टीम ने दो के खिलाफ सीज करने की कार्रवाई की। राज प्लाजा स्थित आईएएफडी को नगर निगम ने सीज कर कर दिया। इस दौरान कर्मचारियों और विद्यार्थियों ने हल्का विरोध भी किया। राज प्लाजा पर कुल तकरीबन साढ़े छह लाख का टैक्स बनता है।

झंडा मेले में दो पक्ष भिडे़, तीन धरे
देहरादून, जागरण संवाददाता: झंडे मेले में दो पक्षों के बीच जमकर संघर्ष हुआ। इस दौरान कुछ दुकानों में तोड़फोड़ भी की गई। बताया गया कि लेनदेन को लेकर यह घटना हुई। पुलिस ने मौके पर तीन लोगों को गिरफ्तार कर मामला शांत कराया। इन दिनों कोतवाली क्षेत्र में झंडा मेला चल रहा है। पुलिस के मुताबिक गुरुवार को लेनदेन को लेकर दो गुटों के बीच विवाद हो गया। इनमें से एक ने मेले में खिलौनों की दुकान लगाई हुई है। पुलिस के मुताबिक दोनों गुटों में पैदा हुए विवाद के मारपीट हो गई। एक गुट ने दूसरे गुट की दुकान और अन्य दुकानों में तोड़फोड़ कर डाली। इससे मेला परिसर में बवाल हो गया। पुलिस को देखते ही कई लोग फरार हो गए, लेकिन पुलिस ने एक मेला दुकानदार व एक गुट के दो लोगों को गिरफ्तार कर लिया। इन तीनों लोगों के मारपीट में चोटें भी लगीं। पुलिस तीनों का दून अस्पताल में मेडिकल कराकर कोतवाली ले गई। एक गुट के आरोपी का नाम लक्ष्मण सिंह निवासी ग्राम नारंगी, चमोली और दूसरे गुट के आरोपियों के नाम सोनू निवासी शालीमार गार्डन थाना कोतवाली देहात जनपद सहारनपुर व दिनेश निवासी दीप नगर (देहरादून) बताए जा रहे हैं। पुलिस के मुताबिक लक्ष्मण ने मेले में दुकान लगाई हुई है। पुलिस के मुताबिक सोनू शातिर बदमाश है और पूर्व में भी जेल जा चुका है। तीस तक संपूर्ण होगा मेला लोकसभा चुनाव की तैयारियों और शहर में बढ़ रही चोरियों की घटनाओं के मद्देनजर कोतवाली पुलिस ने झंडा मेके को 30 मार्च तक संपूर्ण करने के निर्देश दिए हैं। कोतवाल जेपी जुयाल ने मेला प्रशासन को निर्देश दिए हैं कि सुरक्षा के कारण 30 मार्च तक मेला संपूर्ण कर लिया जाए। मालूम हो कि मेले में बाहरी तत्त्‍‌वों की भीड़ लगी हुई है और शहर में चोरियों का ग्राफ बढ़ता जा रहा है। पुलिस को संदेह है कि मेले के बहाने यहां पहुंचे कुछ अपराधी तत्त्‍‌व वारदातों को अंजाम दे रहे हैं।

एशियन शूटिंग के लए पूनम का चयन
देहरादून: अपनी प्रतिभा एवं अचूक निशाने के बूते विकलांग निशानेबाज पूनम कवि का कोरिया में 23 अप्रैल से होने वाली एशियन शूटिंग चैंपियनशिप में चयन हुआ है। इससे पूर्व पूनम केरल में हुई 52वीं राष्ट्रीय निशानेबाजी प्रतियोगिता में स्वर्ण जीत चुकी हैं। साथ ही उन्होंने राज्य स्तरीय स्पर्धा में स्वर्ण व अखिल भारतीय स्पर्धा में रजत पदक भी हासिल किए। पूनम ने इस मुकाम को हासिल करने के लिए लगातार कड़ी मेहनत की। उनकी सफलता में विकलांगता कभी रोड़ा नहीं बनी। बावजूद इसके प्रदेश सरकार की ओर से उन्हें कोई प्रोत्साहन नहीं मिला है। पूनम का कहना है कि निशानेबाजी एक महंगा खेल है और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर खेलने के लिए उसे आर्थिक कठिनाइयों से जूझना पड़ रहा है। पूनम ने बताया कि जसपाल राणा शूटिंग अकेडमी के सहयोग से वह अभ्यास जारी रखे हुए है। जसपाल राणा और राज्य निशानेबाजी संघ के अध्यक्ष नारायण सिंह राणा समय-समय पर उसे निशानेबाजी के गुर सिखाते हंै।

दोस्तों के सहयोग से शेखर ने छुआ शिखर
देहरादून, जागरण संवाददाता: छह दोस्तों का समूह, कुछ कर दिखाने की लगन और एक-दूसरे को पूरा सपोर्ट। कोई भी हिम्मत न हारे, इसलिए हर रोज एक-दूसरे की परेशानियों पर होती है चर्चा। इन्हीं दोस्तों में से एक हैं- शेखर रमोला। शेखर ने सहायक कमांडेंट परीक्षा में राष्ट्रीय स्तर पर दूसरा स्थान प्राप्त किया। शेखर इस सफलता का श्रेय दोस्तों को देते हैं। उनका कहना है कि मंजिल अभी दूर है, लेकिन यहां तक का सफर दोस्तों के सपोर्ट से ही पूरा हुआ है। उनका सपना आईएएस अधिकारी बनकर देश की सेवा करना है। देहरादून के शास्त्री नगर निवासी शेखर रमोला के पिता प्रकाश चंद रमोला सेना से सेवानिवृत्त हैं। उनकी माता गृहणी हैं। शेखर ने सीबीएसई बोर्ड से दसवीं और बारहवीं की पढ़ाई की और डीबीएस कालेज से स्नातक किया। उन्होंने यूपीएसई द्वारा 2007 में आयोजित सहायक कमांडेंट परीक्षा पास की थी। इसके बाद ग्रुप डिस्कशन और साक्षात्कार में कामयाबी हासिल कर राष्ट्रीय स्तर पर दूसरा स्थान प्राप्त किया। शेखर को सीआईएसएफ में सहायक कमांडेंट के पद पर नियुक्ति मिली है। वे 18 अप्रैल को हैदराबाद में सीआईएसएफ ज्वाइन करेंगे। इससे पहले शेखर आठ बार सीडीएस, एक बार आईबी और तीन बार एसआई परीक्षा पास कर चुके हैं। उन्होंने 2008 की सिविल सेवा परीक्षा (प्री) में सफलता प्राप्त की है और वे मुख्य परीक्षा की तैयारी कर रहे हैं। दैनिक जागरण से बातचीत में उन्होंने कहा कि उनके छह दोस्तों के समूह ने हमेशा एक-दूसरे को मानसिक स्तर पर मजबूत बनाया। जब भी कोई परेशानी आई, एकजुट होकर सामना किया और सफलता प्राप्त की। उन्होंने कहा कि शिक्षक अनूप चौहान के मार्गदर्शन, माता-पिता के आशीर्वाद और दोस्तों के सपोर्ट ने उनकी राह आसान की। शेखर ने कहा कि मंजिल अभी दूर है। उन्होंने कहा कि उन्हें अब नौकरी के साथ-साथ आईएएस मुख्य परीक्षा की तैयारी करनी है।

दून से निकला क्रिकेट का द्रोणाचार्य
देहरादून, जागरण प्रतिनिधि: सूबे के क्रिकेटर भी अब राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेटरों की तरह मनमाफिक कोचिंग हासिल कर प्रतिभा निखार सकेंगे। सूबे के वरिष्ठ क्रिकेटर मनोज रावत ने बीसीसीआई द्वारा संचालित लेवल वन कोचिंग कोर्स उत्तीर्ण कर यहां की क्रिकेट को ऊंचाइयों तक पहुंचाने का बीड़ा उठाया है। मनोज को इस कोर्स में द्वितीय स्थान हासिल हुआ। यह उपलब्धि हासिल करने वाले वह सूबे के एकमात्र क्रिकेटर हैं। बीसीसीआई की इकाई नेशनल क्रिकेट अकेडमी (एनसीए) के तत्वावधान में तीन से आठ फरवरी तक चले लेवल वन कोचिंग कोर्स में देशभर से 32 खिलाडि़यों ने भाग लिया, जिनमें से 18 ही परीक्षा उत्तीर्ण कर पाए। श्री रावत को इसमें द्वितीय स्थान मिला। एनसीए के निदेशक डेव व्हाटमोर ने इस कोर्स की शुरुआत की है, जिसका उद्देश्य देशभर में युवा क्रिकेटरों को एकरूप कोचिंग देना है। श्री रावत ने बताया कि कोर्स के दौरान एनसीए के बालिंग कोच बी.अरुण, बैटिंग कोच अमित असवाह, आर.वेंकटराम व किंजल सूरतवाला ने खेल की तकनीकी जानकारी दी। कोर्स में क्रिकेट के बेसिक गुर सिखाए गए। उन्होंने बताया कि टेस्ट में रिटर्न और प्रैक्टिकल दोनों ही तरह परीक्षण किया गया। मनोज रावत ने बताया कि सीएयू की यूपीसीए से संबद्धता होने के कारण एसोसिएशन के सचिव पीसी वर्मा से कोर्स के लिए नाम मांगे गए थे। अगर श्री वर्मा रिकमंड नहीं करते तो शायद वह यह कोर्स नहीं कर पाते। उन्होंने बताया कि पूर्व में वह एनआईएस, एमपीएड और स्पो‌र्ट्स मैनेजमेंट का कोर्स कर चुके हैं। इसका फायदा उन्हें लेवल वन कोचिंग कोर्स में मिला। एसीए के निदेशक आरपी ईश्र्वरन का भी इसमें काफी सहयोग रहा। एसीए में बतौर कोच कार्यरत मनोज रावत ने कहा कि सूबे को मान्यता मिल जाती है तो अन्य लोग भी यह कोर्स कर सकेंगे। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड के क्रिकेट के विकास में यह काफी सहायक साबित होगा। साथ ही प्रतिभाओं का पलायन रुकेगा।


ढाई करोड़ लीटर पानी जमा करना है 15 तक
मसूरी, जागरण कार्यालय: पहाड़ों की रानी मसूरी में पर्यटन सीजन की तैयारियां में जल संस्थान भी लग गया है। सीजन के लिए पंपों की मरम्मत की जा चुकी है। संस्थान 15 अप्रैल तक 2 करोड़ 46 लाख लीटर जल का भंडारण करने में जुटा है। संस्थान ने बकायेदारों से वसूली में भी तेजी कर दी है। पर्यटन सीजन में पहाड़ों की रानी मसूरी में पेयजल किल्लत से बचने के लिए जल संस्थान ने हाथ-पैर मारना शुरू कर दिया है। जल संस्थान के अधिशासी अभियंता एसके शर्मा का कहना है कि पर्यटन सीजन में पेयजल संकट से बचने के लिए कोल्टी पंप, मरे पंप, धोबी घाट समेत अन्य पंपों की मरम्मत की गई है। 15 अप्रैल तक 2 करोड़ 46 लाख लीटर का जल भंडारण किया जाएगा। गनहिल में सर्वाधिक एक करोड़ 58 लाख लीटर, राधाभवन क्रेगटॉप में 80 लाख लीटर, लंढौर कैंट में 8 लाख लीटर पानी का भंडारण किया जाना है। उन्होंने बताया कि जल संस्थान ने बकाएदारों से 31 मार्च तक तीन करोड़ 75 लाख रुपये की वसूली का लक्ष्य रखा है। अभी तक दो करोड़ से अधिक की वसूली की जा चुकी है। संस्थान के सहायक अभियंता पीबी भट्ट ने बताया कि कोल्टी पंप में अकसर बिजली समस्या रहती थी। इसके लिए 11 केवी की लाइन लगाने को आकलन किया गया है। केंद्र सरकार से पेजयल व्यवस्था के लिए हाल ही में 16 करोड़ रुपये स्वीकृत हुए हैं, जिनमें कोल्टी पंप के लिए डबल पंपिंग योजना पर तीन करोड़रुपये खर्च किए जाएंगे।


बाजार में लौटी बसंत बहार
मुंबई, एजेंसियां : तमाम सकारात्मक संकेतों के बीच दलाल स्ट्रीट में फिर से वसंत की बहार लौट आई है। शेयर बाजार का बैरोमीटर माना जाने वाला सेंसेक्स करीब तीन महीने बाद गुरुवार को फिर से 10 हजार का स्तर पार कर गया। इस तेजी में अमेरिका में आवास व उपभोक्ता बाजार में आए सुधार का बड़ा हाथ रहा। इसकी वजह से ही विदेशी बाजारों में खासा उछाल आया। इसे देख सटोरियों ने दलाल स्ट्रीट में जमकर लिवाली की। इस दिन बंबई शेयर बाजार (बीएसई) के संवेदी सूचकांक ने 335.20 अंकों यानी 3.47 फीसदी की छलांग लगाई। यह 10003.10 अंक पर बंद हुआ। 5 जनवरी, 09 के बाद सेंसेक्स पहली बार इस स्तर पर पहुंचा है। एक दिन पहले यह 9667.90 अंक पर बंद हुआ था। चार सत्रों की लगातार तेजी के चलते इस हफ्ते संवेदी सूचकांक 1036.42 अंक यानी 11.56 फीसदी की बढ़त बना चुका है। इसी तरह नेशनल स्टाक एक्सचेंज का निफ्टी भी तीन महीने बाद पहली बार 3000 के ऊपर गया। यह 97.90 अंक यानी 3.28 फीसदी उछलकर 3082.25 पर बंद हुआ। बुधवार को यह 2984.35 अंक पर था। बीएसई का 30 शेयरों वाला सेंसेक्स मजबूती के साथ खुला। सत्र के दौरान यह 10061.36 अंक के ऊंचे स्तर तक गया, वहीं इसने 9739.93 अंक का दिन का निचला स्तर छुआ। निफ्टी एक दिन पहले के मुकाबले नीचे खुला, लेकिन कारोबार के दौरान ऊपर में 3103.35 अंक तक गया। बाद में यह नीचे में 2982.25 के स्तर तक लुढ़का। विश्लेषकों के मुताबिक अमेरिका में एक दिन पहले आए नए घरों की बिक्री और उपभोक्ता बाजार के आंकड़े उम्मीद से अच्छे रहे हैं। इसके चलते विश्व की इस सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था में मंदी को लेकर बढ़ रही चिंताएं कम हुईं तो वाल स्ट्रीट में एक दिन पहले खासी तेजी आई। इसकी देखादेखी एशियाई बाजार भी मजबूत रहे। इसके अलावा मुद्रास्फीति दर के गिरकर 0.27 फीसदी आने से रिजर्व बैंक द्वारा दरों में और कटौती करने के आसार बढ़ गए हैं। इन सब कारणों से दलाल स्ट्रीट के निवेशक भी जोश में आ गए और जमकर खरीद कर डाली। घरेलू बाजार को विदेशी संस्थागत निवेशकों की ओर से भी लगातार लिवाली का सहारा मिल रहा है। एक दिन पहले उन्होंने 348.65 करोड़ रुपये के शेयर खरीदे। रीयल एस्टेट को छोड़कर इस दिन बीएसई के सभी सूचकांकों में तेजी दर्ज की गई। रीयल एस्टेट कंपनी आकृति सिटी की शेयरों में आई 55 फीसदी से ज्यादा की गिरावट इस वर्ग के सूचकांक पर भारी पड़ी। बीएसई में कारोबार का आकार भी बढ़कर 4635.28 करोड़ रहा।


चार धाम यात्रा के लिए कंप्यूटरीकृत ग्रीन कार्ड होंगे इस बार
देहरादून: चार धाम यात्रा के लिए परिवहन विभाग की तैयारियां जोरों पर हैं। इस बार विभाग ने यात्रा पर चलने वाले व्यावसायिक वाहनों के लिए कंप्यूटरीकृत ग्रीन कार्ड बनाने का निर्णय लिया है। इससे विभाग के पास यात्रा पर जाने वाली गाड़ी का पूरा ब्योरा उपलब्ध रहेगा। यात्रा के दौरान परिवहन विभाग गाडि़यों के लिए ग्रीन कार्ड जारी करता है। पूर्व में ये कार्ड हाथों से बनाए जाते थे। ऐसे में इनमें गड़बड़ी होने की आशंका भी रहती थी। जांच के दौरान कई ग्रीन कार्ड फर्जी भी पाए गए। ऐसे में फर्जी ग्रीन कार्ड को रोकने और वाहन व चालक का संपूर्ण विवरण एक ही कार्ड में डालने के लिए विभाग ने इस बार ग्रीन कार्डो को पूरी तरह कंप्यूटरीकृत बनाने का निर्णय लिया है। ग्रीन कार्ड में ड्राइवर के डीएल के साथ ही वाहन संबंधित जानकारी जैसे प्रदूषण प्रमाणपत्र की वैधता अवधि, रजिस्ट्रेशन, टैक्स, परमिट, फिटनेस और यात्रा फिटनेस आदि की संपूर्ण जानकारी होगी। यह जानकारी जानकारी कंप्यूटर में भी दर्ज होगी। यात्रा पर चलने वाले स्थानीय वाहनों के अलावा बाहर से आने वाले वाहनों को भी ये कार्ड जारी किए जाएंगे। ग्रीन कार्ड की पहली वैधता तीस जून तक रहेगी। इसके बाद आगे दो-दो माह तक इसकी समय सीमा बढ़ाए जाने का प्रस्ताव है। अपर परिवहन सचिव व अपर आयुक्त विनोद शर्मा ने बताया कि ग्रीन कार्ड का मकसद यह है कि वाहन चालक को एक बार ही सारे कागजात प्रस्तुत न करने पड़ें और जांच में भी विभाग का ज्यादा समय व्यर्थ न हो।

रास्ते के बारे में पता नहीं, चले मंजिल को
विकास गुसाई, देहरादून चार धाम यात्रा के लिए भले ही तैयारियां जोरो पर हों, लेकिन सचाई यह है कि इस बार मार्गो के बिना ठोस सर्वे किए ही यह यात्रा शुरू की जा रही है। बीते वर्ष इन मार्गो पर साढ़े पांच सौ से ज्यादा डेंजर जोन चिह्नित किए गए थे। इन्हीं के आधार पर सुरक्षा की तैयारी की जा रही है। पिछले यात्रा सीजन के बाद हुई बरसात में कई और नए स्थान डेंजर जोन के रूप में उभरे हैं, लेकिन इसकी जानकारी शायद ही विभाग के पास हो। ऐसे में चार धाम यात्रा कितनी सुरक्षित होगी, यह अंदाजा लगाया जा सकता है। चार धाम यात्रा को कुछ ही समय रह गया है। इसके लिए संबंधित महकमों की तैयारियां जोरों पर है। बसों की व्यवस्था से लेकर सड़कों की मरम्मत के लिए परिवहन विभाग, लोक निर्माण विभाग व सीमा सड़क संगठन को निर्देश जारी कर दिए गए हैं, लेकिन इस वर्ष यात्रा से पहले यात्रा रूटों का ठोस सर्वे न तो पुलिस और न ही परिवहन विभाग ने किया है। अभी तक रूट प्लानिंग पुराने डेंजर जोन को ध्यान में रख कर ही की गई है। प्रतिवर्ष परिवहन विभाग और पुलिस अपने-अपने स्तर से चार धाम यात्रा रूटों का सर्वे कराकर तैयारी करते हैं। महकमे इसकी रिपोर्ट शासन को सौंपते हैं। रिपोर्ट में सड़कों की स्थिति, चौड़ीकरण, पिटवाल, रेलिंग, पैराफिट आदि की स्थिति का उल्लेख होता है। इसी हिसाब से तैयारियां की जाती हैं। देहरादून-गंगोत्री, उत्तरकाशी- यमनोत्री, ऋषिकेश-सोनप्रयाग और हरिद्वार-बदरीनाथ मार्ग का सर्वे किया जाता है। हर वर्ष इन मार्गो पर डेंजर जोनों की संख्या घटती-बढ़ती है। इससे रूट की स्थिति स्पष्ट हो जाती है। इसी आधार पर तैयारियां की जाती हैं। इस वर्ष यात्रा मार्गो पर कितने डेंजर जोन घटे व बढ़े, इसकी जानकारी अभी उपलब्ध नहीं है। बीते वर्ष के हिसाब से ही तैयारियां की जा रही हैं। हालांकि अपर परिवहन आयुक्त विनोद शर्मा कहते हैं कि परिवहन आयुक्त व अन्य अधिकारियों के अलावा वे भी यात्रा रूटों की स्थिति का निरीक्षण कर चुके हैं। सीमा सड़क संगठन और लोनिवि को दस अप्रैल तक सभी कार्य दुरुस्त करने के निर्देश दिए जा

उत्तराखंड आंदोलन के दौरान वर्ष,1994 में देहरादून के करनपुर में हुए गोलीकांड की सुनवाई

उत्तराखंड आंदोलन के दौरान वर्ष,1994 में देहरादून के करनपुर में हुए गोलीकांड की सुनवाई के दौरान गवाह ने आरोपी तत्कालीन सपा नेता व वर्तमान में कांग्रेस के प्रांतीय मीडिया प्रभारी सूर्यकांत धस्माना को पहचान लिया। गवाह ने कहा कि आरोपी ने अपने घर की छत से पुलिसकर्मियों के साथ भीड़ पर फायरिंग की थी। वर्ष, 1994 में देहरादून के डालनवाला थाना क्षेत्र के करनपुर में आगजनी व पथराव के बाद तीन आंदोलनकारियों पर फायरिंग की गई थी। इस गोलीकांड में एक आंदोलनकारी राजेश रावत की मौत हो गई थी, जबकि राजीव मोहन व रविंद्र रावत घायल हो गए थे। पहले सिविल पुलिस इस मामले की जांच कर रही थी, लेकिन बाद में जांच सीबीआई को सौंप दी गई। इसमें अब तक 22 लोगों की गवाही हो चुकी है। गुरुवार को सीबीआई के विशेष न्यायधीश नरेंद्र दत्त की अदालत में लंबे समय बाद इस मामले की सुनवाई हुई। सुनवाई के दौरान आरोपी सूर्यकांत धस्माना व पुलिसकर्मी भी कोर्ट में मौजूद थे। पीडि़त राजीव मोहन ने कोर्ट में गवाही दी कि घटना वाले दिन आगजनी व पथराव के बाद राजेश रावत और रविंद्र रावत के साथ वे पास में नन्हीं दुनिया स्कूल की गली में घुस गए। राजीव ने अपने बयानों में कहा कि तभी अपने घर की छत पर पुलिसकर्मियों के साथ मौजूद सूर्यकांत धस्माना ने उन पर फायरिंग कर दी। आठ से दस राउंड हुई फायरिंग में राजेश रावत की मौत हो गई, जबकि वे और रविंद्र गोली लगने से घायल हो गए। राजीव ने कोर्ट में आरोपी को पहचान लिया, जबकि पुलिसकर्मियों को नहीं पहचान सके। इस मामले में शुक्रवार को दूसरे पीडि़त रविंद्र रावत की गवाही होनी है।

Friday, March 27, 2009

walk-in-interview in BEL-Ghaziabad, for Diploma holder on 30 March.

There is a walk-in-interview in BEL-Ghaziabad, for Diploma holder on 30 March.

लोस चुनाव बाद होंगी कुविवि की परीक्षाएंबीकॉम की परीक्षाएं भी हुई स्थगित

नैनीताल।
छात्र संगठनों के बढ़ते दबाव के आगे आखिरकार कुमाऊं विश्वविद्यालय प्रशासन को झाुकना पड़ा। विश्वविद्यालय प्रशासन ने चार अप्रैल से प्रस्तावित बीकॉम की परीक्षाओं को भी अब लोकसभा चुनाव के बाद ही अन्य परीक्षाओं के साथ कराने का फैसला लिया है।बता दें पूर्व में विश्वविद्यालय की परीक्षाएं १४ मार्च से प्रस्तावित थीं। इस दौरान विश्वविद्यालय के शिक्षकों एवं कर्मचारियों ने छठे वेतन आयोग की सिफारिशों को लागू करने, विवि की आर्थिक स्थिति सुधारने तथा केंद्रीय विवि की मांग को लेकर आंदोलन शुरू कर दिया, पांच मार्च को शासन की ओर से कुछ मांगों को मान लेने का लिखित आश्वासन मिलने पर छह मार्च से शिक्षक-कर्मचारी काम पर लौटे। इस दौरान एक सप्ताह के भीतर विवि प्रशासन के लिए परीक्षाएं कराना काफी मुश्किल हो गया।
विवि प्रशासन के सामने कुमाऊं के सबसे बड़े हल्द्वानी डिग्री कालेज के अलावा खटीमा, बागेश्वर एवं पिथौरागढ़ के भवनों के अधिग्रहण की समस्या सामने आ गई। ये भवन चुनाव के लिए अधिग्रहीत किए गए हैं। बावजूद इसके विवि प्रशासन ने चार अप्रैल से स्नातक स्तर पर कामर्स की परीक्षाएं कराने का फैसला ले लिया। इधर, परीक्षा तिथि घोषित होते ही कुमाऊं भर के छात्र संगठनों ने विरोध शुरू कर दिया, इसके तहत उन्होंने कुलपति एवं कुलसचिव का घेराव भी किया। कुलसचिव बीसी जोशी ने बताया छात्र संगठनों की मांग को देखते हुए अब बीकॉम की चार अप्रैल से प्रस्तावित परीक्षाएं अन्य परीक्षाओं के साथ ही लोकसभा चुनाव के बाद ही करायी जाएंगी, परीक्षा की अगली तिथि बाद में घोषित की जाएगी।
बुर्जुगों ने चमकाया राज्य का नाम


बाजवा, रावत और सचदेवा ने फिर राष्ट्रीय स्तर पर किया कमाल
दून के बुर्जुग एथलीटों ने एक बार फिर राष्ट्रीय स्तर पर कमाल किया है। उन्होंने हिसार में हुई ३०वीं मास्टर्स एथलेटि1स चैंपियनशिप में दो स्वर्ण समेत आठ पदक जीते। जबकि इसका दूसरा पहलू यह है कि प्रदेश सरकार इन चैंपियनों को उनके कमाल का इनाम नहीं दे सकी है।डीएस बाजवा, बीएस रावत, जेएस सचदेवा ऐथलेटि1स में ऐसे नाम हैं जिन्होंने राज्य को लगातार सफलताएं दिलाई हैं। तीनों ने समय-समय पर जता दिया कि उम्र उन पर भारी नहीं पड़ सकती। ट्रैक एंड फील्ड में उपल4िधयां हासिल करने के लिए उनके अंदर अभी जज्बा कायम है। यही कारण है कि डीएस बाजवा अभी तक तीन एशियन मास्टर्स एथलेटि1स चैंपियनशिप में नौ मैडल जीत चुके हैं। जबकि बीएस रावत ने दो एशियन चैंपियनशिप में तीन और सचदेवा ने एक मैडल प्राप्त किया है।
अब हिसार में १९ से २२ मार्च तक हुई ३०वीं राष्ट्रीय मास्टर्स एथलेटि1स चैंपियनशिप में भी तीनों ने एक बार फिर कमाल का प्रदर्शन कर जुलाई में फिनलैंड में होने वाली वल्र्ड मास्टर्स एथलेटि1स चैंपियनशिप के लिए अपनी दावेदारी को मजबूत किया है। डीएस बाजवा ने भाला फेंक में स्वर्ण, च1का फेंक में रजत और गोला फेंक में कांस्य पदक जीता। बीएस रावत ने लंबी कूद में स्वर्ण और त्रिकूद एवं ४०० मी. दौड़ में कांस्य पदक जीता। इसी तरह जेएस सचदेवा ने १५०० मी. और ५००० मी. दौड़ में रजत पदक जीते। लेकिन लगातार सफलताएं हासिल कर रहे इन धावकों का दर्द है कि अभी तक राज्य सरकार उनकी उपल4िधयों को महत्व नहीं दे रही है। उनका कहना है कि चैंपियनशिप में भाग लेने के लिए उनको अपनी जेब से पैसे खर्च करने पड़ते हैं। सरकार अन्य खिलाडिय़ों पर पैसे बहा रही है, परंतु वेटरन खिलाडिय़ों की किसी भी स्तर पर नहीं सुनी जा रही है।
देवभूमि के लाल, दिल्ली में कमाल
उत्तराखंड कहने को यूं तो पांच लोकसभा सीटों को सिमटाए छोटा सा प्रदेश है मगर इसी उत्तराखंड ने देश को ऐसे कई कद्दावर सियासी शख्सियत दी हैं जिन्होंने राष्ट्रीय राजनीति में अहम भूमिका निभाई और निभा रहे हैं। दिलचस्प तथ्य यह है कि यह सिलसिला आजादी के बाद से ही आरंभ हो गया जो अब तक अनवरत जारी है। महत्वपूर्ण बात यह भी है कि गढ़वाल व कुमाऊं, दोनों ही क्षेत्र राष्ट्रीय राजनीति के दिग्गजों के लिहाज से उर्वर साबित हुए हैं। राष्ट्रीय राजनीति में उत्तराखंड को एक नई पहचान दिलाने में हेमवती नंदन बहुगुणा व नारायण दत्त तिवारी का नाम बेहिचक सबसे ऊपर लिया जा सकता है। उत्तराखंड में गढ़वाल व कुमाऊं का प्रतिनिधित्व करने वाले इन दो दिग्गजों में एक दिलचस्प समानता भी रही। वह यह कि दोनों दिग्गजों ने उत्तर प्रदेश जैसे देश के सबसे बड़े राज्य का मुख्यमंत्री पद और केंद्र में कई महत्वपूर्ण मंत्रालयों का जिम्मा भी संभाला। हालांकि श्री बहुगुणा उत्तराखंड से केवल वर्ष 1980 (इसके बाद उप चुनाव भी) में पौड़ी गढ़वाल सीट से चुनाव लड़े और जीते लेकिन उनके पर्वतीय सरोकारों से हर कोई वाकिफ है। इसी तरह नारायण दत्त तिवारी ने 1980, 96 व 99 के आमचुनाव में नैनीताल सीट से जीत हासिल की। तीन बार उत्तर प्रदेश व एक बार उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पद को संभाल चुके श्री तिवारी केंद्र सरकार में उद्योग, विदेश, वाणिज्य, वित्त जैसे अहम महकमों के मंत्री रहे हैं। वर्तमान में श्री तिवारी आंध्र प्रदेश के गवर्नर हैं। देश की पहली लोकसभा में महावीर त्यागी देहरादून डिस्टि्रक्ट कम बिजनौर डिस्टि्रक्ट (नार्थ वेस्ट) कम सहारनपुर डिस्टि्रक्ट(वेस्ट) और बाद में देहरादून सीट से सांसद बने। श्री त्यागी नेहरू मंत्रिमंडल के एक अहम सदस्य रहे। इसी तरह पहली लोकसभा से चौथी लोकसभा तक गढ़वाल सीट से निर्वाचित भक्तदर्शन ने केंद्र में शिक्षा मंत्रालय संभाला। आजादी के बाद पं गोविंद बल्लभ पंत की केंद्र में भूमिका को कौन भूल सकता है हालांकि वह कभी उत्तराखंड से सांसद नहीं रहे लेकिन उनके पुत्र केसी पंत साठ व सत्तर के दशक में नैनीताल सीट से तीन बार लोकसभा पहंुचे और कई अहम जिम्मेदारियां निभाई। इमरजेंसी के बाद वर्ष 1977 में हुए लोकसभा चुनाव में बीएलडी के टिकट पर मुरली मनोहर जोशी ने अल्मोड़ा संसदीय सीट पर जीत दर्ज की। श्री जोशी बतौर केंद्रीय मंत्री मानव संसाधन विकास मंत्रालय जैसी अहम जिम्मेदारी संभाल चुके हैं। वर्ष 1984 व 89 में टिहरी गढ़वाल सीट से लोकसभा तक पहुंचे ब्रह्मदत्त ने केंद्र में पेट्रोलियम मंत्रालय संभाला। उत्तराखंड के दिग्गजों की केंद्र में महत्वपूर्ण भूमिका की परंपरा को आगे बढ़ाया भुवन चंद्र खंडूड़ी, बची सिंह रावत और सतपाल महाराज ने। ये तीनों दिग्गज वर्तमान में भी सक्रिय राजनीति में अपनी भूमिका सुनिश्चित कर मैदान में डटे हैं। सेना में मेजर जनरल पद से अवकाश लेने के बाद श्री खंडूड़ी वर्ष 1991, 98, 99 और 2004 में पौड़ी गढ़वाल सीट से सांसद बने। वाजपेई सरकार में पहले राज्यमंत्री और फिर बतौर कैबिनेट मंत्री जरनल खंडूड़ी ने भूतल परिवहन सरीखे अहम मंत्रालय में अपनी जिम्मेदारियों को बखूबी अंजाम दिया। यही वजह रही कि वर्ष 2007 में उत्तराखंड में सत्ता में आने के बाद उन्हें भाजपा ने सांसद होने के बावजूद उत्तराखंड में मुख्यमंत्री का पद सौंपा। पौड़ी गढ़वाल सीट से वर्ष 1996 में तिवारी कांग्रेस के टिकट पर सांसद बने सतपाल महाराज ने भी अपने इसी कार्यकाल में बतौर केंद्रीय राज्यमंत्री रक्षा व रेल मंत्रालय की महत्वपूर्ण जिम्मेदारी का निर्वहन किया। अल्मोड़ा सीट से लगातार चार बार वर्ष 1996,98, 99 व 2004 में सांसद बने बची सिंह रावत भी वाजपेई सरकार में विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्रालय में राज्य मंत्री रहे।
देहरादून, : राजधानी में हाइप्रोफाइल सेक्स रैकेट का पर्दाफाश करते हुए पुलिस ने देहरादून के तीन प्रापर्टी डीलरों व दो कालगर्ल को गिरफ्तार कर लिया। कालगर्ल दिल्ली व मुजफ्फरनगर की निवासी हैं। पुलिस के मुताबिक दोनों की बुकिंग 50 हजार रुपये में की गई थी। पुलिस ने पांचों आरोपियों के खिलाफ देह व्यापार अधिनियम में मुकदमा दर्ज कर लिया। उधर, सेक्स रैकैट में फंसे दोनों प्रापर्टी डीलरों को छुड़ाने के लिए कई प्रापर्टी डीलरों व राजनीतिक दलों से जुड़े लोगों ने थाने में पुलिस पर दबाव बनाने का प्रयास किया।
नैनीताल से बाबा को कांग्रेस का टिकट
कांग्रेस ने नैनीताल संसदीय सीट से सिटिंग सांसद केसी सिंह बाबा को टिकट देने का निर्णय लिया है। अलबत्ता इसकी औपचारिक घोषणा अभी तक नहीं की गई है। हरिद्वार सीट से श्री हरीश रावत को टिकट देने की पार्टी ने औपचारिक घोषण कर दी
सत्ता सुख भोग रहे उक्रांद ने कार्यकर्ताओं को थमाया लालीपाप

सत्ता के चैन को तबियत बेचैन
यह बात भाजपा और उक्रांद दोनों को पता है कि अब चुनावी गठबंधन संभव नहीं है। इसके बाद भी एक सीट देने के प्रस्ताव की बात समझ से परे है। माना यही जा रहा है कि सत्ता सुख भोग रहे उक्रांद के कुछ नेताओं ने सरकार से समर्थन वापसी की मांग कर रहे कार्यकर्ताओं को लालीपाप थमाया है। उक्रांद में इस समय सरकार से समर्थन वापसी का मुद्दा खासा मुखर हो रहा है। सत्ता का सुख भोग रहे कुछ नेताओं को यह रास नहीं आ रहा है। ये नेता लोस चुनाव में फ्रेंडली फाइट कर रहे हैं। इसे कार्यकर्ताओं ने स्वीकार नहीं किया तो उक्रांद के कुछ नेता अपने भाजपाई दोस्तों के साथ बैठे और एक फार्मूला निकाला। तय किया गया है कि प्रदेश भाजपा की ओर से हाईकमान को एक प्रस्ताव भेजकर एक सीट उक्रांद को देने की बात की जाएगी। ऐसे में एक सवाल खड़ा हो रहा है। भाजपा प्रत्याशी सभी सीटों पर प्रचार में जुटे हैं। फिर सरसरी तौर पर एक बार ऐसे प्रस्ताव को भाजपा हाईकमान पहले ही खारिज कर चुका है। हरिद्वार सीट पर फजीहत झेल चुकी भाजपा क्या एक बार फिर वैसे ही हालात से रूबरू होना चाहेगी। यकीनी तौर इस सवाल का उत्तर सिर्फ और सिर्फ ना ही होगा। इसके बाद भी उक्रांद नेता इस प्रस्ताव से संतुष्ट हो गए और समर्थन वापसी की बात को टाल दिया। अब कार्यकर्ता अगर फिर यही बात उठाते हैं तो उन्हें यही समझाया जाएगा कि अभी तो भाजपा उनके प्रस्ताव पर विचार कर रही है। खास बात यह भी है कि इस प्रस्ताव के बारे में निर्णय के लिए कोई समय सीमा तय नहीं की गई है। पहले तो यह प्रस्ताव प्रदेश संसदीय समिति पारित करेगी, फिर केंद्र को भेजा जाएगा। हो सकता है कि उस समय तक नामांकन और नाम वापसी का वक्त ही निकल चुका हो। जाहिर है कि उक्रांद नेताओं ने भाजपा के साथ मिलकर खेले इस सियासी खेल के जरिए कार्यकर्ताओं को लालीपाप थमाया है। समय गुजरने की रफ्तार से ही कार्यकर्ताओं का आक्रोश भी धीरे-धीरे शांत हो जाएगा। इस तरह वे सत्ता सुख भोगते रहेंगे और कार्यकर्ता यूं ही ताकतें रहेंगे।
जीप खाई में गिरी, सात मरे
गोपेश्र्वर, विकासखंड घाट के थिरपाक-कांडई मोटर मार्ग पर बुधवार सायं एक जीप के गहरी खाई में गिरने से उसमें सवार सात लोगों की मौके पर मौत हो गई, जबकि दो लोग घायल हो गए। घायलों को जिला चिकित्सालय में उपचार के लिए भर्ती कराया गया है। मृतकों में छह पुरुष व एक महिला शामिल हैं। बुधवार की देर शाम कांडई पुल से मोलागाड़ जा रही जीप अचानक अनियंत्रित होकर गहरी खाई में जा गिरी। इससे उसमें सवार उमराव सिंह 60 वर्ष पुत्र वचन सिंह निवासी चाका, रतन सिंह 65 वर्ष पुत्र गोविंद सिंह निवासी मटई, ज्ञान सिंह 64 वर्ष पुत्र गोविंद सिंह निवासी मटई, मंगल सिंह 44 वर्ष पुत्र दीवान सिंह निवासी खलतरा, जीप चालक सुरेंद्र 39 वर्ष पुत्र फते सिंह, एक अन्य महिला की मौके पर ही मौत हो गई। महिला की अभी तक शिनाख्त नहीं हो पाई है।

Thursday, March 26, 2009

पाहर से साभार

विवादास्पद यू.टी.यू. प्रवेष परीक्षा
उत्तराखंड तकनीकि विष्वविद्यालय द्वारा होटल प्रबंधन व अन्य पाठ्यक्रमों हेतु आयोजित की जाने वाली प्रवेष परीक्षा (यू.के.एस.ई.ई.-2009) तथा नेषनल काउंसिल आॅॅफ होटल मैनेजमेंट द्वारा होटल प्रबंधन पाठ्यक्रम हेतु प्रवेष परीक्षा (जे.ई.ई.-2009) की परीक्षा तिथि (9मई) तथा समय एक ही होने के कारण होटल प्रबंधन पाठ्यक्रम में प्रवेष लेने वाले छात्रों तथा उनके अभिभावकों में असंताश व्याप्त है। इसका सीधा अर्थ यह है कि उत्तराखंड के छात्र, आई.एच.एम. देहरादून सहित अन्य ख्यातिप्राप्त सरकारी व निजि राश्ट्रीय होटल प्रबंधन संस्थानो (आई.एच.एम.) में प्रवेष से वंचित रहेंगे।
विदित है कि इस वर्श उत्तराखंड तकनीकि विष्वविद्यालय द्वारा इंजीनियरिंग व होटल प्रबंधन सहित अनेक पाठ्यक्रमों हेतु स्चयं प्रवेष परीक्षा (यू.के.एस.ई.ई.-2009) लेने का निर्णय लिया गया जिसकी सूचना समाचार पत्रों में दी गई थी। इस सूचना के अनुसार 16फरवरी से आवेदन पत्र व विवरणिका अनेक डाक घरों में उपलब्ध होने थे, जोकि वास्तव में कोटद्वार डाकघर में 27फरवरी से मिलने प्रारम्भ हुए थे, साथ ही इसमे से इंजीनियरिंग का प्रवेष भी हटा दिया गया था।
उत्तराखंड तकनीकि विष्वविद्यालय द्वारा जारी किया गया आवेदन पत्र व विवरणिका का मूल्य भी अन्य सभी तकनीकि विष्वविद्यालयों व सरकारी व गैर सरकारी संस्थानों की प्रवेष परीक्षाओं के आावेदन पत्रों की तुलना में सर्वाधिक (रु. 1030/-) है। क्या उत्तराखंड में रह रहे अभिभावकों की आय, अन्य सभी प्रदेषों व केन्द्र षाशित क्षेत्रों से अधिक है? देष के सर्वोच्च संस्थान जैसे आई.आई.टी. व आई.एच.एम. भी प्रवेष परीक्षाओं में इतना षुल्क नही लेते हैं।
अभिभावकों को यह भी षिकायत है कि इस विष्चविद्यालय के अधिकारी किसी भी पूछताछ का उत्तर नही देते हैं।
यदि षीघ्र ही उपर्लिखित प्रवेष परीक्षा में वांछनीय परिवर्तन नही किया गया तो यह इस बात का प्रमाण होगा कि उत्तराखंड तकनीकि विष्वविद्यालय अभी तक कुप्रबंधन का षिकार है तथा प्रदेष में उच्च षिक्षा के क्षेत्र में अपनी भूमिका निभाने में असमर्थ है।
website of UTU- http://www.uktech.in/

कांग्रेस ने हरिद्वार सीट से पूर्व सांसद हरीश रावत को प्रत्याशी बनाना तय

: कांग्रेस ने हरिद्वार सीट से पूर्व सांसद हरीश रावत को प्रत्याशी बनाना तय कर लिया है। अलबत्ता इस बारे में अधिकृत घोषणा नहीं की गई है। पार्टी सूत्रों ने बताया कि आज लंबी मशक्कत के बाद कांग्रेस हाईकमान ने हरिद्वार संसदीय सीट से हरीश रावत के नाम पर सहमति जताई है। इस सीट पर मुख्य मुकाबला श्री रावत और ब्रह्मस्वरूप ब्रह्मचारी के बीच माना जा रहा है। हाईकमान ने हरीश के नाम की अधिकृत घोषणा अभी नहीं की है। अब एकमात्र सीट नैनीताल पर ही कांग्रेस का प्रत्याशी घोषित होना शेष रह गया है। सूत्रों के अनुसार इस सीट से केसी बाबा की दावेदारी मजबूत मानी जा रही है।

Wednesday, March 25, 2009

पहर ब्लॉग से साभार

उंधरयूं का बाटा’

( गांव छूटा, पहाड़ छूटा, देवदार की हवा और बांझ की जड़ों का ठंडा पानी गटकने की आदत भी छूटी। मैदान में आकर शर्मा, सिंह बनकर अपनी पहचान भी मिटा चुके हैं।)-
इंटर पास करने के बाद पहली बार 13 जुलाई को सुबह नौ बजे की बस से मैं पहाड़ से निकला था। जीएमओयू की बस मैं नेगी जी का ‘ना दौड़ ना दौड़ उंधरयूं का बाटा’ गीत बज रहा था, यह गीत मुझे रुला रहा था गीत मेरी पहाड़ से विदाई की पृष्ठभूमि में बज रहा था मेरी आंख नम हो रही थी. गांव छूटा, पहाड़ छूटा, देवदार की हवा और बांझ की जड़ों का ठंडा पानी गटकने की आदत भी छूटी। मैदान में आकर शर्मा, सिंह बनकर अपनी पहचान भी मिटा चुके हैं। शुरू -शुरू के वर्षा में हर छोटी मोटी चीज छूटने का दर्द सालता रहा। यहां तक की पड़ोस के गांव के बौड़ा, का और काकी की भी याद आती रही। जो मेरे नाम के साथ मेरे पूरे परिवार का इतिहास और जमीन जायदाद- गौड़ी भैंसी के बारे में भी जानकारी रखते थे। गांव के नौनिहाल जो कई बार नंग- धडंग होकर एक साथ हाथ पकड़ खेलते रहते भी बरबश यादों में आते। गोकि वह मेरी उम्र से काफी छोटे थे। मैं उनमें खुद के बचपन को झांकने की कोशिश करता। तिबारी में दबे पांव आने वाली ‘बिरली’ याद आती, याद आता किस तरह गांव का एक मात्र पालतू कुत्ता वक्त बेवक्त भौंकता रहता। सौंण,भादौं , के महीने की घनधोर बरसात में ‘पटाल’ से लगातार गिरती धार सालों तक कानों में बजती रही। यादों का अंधड़ कई बार परदेश के दर्द को और बढ़ा जाता। मगर दिमाग में यादों को ठुंसे रखने की एक सीमा है, फिर नए सपनों के लिए भी तो दिमाग में ‘स्पेश’ रखनी है। आखिर इन सपनों को पूरा करने के लिए ही तो पहाड़ से भाग कर आए हैं। जल्द से जल्द सैलरी बढ़ानी है, फिर यहीं कहीं दिल्ली, चंडीगढ हद से हद देहरादून की पढ़ी लिखि लड़की को ‘ब्यौंली’ बनाने का सपना सच करना है। जिंदगी अतीतजीवी होकर आगे नहीं बढ़ती, पहाड़ देखने में या यूं कहें सपने में तो अच्छे लगते हैं, पर इन्हे झेलना सचमुच कठिन है। बैकग्राउंड मजबूत नहीं हो पाने के कारण मैं तो बहुत कुछ नहीं कर पाया, लेकिन बच्चों को वह सबकुछ देना है जो मुझे नहीं मिला। हां उम्र की आखिरी ढलान पर सारी जिम्मेदारी निभाकर अपने गांव में फिर बस जाउंगा। तब न मुझे कमाने की चिंता होगी, न भविष्य की। बस किसी तरह जिस जगह जन्म लिया वहीं पर खाक भी हो जाऊं।
अब उम्र उस मुकाम पर भी पहुंच गई है। जो सपने देखे थे वो आधे अधूरे ढंग से पूरे भी हो गए हैं। पहाड़ आज भी यादों में सताता है, सच मानो तो दर्द अब कुछ ज्यादा ही बढ़ गया है। पर, फिर कहीं कुछ बदल गया है। नयार, हेंवल और रवासन, भागीरथी, गंगाजी में अब तक कितना ही पानी बह चुका है। एक तो शरीर कमजोर हुआ है- ब्लडप्रेशर, यबटीज जैसी शहरी बीमारियां शरीर में घर कर गई हैं। पहाड़ की उतार चढ़ाव से घुटने में भी दर्द उभर आता है। मैं तो फिर भी यह सह लूं, पर ‘मिसेज’ का क्या करुं। वह तो सड़ी गरमी में भी ‘फ्लैट’ छोड़ने को तैयार नहीं। उसके पास कई तर्क हैं, बीमारी, मौसम और सबसे बड़ा घर खाली छोड़ने पर चोरी का। बंद घरों में चोरी की खबर वह कुछ ज्यादा ही जोर से पढ़ती है।कई बार मैं भी खुद को उसके तर्क से सहमत पाता हूं, जब वह कहती है कि पहाड़ में शौचालय तक का इंतजाम नहीं है। वहां ताजा बाजारू सब्जी और फल के लिए भी कोटद्वार, ऋषिकेश जाने वाले टैक्सी वाले की चिरौरी करनी पड़ती है। और फिर तबियत अचानक बिगड़ने पर अच्छे डॉक्टर कहां हैं, ‘धार -खाल’ के सरकारी डॉक्टर के भरोसे भला गांव में रहने का रिस्क लें। वह खुद के बजाय मुझे मेरी तबीयत का हवाला देकर रोक लेती है।कई बार सोचता हूं कि गांव में कम से कम दो कमरे और एक टायलेट का पक्का मकान बना दूं। कोई नहीं भी आए तो मैं खुद ही जाकर महीने दो महीने बिता आऊं। भतीजे की ‘ब्वारी’ दो रोटियां तो दे ही देगी, हमारी फुंगड़ी भी तो वही लोग खा रहे हैं। पर डरता हूं कि मैं तो बीमारियों का भोजन हूं, साल दो साल ही और इस धरती का वासिंदा हूं। मेरे पीछे गांव के मकान की क्या उपयोगिता, मेरे बाद बच्चे मुझे कोसेंगे ही। इस कशमकश में दिन तेजी से बीत रहे हैं, और मेरी बैचेनी भी। मैं अब भी दुविधा में झूल रहा हूं। यहां में ‘अजनबी’ हूं तो वहां पर ‘अनफिट’। मुझे पहाड़ में दिल्ली की ऐश चाहिए, पर यह संभव नहीं। आखिर वह पहाड़ है, दिल्ली नहीं। बस अब कभी कभी डीवीडी पर गढ़वाली गाने बजा कर खुद को तृप्त कर लेता हूं। घर में गढ़वाली बोली पर नियंत्रण रखने वाला मैं अकेला व्यक्ति हूं, बाकि सब ‘कटमाली’ हैं। गढ़वाली गाने सुनते वक्त मैं एक भाषायी अल्पसंख्यक की तरह भय महसूस करता हूं।आज 45 बरस बाद मेरा यह संकल्प बस सपना बन कर रहा गया। ना दौड़ ना दौड मैं अब भी सुनता हूं। यह गीत अब मुझे धिक्कारता है।
संजीव कंडवाल
दैनिक जागरण ग्रुप- मेरठ में वरिष्ठ उपसंपादक के पद पर कायर्रत -यदि पढकर पहाड़ की याद ताजा हो या पहाड़ आज भी यादों में सताता है तो आपने विचार मेल पर जरुर दीजिएगां आपकी राय को ब्लाक पर प्रकाशित किया जाएगां -jaydeo34@gmail.com( यदि आपके पास भी पहाड़ से जुड़ी कोई यादगार जुडा़व या जानकारी जिसे हम आपस में बाट सके तो मेल कीजिए-)

उंधारी क बाटा - साथियों का क्या कहना हैं-


Dear sir, बहूत खुशी हुई इस बोल्ग को पड कर वो यादे ताजी हो गयी जो कि खास कर एसी ही घट्ना मेरे साथ हुई है मे बहूत अभारी हून ,संजीव जी का जिन्होने मेरे दिल की बात चुराकर सही माने मै लिखा है. वास्तव मै कैई सप्ने सपने ही रह जाते है धन्याबाद देता हू जुयाल जी को इसी तरह से आप अपने गड्वाल की यादे ताजी काराते रहे,Thnaks,

बहूत खुशी हुई इस बोल्ग को पड कर वो यादे ताजी हो गयी जो कि खास कर एसी ही घट्ना मेरे साथ हुई है मे बहूत अभारी हून जुयाल जी का जिन्होने मेरे दिल की बात चुराकर सही माने मै लिखा है. वास्तव मै कैई सप्ने सपने ही रह जाते है धन्याबाद देता हू जुयाल जी को इसी तरह से आप अपने गड्वाल की यादे ताजी काराते रहे,

कंडवाल जी नमस्कार ! बहुत खूब लिखा आप ने सच में बस घर कि यादे ताज़ी हो गयी जो सुख-चैन गाव में है ओ कही नहीं हो सकता है दीपावली में पिठ्या भैलू, होली में मिलकर होली खेलना अठवाडओ में घमाचुर का मंडाण वह अपना गाँव में पानी लेने जाना, गाय चुगने जाना अपना गाँव से बढ़कर कुछ नहीं हो सकता यदि हम अपने गाँव में १ साल में चार शादी भी में भी जाते है तो हँस-खेल के नाच-कूद कर कितनी बीमारी तो दूर हो जाती है एक हम यहा है न दिवाली मना सकते है न होली न किसी से मिलना न कोई पार्टी और पार्टी है भी तो जाओ खाना खाओ चले आओ लेकिन ओ मजा अपने गाव में है ओ कही नहीं हो सकता लेकिन लोगो को उकाल का रास्ता नहीं चढ़ना है पैरो में दर्द होता है जो उंदार के रस्ते गए फिर मुड़ कर भी नहीं देखा कि अपने गाँव में क्या हो रहा है (कूदी बांज पुड्या छन) अभी भी टाइम है बौडी के आ जाओ अपने पहाड़ आप को आवाज दे रहे है ( धै लगानी छान डाडी-काठी कि बौडी कि ये जावा) एक दिन आएगा जब आप बहार वाले अपने उत्तराखंड में बस जायेंगे और हमें फिर जगह नहीं मिलेगा! नौकरी के लिए हमें जाना पड़ता है लेकिन फिर वापस नहीं आना..............कंडवाल जी आप से हमें ये सिख मिली कि अभी भी यदि हम कही दूर परदेश में जाकर बस गए तो लौट कर अपना देवभूमि उत्तराखंड को न भूले नहीं तो एक दिन हमें भी इसी तरह से पचाताप होगा जिस तरह से आप को हो रहा है! धन्यबादअपणु मूलक गाँव सी बढिक कुछ नी छ ये संसार मालोग बिचार कण बाघन चन बघाद पानी का धार मा !अपना मनखी उन्द भगणा छान बिदेशी बस्या छ्न घर मा चला दग्डियो बौढीक जौला, रोपणी लगौला स्यार मा !!(¨`·.·´¨)स्टेडियम के लिए अभी करना होगा छह माह और इंतजारश्रीनगर।

खेलने तथा सांस्कृतिक कार्यक्रमों के आयोजन के लिए नैथाना और रानीहाट के खेल प्रेमियों को स्टेडियम के लिए कम से कम अभी छह माह और इंतजार करना होगा। श्रीनगर जल विद्युत परियोजना की कार्यदायी संस्था जीवीके द्वारा नैथाना में बेहतर स्टेडिमय निर्माण का कार्य जोरों पर है। क्षेत्र के युवा प्रतिभाओं को बेहतर मंच प्रदान करने के लिए कंपनी इस स्टेडिमय का निर्माण कर रही है।नैथाना में अलकनंदा के समीप वर्षों से बजर पड़ी लगभग 1० नाली भूमि पर जीवीके कंपनी द्वारा स्टेडिमय निर्माण किया जा रहा है। जबकि उ1त भूमि ग्रामीणों की गौचरान की भूमि थी और स्टेडिमय निर्माण की प्रक्रिया आरंभ होने से ग्रामीणों के सामने चारे की समस्या भी उत्पन्न हो रही है। बावजूद नैथाना तथा रानीहाट के लोगों को इस स्टेडिमय निर्माण होने से क्षेत्र में खेल प्रतिभाओं को बढ़ावा मिलने के साथ ही सामाजिक गतिविधियां बढऩे की उ6मीद जता रहे हैं।
मनमोहन सिंह रावत का कहना है कि स्टेडियम निर्माण के धुल से क्षेत्र के लोगों को भारी दि1कतें झोलनी पड़ रही है, लेकिन जब यह स्टेडियम पूर्ण रूप से अस्तित्व में आ जाएगा, निश्चित ही क्षेत्र को नई पहचान भी मिलेगी। 1योंकि इस पूरे क्षेत्र में कही भी स्टेडियम नहीं है। जीवीके कंपनी के सीईओ संतोष रेड्डी ने कहा कि स्टेडिमय निर्माण का कार्य प्रगति पर है और छह माह के अंतर्गत निर्माण कार्य पूर्ण होने की उ6मीद है।
इंटरमीडिएट के चार विषयों की परीक्षाएं स्थगितउ8ाराखंड

बोर्डटिहरी गढ़वाल में प्रश्नपत्र चोरी का असर
रामनगर।
गढ़वाल मंडल के टिहरी जिले में उ8ाराखंड बोर्ड परीक्षा के चार विषयों के प्रश्नपत्र चोरी होने से महकमे में हड़कंप मच गया। विभागीय अधिकारियों ने इन चारों विषयों की परीक्षा स्थगित कर दी हैं। मामले की जांच पड़ताल के लिए बोर्ड के अपर सचिव दामोदर पंत घटनास्थल की ओर रवाना हो गए हैं।उ8ाराखंड विद्यालयी शिक्षा परिषद के संयुक्त सचिव प्रदीप रावत ने बताया रविवार रात चोरों ने टिहरी जिले के राइका कुंड भरपूरखाल में कार्यालय और अलमारी के दरवाजे तोड़ डाले। चोरों ने वहां रखे इंटरमीडिएट गणित, संस्कृत, अर्थशास्त्र और अंग्रेजी के प्रश्नपत्र चोरी कर ले गए। इंटर गणित की परीक्षा सोमवार की दूसरी पाली में सायं दो से पांच बजे तक होनी थी, लिहाजा गणित समेत इसी पाली में २५ मार्च को पूर्व निर्धारित संस्कृत, २६ को अर्थशास्त्र, २८ को अंग्रेजी विषय की परीक्षाएं स्थगित कर दी गयी हैं, जबकि सोमवार को इंटर गृहविज्ञान, कृषि गणित एवं प्रारंभिक सां2ियकी पंचम प्रश्नपत्र, कृषि शस्य विज्ञान षष्टम प्रश्नपत्र की परीक्षाएं पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के तहत हुईं। इंटरमीडिएट समाजशास्त्र विषय की परीक्षा मंगलवार को ही होगी, जबकि स्थगित विषयों की परीक्षा तिथि शीघ्र घोषित की जाएगी। सचिव एनसी कबड़वाल ने बताया परीक्षाओं की गरिमा, गोपनीयता बनाए रखने के हरसंभव प्रयास किए जाएंगे।
उधर, टिहरी के जिला शिक्षाधिकारी रामअवध प्रसाद ने बताया यह विद्यालय देवप्रयाग 4लाक के दूरस्थ गांव में स्थित है। चोरों के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कर वहां के केंद्र व्यवस्थापक, कस्टोडियन समेत दोनों रात्रि चौकीदारों से पूछताछ की जा रही है। शिक्षा विभाग के साथ ही पुलिस और जिला प्रशासन के अधिकारी भी मौके पर पहुंचे हैं।

हाईकोर्ट ने खारिज की अमरमणि की जमानत याचिकानैनीताल।

कवियत्री मधुमिता शु1ला हत्याकांड में सीबीआई की विशेष अदालत के फैसले के बाद आजीवन कारावास की सजा काट रहे उ8ार प्रदेश के पूर्व मंत्री और विधायक अमरमणि त्रिपाठी को हाईकोर्ट से राहत नहीं मिली है। सोमवार को हाईकोर्ट में अमरमणि की जमानत अर्जी पर हुई सुनवाई के बाद न्यायमूर्ति बीसी कांडपाल और न्यायमूर्ति सुधांशू धूलिया की संयु1त खंडपीठ ने जमानत प्रार्थना पत्र के साथ-साथ सजा स्थगित करने संबंधी प्रार्थना पत्र को भी खारिज कर दिया।उल्लेखनीय है कि कवियत्री मधुमिता शु1ला हत्याकांड के आरोप में पूर्व मंत्री अमरमणि त्रिपाठी और उनकी पत्नी मधुमणि समेत रोहित चतुर्वेदी एवं संतोष राय को सीबीआई की विशेष अदालत ने २४ अ1तूबर २००७ को आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी। जिसके बाद चारों आरोपियों ने हाईकोर्ट में अपील दायर की थी। इस अपील में अमरमणि की ओर से जमानत दिए जाने हेतु प्रार्थना पत्र भी दिया गया था। पिछले सप्ताह चुनाव में भागीदारी की बात कहते हुए अमरमणि की ओर से जमानत प्रार्थना पत्र पर जल्द सुनवाई का अनुरोध किया गया था। इसके साथ ही अमरमणि की ओर से सजा स्थगित करने के लिए भी एक प्रार्थना पत्र न्यायालय में दिया गया था।
सोमवार को मामले में अमरमणि की ओर से बहस करते हुए यूपी के पूर्व महाधिव1ता विरेंद्र भाटिया व वरिष्ठ अधिव1ता विनोद प्रकाश श्रीवास्तव ने अमरमणि को मामले में आपराधिक षड्यंत्र में झाूठा फंसाने का आरोप लगाते हुए जमानत की मांग की। उन्होंने कहा प्रथम सूचना रिपोर्ट में अमरमणि नामजद नहीं हैं और उनके खिलाफ कोई सबूत भी नहीं है। न्यायालय को बताया गया कि मामले के पांचवें अभियु1त प्रकाश पांडे को निचली अदालत ने साक्ष्य के अभाव में निर्दोष माना है।
याची के अधिव1ताओं ने कहा अमरमणि आगामी लोकसभा चुनाव में भागीदारी करना चाहते हैं जिसके लिए उनकी सजा को स्थगित किया जाना जरूरी है। उन्होंने सुप्रीम कोर्ट के कई फैसलों का उदाहरण देते हुए बताया कि ऐसे कुछ मामलों में सुप्रीम कोर्ट ने पूर्व में सजा को स्थगित किया है। जमानत का विरोध करते हुए सीबीआई के अधिव1ता और मृतका की बहिन निधि शु1ला के अधिव1ता पीएस अधिकारी ने मामले को जमानत के योग्य नहीं बताया। उन्होंने न्यायालय को बताया कि २९ अप्रैल २००४ को इलाहाबाद हाईकोर्ट ने अमरमणि को जमानत दे दी थी, जिसके खिलाफ सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई के बाद २६ सितंबर २००५ को अमरमणि की जमानत निरस्त कर दी थी। दोनों पक्षों को सुनने के बाद न्यायालय की संयु1त खंडपीठ ने अमरमणि के जमानत प्रार्थना पत्र के साथ-साथ उनकी सजा स्थगित करने संबंधी प्रार्थना पत्र को खारिज कर दिया।

नैनो की लांचिंग से सिडकुल प्लांट में दीवालीप्लांट में उमड़ा नैनो के दीदार को लोगों का हुजूम
हल्द्वानी/रुद्रपुर।
लखटकिया कार नैनो की मुंबई में लांचिंग से सिडकुल स्थित टाटा कारखाने में उत्सव जैसा माहौल रहा। अधिकारियों और कर्मचारियों ने एक दूसरे को मिठाई खिलाकर प्रोजे1ट की सफलता पर खुशी मनाई। कंपनी के कई अधिकारी मुंबई के संपर्क में रहे। आम आदमी के सपनों की कार से मुंबई में पर्दा उठने के बाद ग्राहकों में जबर्दस्त उत्साह दिखा। पंतनगर प्लांट में भी नैनो के दीवार के लिए लोगों में उत्साह रहा।सपनों की लखटकिया कार नैनो के निर्माण को लेकर टाटा ग्रुप को खासी मश1कत करनी पड़ी। कंपनी ने पश्चिम बंगाल के सिंगूर में नैनो निर्माण का कारखाना स्थापित किया पर तृणमूल कांग्रेस की मुखिया ममता बनर्जी के विरोध पर सिंगूर से इसे हटाना पड़ा। बाद में पंतनगर सिडकुल स्थित टाटा कारखाने में नैनो का निर्माण शुरू किया गया। निर्माण की रस्साकसी को लेकर नैनो प्रोजे1ट सुर्खियों में रहा और लोगों में सपनों की कार देखने की उत्सुकता बढ़ गई।
सोमवार को मुंबई में टाटा ग्रुप के चेयरमैन रतन टाटा ने नैनो के तमाम रहस्यों से पर्दा उठाया। पंतनगर में निर्मित नैनो का सफल ट्रायल के बाद उसे देश की आर्थिक राजधानी मुंबई भेजा रहा है। पंतनगर प्लांट अफसरों ने नैनो प्रोजे1ट की सफलता पर खुशी जाहिर करते हुए मिठाइयां बांटी। सिडकुल के क्षेत्रीय प्रबंधक एनसी पंत ने बताया कि टाटा के नैनो प्रोजे1ट से राज्य सरकार को करीब दो सौ करोड़ राजस्व मिलेगा।
बद्री-केदार के कपाट खुलते ही यात्रियों को चमाचम व्यवस्था

कपाट खुलते ही मिलेगी चमाचम व्यवस्थाजीएमवीएन १५ दिन पहले ही पूरी कर लेगा

बद्री-केदार के कपाट खुलते ही यात्रियों को चमाचम व्यवस्था मिलेगी। परिवहन से लेकर गढ़वाल मंडल विकास निगम (जीएमवीएन) के रेस्ट हाउस पूरी तरह तैयार कर दिए जाएंगे। इसके लिए जीएमवीएन की ओर से कर्मियों को १५ दिन पहले रवानगी की बात की जा रही है। इसके लिए कर्मचारियों से लेकर अधिकारियों तक को निर्देश दे दिया गया है।पिछले साल तक कपाट खुलने के बाद जीएमवीएन तैयारियां शुरू करता था। ऐसे में कपाट खुलने के अगले १० दिनों तक काफी परेशानी उठानी पड़ती थी। परिवहन से लेकर ठहरने और खाने-पीने तक के लिए दि1कतें उठानी पड़ती थी, लेकिन इस वर्ष निगम की ओर से नया प्रयोग किया जा रहा है। इसके लिए निगम की ओर से कपाट खुलने के पहले ही पूरी तैयार कर ली जाएगी। खासतौर पर यात्रा मार्ग पर स्थित ८९ रेस्ट हाउसों, कैंटिनों और बर्फ की सफाई ठीक से कर ली जाएगी। निगम के जीएम युगल किशोर पंत ने बताया कि यात्रा सीजन के लिए यह कवायद पहली बार की जा रही है, जिससे खासतौर पर देश-विदेश के विभिन्न हिस्सों से आने वाले लोगों को परेशानी न उठानी पड़े। उन्होंने बताया कि यात्रा की सुगमता के लिए निगम द्वारा टूअरों, आवास गृहों का आरक्ष्ज्ञण की सुविधा इंटरनेट के माध्यम से उपल4ध करा जा रही है।

नैनो की बिक्री से उत्तराखंड को भी उम्मीद है कि यह कार सरकार को करीब 200 करोड़ की कमाई कर दे सकती है। उत्तराखंड को आशा है कि टाटा मोटर्स अधिकतर नैनो कारें उत्तराखंड से बेचेगा। उत्तराखंड सरकार ने हाल में पंतनगर में शुरू टाटा मोटर्स डिस्ट्रीब्यूशन कंपनी लि. को पत्र लिखकर अपनी अधिकतर कारें उत्तराखंड से ही बेचने का अनुरोध किया है। सरकार को आशा है कि पंतनगर के टाटा के कारखाने में बन रही नैनो कारों और अन्य वाहनों की बिक्री से उसे 12.5 प्रतिशत वैट के जरिए 100 से 200 करोड़ रुपये की अतिरिक्त आय हो सकती है। अपर आयुक्त वाणिज्य कर यूएस बिष्ट का कहना है उत्तर भारत में नैनो पंतनगर से ही वितरित की जानी है, इसलिए फैक्ट्री से बाहर आने पर लगने वाले 12.5 प्रतिशत वैट से उत्तराखंड की सीधी कमाई होगी। अगर स्टाक ट्रांसफर किया गया तो उत्तराखंड को लाभ नहीं होगा। मालूम हो कि टाटा मोटर्स को इकाई स्थापित करने के लिए पंतनगर में सरकार ने उसे हजार एकड़ कृषि भूमि आवंटित की है। इसके अलावा पिछले साल डिस्ट्रीब्यूशन इकाई स्थापित करने के लिए टाटा को 20 एकड़ और फिर विस्तार के लिए 40 एकड़ अतिरिक्त भूमि दी गई थी। सिंगुर कांड के बाद टाटा ने पंतनगर में अस्थायी तौर पर नैनो निर्माण शुरू किया था। हाल ही में प्रदेश सरकार ने टाटा मोटर्स से पंतनगर में स्थायी तौर पर नैनो उत्पादन करने का अनुरोध किया है। मुख्य सचिव इंदु कुमार पांडे ने हाल में मीडिया को बताया था कि टाटा पंतनगर इकाई को स्थायी इकाई बना सकता है। वैसे नैनो अप्रैल के पहले हफ्ते से टाटा डीलरों के शोरूम में डिस्पले के लिए आएगी। दूसरे हफ्ते में इसकी बुकिंग शुरू हो जाएगी। टाटा मोटर्स को उम्मीद है एक साल में एक लाख नैनो बाजार में आ जाएंगी। नैनो के शुरुआत में तीन माडल होंगे-नैनो बेस, सीएक्स मिड लेवल और एलएक्स टाप लेवल माडल। पुणे से आने वाली नैनो की एक्स फैक्ट्री कीमत एक लाख से ज्यादा नहीं होगी। बुकिंग फार्म एसबीआई, वेस्टसाइड, क्रोमा स्टोर्स और टाटा मोटर्स के 400 डीलरों से मिल सकेंगे। यह लांचिंग से केवल 14 दिन तक मिलेंगे।
भूख

जब कोइ मुझ से पूछता है कि,क्या, तुमने . कभी नियति को देखा है ?तो, न जाने क्यूँ तब मेरी निगाहें बरबस मेरी हथेलियों कि रेखाओ पर जाकर टिक जाती है औरढ़ुढ़ने लगती है उन रेखाओ के बीच फसेमेरे मुक्कदर को ... सुना है रेखाए भाग्य कीप्रतिबिम्ब होती है जिसमे छुपा होता है हर एक का कल कल किसने देखा है आज जिंदा रहूंगा तो कल देखूंगा ना ?
अगर बच गया तो,फिरसे सारे सब्द , नियति ,सयम ,परितार्नाये रचने लगेगे अपने अपने चकबयूह मुझे घेरने का ! इससे अछा तो मैअपनी हथेलियों को बांध करदू ना बजेगी बांस , ना बजेगी बांसुरी आज फसर के सो जाता हूँ कल की कल देखेंगे नियति से कल निपट लेगे !

पराशर
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