The fact that Uttarakhand is also called "Dev Bhoomi" (God's land), is no exaggeration, where nature is at its splendour and perhaps that's why God's also couldn't resist coming here. Be it "Valley of flowers" or "Queen of Hills" (Mussoorie), historical or religious places and its culture or tradition. It's a tourist's paradise! Eager to know more about Uttaranchal! Have a look at its facts.
Wednesday, November 10, 2010
Facts About Uttarakhand
http://garhwalbati.blogspot.com
The fact that Uttarakhand is also called "Dev Bhoomi" (God's land), is no exaggeration, where nature is at its splendour and perhaps that's why God's also couldn't resist coming here. Be it "Valley of flowers" or "Queen of Hills" (Mussoorie), historical or religious places and its culture or tradition. It's a tourist's paradise! Eager to know more about Uttaranchal! Have a look at its facts.
The fact that Uttarakhand is also called "Dev Bhoomi" (God's land), is no exaggeration, where nature is at its splendour and perhaps that's why God's also couldn't resist coming here. Be it "Valley of flowers" or "Queen of Hills" (Mussoorie), historical or religious places and its culture or tradition. It's a tourist's paradise! Eager to know more about Uttaranchal! Have a look at its facts.
स्वीट मैमोरी क्लब ने कब्जाया खिताब
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स्वीट मैमोरी क्लब सुनारा की ओर से आयोजित क्रिकेट टूर्नामेंट का खिताफ मेजबान टीम ने ही कब्जाई। फाइनल मैच में स्वीट मैमोरी क्लब ने आरएनएस बड़कोट को सातवें ओवर में 35 रनों पर ही ढ़ेर कर दिया।
बुधवार को प्रतियोगिता का फाइनल मुकाबला आरएनएस बड़कोट और स्वीट मैमोरी क्लब के बीच हुआ। बड़कोट ने टॉस जीतकर पहले फिल्डिंग करने का निर्णय लिया। सुनारा ने पहले बल्लेबाजी करते हुए 10 ओवरों में 55 रन बनाये। वहीं बड़कोट की टीम शुरू से ही लड़खड़ाने लगी। पूरी टीम मात्र 35 रनों पर ढ़ेर हो गयी। इससे पहले हुए सेमीफाइनल मैच में नेत्री ने पहले बल्लेबाजी कर दस ओवरों में मात्र 50 रन बनाए। वहीं, बड़कोट ने तीन विकेट खोकर स्कोर पूरा कर लिया। दूसरा मैच स्वीट मैमोरी और यंगस्टार क्वाड़ी के बीच खेला गया। स्वीट मैमारी ने पहले बल्लेबाजी कर 69 रन बनाकर यंगस्टार को 58 रनों पर ढ़ेर कर विजय हासिल की।
समापन अवसर पूर्व विधायक मालचंद, प्रमुख यशवंत कुमार और पूर्व प्रमुख जगवीर सिंह भंडारी ने कहा कि इस तरह की प्रतियोगिताओं से ग्रामीणों क्षेत्रों में छुपी प्रतिभाएं सामने आती हैं। विजेता टीम को दस हजार, ट्राफी और उपविजेता टीम को पांच हजार व ट्राफी वितरित की गई। मैन आफ द सीरज सुनारा के पप्पू, मैन आफ द मैच अमित रमोला और बेस्ट बॉलर का खिताब गोल्डी के नाम रहा।
इस मौके पर पूर्व प्रधान मनमोहन, उपप्रधान शिशपाल असवाल, सूरत लाल, क्षेपं सदस्य मदन लाल, भरत सिंह, दीपक चंद, दीनेश चंद रावत, अजब सिंह, हरदेव, कामेन्टर हरीमोहन, तथा इम्पायर प्रमोद रावत व स्वरूपचंद ने सहयोग दिया।
jagran se sabhar
स्वीट मैमोरी क्लब सुनारा की ओर से आयोजित क्रिकेट टूर्नामेंट का खिताफ मेजबान टीम ने ही कब्जाई। फाइनल मैच में स्वीट मैमोरी क्लब ने आरएनएस बड़कोट को सातवें ओवर में 35 रनों पर ही ढ़ेर कर दिया।
बुधवार को प्रतियोगिता का फाइनल मुकाबला आरएनएस बड़कोट और स्वीट मैमोरी क्लब के बीच हुआ। बड़कोट ने टॉस जीतकर पहले फिल्डिंग करने का निर्णय लिया। सुनारा ने पहले बल्लेबाजी करते हुए 10 ओवरों में 55 रन बनाये। वहीं बड़कोट की टीम शुरू से ही लड़खड़ाने लगी। पूरी टीम मात्र 35 रनों पर ढ़ेर हो गयी। इससे पहले हुए सेमीफाइनल मैच में नेत्री ने पहले बल्लेबाजी कर दस ओवरों में मात्र 50 रन बनाए। वहीं, बड़कोट ने तीन विकेट खोकर स्कोर पूरा कर लिया। दूसरा मैच स्वीट मैमोरी और यंगस्टार क्वाड़ी के बीच खेला गया। स्वीट मैमारी ने पहले बल्लेबाजी कर 69 रन बनाकर यंगस्टार को 58 रनों पर ढ़ेर कर विजय हासिल की।
समापन अवसर पूर्व विधायक मालचंद, प्रमुख यशवंत कुमार और पूर्व प्रमुख जगवीर सिंह भंडारी ने कहा कि इस तरह की प्रतियोगिताओं से ग्रामीणों क्षेत्रों में छुपी प्रतिभाएं सामने आती हैं। विजेता टीम को दस हजार, ट्राफी और उपविजेता टीम को पांच हजार व ट्राफी वितरित की गई। मैन आफ द सीरज सुनारा के पप्पू, मैन आफ द मैच अमित रमोला और बेस्ट बॉलर का खिताब गोल्डी के नाम रहा।
इस मौके पर पूर्व प्रधान मनमोहन, उपप्रधान शिशपाल असवाल, सूरत लाल, क्षेपं सदस्य मदन लाल, भरत सिंह, दीपक चंद, दीनेश चंद रावत, अजब सिंह, हरदेव, कामेन्टर हरीमोहन, तथा इम्पायर प्रमोद रावत व स्वरूपचंद ने सहयोग दिया।
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Tuesday, November 9, 2010
कितनी कारगर है उत्तराखण्ड की महिला बाल विकास योजना
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(सुदर्शन सिंह रावत) | उत्तराखण्ड में महिला सशक्तिकरण और बाल विकास योजना के तहत राज्य सरकार ने नंदादेवी कन्या योजना के तहत चालू वित्त वर्ष में करीब 16 करोड़ रुपए आवंटित किए। आँकड़े के अनुसार महिला सशक्तिकरण के नाम पर 4 हजार करोड़ रूपये खर्च किए गए। मुख्यमंत्री आर पी निशंक के द्वारा राज्य सभा में लैंगिक मामलों से संबंधित एक बजट प्रस्तुत किया गया, जिसमें बजट को 2007-08 में 333 करोड़ रु. से बढ़ाकर 1 हजार 205 करोड़ रुपये कर दिया गया। पिछले वर्ष लिंग बजट के 20 विभाग थे, परंतु इस वर्ष चार और विभाग को इसमें शामिल किया गया, जिसमें महिलाओं की सुख समृद्धि और कल्याण को प्रमुखता दी जाएगी। महिलाओं के कल्याण से सम्बंधित गौरा देवी कन्याधान योजना, नंदा देवी योजना और इस प्रकार की अन्य योजनाओं की शुरूआत की गई। इस योजना को दो वर्गो में विभाजित किया गया। पहला महिलाओं के लिए और दूसरे वर्ग में 30 प्रतिशत लाभ महिला आबादी के लिए रखा गया है। नंदादेवी कन्या योजना, बालिकाओं को आर्थिक एवं शिक्षित सुरक्षा प्रदान करने के लिए की गई। इसके अन्तर्गत लैंगिक असमानता को दूर करने कन्या भ्रूण हत्या को रोकने, बाल विवाह को रोकने, कन्या शिशु को आर्थिक सुरक्षा प्रदान करना है। इस योजना के तहत गरीबी रेखा से नीचे जीवन-यापन करने वाले परिवारों में जन्मी लड़कियों के नाम 5 हजार रुपये का एक फिक्स डिपाजिट चैक दिया जाता है। अगर लड़की 18 साल की हो जाती है तो यह राशि उसके द्वारा प्राप्त की जा सकेगी। यदि 18 साल से पहले किसी कारण से कन्या की मृत्यु हो जाती है तो यह राशि वापस सरकार के खजाने में जमा करा ली जाएगी।
नंदादेवी योजना का मुख्य उदेश्य राज्य में लिंग अनुपात में आई कमी को ठीक करना है। अधिकारिक सूत्रों के अनुसार लिंग अनुपात की दृष्टि से उत्तराखण्ड में एक हजार पुरुषों पर वर्तमान में 962 महिलाएं है। इस योजना का उद्देश्य परिवार व समाज में बालिकाओं की स्थिति को समानता पर लाना, बाल विवाह पर रोक लगाना, कन्या की गंभीर बीमारी का इलाज कराना, संस्थागत प्रसव को बढ़ावा देना, जन्म पंजीकरण को बढ़ावा देना, टीकाकरण के प्रति जागरुकता पैदा करना और गर्भवती माहिलाओं का सौ फीसदी पंजीकरण कराना शामिल है।
महिला सशक्तिकरण के ऊपर 48.73 करोड़ रूपये खर्च किए गए। सरकार महिलाओं के विकास के लिए विशेष ध्यान दे रही है। इसके अलावा राज्य में बच्चों के विकास के लिए देव भूमि मुस्कान योजना, मोनाल परियोजनाएं भी चला रही है, इतनी कल्याणकारी योजनाएं होने के बावजूद भी दूरदराज पहाड़ी क्षेत्रों में रहने वाली गरीब महिलाओं को इसका लाभ नहीं मिल पा रहा है।
हार्दिक शुभकामनाये
दोस्तों / साथियों
आज उत्तराखंड बने पूरे दस साल (एक दसक) होने पर आप सभी को हार्दिक शुभकामनाये और नमन उन शहीदों को जिन्होंने राज्य निर्माण में अपनी प्राणों की आहुति दी!
आज उत्तराखंड बने पूरे दस साल (एक दसक) होने पर आप सभी को हार्दिक शुभकामनाये और नमन उन शहीदों को जिन्होंने राज्य निर्माण में अपनी प्राणों की आहुति दी!
जयदेव कैंथोला
गढ़वाल बटी / घौर बटी
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