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Friday, October 21, 2011

सभी को हो सूचना के अधिकार की जानकारी - प्रभात डबराल

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सूचना के अधिकार से लोगो को अवगत कराने के लिए हालही में राज्य के सूचना आयुक्त प्रभात डबराल ने कहा कि समाज के अन्तिम व्यक्ति तक सूचना का अधिकार अधिनियम की जानकारी पहुंचनी चाहिए।
बीते गुरुवार को ब्लाक सभागार बीरोंखाल में राज्य सूचना आयुक्त ने नैनीडांडा, रिखणीखाल व बीरोंखाल प्रखंडों के लोक सूचना अधिकारियों की बैठ ली। इस दौरान उन्होंने कहा कि आयोग हर उस लोक सूचनाधिकारी का मित्र है, जो इस अधिनियम का निष्पादन सही ढंग से कर रहा हो। इस दौरान उन्होंने लोक सूचनाधिकारी ग्राम प्रधानों को भी कई महत्वपूर्ण जानकारियां दीं।


प्रधानाचार्य राइंका पीपली डॉ शक्ति शर्मा की ओर से पूछे गये एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि वास्तव में ही सूचना उपलब्ध करवाने में जो व्यय लोक सूचनाधिकारी कर रहा है, उसका कोई फण्ड की व्यवस्था नहीं है। इस संबंध में शासन में बात रखी जायेगी। उन्होंने बताया कि बीपीएल के लिये 50 पेज तक की सूचना का कोई शुल्क नहीं लिया जायेगा।


साथ ही किसी लोक सूचना अधिकारी के पास यदि मांगी गयी सूचना उपलब्ध नहीं है, तो वह सूचना न देने का कारण देकर मना कर सकता है। इस दौरान एसडीएम धुमाकोट अनिल गब्र्याल व एसडीएम थैलीसैण एचएस मर्तोलिया ने कहा कि सभी लोक सूचनाधिकारी अपीलकर्ता को संतुष्ट करना ही अपना कर्तव्य समझें।
इस दौरान अधिशासी अभियंता लोनिवि राजेश चंद्रा, खंड विकास अधिकारी बीरोंखाल आशाराम पंत सहित तीनों विकासखण्डों के अधिकांश ग्राम प्रधान व अधिकारी मौजूद थे।

ठंड के आते ही सुने हो गए बुग्याल

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बुग्याल पहाड़ी इलाको के वह क्षेत्र जहाँ गावो वाले अक्सर अपने भेड़ बकरियों को चराने के लिए ले जाते हैं और शीतलहर के आते ही वहां से चाले जाते हैं। चमोली जिले के ऊंचाई वाले स्थानों में छह माह तक भेड़-बकरियों की आमद से गुलजार रहने वाले यह बुग्याल शीतलहर शुरू होते ही वीरान होने लगते हैं। अब तो आलम यह है कि एक के बाद एक भेड़-बकरियों के जत्थों निचले स्थानों में आने लगे हैं।


चमोली जिले में वर्षो से भेड़पालन व्यवसाय यहां के कई क्षेत्रों में लोगों की आजीविका से जुड़ा हुआ व्यसाय रहा है। इतना ही नहीं इसके चलते ही वे लोग न केवल भेड़ बकरियों की ऊन बेचते हैं, बल्कि वह इससे हस्त निर्मित ऊनी परिधान भी बनाते है। मई-जून में जिले के निचले स्थानों में गर्मी शुरू होते ही इस व्यवसाय से जुडे लोग अपने मवेशियों को चुगान के लिये ठंडे बुग्याली क्षेत्रों में चले जाते है। वर्ष में छह माह तक यहीं रहते हैं। खास बात यह है कि इन मवेशियों की चहलकदमी से तब जिले के मलारी, नीति, कैलाशपुर, बाम्पा, रूद्रनाथ सहित भारत-तिब्बत सीमा से सटे बुग्याली क्षेत्रो की रौनक देखते ही बनती है। इन दिनों बुग्याली क्षेत्रों में बढ़ती ठंड से यह लोग अपनी भेड़-बकरियों को लेकर निचले स्थानों में लाने शुरू हो गये हैं।


इस व्यवसाय से जुडे़ द्वारिका प्रसाद का कहना है कि बुग्यालों में ठंड को देखते हुये यहा मवेशियों का रहना ठीक नहीं है। इसलिए निचले स्थानों में ही उन्हें चुगान के लिये लाना मजबूरी हो जाती है। हां, इतना जरूर है कि जो हरी घास बकरियों को बुग्यालों में मिलती है, वह जिले के निचले स्थानों में नहीं मिलती है। जिससे छह माह तक यहां चारा संकट एक बड़ी समस्या रहती है, लेकिन मवेशियों की सुरक्षा को ध्यान में रख कर ही उन्हें यहाँ लाना ज़रूरी होता है।

विकासनगर के लोगो ने जल संस्थान के अधिशासी अभियंता को भेजा ज्ञापन

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पानी की किल्लत से जूझ रहे नगर पालिका क्षेत्रान्तर्गत विकासनगर के लोगों ने जल संस्थान के अधिशासी अभियंता को ज्ञापन भेजा है। लोगो ने मांग की है की जल्द से जल्द पेयजल आपूर्ति की सुचारु व्यवस्था की जाये। उन्होंने चेतावनी दी कि अगर विभाग ने शीघ्र ही कार्रवाई नहीं की, तो वे 25 अक्टूबर को चक्काजाम करेंगे।


ज्ञापन में कहा गया है कि विगत वर्षो से विकासनगर तथा न्यू लॉ कॉलेज कालोनी में पेयजल आपूर्ति नियमित न होने से स्थानीय लोगों को खासी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। उनका कहना था कि विभाग की ओर से पूर्व मानक से कई अधिक कनेक्शन दिये जाने से पिछले दो-तीन माह से कस्बे में पेयजल आपूर्ति ठप्प पड़ी हुई है, जिसको लेकर पूर्व में भी कई बार विभाग के आला अधिकारियों से इसकी शिकायत की गई पर विभाग ने कोई कार्रवाई नहीं की। उन्होंने चेतावनी देते हुये कहा कि अगर विभाग ने शीघ्र ही पेयजल आपूर्ति को सुचारु न किया, तो क्षेत्रीय लोग चक्काजाम सहित तालाबंदी के लिए बाध्य होंगे।

Wednesday, October 19, 2011

31 अक्टूबर को समाप्त हो जायेगा भारत-चीन व्यापार

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तिब्बत मंडी तकलाकोट पर होने वाला भारत चीन व्यापार 11 दिन बाद यानी 31 अक्टूबर को समाप्त हो जायेगा। भारत-चीन का यह व्यापार विश्व के सबसे ऊँचे दर्रे से होता है। तिब्बत मंडी तकलाकोट पहुंचे पांच दर्जन से अधिक व्यापारी अगले सप्ताह से स्वदेश लौटना शुरू हो जायेंगे।


जून से शुरू हुए भारत-चीन व्यापार में इस बार भी अगस्त माह से ही व्यापारिक गतिविधियां शुरू हो पायीं थी । भारत से दो सौ से अधिक व्यापारी और सहायक तिब्बत मंडी तकलाकोट पहुंचे। अभी भी व्यापारियों का आना जाना जारी है। पिछले दिनों के आंकड़ों के मुताबिक एक करोड़ के आसपास व्यापार हुआ था। जिसमें 80 प्रतिशत आयात और बीस प्रतिशत निर्यात हुआ।


अब मात्र 11 दिन का व्यापार रह गया है। माना जा रहा है कि अंतिम दिनों में व्यापार की गति काफी तेज हो जाती है। बताया जाता है कि अक्टूबर माह में पश्चिमी तिब्बत के व्यापारी तकलाकोट मंडी पहुंच जाते हैं। दूसरी तरफ भारतीय व्यापारियों के लौटने का समय कम रह जाता है। जिस कारण तकलाकोट में व्यापारिक गतिविधि तेज हो जाती है। ट्रेड कार्यालय से मिली जानकारी के अनुसार भारतीय व्यापारियों द्वारा सर्वाधिक आयात पशुओं (तिब्बती भेड़ और बकरी), तिब्बती ऊन का किया गया। निर्यात में चाय, काफी, गुड़, तंबाकू अधिक गया है।

23 अक्टूबर को हरिद्वार व देहरादून आयेंगे नेपाल के प्रधानमंत्री

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भारत की तीन दिवसीय आधिकारिक यात्रा पर आने वाले नेपाल के प्रधानमंत्री डा. बाबूराम भट्टाराई 23 अक्टूबर को हरिद्वार व देहरादून के भ्रमण पर भी आ रहे हैं। नेपाल के प्रधानमंत्री के इस कार्यक्रम के मद्देनजर शासन स्तर पर भी तैयारियां आरंभ हो गई हैं।


प्रोटोकाल विभाग भारत सरकार द्वारा जारी कार्यक्रम के मुताबिक नेपाल के प्रधानमंत्री डा. बाबूराम भट्टाराई 20 से 23 अक्टूबर तक भारत की यात्रा पर रहेंगे। इस दौरान 23 अक्टूबर को उनका हरिद्वार व देहरादून कार्यक्रम संभावित है। जारी कार्यक्रम के अनुसार श्री भट्टाराई विशेष विमान से 23 अक्टूबर को सुबह साढे़ आठ बजे जौलीग्रांट एयरपोर्ट पहुंचेंगे। उनके साथ एक प्रतिनिधिमंडल भी होगा। इसके बाद वह हरिद्वार में सिडकुल के भ्रमण को जाएंगे, जहां से वह पूर्वाह्न 11.40 बजे देहरादून के लिए रवाना होंगे। दोपहर सवा बारह बजे नेपाली प्रधानमंत्री देहरादून में राजभवन पहुंचेंगे, जहां उनकी राज्यपाल श्रीमती मार्ग्रेट आल्वा से मुलाकात का कार्यक्रम है। दोपहर के भोज के बाद वह अपराह्न पौने दो बजे जौलीग्रांट एयरपोर्ट के लिए रवाना होंगे। जौलीग्रांट से श्री भट्टाराई अपराह्न 2.20 बजे दिल्ली के लिए रवाना हो जाएंगे।
शासन के सूत्रों के मुताबिक प्रदेश के मुख्यमंत्री भुवन चंद्र खंडूड़ी ने भी इस संबंध में वरिष्ठ अधिकारियों से जानकारी ली। मुख्य सचिव से भी इस संबंध में मुख्यमंत्री की चर्चा हुई।

ऋषिकेश में एम्स की इमारत तैयार, अब होगा बुनियादी सुविधाओ पर कार्य

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पिछले काफी समय से उत्तराखंड के ऋषिकेश में तैयार हो रहे अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) की इमारत निर्माण के बाद अब यहां के लिए बुनियादी सुविधाएं जुटाने का काम भी शुरू होने जा रहा है। इसके लिए विभागों की टीमों के निरीक्षण व सर्वे का दौर शुरू हो चुका है। बीते मंगलवार को अपर सचिव लोनिवि अमित नेगी ने एम्स का दौरा किया।


कंप्यूटर व नक्शों में बना एम्स का मॉडल वास्तविक आकार लेने लगा है। भवन निर्माण के साथ ही बुनियादी सुविधाएं बिजली, सड़क और पानी आदि जुटाने का काम भी गति पकड़ चुका है। एम्स के लिए आइडीपीएल से लेकर कोयल घाटी तिराहे तक फोर लेन सड़क निर्माण होना है। इसके अलावा एम्स को चौबीसों घंटे विद्युत व पेयजल की आपूर्ति करना भी संबंधित विभागों के लिए चुनौती भरा कार्य होगा। इन व्यवस्थाओं को आला दर्जे का बनाने के लिए कार्य शुरू हो चुका है। मंगलवार को ऊर्जा निगम व पेयजल निगम की टीमों ने एम्स परिसर के साथ ही आसपास क्षेत्र का सर्वे किया। इस दौरान अपर सचिव लोक निर्माण विभाग अमित नेगी ने भी एम्स का दौरा किया और अधिकारियों को आवश्यक दिशा निर्देश दिए। उन्होंने बताया कि जल्द ही यहां के लिए स्वीकृत फोर लेन सड़क का निर्माण होगा, इसके लिए जगह चिह्नित कर ली गई है। सर्वे के अगले दौर में आज राजस्व और वन विभाग की टीमें क्षेत्र का सर्वे करेंगी।

Tuesday, October 18, 2011

यूकेडी के सामने कड़ी चुनौती

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प्रदेश का प्रख्यात क्षेत्रीय दल उत्तराखंड क्रांति दल आज कल भारी संकट से जूझ रहा है, दरसल उत्तराखंड प्रदेश में एक मात्र मान्यता प्राप्त क्षेत्रीय दल उत्तराखंड क्रांति दल, यानि उक्रांद के लिए आने वाले चुनाव में क्षेत्रीय दल की मान्यता को बरकरार रखना एक बड़ी चुनौती होगी। एक तरफ चुनाव आयोग ने मान्यता के लिए मत प्रतिशत बढ़ा दिया है, दूसरी तरफ दल के अंदर विभाजन और कमजोर संगठन की वजह से स्थिति और चुनौतीपूर्ण हो गई है।

उत्तराखंड में क्षेत्रीय दल के तौर पर सिर्फ उक्रांद को चुनाव आयोग से मान्यता मिली है। अब तक मान्यता प्राप्त क्षेत्रीय दल के लिए छह प्रतिशत मत या तीन विधानसभा सीटें दल के पास होने की बाध्यता थी। अब भारत निर्वाचन आयोग ने मान्यता के लिए मत प्रतिशत बढ़ा दिया है। आठ प्रतिशत मत प्राप्त करने वाले दल को ही क्षेत्रीय दल की मान्यता मिलेगी।

2007 के चुनाव में उक्रांद को छह प्रतिशत से कुछ कम मत मिले थे। दल को मत प्रतिशत के आधार पर नहीं, बल्कि तीन विधान सभा सीटें जीतने की वजह से क्षेत्रीय दल की मान्यता मिली थी। सवाल उठ रहा है कि यदि पिछले चुनाव में छह प्रतिशत वोट भी उक्रांद हासिल नहीं कर पाया तो क्या इस बार आठ प्रतिशत वोट हासिल कर मान्यता बरकरार रख सकेगा जबकि इस बार उक्रांद एक और विभाजन की त्रासदी से गुजरा है। उक्रांद के तीन विधायक भी एक साथ नहीं रह पाए हैं। दो विधायक एक साथ हैं तो एक उनसे अलग हैं।

सबसे बड़ी समस्या दल के सामने खड़ी है कि विभाजित हुए दल के दो धड़ों की लड़ाई निर्वाचन आयोग तक पहुंच गई है। असली कौन, की इस लड़ाई का अभी नतीजा आना बाकी है। चुनाव आयोग यदि चुनाव चिन्ह सीज कर देता है तो यह उक्रांद के अस्तित्व के सामने एक बड़ी चुनौती होगी। इस स्थिति में दोनों धड़ों में से किसी एक को आठ प्रतिशत मत लाकर आगे के लिए उक्रांद की मान्यता बरकरार रखने की कोशिश करनी होगी।

वास्तविकता यह है कि संगठन के मामले में उक्रांद आज भी बहुत अच्छी स्थिति में नहीं है। उत्तराखंड की मांग को मौलिक रूप से उठाने वाले उक्रांद के प्रति राज्य में आज भी सहानुभूति बची है, लेकिन संगठन के अभाव में उक्रांद उस सहानुभूति को अपने पक्ष में भुनाने में विफल होता रहा है।


18 अक्टूबर से पंजाब देगा उत्तराखंड को सौ मेगावाट बिजली

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उत्तराखंड में बिजली की पूर्ति करने के लिए अब हिमाचल की जगह पंजाब से बिजली ओवरड्रा की जाएगी। इस संबंध में पंजाब और उत्तराखंड ऊर्जा निगमों के बीच समझौते पर हस्ताक्षर हो गए हैं। समझौते के तहत 18 अक्टूबर से उत्तराखंड को सौ मेगावाट बिजली मिलनी शुरू हो जाएगी। इसके अलावा सेंट्रल पूल से भी अब सूबे को बिजली मिलेगी। गौरतलब है की इस संबंध में पहले हिमाचल से बिजली लेने की बात की जा रही थी लेकिन हिमाचल की महंगी दरों पर बिजली होने के कारण उसे मना कर दिया गया।

ऊर्जा निगम के प्रबंध निदेशक अनिल कुमार जैन ने बताया कि सेंट्रल पूल से ली जाने वाली बिजली के संबंध में भी करार किया गया है। इसके तहत अब प्रदेश को 12 मिलियन यूनिट तक बिजली मिल सकेगी। फिलहाल इसकी सीमा 8 मिलियन यूनिट से बढ़ाकर 10.65 कर दी गई है। अतिरिक्त बिजली के मिलने से जहां दीपावली पर प्रदेश में बिजली की कोई किल्लत नहीं रहेगी वहीं इंडस्ट्री को भी अतिरिक्त बिजली उपलब्ध होगी। उधर, ऊर्जा निगम ने पंजाब को दी जाने वाली 100 मेगावाट का बैंकिंग सप्लाई भी बंद कर दी है। इससे स्थिति में और भी सुधार होगा।

उल्लेखनीय है की त्योहारों को देखते हुए ऊर्जा निगम ने रोस्ट्रिंग बंद कर दी है। ऊर्जा निगम के प्रबंध निदेशक अनिल कुमार जैन ने बताया मुख्यमंत्री के निर्देश पर यह कदम उठाया गया है।

विधि विधान के साथ शीतकाल तक के लिए बंद हुए रुद्रनाथ मंदिर के कपाट

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बीते सोमवार को ब्रह्मा मुहूर्त में विधि विधान के साथ चतुर्थ केदारों में भगवान रुद्रनाथ मंदिर के कपाट शीतकाल तक के लिए बंद कर दिए गए। पौराणिक परंपरा के अनुसार शीतकाल में भगवान रुद्रनाथ की उत्सव डोली की पूजा गोपेश्वर स्थित प्राचीन गोपीनाथ मंदिर में होगी।


समुद्रतल से 10780 फीट की ऊंचाई पर स्थित भगवान रूद्रनाथ को चतुर्थ केदार के रूप में पूजा जाता है, जहां भगवान शिव एक गुफा के अन्दर ध्यान मुद्रा में विराजमान है। इसके अलावा गुफा में गणपति तथा गौरी शंकर की शिला मूर्तियां भी हैं। ग्रीष्मकाल में इसी गुफा रूपी मंदिर में श्रद्धालु भगवान रुद्रनाथ जी की पूजा अर्चना करते हैं। धार्मिक मान्यता है कि रुद्रनाथ तीर्थ में गोत्र हत्या के पाप से मुक्त होने के निमित पिण्डदान तथा तर्पण किया जाता है। इस मंदिर में भगवान रुद्रनाथ विष्णु रूप में विराजमान हैं इसलिये मूर्ति को स्पर्श करने का अधिकार मात्र पुजारी को ही है।


सोमवार को पूरे विधि विधान के साथ मंदिर के पुजारी जर्नादन प्रसाद तिवाड़ी, भगवती प्रसाद भटट ने वर्ष की अंतिम पूजा की तथा शीतकाल के लिये मंदिर के कपाट बंद कर दिये। बाद में गाजे-बाजे के साथ भगवान रुद्रनाथ की उत्सव डोली को लेकर श्रद्धालु मध्य हिमालय के बीच से देर सांय पनार नामक स्थान पहुंचे, जहां उत्सव डोली की लोगों ने पंरपरा के अनुसार पूजा की। सोमवार को पनार में रहने के पश्चात कल (आज) भगवान की डोली ग्वाड, सगर, गंगोल गांव से होकर सकलेश्वर मंदिर में पहुंचेगी। बुधवार को भगवान रूद्रनाथ की डोली गोपेश्वर स्थित प्राचीन गोपीनाथ मंदिर में विराजमान होगी। यही शीतकाल के दौरान अब श्रद्वालु भगवान रुद्रनाथ के उत्सव डोली की पूजा अर्चना करेंगे।

फ़िल्मी अंदाज़ में द्वाराहाट पुलिस ने पकड़ी ढाई लाख की शराब

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उत्तराखंड की द्वाराहाट पुलिस ने हालही में एक वाहन में अवैध रूप से तस्करी को ले जाई जा रही देशी मशालेदार शराब की 143 पेटियां बरामद की हैं । काफी पिछा करने के बाद पुलिस ने गगास-बिंता मोटरमार्ग में छानाभेट नामक गांव के पास आरोपियों को धर दबोचा। शराब कीमत करीब ढाई लाख रुपये आंकी गई है। आरोपियों ने पुलिस से बचकर भागने का प्रयास किया, पुलिस ने पीछा कर चालक समेत वाहन जब्त कर लिया, जबकि दो लोग पुलिस को चकमा देकर भागने में सफल हो गए।


जानकारी के अनुसार बीती रात्रि करीब साढ़े नौ बजे पुलिस को मुखबिर से शराब तस्करी की सूचना मिली। इसके बाद द्वाराहाट पुलिस की एक टीम सूचना अनुसार देर रात्रि कफड़ा की ओर रवाना हुई। कफड़ा पर पुलिस का वाहन देख एक मैक्स पिकअप संख्या यूए 01-3371 में मुड़कर वापस गगास की ओर भागने लगी। पुलिस ने उसका पीछा किया और पिकअप गगास से बिंता रोड की ओर भागी। जिसे पुलिस ने छाना भेट गांव के पास पकड़ लिया। इतने में पिकअप में सवार दो लोग पुलिस से बच कर भागने में सफल हो गए। इनके नाम दीवान सिंह किरौला व हरीश राठौर बताए गए हैं, लेकिन पुलिस ने चालक दीवान सिंह पुत्र हीरा सिंह निवासी रैनाकोट को गिरफ्तार कर लिया। वहीं शराब को अपने कब्जे में लेकर वाहन सीज कर दिया।
थानाध्यक्ष ठाकुर सिंह अधिकारी ने बताया कि भागने वाले लोगों के खिलाफ भी 60 आबकारी अधिनियम के तहत मुकदमा पंजीकृत कर लिया है और उनकी तलाश की जा रही है। जिन्हें जल्द पकड़ लिया जाएगा।


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