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Thursday, November 18, 2010

नेगी के गीतों पर देर रात तक थिरके दर्शक

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नेगी के गीतों पर देर रात तक थिरके दर्शक



शरदोत्सव २०१० की आखिरी संध्या प्रसिद्ध लोक गायक नरेंद्र सिंह नेगी और साथियों के नाम रही। कड़ाके की ठंड के बावजूद देर रात तक दर्शकों ने प्रस्तुतियों का लुत्फ उठाया। सांस्कृतिक संध्या का शुभारंभ नेता प्रतिपक्ष डा. हरक सिंह रावत ने बतौर मुख्य अतिथि किया। उन्होंने कहा कि राज्य आंदोलन की जननी रही पौड़ी नगरी का अपेक्षित विकास अभी तक नहीं हो पाया है।
वहीं देव स्तुति ‘देवी भगवती नमो नमः ’ से शुरू हुई सांस्कृतिक संध्या में लोक गायक नरेंद्र सिंह नेगी ने ‘इखमा छवीं तखमा छुवीं’, ‘तेरा मन क्या च सलाणा स्याली सर’, ‘टिहरी डूबण लग्यूंचा बेटा डाम का खातिर’, स्याली हे बसंती स्याली, हर तोड़ी का काखड, बॉडर मा कन कै जाण आदि प्रस्तुतियां दीं। रामलीला मैदान में नेगी के गीतों पर दर्शकों ने खूब ठुमके लगाए।
गायक अनिल बिष्ट ने ‘चल बैजरो का सैणा’, ‘तुमरा हमरो माया हे कांछी लागि गयो देरादूनै मा’ तथा गायिका मंजू सुंद्रियाल ‘ब्खुनी को घाम अछले बि नीच’ आदि की शानदार प्रस्तुतियां दीं। हास्य कलाकार घनानंद ने भी दर्शकों को खूब गुदगुदाया। कोरस में कविराज नेगी, पे्रम बल्लभ, प्रशांत गगोड़िया, ऊषा नेगी, रेखा और मंजू सुंद्रियाल ने सहयोग किया। आर्गन पर विनोद चौहान, तबला सुभाष पांडे, ढोलक जयेंद्र और तपेश्वर, पैड खेमचंद्र, बांसुरी पर कैलाश ध्यानी और नृत्य में संतोष, विक्की भारद्वाज, अशोक रावत, नीलम बिष्ट और संतोष रावत थे। इस मौके पर विधायक यशपाल बेनाम, पालिका अध्यक्ष राजेंद्र प्रसाद टम्टा, सभासद कलम सिंह रावत, विनोद बिष्ट, संगीता रावत और कमलेश समेत हजारों की तादाद में दर्शक मौजूद थे। संचालन गणेश कुकसाल ने किया।
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