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Saturday, June 11, 2011

अब आतंकियों की खैर नहीं

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देश में बढ़ रही आतंकवादी गतिविधियों से देश की रक्षा करने के लिए युवाओ का सेना की तरफ रुझान बढ़ता जा रहा है।  नक्सली व आतंकी हमले से जूझ रहे नार्थ ईस्ट, छत्तीसगढ़ व जम्मू एवं कश्मीर के युवाओं का सेना में आना देश की शांति व खुशहाली के शुभ संकेत हैं। आइएमए से पास आउट होने वाले कैडेट्स में मणिपुर, मेघालय, मिजोरम व नागालैंड के युवा भी शामिल हैं। जोदेश के लिए एक अच्छा संकेत है। इस वर्ष पास आउट होने वाले कैडेट्स में उत्तर प्रदेश से सबसे अधिक 90, हरियाणा से 56 और उत्तराखंड से 43 कैडेट्स पास आउट हो रहे हैं। वहीं दो राज्यों और चार केंद्र शासित प्रदेशों के कैडेट सूची में शामिल नहीं हैं।
आइएमए से पास आउट होने वाले कैडेट्स में उत्तराखंड के कैडेट्स की संख्या इस बार भी अच्छी खासी है। जनसंख्या के हिसाब से पास आउट होने वाले कैडेट्स में सबसे अधिक कैडेट उत्तराखंड के ही हैं। इस बार पास आउट होने वाले कैडेट्स की सूची में एक अच्छा संकेत देखने को मिला है। इस बार मणिपुर, मेघायल, मिजोरम व नागालैंड और उड़ीसा का नाम भी पास आउट करने वाले कैडेट्स की सूची में हैं। इससे साफ संकेत है कि आतंकवाद व माओवाद से जूझ रहे इलाकों के युवाओं के भीतर सेना विश्वास कायम करने में सफल हो रही है। यही कारण है कि अब सेना में आने के लिए इन युवाओं का रुझान बढ़ने लगा है। इसे इन राज्यों में शांति स्थापित होने का शुभ संकेत के रूप में भी देखा जा सकता है। साथ ही जम्मू-कश्मीर व छत्तीसगढ़ के युवाओं का सेना में आना भी सेना के इन क्षेत्रों में शांति व्यवस्था बहाल करने के रूप में उठाए गए कदमों की परिणति के रूप में देखा जा रहा है।
कैडेट्स की राज्यवार सूची
अंडमान निकोबार-1, आंध्र प्रदेश-9, अरुणाचल प्रदेश-1, असोम-5, बिहार- 35, चंडीगढ़-6,छत्तीसगढ़-1, दादर और नागर हवेली-0,दमन और दीव-0,दिल्ली -27,गोवा-0, गुजरात-3,हरियाणा-56,हिमाचल प्रदेश-31,जम्मू-कश्मीर-29,झारखंड-10, कर्नाटक-16,केरल-18, लक्ष्यदीप-0, मध्यप्रदेश-21,महाराष्ट्र-33, मणिपुर-5, मेघालय-1, मिजोरम-1, नागालैंड-3,उड़ीसा-14, पांडिचेरी-0, पंजाब-27, राजस्थान-35, सिक्किम-1, तमिलनाडु- 18, त्रिपुरा-0, उत्तर प्रदेश-90, उत्तराखंड -43, वेस्ट बंगाल-14, नेपाल मूल-02, कुल-546।

Friday, June 10, 2011

सर्विलांस सिस्टम से कार्बेट के वन एवं वन्यजीवों पर रखी जाएगी चौबीसों घंटे निगरानी

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प्रदेश में वनों एवं वन्यजीवों की सुरक्षा और उन पर चौबीसों घंटे निगरानी रखने  के लिए कार्बेट नेशनल पार्क में इलेक्ट्रॉनिक सर्विलांस सिस्टम लगाने का कार्य जोरों पर है। इन टावरों के लगने के बाद वन क्षेत्रों की निगरानी चौबीसों घंटे की जा सकेगी। भारत के सभी 39 टाईगर रिजर्व में यह पहला कार्बेट टाईगर रिजर्व होगा, जहां वनों एवं वन्यजीवों पर चौबीसों घंटे निगरानी के लिए हाईटेक डिजीटल कैमरों से लेस टावर लगाये जा रहे हैं। वनों की निगरानी, वन्यजीवों के प्रत्येक कार्यकलापों पर नजर या किसी असामाजिक तत्वों के वनों में घुसने आदि सहित तमाम गतिविधियों को कार्बेट पार्क में लगे हाईटेक डिजीटल कैमरों के माध्यम से वनाधिकारी दिन रात नजर रख सकेंगे। कार्बेट पार्क प्रशासन ने कालागढ़ उप वन प्रभाग के अतिसंवेदनशील क्षेत्रों में ही इसे लगाने का फैसला किया।
 इन वन क्षेत्रों में नौ टावर लगाये जा रहे हैं। प्रत्येक टावर से दिन रात निगरानी के लिए डिजीटल कैमरे, इनफ्रारैड कैमरे व थर्मल कैमरे स्थापित किये जा रहे हैं। इस टावरों पर लगे कैमरों के माध्यम से प्रत्येक टावर से प्राप्त वीडियो को वाई-फाई सिस्टम से कंट्रोल रूम में प्रेषित किया जायेगा। सभी वीडियो कंट्रोल रूम के सर्वर में स्टोर किये जायेंगे। इस व्यवस्था से कार्बेट टाईगर रिजर्व के अतिसंवेदनशील वन क्षेत्रों की चौकसी चौबीसों घंटें सुनिश्चित हो जायेगी। प्रत्येक कैमरे में 2 से 5 किलोमीटर गौला‌र्द्ध तक की निगरानी रखने की क्षमता है। इस वर्ष (2011)के अंत तक इल्कट्रोनिक सर्विलांस सिस्टम पूरी तरह से काम करना शुरू कर देगा।

भारी वर्षा से पिथौरागढ़ जिले में मौसम खराब

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उत्तराखंड के  पिथौरागढ़ जिले में गुरुवार को हुई तेज़ वर्षा से वहां का मौसम खराब रहा। भारी वर्षा के साथ साथ  हिमालय की ऊंची चोटियों में हिमपात होने से प्रदेश के तापमान में भी गिरावट आई  है । इस दौरान तेज़ वर्षा से बेरीनाग से गंगोलीहाट के बीच बोराआगर के पास बोल्डर गिरने से मार्ग बंद हो चुका है। वर्षा के साथ  हिमालय की ऊंची चोटियों में हिमपात होने से  जिले में दिन भर ठंडी हवाएं बहती रही और  लोग जून माह में भी गर्म कपड़े पहनने को मजबूर हो गए। गौरतलब है कि जिले में पिछले  कई दिनों से मौसम खराब चल रहा है। गुरुवार को भी प्रात: से ही मौसम खराब था। बेरीनाग से मिली जानकारी के अनुसार वर्षा से बेरीनाग से गंगोलीहाट के बीच बोराआगर के बीच मलबा आने से मार्ग बंद हो चुका है। जिससे कई वाहन वहां फंसे हुए हैं। इसके अलावा बुधवार को हुई भारी वर्षा और अंधड़ से जिले के कई स्थानों पर नुकसान भी  हुआ है।

Thursday, June 9, 2011

एक जुलाई से शुरू होगा नि:शुल्क प्रशिक्षण सत्र

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उत्तराखंड के नैनीताल जिले में  अनुसूचित जाति-जनजाति एवं पिछड़ी जाति के इंटरमीडिएट उत्तीर्ण अभ्यर्थियों का नि:शुल्क प्रशिक्षण सत्र पहली जुलाई से शरू हो रहा है। यह प्रशिक्षण राजकीय औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान हल्द्वानी में शुरू होगा। प्रशिक्षण में अभ्यर्थी हिंदी टंकण लिपिकीय व्यवसाय के अतिरिक्त सामान्य ज्ञान, अंग्रेजी, गणित, हिंदी, बुक कीपिंग, एकाउंट्स सचिवीय पद्धति तथा प्रतियोगिता संबंधी परीक्षाओं की तैयारी करेगे। यह प्रशिक्षण समूह ग में सेवायोजित करने के उद्देश्य से  प्रदान किया जाएगा।

गैरसैण या देहरादून, राजधानी को लेकर फिर बबाल

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उत्तराखंड की राजधानी को लेकर प्रदेश में फिर से आंदोलन होने की आशंका जताई जा रही है। प्रदेश की लोक वाहिनी, महिला मंच और चेतना आंदोलन के संयुक्त तत्वावधान में जल, जंगल व जमीन को बचाने तथा गैरसैण को उत्तराखंड को स्थायी राजधानी बनाने के लिए अल्मोड़ा से शुरू जनजागरण यात्रा पिथौरागढ़ पहुंच चुकी  है।
स्थानीय नगर पालिका सभागार में बुद्धिजीवियों और समाज कर्मियों के साथ हुई वार्ता में मुद्दों को लेकर बातचीत की गई। उत्तराखंड लोक वाहिनी के अध्यक्ष डा. शमशेर सिंह बिष्ट ने कहा कि उत्तराखंड के जल, जंगल और जमीन की लूट माफिया तत्वों का हावी होना, राजनीति और प्रशासन में भ्रष्टाचार पहाड़ से लोगों का पलायन, बढ़ती बेरोजगारी यहां प्रमुख मुद्दे बने हुए हैं। उत्तराखंड की नदियों पर पांच सौ से ज्यादा छोटी बड़ी पन बिजली परियोजनाएं प्रस्तावित हैं। उनका कहना था कि यदि सारी परियोजनाएं जमीन पर उतर गई तो नदियों पर कंपनियों का कब्जा हो जायेगा और आम पहाड़ी का बड़े पैमाने पर विस्थापन होगा। नदियों को बचाने की लड़ाई को और अधिक मजबूत करने की जरुरत बताई। उन्होंने बताया कि इस संघर्ष को कारगर बनाने के लिए प्रदेश से बाहर के लोगों से भी समर्थन की दरकार की जा रही है।
आंदोलन के संयोजक मनोज त्यागी ने कहा कि विकास के मौजूदा स्वरुप को नकारना और नई वैकल्पिक विकास की योजना लोगों के सामने रखना आंदोलन का उद्देश्य है। प्राकृतिक संसाधनों पर स्थानीय समुदाय का निर्णय अंतिम माना जाये।  गांधीचौक में सार्वजनिक सभा करने के बाद यात्रा मुनस्यारी को प्रस्थान करेगी।

बैंकों में विशेष चेकिंग अभियान चलाया

काशीपुर : शहर में आए दिन लूट व चोरी की घटनाओं को देखते हुए पुलिस ने बैंकों में विशेष चेकिंग अभियान चलाया। इस दौरान बैंकों में सुरक्षा व्यवस्था का जायजा लिया गया। साथ ही सुरक्षा प्रबंध ठीक करने के निर्देश दिए गए।

बुधवार को एएसपी जगतराम जोशी के निर्देश पर कटोराताल चौकी इंचार्ज नरेश पाल सिंह ने नगर की एसबीआइ मुख्य शाखा, देना बैंक, इंडियन ओवरसीज बैंक, कारपोरेशन बैंक, एचडीएफसी बैंक की चेकिंग की। इस दौरान संदिग्ध लोगों से पूछताछ, बैंकों में गार्ड की तैनाती, उनकी बंदूक की स्थिति, सीसीटीवी कैमरों की स्थिति आदि की जांच की। सभी बैंकों में सुरक्षा प्रबंध कडे़ करने के निर्देश दिए गए। उधर, नगर के अन्य क्षेत्रों में भी एसएसआइ एससी जोशी के नेतृत्व में कई स्थानों पर चेकिंग अभियान चलाया गया।

Wednesday, June 8, 2011

एक सप्ताह के अन्दर अपवंचित एवं कमजोर वर्ग के बच्चों का पता लगाकर विद्यालयों में प्रवेश के लिये उनके आवेदन पत्र भरवाने के निर्देश दिये

रूद्रपुर 08 जून- शिक्षा का अधिकार अधिनियम(आरटीई) की नोडल अधिकारी मीनू बिष्ट ने शिक्षा, स्वास्थ्य व बाल विभाग के ग्रास रूट स्तर पर कार्यरत कर्मचारियों को एक सप्ताह के अन्दर अपवंचित एवं कमजोर वर्ग के बच्चों का पता लगाकर विद्यालयों में प्रवेश के लिये उनके आवेदन पत्र भरवाने के निर्देश दिये। उन्होंने कर्मचारियों को स्पष्ट निर्देश दिये कि वह बच्चों का इन्तजार किये बिना स्वयं उनके पास जाकर आवेदन पत्र भरवायेंगे।
सनातन धर्म इ0का0 में विकास खण्ड स्तरीय कार्यशाला में सुश्री बिष्ट ने वताया कि अधिनियम द्वारा अपवंचित एवं गरीब वर्ग के बच्चों का अच्छे विद्यालयों में शिक्षा लेने का सपना साकार होगा। उन्होंने अधिकारियों से कहा कि वह इन बच्चों के सपनों को साकार करने के लिये पूरी लगन एवं मेहनत के साथ उनका विद्यालयों में प्रवेश सुनिश्चित करें। उन्होंने बताया कि अधिनियम के अन्तर्गत 6 से 14 वर्ष के बच्चों को अपने नजदीकी विद्यालय में निःशुल्क शिक्षा का प्राविधान है। अधिनियम के अन्तर्गत राजकीय,राजकीय सहायता प्राप्त के अलावा विशिष्ट एवं असहायता प्राप्त विद्यालयों को अपवंचित एवं कमजोर वर्ग के बच्चों के लिये 25 प्रतिशत सीटें आरक्षित करनी होंगी। इस सीटों पर प्रवेश लेने वाले बच्चों से विद्यालय प्रबन्धन द्वारा प्रवेश,गणवेश एवं पुस्तकों का कोई शुल्क नहीं लिया जायेगा। ऐसे बच्चों के साथ विद्यालय में कोई भेदभाव नहीं होगा तथा उनको अन्य बच्चों के साथ ही शिक्षा देनी होगी। इन बच्चों की पढ़ाई पर होने वाला व्यय की भरपाई मानक के अनुसार राज्य सरकार द्वारा की जायेगी। उन्होंने वताया कि अधिनियम का अनुपालन न करने वाले विद्यालयों के खिलाफ नियमानुसार आर्थिक दण्ड सहित मान्यता निरस्त करने की कार्यवाही अमल में लायी जायेगी।
उन्होंने वताया कि अधिनियम के कियान्वयन के लिये जिलाधिकारी द्वारा विकासखण्डवार तहसीलदार/खण्ड विकास अधिकारी को नोडल अधिकारी नामित किये गये है। विकासखण्ड नोडल अधिकारी अपने क्षेत्र में प्रत्येक विद्यालय के लिये एक नोडल अधिकारी नामित करेंगे।
     कार्यशाला में अपर जिला शिक्षा अधिकारी डीसी सती,खण्ड विकास अधिकारी विवेक उपाध्याय के अलावा बाल विकास,शिक्षा एवं स्वास्थ्य विभाग के क्षेत्र में तैनात तमाम कर्मचारी उपस्थित थे।
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जिला सूचना अधिकारी
उधमसिंह नगर।























अन्ना ने फिर शुरू किया अनशन

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बाबा रामदेव और उनके समर्थकों के साथ  रामलीला मैदान पर हुई पुलिस कार्रवाई के खिलाफ अन्ना हजारे  बुधवार  से  अपने सहयोगियों के साथ राजघाट  पर अनशन पर  बैठ गए हैं।  महात्मा गाधी की समाधि राजघाट पर पुष्पाजलि अर्पित करने के बाद अन्ना हजारे प्रात: ठीक 10:20 बजे अनशन स्थल पहुंचे और कड़ी पुलिस सुरक्षा के बीच अपने समर्थकों के साथ एक दिवसीय अनशन शुरू किया।
हजारे ने वंदेमातरम, भारत माता की जय और इंकलाब जिंदाबाद के नारे लगाए और वहा मौजूद समर्थकों ने बड़े उत्साह से उनका साथ दिया। अन्ना के साथ उनके साथी स्वामी अग्निवेश, शाति भूषण, किरण बेदी और अरविंद केजरीवाल भी अनशन पर बैठे।
वहा मौजूद समर्थकों को संबोधित करते हुए स्वामी अग्निवेश ने कहा कि भ्रष्टाचार के खिलाफ आदोलन जनता ने हजारे के साथ ही बाबा रामदेव के नेतृत्व में भी शुरू किया है लेकिन अप्रैल में अन्ना द्वारा जंतर मंतर पर किए गए अनशन के दौरान अगर पुलिस कार्रवाई होती तो अन्ना गिरफ्तारी दे देते।
हजारे का जिक्र करते हुए और रामदेव पर परोक्ष तौर पर निशाना साधते हुए अग्निवेश ने कहा कि गत अप्रैल में हजारे ने शातिपूर्वक तरीके से जंतर मंतर पर लोकपाल मुद्दे पर अनशन किया था और अगर तब वहा पुलिस कार्रवाई की गई होती तो हजारे वहा विरोध नहीं करते बल्कि शांतिपूर्वक गिरफ्तारी दे देते। उन्होंने कहा कि अप्रैल में अन्ना के नेतृत्व में चार दिन तक शातिपूर्वक विरोध प्रदर्शन किया गया और चार दिन के अनशन के बाद सरकार ने अन्ना की मांगें मान लीं तो उन्होंने अनशन खत्म कर दिया था।
स्वामी अग्निवेश ने कहा कि हजारे ने सरकार से वादा किया था कि उनकी मागें मान लेने के बाद वह अपना अनशन समाप्त कर देंगे और तब से अब तक सरकार के मंत्रियों से लगातार लोकपाल को लेकर बातचीत जारी है। 
उन्होंने कहा कि हम से कल सवाल किए गए थे कि अगर राजघाट पर रामलीला मैदान की तरह की कार्रवाई हुई तो क्या होगा तो हमने कहा था कि अप्रैल में जब जंतर मंतर पर अनशन के दौरान कोई गड़बड़ी नहीं हुई तो अब कैसे होगी। उन्होंने सवाल किया कि हमें अब जंतर मंतर पर अनशन की अनुमति नहीं मिली तो क्या हम गुस्से में आ गए।
स्वामी अग्निवेश ने हालाकि रामलाली मैदान पर हुई पुलिस कार्रवाई का विरोध किया और कहा कि सरकार कम से कम यह कह दे कि रामलीला मैदान में जो कुछ हुआ वह गलत था तो भी ठीक है। उन्होंने कहा कि सरकार अगर अपनी गलती मान लेती है तो उसका कद नहीं घट जाएगा।
स्वामी ने कहा कि रामलीला मैदान पर बेकसूर लोगों पर लाठी चलाना निंदनीय घटना थी। उन्होंने कहा कि हमारे मुद्दों पर मतभेद हो सकते हैं लेकिन जनता के मौलिक अधिकारों को लेकर हम एक मत हैं।
इस बीच, अनशन स्थल पर लोगों का जमावड़ा बढ़ता ही जा रहा है और हजारे के समर्थक सुरक्षा कर्मियों से अवरोधक हटाने का आग्रह करते देखे गए ताकि लोगों को आने जाने में दिक्कत न हो। उधर, अनशन स्थल के आस पास पुलिसकर्मियों की संख्या भी बढ़ा दी गई है। दिल्ली पुलिस के साथ ही केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल के जवान भी यहा दिखाई पड़ रहे हैं।
इस बीच, हजारे के समर्थन में बुंदेलखड मुक्ति मोर्चा के प्रमुख राजा बुंदेला, बाबा रामदेव के समर्थक हरिद्वार से स्वामी संतोषानंद, कई समाजसेवी संस्थाएं और अन्य अनेक लोग अनशन स्थल पर पहुंच गए हैं।
अनशन स्थल पर मौजूद लोगों को संबोधित करते हुए किरण बेदी ने कहा कि यह भ्रष्टाचार, रिश्वतखोरी और लूटपाट के खिलाफ आजादी की दूसरी लड़ाई है। उन्होंने सवाल किया कि आखिर हमें यहा क्यों बैठना पड़ा। हमने भ्रष्टाचार के खिलाफ पहले आवाज नहीं उठाई और इसलिए आज हम इस स्थिति में पहुंच गए हैं। पूर्व आईपीएस अधिकारी बेदी ने कहा कि वे राजनीतिज्ञों के खिलाफ नहीं हैं। उन्होंने पहले राजनीतिज्ञों से संपर्क किया लेकिन उन लोगों ने कुछ नहीं किया इसलिए अन्ना को पहल करनी पड़ी।
अन्ना ने राजघाट स्थित गाधी दर्शन के द्वार के बाहर बने मंच पर सुबह ठीक 10:20 बजे अपने साथियों के साथ अनशन शुरू किया। इससे पहले वह अपने साथियों के साथ राजघाट गए और राष्ट्रपिता को श्रद्वाजलि अर्पित की। अन्ना के नेतृत्व में होने वाले इस अनशन में एक सर्वधर्म प्रार्थना सभा और लोकपाल विधेयक पर बहस भी होगी।
कड़ी सुरक्षा के बीच शुरू हुए इस अनशन स्थल और इसके आस पास दिल्ली पुलिस और केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल के जवान बड़ी संख्या में तैनात हैं। भारी सुरक्षा व्यवस्था के बीच, 'इंडिया अगेन्स्ट करप्शन' लिखी टीशर्ट पहने बड़ी संख्या में युवा और बुजुर्ग हाथों में तिरंगे लहराते हुए राजघाट स्थित अनशन स्थल पहुंच रहे हैं। बहुत से लोग गाधी टोपी लगाए हुए हैं जिस पर 'मैं अन्ना हूं' लिखा है।
अनशन स्थल पर महात्मा गाधी की पोशाक पहन कर पहुंचा एक व्यक्ति सबके आकर्षण का केंद्र बना हुआ है। यह व्यक्ति बापू का पसंदीदा भजन 'रघुपति राघव राजा राम' गा रहा था।
सुरक्षा लिए यहा मेटल डिटेक्टर वाले दो गेट लगाए गए हैं और लोगों की दो बार जाच करने के बाद अनशन स्थल पर उन्हें प्रवेश दिया जा रहा है। इसके अलावा, प्रवेश से पहले स्वयं सेवकों के पंजीयन का इंतजाम भी है।
लोकपाल मसौदा संयुक्त समिति में अन्ना हजारे पक्ष की ओर से शामिल अरविंद केजरीवाल ने रामलीला मैदान में बाबा रामदेव और उनके समर्थकों पर हुई कार्रवाई की निंदा करते हुए कहा कि बेकसूर लोगों पर लाठीचार्ज ने दर्शा दिया है कि केंद्र की यह सरकार भ्रष्टाचार में ही लिप्त रहना चाहती है और उसके खिलाफ जो भी आवाज उठाएगा उसे कुचल दिया जाएगा।
केजरीवाल ने यहा राजघाट पर हो रहे हजारे के अनशन के दौरान कहा कि इस देश की जनता के साथ इतने वर्षों से भ्रष्टाचार के रूप में धोखा हो रहा है। सरकार पहले प्रस्तावति लोकपाल के दायरे में प्रधानमंत्री को लाने पर सहमति जता चुकी थी, लेकिन बाद में वह पलट गई। इसके बाद शाति भूषण के संबंध में एक सीडी सामने आई जो बाद में फर्जी पाई गई। उन्होने सवाल किया कि क्या यह सब धोखेबाजी, झूठ और षडयंत्र नहीं है। ऐसे में जब हमने बाबा रामदेव से कहा थ कि सरकार धोखेबाजी कर सकती है तो क्या गलत कहा था।
केजरीवाल ने यह भी माग की कि भाजपा, काग्रेस सहित सभी दल उन्हें दान या चंदे में मिली राशि का ब्यौरा सार्वजनिक करें। इस संदर्भ में उन्होंने कहा कि अप्रैल में जंतर मंतर पर अन्ना हजारे के अनशन के दौरान हुए व्यय का हमसे ब्यौरा मागा गया तो हमने 24 घटे के अंदर उसे सार्वजनिक कर दिया था।
अन्ना हजारे को जंतर मंतर पर अनशन करने की सरकार से अनुमति नहीं दिए जाने को उन्होंने मूल संवैधानिक अधिकारों का उल्लंघन बताया और कहा कि अन्ना 73 वर्ष के हैं और उनके अब तक के सभी आदोलन शातिपूर्ण रहे हैं।

आतंकियों के निशाने पर देहरादून-हरिद्वार

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उत्तराखंड प्रदेश में आतंकवादी गतिविधियों का खतरा बढ़ता जा रहा है।  मध्य प्रदेश में रविवार को पकड़े गए सिमी के आठ आतंकियों से पूछताछ के दौरान यह पता चला की दून-हरिद्वार में  विस्फोट की योजना बनाई गयी  थी। 
आइएमए की परेड के दौरान अकसर आतंकी हमले की चर्चाएं तेज हो जाती हैं। चूंकि, इस बार परेड से दस दिन पहले ही आइएसआइ एजेंट की गिरफ्तारी हुई है, तो ऐसे में सुरक्षा एजेंसियां पहले ही चौकस हैं। इस बीच रविवार को मध्य प्रदेश में सिमी के आठ आतंकी गिरफ्तार किए गए। सूत्रों के मुताबिक, पूछताछ में आतंकियों ने दून-हरिद्वार में भी बम विस्फोट करने की योजना का खुलासा किया। गौरतलब है कि दोनों इलाकों में भीड़भाड़ वाले स्थानों पर विस्फोट की योजना बनाई गयी  थी। इस  खुलासे के बाद  सुरक्षा एजेंसियों के होश उडे़ हुए हैं। हालांकि, आधिकारिक तौर पर पुलिस अफसर इसकी पुष्टि नहीं कर रहे हैं। इससे पहले भी देहरादून और हरिद्वार में सुरक्षा को लेकर काफी सवाल उठे हैं, पर्यटन की दृष्टी से ये दोनों ही शहर काफी लोकप्रिय हैं। बावजूद इसके यहाँ लोगो की सुरक्षा ना के बराबर है।

कैलाश मानसरोवर तीर्थ यात्रा के लिए मंगलवार की दोपहर 35 तीर्थयात्रियों का दूसरा जत्था काठगोदाम पहुंचा

 हल्द्वानी: विश्व विख्यात कैलाश मानसरोवर तीर्थ यात्रा के लिए मंगलवार की दोपहर 35 तीर्थयात्रियों का दूसरा जत्था काठगोदाम पहुंचा। कुमाऊं मंडल विकास निगम द्वारा सभी तीर्थ यात्रियों का कुमाऊंनी रीति-रिवाज एवं सांस्कृतिक वाद्ययंत्रों के साथ तिलक लगाकर स्वागत किया गया। इस दौरान निगम के पदाधिकारियों ने तीर्थ यात्रियों को उनकी पवित्र यात्रा में बेहतर सेवाएं प्रदान करने का भरोसा दिलाया। यहां कुछ देर ठहरने व भोजन के बाद अधिकारियों ने यात्रियों के पहले जत्थे को अल्मोड़ा के लिए रवाना किया जहां से वे रात्रि विश्राम के बाद प्रात: धारचूला के लिए रवाना होंगे।

काठगोदाम पहुंचने पर जोरदार स्वागत से अभिभूत तीर्थयात्रियों ने भगवान शंकर एवं पार्वती माता के गगनभेदी नारे लगाये। इसके अलावा कुमाऊंनी संस्कृति से पहली बार परिचित हो रहे तीर्थयात्री स्वागत के नायाब तरीके को देख आश्चर्यचकित रह गये। यात्रियों को स्वागत, भोजन एवं अल्प विश्राम के बाद अल्मोड़ा के लिए रवाना कर दिया गया।

तीर्थ यात्रियों को स्वागत समारोह के बाद रवाना करते समय कुमाऊं मंडल विकास निगम के वरिष्ठ पर्यटक प्रबंधक पर्यटन डीके शर्मा, करुणा अधिकारी, वीना सुयाल, सुभाष गहलौत आदि अधिकारी मौजूद रहे।

इंसेट:

भगवान को पा लेने जैसी खुशी

पैंतीस सदस्यीय इस तीर्थ यात्री दल के सबसे वरिष्ठ 68 वर्षीय सदस्य कांदिवली मुंबई के शशिकांत गोपाल निवालकर ने कहा कि पिछले चार बार से वे आवेदन कर रहे थे, लेकिन अनुमति नहीं मिल पा रही थी। अब यात्रा पर निकल जाने मात्र से भगवान को पा लेने जैसी खुशी का एहसास हो रहा है। भगवान भोलेनाथ ने मुझे आखिर बुला ही लिया।

तीर्थयात्री दल में शामिल सबसे कम उम्र मात्र 23 वर्षीय प्रद्युम्न कुमार गिरी ने बताया कि भगवान भोलेनाथ में उनकी आस्था रंग लायी। बाबा का आशीर्वाद उनके लिए सौभाग्य बन गया। कहा कि पहले ही आवेदन में उन्हें बाबा के धाम का अवसर मिल गया। अब तो आंखे बस कैलाश पर्वत का दर्शन करने को बेताब हैं।

रुद्रप्रयाग/जखोली, मूसलाधार बारिश

रुद्रप्रयाग/जखोली,

मंगलवार सांय जिले में मूसलाधार बारिश के चलते जहां मुख्यालय में तुन गदेरे का मलबा बदरीनाथ हाइवे पर आने से एक घंटे वाहनों की आवाजाही बंद रही। वहीं मयाली बाजार में अत्यधिक मलबा भर जाने से कई दुकानों को भारी नुकसान पहुंचा।

जिले में मंगलवार सांय अचानक हुई मुसलाधार बारिश सें तुन गदेरा उफान पर आ गया, जिससे भारी मात्रा में मलबा बद्रीनाथ हाइवे पर आ गया। मलबे से एक जीप फंस जाने से लगभग एक घंटे तक वाहनों की आवाजाही बंद रही। बाद में सीमा सड़क संगठन द्वारा काफी मशक्कत के बाद मार्ग को सुचारु किया गया।

जखोली प्रतिनिधि के अनुसार- क्षेत्र में तेज बारिश के चलते मयाली बाजार के बीचोंबीच बह रहे गैर गदेरे ने बाढ़ का रूप ले लिया जिससे अत्यधिक मलबा बाजार व कई दुकानों के अंदर घुस गया। मलबा घुसने से उत्तम भंडारी, अनुराग भट्ट, सावन जोशी, दर्शन, जगदम्बा सकलानी, मोहम्मद शरीफ, गिरीश उनियाल, जगदीश, दिनेश, वीरेन्द्र जोशी, आजाद सिंह, चिंतामणि व विजय सिंह की दुकानों को भारी नुकसान पहुंचा। वहीं सुरेन्द्र प्रसाद का चाऊमीन का ढेली बह गई है। बाजार में खड़े एक ट्रक व एक दर्जन से अधिक छोटे वाहन भी मलबे की चपेट में आ गए। वहीं मखेत गांव के लिस्वाड़ नामी तोक में भूस्खलन से ग्रामीणों की कई नाली सिंचित भूमि मलबे की चपेट में आ गई है।

अगस्त्यमुनि प्रतिनिधि के अनुसार- क्षेत्र में मूसलाधार बारिश से जन जीवन अस्त व्यस्त हो गया है। बारिश से अगस्त्यमुनि-जगोठ-कमसाल व रूमसी-भौंसाल पर जगह-जगह मलबा आने व पुश्ते ढह जाने से वाहनों की आवाजाही बंद हो गई है।

उत्तराखंड आयुर्वेद विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. सत्येंद्र प्रसाद मिश्र ने कहा


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काशीपुर: उत्तराखंड आयुर्वेद विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. सत्येंद्र प्रसाद मिश्र ने कहा कि उनका प्रयास होगा कि अनुसंधान की दृष्टि से विज्ञान की विविध विधाओं के साथ सामंजस्य बनाकर आयुर्वेद के मूलभूत सिद्धांतों पर अनुसंधान की नई दिशा स्थापित की जाए।

प्रो. मिश्र तारावती सरोजनी देवी विद्या मंदिर इंटर कालेज में पत्रकारों से वार्ता कर रहे थे। उन्होंने कहा कि प्रदेश ऋषि-मुनियों की तपोस्थली रहा है। शाश्वत परंपराएं ऋषि-मुनियों की साधना के आधार पर विकसित हुई हैं। प्रदेश जड़ी-बुटियों के हिसाब से संपन्न है, जिनकी विश्व स्तर पर मान्यता हो चुकी हे। विकास के बावजूद बहुत सी व्याधियां ऐसी हैं जिनका समाधान विकसित चिकित्सा प्रणाली भी नहीं दे पा रही हैं। दिनचर्या को नियंत्रित कर बहुत सी व्याधियों से मुक्ति पाई जा सकती है। विवि के लिए देहरादून के पास हर्रावाला में 30 एकड़ भूमि प्राप्त हो गइ्र है। शीघ्र शिलान्यास किया जाएगा। विवि में पढ़ाई-लिखाई, अनुसंधान के साथ 300 बेड का चिकित्सालय चलाया जाएगा। विवि का प्रयास होगा कि जड़ी-बूटियों व उनसे इलाज करने वाले वैद्यों के बारे में सूचनाओं का एकीकरण कर उन द्रव्यों की पहचान की जाए। फिर वैज्ञानिक अनुसंधान कर विज्ञान की दृष्टि से मान्यता देकर उनका औषधि के रूप में प्रयोग किया जाएगा।

Tuesday, June 7, 2011

....आखिर कहां हैं बालकृष्ण

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 बाबा रामदेव के सबसे करीबी और हर वक़्त उनके साथ नजर आने वाले आचार्य बालकृष्ण का पिछले दो दिनों से कोई अता पता नहीं है। दिल्ली में रामलीला मैदान में हुई हिंसा के बाद से आचार्य बालकृष्ण कहाँ  है यह किसी को नहीं पता। हर वक्त बाबा  के साथ साए की तरह रहने वाले उनके सहयोगी बालकृष्ण के बारे में खुद बाबा रामदेव  को भी नहीं पता की आखिर पिछले दो दिनों से वह  कहां, हैं । बाबा रामदेव का कहना है कि रामलीला मैदान से गायब हुए अधिकांश लोग दिल्ली पुलिस के कब्जे में हैं। हालांकि, दिल्ली पुलिस ने किसी के भी हिरासत में होने से इनकार किया है। आचार्य बालकृष्ण, स्वामी रामदेव के सबसे निकटस्थ माने जाते हैं। शनिवार आधी रात के बाद से वह कहीं भी नजर नहीं आए हैं। इससे पहले वह दिल्ली के रामलीला मैदान में बाबा रामदेव के आसपास ही दिखाई देते रहे थे।   बालकृष्ण के बारे में पूछे गए प्रश्न का गोलमोल जवाब देते हुए उंन्होंने कहा कि रामलीला मैदान से गायब हुए अधिकांश लोग दिल्ली पुलिस के कब्जे में हैं। गौरतलब है कि एक दिन पहले उंन्होंने बालकृष्ण से बातचीत होने और उनके किसी गोपनीय मिशन पर लगे होने की बात कही थी।
दूसरी ओर,  दिल्ली पुलिस के आयुक्त बीके गुप्ता ने साफ कहा है कि उनके पास कोई हिरासत में नहीं है।

बोर्ड परीक्षा में इस बार कुमाऊं ने बढाया प्रदेश का गौरव

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उत्तराखंड की बोर्ड परीक्षा में इस बार  कुमाऊं के परीक्षार्थी का अच्छा प्रदर्शन रहा है।  इंटरमीडिएट में चंपावत जनपद प्रथम रहा। यहां 84.72 परीक्षार्थी उत्तीर्ण हुए। 84.44 फीसदी उत्तीर्ण प्रतिशत रहा। इसके अलावा 83.44 फीसदी के साथ उत्तरकाशी तीसरे पायदान पर रहा।
इस वर्ष की  बोर्ड परीक्षा कई मायनों में कुमाऊं का गौरव बढ़ा गई। छात्रों के उत्तीर्ण प्रतिशत के लिहाज से भी यहां के मंडल ने दबदबा कायम किया। तीन श्रेणियों के साथ ही टिहरी जनपद 83.33 फीसदी के साथ चौथे, पौड़ी में 79.1, बागेश्वर 77.97, देहरादून 75.23, पिथौरागढ़ 76.99, चमोली 76.51 प्रतिशत छात्र उत्तीर्ण रहे। इसके अलावा अल्मोड़ा 75.67, नैनीताल 74.99, ऊधम सिंह नगर 71.95 तथा हरिद्वार में 65.33 प्रतिशत परीक्षार्थी उत्तीर्ण हुए।
हाईस्कूल की बोर्ड परीक्षा में बागेश्वर जनपद प्रथम रहा। यहां 81.46 प्रतिशत परीक्षार्थी उत्तीर्ण हुए। दूसरे स्थान पर रुद्रप्रयाग रहा जहां 76.58 प्रतिशत परीक्षार्थी उत्तीर्ण हुए। तीसरे स्थान पर जनपद पौड़ी में 76.08 प्रतिशत परीक्षार्थी उत्तीर्ण हुए। इसके अलावा पिथौरागढ़ 75.33 प्रतिशत, अल्मोड़ा में 71.26, चंपावत में 70.83, टिहरी गढ़वाल में 69.36 प्रतिशत, उत्तरकाशी जनपद 68.33, ऊधम सिंह नगर में 67.34, चमोली में 66.98, देहरादून में 66.91, नैनीताल में 59.89 तथा हरिद्वार में सबसे कम 57.67 प्रतिशत परीक्षार्थी उत्तीर्ण हुए हैं।

बाबा रामदेव का विशाल कारोबारी साम्राज्‍य


 दिल्ली. भ्रष्टाचार के खिलाफ आंदोलन कर रहे बाबा रामदेव ने विशाल कारोबारी साम्राज्‍य खड़ा कर रखा है। उनके सबसे करीबी विश्वासपात्र आचार्य बालकृष्ण ३४ कंपनियों के डायरेक्टर हैं। ये सभी कंपनियां केवल पांच साल, याने २००६ से २०११ के बीच अस्तित्व में आईं। 

सीबीआई और आयकर विभाग ने अब अपनी नजर इन कंपनियों पर डाली है। जानकारी के अनुसार प्रारंभिक जांच में बाबा के दो ट्रस्ट पतांजलि योगपीठ ट्रस्ट और दिव्य योग मंदिर को निशाने पर लिया गया है।

ये ट्रस्ट उत्तराखंड के हरिद्वार में करीब १००० एकड़ जमीन पर बने हुए हैं।  २००९-२०१० में इन दोनों ट्रस्ट का टर्नओवर करीब ११०० करोड़ आंका गया। और यदि इन सभी ३४ कंपनियों का टर्न ओवर आंका जाए, तो यह  कई करोड़ रुपए होगा। 

उमा भारती की बीजेपी में वापसी


नई दिल्ली. मध्य प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती की बीजेपी में वापसी हो गई है। बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष नितिन गडकरी ने आज इस संबंध में घोषणा की। भारती २००५ में पार्टी से बाहर हो गई थीं। उन्हें उत्तर प्रदेश की जिम्मेदारी दी गई है। पार्टी अध्यक्ष ने साफ कर दिया कि उनका कार्यक्षेत्र उत्तर प्रदेश रहेगा और वे लखनऊ में अधिकांश समय देंगीं।

Monday, June 6, 2011

बाबा रामदेव पर जमकर बरसे हरक सिंह रावत

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भ्रष्टाचार के खिलाफ अनशन  पर बैठे  बाबा रामदेव पर  ही अब  भ्रष्टाचार के आरोप लग रहे हैं। हालही में प्रतिपक्ष के  नेता  डा. हरक सिंह रावत भी बाबा रामदेव पर जमकर बरसे। रावत  ने  बाबा रामदेव पर भ्रष्टाचार के कई आरोप मढ़ते हुए सीबीआई जांच की मांग की है। उन्होंने भाजपा और राज्य सरकार को भी नहीं बख्शा और उन पर बाबा को संरक्षण देने का भी आरोप लगाया।
विधानसभा में रविवार को पत्रकारों से बातचीत में नेता प्रतिपक्ष डा. रावत के निशाने पर रामदेव ही रहे। उन्होंने कहा कि हरिद्वार स्थित पतंजलि योगपीठ के भूमि अधिग्रहण में अनियमितता बरती गई। ग्राम समाज की भूमि पर अवैध कब्जा और स्टांप शुल्क की चोरी की गई। उन्होंने बाबा से योग पीठ के ट्रस्टी शंकरदेव और एक अन्य पदाधिकारी कमला के लापता होने के बारे में जानकारी सार्वजनिक करने को कहा। बाबा के विश्वासपात्र आचार्य बालकृष्ण के पासपोर्ट बनाने में भी अनियमितता का आरोप उन्होंने लगाया।
नेता प्रतिपक्ष ने भाजपा व आरएसएस पर बाबा को संरक्षण देने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि दोनों संगठनों ने बाबा को आंदोलन के लिए उकसाया। उन्होंने कहा कि बाबा को सुरक्षा प्रदान करने की बात कर राज्य सरकार बिना वजह इस मामले को तूल देने की कोशिश कर रही है। जबकि सच तो यह है कि देवभूमि में बाबा की सुरक्षा को खतरा नहीं है।
हरक सिंह ने पतंजलि योगपीठ के लिए भूमि अधिग्रहण व पासपोर्ट मामले की सीबीआई जांच की मांग करते हुए चेतावनी दी कि कांग्रेस ने आरोपों की जांच में ढिलाई बरती तो आंदोलन किया जाएगा। अब आगे यह देखना दिलचस्प होगा की भ्रष्टाचार के खिलाफ आन्दोलन कर रहे बाबा रामदेव खुद कितने पानी में हैं।

अधर में लटका टिहरी- श्रीनगर मोटर मार्ग

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 बीते वर्ष आई  प्राकर्तिक आपदा  से उत्तराखंड के कई ग्रामीण इलाको में हुए विनाश से जहाँ भारी नुकसान हुआ वहीँ दूसरी ओर कई  इलाको में मोटर मार्ग भी छतिग्रस्त हो गए। कुछ ऐसा ही हाल है टिहरी- श्रीनगर मोटर मार्ग का जो पिछले दो सालो से अधर में लटका हुआ है।  स्थानिय लोगो  को जहाँ एक तरफ दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है वहीँ दूसरी ओर राज्य सरकार चैन की नींद  सो रही है। लोक निर्माण विभाग के एडीबी डिविजन से टिहरी- श्रीनगर मोटर मार्ग का 21 किमी डामरीकरण कार्य दो साल से अधर में है। कंपनी को 18 करोड़ से अधिक भुगतान करने के बाद वह चंपत हो गई है।
गौरतलब  है कि टिहरी- श्रीनगर मोटर मार्ग के कांडीखाल से मलेथा तक 21 किमी डामरीकरण के लिए वर्ष 2008-09 में लोनिवि के एडीबी डिविजन से टेंडर आमंत्रित किए गए थे। इसके बाद विभाग ने एक कंपनी को यह काम सौंपा था। कंपनी ने मार्ग के इस भाग में छिटपुट काम तो किया, लेकिन जब सबसे महत्वपूर्ण काम सोलिंग व पेंटिंग का होना था तो कंपनी बीते अप्रैल माह में अपना सामान समेट कर चंपत हो गई है। एक ओर इस कंपनी ने जहां दो साल बीतने के बावजूद अभी तक 30 फीसदी का काम नहीं किया, वहीं विभाग ने कंपनी को अब तक करीब पचास फीसदी का भुगतान कर दिया गया है। यदि अभी मोटर मार्ग के इस भाग की हालत देखी जाए तो इस पर चलने वाले वाहन किसी तरह से यहां से गुजर पा रहे हैं और दुर्घटना का भी इस पर लगातार भय बना हुआ है।
इस संबंध में पूर्व जिला पंचायत सदस्य महिपाल सिंह बुटोला ने बताया कि कंपनी ने अब तक जो कार्य किया भी है वह बेहद घटिया है। उन्होंने मार्ग पर हुए निर्माण कार्य की जांच की मांग की है। उन्होंने कहा कि विभाग द्वारा यदि जल्द डामरीकरण का कार्य प्रारंभ न करवाया गया तो क्षेत्र की जनता आंदोलन को बाध्य हो जाएगी।

मोटर मार्ग का विवरण

कांडीखाल से मलेथा तक 21 किमी डामरीकरण
कुल लागत- 41 करोड़
अब तक खर्च- 18 करोड़
स्थिति- पहले से भी बदतर
'कंपनी उक्त कार्य को बीच में छोड़कर चली गई है। कंपनी को विभाग ने नोटिस दिया है यदि कंपनी ने बचे कार्य को नहीं किया तो दूसरी कंपनी को यह काम सौंपा जाएगा'।

Sunday, June 5, 2011

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राज्य में वाहनों की कमी के चलते लोकल यात्री परेशान

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चारधाम की यात्रा में अधिकाश बड़े व छोटे वाहनों के लगने से राज्य के कई शहरों में  लोकल  पैदल यात्रियों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। वाहनों के यात्रा में लगने से रुद्रप्रयाग, पौड़ी, ऋषिकेश, हरिद्वार व देहरादून के रूटों पर भी वाहनों की खासी किल्लत हो गई है। इससे लोगों को घंटों सड़कों में खड़े होकर वाहनों का इंतजार करना पड़ रहा है। चारधाम यात्रा शुरू होने के साथ-साथ स्थानीय लोगों की दिक्कतें बढ़ने लगी हैं। अधिकांश बड़े व छोटे वाहनों के यात्रा में जाने से स्थानीय लोगों को वाहनों के लिए दर-दर भटकना पड़ रहा है। आलम यह है कि श्रीनगर से रुद्रप्रयाग, पौड़ी, ऋषिकेश, हरिद्वार व देहरादून जैसे लंबे रूटों पर जाने वाले यात्रियों को भी वाहनों के लिए घंटों इंतजार कर अव्यवस्था से दो-चार होना पड़ रहा है। इन रूटों के लिए जब भी कोई छोटा या बड़ा वाहन स्टेंड पर खड़ा होता है तो लोग उसकी और लपक पड़ते हैं। जब लंबे रूटों पर वाहनों का यह हाल है तो लिंक रूट पर चलने वाले वाहनों के बारे में आसानी से अंदाजा लगाया जा सकता है। श्रीनगर-देहलचौरी, श्रीनगर-चौबट्टा, श्रीनगर-बडियारगढ़ जैंसे लिंक रूटों पर वाहनों की सर्विस काफी कम होने से लोकल यात्रियों को खासी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। इन रूटों पर वाहनों की सर्विस कम होने से ओवरलोड भी आम बात हो गई है।
'यात्रियों की अधिक संख्या में ऋषिकेश व हरिद्वार पहुंचने पर अधिकतर वाहन यात्रा में लगे हैं। वाहनों की कमी को पूरा करने के लिए कुंमाऊ मंडल से वाहन मंगाये जा रहे हैं। इन वाहनों के आने पर सभी रूटों पर सेवायें सुचारू हो जायेंगी। लोकल रूटों पर वाहनों की कमी न हो इसके लिए जीएमओयू से भी बराबर वार्ता की जा रही है।

एक गांव ऐसा जहाँ होती है पेड़ों की पूजा

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राज्य में जहाँ एक ओर  पेड़ों कि बढ रही कटाई के खिलाफ  सरकार जागरूकता अभियान  चला रही है, वहीँ दूसरी  ओर राज्य के कुछ  ग्राम ऐसे हैं जो स्वयं  वृक्ष बचाने के लिए
उनकी पूजा कर रहे हैं।   औषधीय और पर्यावरणीय महत्व वाले थुनेर के वृक्ष बचाने के लिए सुक्की गांव के लोगों ने इसे हरा-भरा करने का बीड़ा उठाया है। सुक्की गांव के ऊपर फैले इस जंगल से कोई भी ग्रामीण लकड़ी नही काटता है, ग्रामीणों में मान्यता है कि इन पेड़ों पर देवता के चित्र दिखाई देते हैं, इसलिए यहां पेड़ काटना पाप है। उत्तरकाशी जिला मुख्यालय से 55 किमी दूर सुक्की गांव के डाबरा तोक में थुनेर का एक जंगल है। एक किमी लंबाई तथा पांच सौ मीटर चौड़ाई वाले इस जंगल को लेकर किवदंति है कि करीब पचास साल पहले यहां थुनेर के कुछ पेड़ हुआ करते थे। एक बार किसी ग्रामीण ने एक पेड़ को काटा तो उसके तने कुछ चित्र उभरे हुए नजर आए। जो देवी देवताओं के चित्रों से मिलते जुलते थे। अन्य ग्रामीणों को इसका पता चला तो उन्होंने जंगल में पूजा अर्चना शुरू कर दी। इसके बाद यह परंपरा शुरू हो गई और लोगो ने  इन पेड़ों की हिफाजत करना  शुरू कर दिया। इस पेड़ की लकड़ियों से पहले अनाज आदि रखने के लिये कोठार बनाए जाते थे, लेकिन ग्रामीणों ने अपनी इस जरूरत को भी त्याग दिया। समय के साथ अन्य क्षेत्रों में जहां थुनेर के पेड़ कम होते चले गये वहीं इस जगह पर एक जंगल ही विकसित हो गया। ग्रामीण अब भी विभिन्न धार्मिक पर्वो पर इस जंगल की पूजा करना नहीं भूलते और वन देवता की रक्षा का संकल्प लेते हैं। दशकों पहले शुरू की गई इस परंपरा को नई पीढि़यां सहर्ष स्वीकार करती हैं और इस जंगल को लेकर गांव के युवा भी काफी जागरुक हैं। ग्राम प्रधान एकादशी देवी बताती हैं कि अपने पुरखों की इस देन को सहेज कर रखना और उसे और हरा भरा बनाना हमारी जिम्मेदारी है। ग्रामीणों को लकड़ी की जरूरत होने के बावजूद इस जंगल का रुख कोई नहीं करता यह हमारे खून में शामिल हो चुका है। समुद्र तल से सत्रह सौ मीटर से अधिक ऊंचाई पर पनपने वाले थुनेर की पत्तियों से निकलने वाले टैक्सास बक्काटा नामक रसायन से कैंसर रोधी दवा तैयार की जाती है, लेकिन इसके लिये काफी तादाद में पत्तियों की जरूरत होती है इसीलिये इसे दुर्लभ माना जाता है।
वन विभाग भी कई वर्षो से संरक्षित प्रजाति के थुनेर को विकसित करने में जुटा है। टकनौर क्षेत्र में अनेक जगहों पर विभाग की ओर से थुनेर के वृक्षों का रोपण किया गया है। साथ ही इनकी सुरक्षा भी की जा रही है।

रानीखेत महाविद्यालय के बीएड संकाय में छात्र-छात्राओं ने किया कक्षाओं का बहिष्कार

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उत्तराखंड में यह कोई नयी बात नहीं है जब छात्रों ने शिक्षकों की कमी के चलते कक्षाओं का बहिष्कार किया हो। राज्य में ऐसे कई मामले पहले भी सामने आ चुके हैं।  ताज़ा मामला उत्तराखंड के रानीखेत महाविद्यालय का है जहाँ  बीएड संकाय में शिक्षकों की कमी से गुस्साए छात्र-छात्राओं ने कक्षाओं का बहिष्कार किया। उन्होंने चेतावनी दी कि जब तक शिक्षकों की कमी पूरी नहीं की गई, तब तक आंदोलन जारी रखा जाएगा। उल्लेखनीय है कि रानीखेत महाविद्यालय के बीएड संकाय में विभागाध्यक्ष समेत कुल 3 शिक्षक तैनात हैं और अन्य पद खाली पड़े हैं। कोई वैकल्पिक व्यवस्था तक नहीं है। ऐसे में संकाय के छात्र-छात्राओं में पढ़ाई प्रभावित होने से नाराजगी चल रही है। उन्होंने कुछ दिन पूर्व महाविद्यालय के प्राचार्य का घेराव किया और ज्ञापन सौंपा। साथ ही कक्षाओं का कार्य बहिष्कार किया। इसी क्रम में शनिवार को भी उन्होंने कक्षाओं का बहिष्कार कर दिया। गुस्साए  छात्र-छात्राओं ने शीघ्र शिक्षकों की नियुक्ति नहीं होने पर उग्र आंदोलन शुरू करने कि भी चेतावनी दी है।

सरकार के आगे नहीं चल पाया बाबा रामदेव का अनशन

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विदेशो में जमा काले धन को वापिस लाने और देश में फैले भ्रष्टाचार के खिलाफ अनिश्चितकालीन अनशन पर बैठे बाबा  रामदेव अनशन अब लगभग  ख़तम हो चूका है।  
 सरकार के साथ वार्ता टूटने के बाद पुलिस ने बाबा रामदेव को आधी रात में  रामलीला मैदान से  हिरासत में ले लिया। पुलिस ने उनके समर्थकों पर आसू गैस के गोले दागे और लाठिया बरसाई। सरकार और 46 वर्षीय योगगुरु ने बीती रात एक दूसरे पर आश्वासनों पर विश्वासघात का आरोप लगाया जिसके बाद  पुलिस कार्रवाई हुई।
करीब एक बजे रात को यह ड्रामा तब शुरू हुआ जब बड़ी संख्या में पुलिस रामलीला मैदान में पहुंची जहाँ  बाबा रामदेव विदेशों में छिपाकर रखे गए कालेधन को वापस लाने की मांग  को लेकर अनशन पर बैठे थे। मध्य रात्रि से शुरू हुई कार्रवाई में पुलिस ने भोर होने से पहले बाबा के सभी समर्थकों को  सत्याग्रह स्थल से बाहर कर दिया। हालाकि उनके समर्थकों ने इसका काफी प्रतिरोध किया।
दिल्ली पुलिस के प्रवक्ता राजन भगत ने बताया कि बाबा रामदेव जब अनशन स्थल छोड़कर जा रहे थे तब उन्हें हिरासत में ले लिया गया। सूत्रों ने बताया कि उन्हें दिल्ली से बाहर हरिद्वार भेजा गया है।
रामदेव के समर्थकों ने पथराव किया जबकि पुलिस ने आसूगैस के गोले छोड़ने के अलावा कोई बल प्रयोग नहीं किया।
पुलिस ने उनके योगशिविर के लिए अनुमति वापस ले ली और वहा निषेधाज्ञा लगा दी। दरअसल एक पुलिस अधिकारी का कहना था कि उनके विरोध प्रदर्शन को खत्म करने के लिए राजनीतिक निर्णय लिया गया जिसके बाद यह कार्रवाई हुई।
बीती रात सरकार और रामदेव ने एक दूसरे पर आरोप प्रत्यारोप लगाए थे। रामदेव को अनशन पर नहीं जाने के लिए मनाने के लिए उनसे वार्ता करने वाले केंद्रीय मंत्री कपिल सिब्बल ने योगगुरू के करीब की ओर से लिखे गए उस पत्र को सार्वजनिक कर दिया जिसमें कहा गया है कि यदि सरकार कालेधन को वापस लाने और दोषियों के लिए कड़े कठोर दंड के कानून पर लिखित आश्वासन देती है तो वे शनिवार के शाम तक अनशन वापस ले लेंगे।
रामदेव ने यह कहते हुए पलटवार किया कि सरकार ने उनके साथ धोखा और विश्वासघात किया है और उन्होंने जीवन में कभी भी सिब्बल से बातचीत नहीं करने की बात कही। उन्होंने कहा कि वह प्रधानमंत्री की ही बात मानेंगे।
आरोप प्रत्यारोप के बाद सरकार ने शनिवार की रात को उनकी मागों पर आश्वासन का एक ताजा पत्र भेजा और उनसे अनशन वापस लेने की अपील की। आधी रात को टेलीविजन कैमरों के सामने हुए इस ड्रामा के दौरान रामदेव के समर्थकों को सोते से जगा दिया गया। उनके समर्थक पुलिस कार्रवाई के विरोध में उठ खड़े हुए।
पुलिस के आसू गैस के गोले दागने से कई वृद्ध महिलाएं बेहोश हो गईं। उनके 30 घायल समर्थक समीप के एक अस्पताल में भर्ती कराए गए हैं। पुलिस जब रैपिड ऐक्शन फोर्स के साथ अनशन स्थल पर पहुंची और रामदेव बाबा तक जाने लगी तब तक हंगामा और अफरातफरी का माहौल पैदा हो चुका था। योगगुरू वहा विशेष रूप से तैयार मंच पर सो रहे थे। जैसे ही यह खबर फैली की कि रामदेव को गिरफ्तार किया जा सकता है, महिलाओं समेत उनके समर्थकों ने पुलिस को उन तक पहुंचने से रोकने के लिए योगगुरू को चारों तरफ से घेर लिया।
कुछ समर्थकों ने बाबा रामदेव को अपने कंधों पर बैठा लिया।  इससे पहले रामदेव अपने समर्थकों से शांति बनाए रखने अपील करते हुए देखे गए। जब आसू गैस का एक गोला मंच पर गिरा तब मंच में भी मामूली आग लग गई। इस आग को तुरंत बुझा लिया गया।
समर्थकों ने पुलिसकर्मियों को मंच के करीब आने से रोकने के लिए बर्तन, ट्राइपॉड और माइक फेंके। पुलिस के आसू गैस के गोले दागने के बाद भीड़ तितर बितर हो गई। लोग मंच और आसपास के इलाके से जाते हुए देखे गए।
समर्थकों ने दावा किया है कि बाबा को आचार्य बाल कृष्णन तथा भारत स्वाभिमान मंच के प्रमुख जयदीप आर्य के साथ गिरफ्तार किया गया है। उन्होंने कहा कि बाबा रामदेव के बाद दूसरे स्थान पर आने वाले स्वामी संपूर्णानंद ने आदोलन की कमान संभाल ली है और उन्होंने लोगों से जंतरमंतर पर एकत्रित करने का आह्वान किया। पुलिस कार्रवाई के दौरान बैनर फाड़ दिए गए। गद्दे और फर्नीचर रामलीला मैदान में इधर उधर बिखड़े पड़े थे।
रामलीला मैदान बाबा रामदेव ने योग शिविर के लिए 20 दिन के लिए बुक कराया था लेकिन वह उनके सत्याग्रह आदोलन का स्थल में बदल गया। आयोजक लोगों से पंडाल नहीं छोड़कर जाने तथा विरोध प्रदर्शन जारी रखने का आह्वान करते हुए नजर आए।
रामदेव के आदोलन से जुड़े कुछ उनके समर्थकों ने राज्य इकाइयों से पुलिस कार्रवाई के खिलाफ अगली सुबह को विरोध प्रदर्शन करने को कहा। रामलीला मैदान से बड़ी संख्या में लोग जाते हुए देखे गए। उनमें से कुछ पुलिसकर्मियों के साथ यह बहस करते हुए देखे गए कि जब उनका प्रदर्शन शातिपूर्ण था तब उन्होंने ऐसी कार्रवाई क्यों की।
रामदेव घटनाक्रम
रामलीला मैदान में मध्यरात्री में बाबा रामदेव का सत्याग्रह भग करने के लिए की गई पुलिस कार्रवाई से जुड़ा घटनाक्रम इस प्रकार है :
एक जून: उज्जैन से दिल्ली हवाई अड्डे पर योगगुरू का आगमन। चार वरिष्ठ केंद्रीय मंत्री प्रणव मुखर्जी, कपिल सिब्बल, पी के बंसल और सुबोध कात सहाय की योगगुरू से मुलाकात और भ्रष्टाचार एवं कालेधन के विषय पर चर्चा।
दो जून: दोनों पक्षों के बीच पर्दे के पीछे से चर्चा शुरू।
तीन जून: रामदेव ने सिब्बल और सहाय के साथ बातचीत की। दोनों पक्षों ने अधिकाश मुद्दों पर आम सहमति का दावा किया। शाम में बाबा ने अनशन पर जाने के अपने निर्णय की घोषणा की। सरकार ने रामदेव की मागों पर विषयवार जवाब जारी किया।
चार जून: रामलीला मैदान में अनशन शुरू। शाम में सरकार ने रामदेव पक्ष का एक पत्र सर्वजनिक किया जिसमें कहा गया था कि अगर सरकार अपनी प्रतिबद्धता पर कायम रहती है तो मध्यरात्रि तक सत्याग्रह समाप्त कर दिया जाएगा। रामदेव ने जवाब में सरकार पर छल करने का आरोप लगाया। दोनों पक्षों ने अपना अपना रूख कड़ा कर लिया। सरकार ने देर रात में रामदेव को पत्र लिखा।
मध्यरात्रि चार/पांच  जून: मध्यरात्रि में करीब एक बजे रामलीला मैदान में सत्याग्रह स्थल पर रामदेव और उनके समर्थकों को पकड़ने के लिए पुलिस कार्रवाई। पुलिस ने लाठीचार्ज किया और आसू गैस के गोले छोड़े। रामलीला मैदान में अफरा-तफरी का माहौल। 30 घायल लोगों को अस्पताल में भर्ती कराया गया।
सुबह चार से साढ़े चार बजे: आदोलनकारियों को रामलीला मैदान से हटाया गया।
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