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Wednesday, September 15, 2010

सीएम ने झील से लिया आपदा का जायजा

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-नाव पर सवार होकर चिन्यालीसौड़ पहुंचे मुख्यमंत्री डॉ. निशंक
-दिचली व गमरी की समस्याएं दूर करने के दिये निर्देश
उत्तरकाशी/ चिन्यालीसौड़, मुख्यमंत्री डॉ. रमेश पोखरियाल निशंक ने नाव पर सवार होकर टिहरी बांध की झील के दोनों ओर भूकटाव का जायजा लिया। इस दौरान उन्होंने प्रभावित क्षेत्रों में राहत कार्य तेजी से करने, क्षतिग्रस्त मोटरमार्गो को दुरुस्त करने के साथ क्षेत्र में रसोई गैस, खाद्यान्न व अन्य जरूरी वस्तुओं की आपूर्ति की समस्या हल करने को अधिकारियों को निर्देश दिये।
मंगलवार को मुख्यमंत्री टिहरी बांध की झील में नाव पर सवार होकर पहुंचे और भूकटाव की चपेट में आ रहे राजमार्ग, चिन्यालीसौड़ का निचला हिस्सा, देवीसौड़ गांव का निरीक्षण किया। इस दौरान दिचली व गमरी क्षेत्र की समस्याओं से भी वह रूबरू हुए। बताया गया कि तुल्याड़ा मोटरमार्ग बंद होने के कारण क्षेत्रवासियों के लिये नाव ही एकमात्र सहारा है, जिससे पूरे क्षेत्र में खाद्यान्न, रसोई गैस व अन्य जरूरी वस्तुओं की आपूर्ति नहीं हो पा रही है। मुख्यमंत्री ने मौके पर लोनिवि अधिकारियों को तुल्याड़ा मोटरमार्ग को शीघ्र खोलने के निर्देश दिये। कहा कि जब तक दोनों क्षेत्रों को जोड़ने के लिये पुल नहीं बनता तब तक वैकल्पिक मार्ग पर लगातार नजर रखी जानी चाहिये, ताकि क्षेत्र में जरूरी वस्तुओं की आपूर्ति बाधित न हो। वहीं, जिला प्रशासन को दिचली गमरी क्षेत्र में गैस गोदाम खोलने के भी निर्देश दिए।
नाव में भरा पानी
चिन्यालीसौड़: मुख्यमंत्री जैसे ही नाव पर सवार हुए, उनके साथ पार्टी कार्यकर्ताओं सहित दर्जनों लोग चढ़ गए। बीस लोगों की क्षमता वाली नाव ओवरलोड होने के कारण उसमें पानी भरने लगा। नाव के डूबने की आशंका पर कर्मचारियों ने सबको उतार दिया। बाद में अन्य लोगों के लिये दूसरी नाव मंगवाई गई।
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मलबा लगातार गिरने के कारण हालत संवेदनशील बनी

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उत्तरकाशी: लगातार बारिश के चलते गंगोत्री व यमुनोत्री राजमार्ग पूरी तरह बंद रहे। दोनों राजमार्गो पर कई जगहों पर मलबा लगातार गिरने के कारण हालत संवेदनशील बनी हुई है।
गंगोत्री राजमार्ग पर धरासू व नालूपाणी के बीच भूस्खलन लगातार जारी है। बड़ी मात्रा में बोल्डर व मलबा सड़क पर आ जाने के कारण मंगलवार को मार्ग नहीं खोला जा सका, जबकि भटवाड़ी से ऊपर थेरांग व गंगनानी के समीप मलबा आने का सिलसिला जारी है। यहां मार्ग बार-बार बाधित हो रहा है। दूसरी ओर, यमुनोत्री राजमार्ग लगातार चौथे दिन भी बंद रहा। नैनबाग, डामटा व बर्नीगाड सहित कई जगहों पर बंद होने से रवांई क्षेत्र में जरूरी वस्तुओं की आपूर्ति ठप है। वहीं धरासू से बड़कोट के बीच भी हाइवे ब्रह्मखाल के समीप मंगलवार को पूरे दिन बंद रहा। दोनों राजमार्ग बाधित होने से गंगोत्री धाम व यमुनोत्री धाम यात्रा के लिये पहुंचे दो हजार से अधिक तीर्थयात्री विभिन्न जगहों पर फंसे हुए हैं।
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