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Saturday, March 26, 2011

सरकारी विभागों की बेशर्मी की हद

गिरीश जोशी । हमारे देश में सरकारी विभाग अक्सर अपने आलसीपन और कामचोरी के लिए सुर्खिया में रहते हैं । लेकिन पिछले दिनों अल्मोड़ा का एक ऐसा मामला सामने आया जिसने देश के दो सरकारी विभागों की पोल खोल कर रख दी।  देश की  सेवा  में अपना  जीवन समर्पित करने वाले एक सैनिक की 63 वर्षीय विधवा को अपने जायज हक के लिए दो विभागों की मनमानी झेलनी पड़ रही है। उसका कसूर सिर्फ इतना ही है कि उसके पति ने पहले देश के दुश्मनों से अपने देश की रक्षा की  और बाद में सेना से सेवानिवृत होने पर वन विकास निगम में नौकरी कर ली। अब दो विभागों के फेर में पेंशन का मामला फंस गया है। अल्मोड़ा के थामफुली (जैती) गांव निवासी धनुली देवी के पति स्व. बची सिंह भारतीय सेना के बंगाल इंजीनियर्स में कार्यरत थे। 15 वर्ष की सेवा के उपरांत जब वे सेवानिवृत हुए तो उत्तराखंड वन विकास निगम में नौकरी कर ली। निगम में चौकीदार के पद कार्य करने के बाद वे वहां से 31 अगस्त 2001 को सेवानिवृत हो गये। इस दौरान वर्ष 2008 में उनकी मौत हो गई।
दिलचस्प बात यह है कि उन्हें दोनों ही विभागों ने नियमानुसार पेंशन दी, लेकिन उनकी मृत्यु के बाद उक्त पेंशन उनकी पत्नी को जारी रहनी चाहिए थी। दुर्भाग्य से दोनों ही विभागों ने पत्नी की पेंशन पर रोक लगा दी। दुर्गम पहाड़ के गांव में रहने वाली धनुली के भरण-पोषण का एक मात्र जरिया पति की पेंशन ही थी, वह भी नहीं मिल रही है। उसके हालत इतने ख़राब हो गए हैं कि अब  भुखमरी की नोबत आ गयी है । जीवकोपार्जन के लिए उसने हल्द्वानी में अपने एक रिश्तेदार के घर शरण ले रखी है। वह तीन साल से सेना व वन विकास निगम के अधिकारियों की चौखट के चक्कर  लगा  रही है, लेकिन सुनने वाला कोई नहीं है। हल्द्वानी के मानपुर पश्चिम निवासी एसएस राणा ने उसे सहारा दिया है। लेकिन अब सवाल यह उठता है की आखिर क्यों एक विधवा औरत के साथ इस तरह का बेहूदा  खेल खेला जा रहा है ।  

उमेश डोभाल स्मृति समारोह के कुछ फोटो

पंतनगर विश्व्विदालय के कुलपति प्रोफेसर  
बी एस बिष्ट मीडिया से बात करते हुए
जनकवि गिरीश तिवारी गिर्दा , राजिंदर रावत रज्जू, उमेश डोभाल अमर रहें

उत्तराखंड में जनपक्षीय पत्रकारिता की धारा को आगे बढ़ाने के संकल्प के साथ 21वां उमेश डोभाल स्मृति समारोह सम्पन्न हुआ। उमेश डोभाल स्मृति ट्रस्ट के तत्वावधान में आयोजित समारोह में युवा पत्रकारिता पुरस्कार इलेक्ट्रॉनिक मीडिया के लिए विजयवर्धन उप्रेती व प्रिंट मीडिया के लिए भक्तदर्शन पांडे को दिया गया, जबकि उमेश डोभाल स्मृति सम्मान डॉ. शेर सिंह पांगती को दिया गया।
इसी वर्ष से शुरू हुआ जनकवि गिरीश तिवारी गिर्दा सम्मान जनकवि अतुल शर्मा व राजेंद्र रावत जनसरोकार सम्मान बीज बचाओ के प्रणेता विजय जड़धारी को दिया गया। सभी ने उमेश डोभाल की परंपरा को आगे बढ़ाने का संकल्प लिया। शुक्रवार को रूद्रपुर सिटी क्लब सभागार में आयोजित समारोह के पहले सत्र का शुभारंभ पंतनगर विश्वविद्यालय के कुलपति डा. बीएस बिष्ट व आजादी बचाओ आंदोलन के राष्ट्रीय संयोजक बनवारी लाल शर्मा ने दीप प्रज्ज्‍वलित कर किया।
मुख्य वक्ता बनवारी लाल शर्मा ने कहा कि राजनीति व मीडिया में कारपोरेट कंपनियों का दखल समाप्त किए जाने की जरूरत है। कारपोरेट के बढ़ते दखल से मीडिया आम आदमी के सवालों को दमदार ढंग से नही उठा पा रहा है। मीडिया कारपोरेट का एजेंट बन गया है। उन्होंने लोकतांत्रिक व्यवस्था की कारपोरेट परस्ती के दौर में मीडिया के व्यवसायीकरण पर गहरी चिंता जताई। जनकवि अतुल शर्मा ने गिर्दा के गाए गीत सुनाकर समां बांध दिया।
समारोह स्थल में कोटद्वार से आए देवेंद्र नैथानी की 300 कविताओं को दर्शाती पोस्टर प्रदर्शनी आकर्षण का केंद्र रही।

ईटीवी पिथौरागढ़ के विजय वर्धन उप्रेती को उमेश डोभाल पत्रकारिता पुरस्कार से सम्मानित किया

प्रेम अरोरा | रुद्रपुर: देश को एक बार फिर डांडी यात्रा के संदेशों की जरूरत है। भूमंडलीकरण के दूसरे दौर में फिर हमें घोषणा करनी होगी कि देश के संसाधनों पर जनता का हक है। यह विचार आजादी बचाओ आंदोलन के अध्यक्ष बनवारी लाल शर्मा ने उमेश डोभाल स्मृति ट्रस्ट की ओर से आयोजित गोष्ठी में व्यक्त किए।
काशीपुर बाईपास रोड पर सिटी क्लब में 'वैकल्पिक मीडिया की चुनौतियां' विषय पर आयोजित गोष्ठी में बतौर मुख्य अतिथि शर्मा ने गांधी जी के नमक सत्याग्रह के राजनीतिक संकेतों को रेखांकित करते हुए ऐसे आंदोलनों की जरूरत बताई। उन्होंने वैकल्पिक मीडिया को सशक्त करने के लिए समानांतर आंदोलन खड़ा करने का आह्वान किया। वरिष्ठ पत्रकार राजीव लोचन साह ने प्रदेश के हालात पर चर्चा करने करने के बाद उम्मीद जाहिर की कि मध्य वर्ग की चेतना के विकास के साथ वैकल्पिक मीडिया अपना आकार ग्रहण करेगा। मुकुल ने राज्य आंदोलन के दौर में जनता की ओर से प्रतिरोध को व्यक्त करने के लिए नुक्कड़ नाटकों और कविताओं को जनता का माध्यम बताते हुए उन्हें सशक्त करने की वकालत की। मुन्ना सिंह चौहान ने कहा कि वाक् की स्वतंत्रता मानव सभ्यता की प्रगति का मानदंड है। पूर्व दर्जा राज्य मंत्री सुभाष चतुर्वेदी ने कहा कि उत्तराखंड राज्य के सपनों को रेखांकित करना वैकल्पिक मीडिया के सामने बड़ी चुनौती है। पत्रकार राजीव खन्ना ने हिमालयी राज्य में कम्यूनिटी रेडियो जैसे माध्यम को सशक्त करने की जरूरत पर बल दिया। गोष्ठी को उमाशंकर थपलियाल, वीरेन डंगवाल, भूपेंद्र सिंह आदि ने संबोधित किया। संचालन ट्रस्ट अध्यक्ष गोविंद पंत राजू ने किया और अध्यक्षता डॉ. शमशेर सिंह बिष्ट ने की। इस अवसर पर बीसी सिंघल, पीसी तिवारी, प्रभात ध्यानी, मोहन राजपूत, राजकुमार फुटेला, महेश जोशी, अनुपम सिंह, जहांगीर राजू, दिनेश अवस्थी, नरोत्तम दुबे, नवनीत सिंह, मिथिलेश मिश्र, विनोद भंडारी, विमल कुमार, अयोध्या प्रसाद भारती, खेमकरण सोमन, कस्तूरी लाल तागरा, रूपेश कुमार, डॉ. शंभू दत्त पांडे शैलेय, डॉ. अजय शुक्ल, डॉ. शेखर पाठक आदि उपस्थित थे।
सरोकारी पत्रकारिता को सम्मान
पत्रकारिता में जन सरोकारों को उठाने के लिए उमेश डोभाल स्मृति ट्रस्ट ने दैनिक जागरण पिथौरागढ़ से जुड़े भक्तदर्शन पांडेय और ईटीवी पिथौरागढ़ के विजय वर्धन उप्रेती को उमेश डोभाल पत्रकारिता पुरस्कार से सम्मानित किया। इस अवसर पर ट्रस्ट ने मुनस्यारी में जनजातीय संग्रहालय स्थापित करने वाले डॉ. शेर सिंह पांगती को उमेश डोभाल स्मृति सम्मान, बीज बचाओ अभियान से जुड़े विजय जड़धारी को राजेंद्र रावत जनसरोकार सम्मान और जनकवि डॉ. अतुल शर्मा को गिरीश तिवारी गिर्दा सम्मान से नवाजा। इन लोगों को पंतनगर विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. बीएस बिष्ट और बनवारी लाल शर्मा ने स्मृति चिह्न, श्रीफल और शॉल प्रदान कर सम्मानित किया।

Friday, March 25, 2011

पौड़ी में भी होगी दुलर्भ पांडुलिपियों की खोज

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 पांडुलिपियां इतिहास का आइना होती है। संस्कृति अकादमी की पहल पर पांडुलिपि मिशन के तहत पौड़ी में भी खोज का कार्य तेज होगा। इसके लिए 27 मार्च को जिला पंचायत सभाकक्ष में बैठक आहूत की गई है।
गढ़वाल मंडल में अब तक पांडुलिपियों को लेकर संस्कृति अकादमी ने गहरी रुचि नहीं ली और यही वजह भी है कि यह विरासत अभी भी पहाड़ के गांवों में कैद है। संस्कृत अकादमी हरिद्वार राष्ट्रीय पांडुलिपि मिशन के तहत अब जनपद में भी कार्य शुरू कर रही है। इसे लेकर 27 मार्च को जिला पंचायत सभागार में गोष्ठी आयोजित की जाएगी। जनपद में राष्ट्रीय पांडुलिपि सर्वेक्षण अभियान का जिम्मा पंकज मंमगाई को सौंपा गया है।
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अटल आदर्श ग्रामों में मिनी सचिवालय जल्द

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विकासखंड जखोली के अटल आदर्श ग्राम बजीरा में आयोजित कार्यशाला में विभिन्न विभागों के कार्यो की जानकारी दी गई।
जिला परियोजना प्रबंधन इकाई स्वजल परियोजना द्वारा आयोजित कार्यशाला में मुख्य अतिथि पेयजल सलाहकार समिति के अध्यक्ष बृजभूषण गैरोला ने कहा कि अटल आदर्श योजना का मुख्य उद्देश्य न्याय पंचायत मुख्यालयों के ग्रामों को अवस्थापना सुविधाओं से पूर्ण रूप से विकसित करना है। उन्होंने बताया कि अटल आदर्श ग्राम में मिनी सचिवालयों की बहुत जल्दी स्थापना की जाएगी। इस अवसर पर श्री गैरोला ने ग्राम सभा बजीरा, उछना व लुठियाग में कुल 88 लोगों को 2 दो लाख 37 हजार रुपये के चैक वितरित किए। कार्यशाला में स्वजल परियोजना के परियोजना प्रबंधक डीडी उनियाल ने बताया कि ग्राम पंचायत बजीरा में सभी व्यक्तिगत शौचालयों का निर्माण पूर्ण कर दिया गया है तथा इस वर्ष ग्राम पंचायत को निर्मल ग्राम पुरस्कार देने के लिए प्रस्ताव भारत सरकार को भेजा जा रहा है।
इस अवसर पर ब्लॉक प्रमुख जगदेश्वरी भारद्वाज, पर्यावरण विशेषज्ञ पीएस मटूड़ा, दीप राज बंगारी, अधिशासी अभियंता आरसी खंडूड़ी, सुनीता देवी, क्षेपंस महावीर, सुनील भट्ट, शुरवीर रावत, धूम सिंह आदि उपस्थित थे। अध्यक्षता ग्राम प्रधान बजीरा भीमराज विश्वकर्मा ने की।
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