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Sunday, January 10, 2010

उत्तराखंड राज्य के गठन के बाद पहली बार राज्य में आयोजित होने वाले महाकुंभ

देहरादून.उत्तराखंड राज्य के गठन के बाद पहली बार राज्य में आयोजित होने वाले महाकुंभ के अवसर पर हरिद्वार में बनाई गई टेंटनगरी 14 जनवरी को पहले स्नान के लिए पूरी तरह से सज-धज कर तैयार है। हरिद्वार में करीब साढे पांच अरब रुपये की लागत से जहां 75 प्रतिशत कार्य स्थाई प्रति के कराए गए हैं वहीं 25 प्रतिशत कार्य टेंटनगरी को बसाने के लिए कराए गए हैं जिसमें साधु संतों और स्नानार्थियों का जमावड़ा अभी से शुरू हो गया है। राज्य सरकार ने देहरादून टिहरी पौड़ी और हरिद्वार जिलों के हिस्सों को मिला कर करीब 130 वर्ग किलोमीटर के क्षेत्र को महाकुंभ क्षेत्र के रूप में अधिसूचित किया है।

महाकुंभ का आयोजन प्रमुख रूप से मुनि की रेती ऋषिकेश हरिद्वार और ज्वालापुर के क्षेत्रों में गंगा किनारे किया जा रहा है। मेलाधिकारी आनंद वर्धन ने बताया कि 14 जनवरी को मकर संक्राति के अवसर पर होने वाले स्नान की तैयारियां पूरी कर ली गई हैं और स्नानार्थियों को किसी प्रकार की दिक्कत का सामना न करना पडे इसके लिए मेला क्षेत्र में प्रवेश करने वाले सभी रास्तों के लिए एक विस्तृत कार्य योजना को अंतिम रूप दे दिया गया है। कुंभ मेले में सुरक्षा की द्रष्टि से मेला क्षेत्र के पहाड़ी हिस्सों में अब तक 39 क्लोज सर्किट कैमरे लगाए गए हैं।

इनमें से ऋषिकेश क्षेत्र में 11, मुनि की रेती के क्षेत्र में 12 लक्ष्मणझूला क्षेत्र 10 और नीलकंठ क्षेत्र में छह कैमरे लगाए गए हैं। बर्धन ने बताया कि करीब चार महीने चलने वाले महाकुंभ के दौरान पहला स्नान 14 जनवरी मकर संक्राति को होगा जबकि दूसरा स्नान इसके ठीक दूसरे दिन 15 जनवरी को सूर्यग्रहण के अवसर पर मौनी अमावस्या के दिन होगा। महाकुंभ का तीसरा स्नान 20 जनवरी को बसंत पंचमी के दिन चौथा स्नान 30 जनवरी को माघ पूर्णिमा के दिन सम्पन्न होगा। महाकुंभ का प्राण कहा जाना वाला पहला शाही स्नान 12 फरवरी को महाशिव रात्रि के अवसर पर और दूसरा शाही स्नान 15 मार्च को सोमवती अमावस्या के दिन और तीसरा शाही स्नान 14 अप्रैल बैशाखी के दिन होगा।

इसके अतिरिक्त 16 मार्च को नव संवतारंभ 24 मार्च को श्रीराम नवमी 30 मार्च को चौत्र पूर्णिमा और 28 अप्रैल को बैशाख पूर्णिमा का स्नान होगा। विभिन्न स्नान पर्वो पर आने वाले श्रद्घालुओं की भारी संख्या को देखते हुए पूरे इलाके को 31 सेक्टरों में बांटा गया है और प्रत्येक सेक्टर में एक सेक्टर मजिस्ट्रेट की तैनाती की गई है जिसके नियंत्रण में पूरे मेला का संचालन किया जाएगा। सभी सेक्टरों में चिकित्सा सुरक्षा खाद्य आवास की व्यवस्था पूरी कर ली गई है। कुछ ही स्थान ऐसे हैं जहां अभी टेंट लगाए जा रहे हैं और वहां बिजली व्यवस्था का काम भी युद्घस्तर पर जारी है।

महाकुंभ के दौरान पडऩे वाले आठ स्नान पर्वो और तीन शाही स्नान पर्वो के दौरान सुरक्षा की चाक चौबन्द व्यवस्था की गई है। पूरे हरिद्वार मेला क्षेत्र में जमीन और जल के रास्ते लोगों की सुरक्षा सुनिश्चित की जाएगी, वहीं हेलीकाप्टरों से सुरक्षाकर्मी पूरे मेला क्षेत्र पर चौकस ²ष्टि रखेंगे। राज्य के मुख्यमंत्री रमेश पोखरियाल निशंक ने बताया कि सुरक्षा को लेकर किसी प्रकार की कोताही नहीं की जाएगी और लोगों को सुरक्षित स्नान कराना सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता होगी।



महाकुंभ का पहला स्नान आगामी 14 जनवरी को मकर संक्राति के अवसर पर होगा। इस दिन से ही मेला प्रारंभ हो जाएगा और करीब पचास लाख की संख्या में लोग इस अवसर पर गंगा में स्नान कर पुण्य लाभ लेने आएंगे। मेला क्षेत्र के पुलिस उपमहानिदेशक आलोक शर्मा ने बताया कि मकर संक्रांति के अवसर पर केंद्रीय सुरक्षाबल की आठ कंपनी रैपिड एक्शन फोर्स की दो कंपनी और केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल की चार कंपनियों को विशेष तौर पर तैनात किया जाएगा।

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