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Sunday, July 5, 2009

पर्यटन: लुभाएंगी अछूती वादियां

कोटद्वार (पौड़ी गढ़वाल)। लैंसडौन वन प्रभाग के अंतर्गत कोटद्वार-सनेह- कोल्हूचौड़ व कोटद्वार-दुगड्डा-मोड़ाखाल- नौड़ी को इको पर्यटन सर्किट के रूप में विकसित करने की कवायद शुरू हो गई है। प्रभाग की ओर से इस संबंध में शासन को 43 लाख का प्रस्ताव भेजा गया है।

स्थानीय बेरोजगारों को पर्यटन से जोड़ कर उनकी आर्थिकी को सुदृढ़ करने के उद्देश्य से लैंसडौन वन प्रभाग कोटद्वार-सनेह-कोल्हूचौड़ व कोटद्वार-दुगड्डा-मोड़ाखाल-नौड़ी को इको टूरिज्म पर्यटन सर्किट के रूप में विकसित करने की मंशा बना ली है। विभाग का कहना है कि दोनों स्थान प्राकृतिक छटा से भरपूर हैं, जो बड़ी संख्या में पर्यटकों को आकर्षित कर सकते हैं। खोह व कोल्हू नदियों के मध्य अवस्थित सनेह क्षेत्र में स्थित कोल्हूचौड़ में प्रभाग का सबसे बड़ा चौड़ है। यहां हिरन की विभिन्न प्रजातियों के अलावा हाथी, बाघ आदि वन्यजीवों की खासी तादाद मौजूद है।

उधर, नौड़ी क्षेत्र वन्य जीवों एवं जैव विविधता से परिपूर्ण है। दुगड्डा-कोटद्वार के मध्य टूट गधेरा वन क्षेत्र को हाथी राजाजी व कार्बेट नेशनल पार्क के मध्य आवागमन हेतु बतौर कॉरीडोर प्रयुक्त करते हैं। सड़क मार्ग पर होने के कारण दोनों स्थानों पर पर्यटकों को आवाजाही भी आसानी से हो सकती है। इस संबंध में लैंसडौन वन प्रभाग की ओर से शासन को 43 लाख का प्रस्ताव भेजा गया है। इसके तहत सनेह व मोड़खाल में पर्यटकों के ठहरने के लिए चार प्रीफैब्रिकेटेड/बैंबू हट का निर्माण प्रस्तावित है। इसके अलावा मोड़खाल से नौड़ी के मध्य ट्रैक/ट्रेल रूट भी बनाया जाना है। प्रस्ताव में कोटद्वार-दुगड्डा-मोड़खाल-नौड़ी पर्यटन सर्किट को कोटद्वार-रथुवाढाब-हल्दूपड़ाव सर्किट से जोड़ने की बात कही गई है, ताकि पर्यटक आसानी से कार्बेट नेशनल पार्क से जुड़ सकें। प्रभागीय वनाधिकारी निशांत वर्मा ने बताया कि उक्त प्रस्ताव स्वीकृति के लिए शासन को भेज दिया गया है। उन्होंने बताया कि यदि प्रस्ताव पर सहमति की मुहर लग जाती है तो स्थानीय बेरोजगारों को रोजगार के नए अवसर मिलेंगे। साथ ही क्षेत्र में पर्यटकों की आवाजाही भी बढ़ जाएगी।



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