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रामनगर: लगता है वन्य जीवों के वास स्थल में खलल व चोरी-छिपे टाइगर कॉरिडोर में घुसपैठ जिप्सी चालकों की नियति बन गई है। यही वजह है कि सख्त आदेशों के बावजूद पर्यटकों को मोटी कमाई के फेर में नाइट सफारी कराई जा रही है। सूत्रों की मानें तो शुक्रवार की देर रात सैलानियों से भरी करीब आधा दर्जन जिप्सियों ने पाटकोट मार्ग पर बाघों की शांति में दखल किया।
दरअसल, कॉर्बेट टाइगर रिजर्व में वन्य जीवों के वास स्थल में घुसपैठ व जंगलों में मानवीय दखलंदाजी से जीव हिंसक होते जा रहे हैं। सबसे ज्यादा असर वन्य जीवों की जीवन शैली चक्र पर पड़ रहा है। ऐसे में वन्य जीव व मानव के बीच संघर्ष की घटनाएं भी बढ़ रही हैं। मामले की गंभीरता के मद्देनजर रामनगर वन प्रभाग के डीएफओ रविन्द्र जुयाल ने तत्काल प्रभाव से नाइट सफारी पर रोक के निर्देश तो दिए मगर जिप्सी संचालकों ने इसे ताक पर रख फिर वन्य जीव बहुल क्षेत्र में सीधा दखल दे डाला। अकेले पाटकोट मार्ग पर ही बीती रात लगभग पांच-छह जिप्सी पर्यटकों को नाइट सफारी कराने के लिए बाघों के वास स्थलों के इर्दगिर्द मंडराई।
जुर्माना व कानूनी कार्रवाई होगी: डीएफओ
डीएफओ रवींद्र जुयाल ने कहा, निर्देशों का सख्ती से पालन कराया जाएगा। रेंज अधिकारी शाम सात बजे के बाद जिप्सियों पर नजर रखेंगे। नाइट सफारी पर भारी जुर्माना व कानूनी कार्रवाई की कराई जाएगी। रात्रि को गेट पर वन कर्मचारी मुस्तैद रहेंगे। अब भंडारपानी में भी एक दिन में केवल 15 जिप्सियां ही सीतावनी जायेगी। इसकी अनुमति रामनगर वन प्रभाग से ही दी जाएगी।
in.jagran.yahoo.com se sabar
दरअसल, कॉर्बेट टाइगर रिजर्व में वन्य जीवों के वास स्थल में घुसपैठ व जंगलों में मानवीय दखलंदाजी से जीव हिंसक होते जा रहे हैं। सबसे ज्यादा असर वन्य जीवों की जीवन शैली चक्र पर पड़ रहा है। ऐसे में वन्य जीव व मानव के बीच संघर्ष की घटनाएं भी बढ़ रही हैं। मामले की गंभीरता के मद्देनजर रामनगर वन प्रभाग के डीएफओ रविन्द्र जुयाल ने तत्काल प्रभाव से नाइट सफारी पर रोक के निर्देश तो दिए मगर जिप्सी संचालकों ने इसे ताक पर रख फिर वन्य जीव बहुल क्षेत्र में सीधा दखल दे डाला। अकेले पाटकोट मार्ग पर ही बीती रात लगभग पांच-छह जिप्सी पर्यटकों को नाइट सफारी कराने के लिए बाघों के वास स्थलों के इर्दगिर्द मंडराई।
जुर्माना व कानूनी कार्रवाई होगी: डीएफओ
डीएफओ रवींद्र जुयाल ने कहा, निर्देशों का सख्ती से पालन कराया जाएगा। रेंज अधिकारी शाम सात बजे के बाद जिप्सियों पर नजर रखेंगे। नाइट सफारी पर भारी जुर्माना व कानूनी कार्रवाई की कराई जाएगी। रात्रि को गेट पर वन कर्मचारी मुस्तैद रहेंगे। अब भंडारपानी में भी एक दिन में केवल 15 जिप्सियां ही सीतावनी जायेगी। इसकी अनुमति रामनगर वन प्रभाग से ही दी जाएगी।
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