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प्रशासन द्वारा पुलिस को राज्य में शांति एवं सुरक्षा वयवस्था को बनाये रखने के लिए बनाया गया,
लेकिन जब रक्षक ही भक्षक बन जाये तो क्या होगा। उत्तराखंड राज्य में एक ऐसा ही मामला सामने आया है, जिसमे रुद्रप्रयाग के एक 58 साल के वरिष्ठ इंस्पेक्टर ने पुलिस की ही गाड़ी में एक महिला की आबरू लूट ली। जिले की रिजर्व पुलिस के रूप में समाज की रक्षा करने वाले इस वरिष्ठ इंस्पेक्टर ने मानवता को भी शर्मसार कर दिया।
अपने आप को मित्र पुलिस कहने वाली उत्तराखंड पुलिस का एक चेहरा एक बार फिर से शर्मसार हो गया है। बीते सोमवार रात को जिम्मेदार पद पर तैनात वरिष्ठ पुलिस इंस्पेक्टर ने एक ऐसी घटना को अंजाम दिया है, जिससे रुद्रप्रयाग जिले में ही नहीं, अपितु पूरे राज्य में पुलिस के नाम पर दाग लग गया है। घटना से पूरा पुलिस महकमा शर्मशार है।
जिले में अब तक पुलिस द्वारा महिलाओं के साथ बलात्कार करने के दो मामले प्रकाश में आए हैं, जिसमें एक तिलबाड़ा में ट्रैफिक व्यवस्था के लिए तैनात पुलिस कांस्टेबल विनोद सहारनपुर निवासी का नाम आया था। दूसरा मामला मंगलवार को जिले में प्रकाश में आया है। हालांकि दोनो मामलों में पुलिस अधिकारियों ने त्वरित कार्यवाही करते हुए जरूर आरोपी पुलिस कर्मियों के खिलाफ कार्यवाही कर जेल भेजा दिया है, लेकिन सवाल इस बात का है कि जिन पुलिस वालों पर कानून व्यवस्था का जिम्मा है, यदि वह ही ऐसे घृणित कार्यो को अंजाम देंगे, तो जनता में मित्र पुलिस की भूमिका पर सवाल उठने लाजमी हैं। जिले में पुलिस अपने चेहरे पर लगे इन दाग को धोने का जितना भी प्रयास करे, लेकिन यह आसानी से मिटने वाले नहीं हैं।
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thank for connect to garhwali bati