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Tuesday, April 5, 2011

क्यों छोड़ रहे हैं लोग सुंदर गांव

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पहाड़ों से लगातार हो रहे पलायन और यहां की जीवनशैली पर अध्ययन करने के लिए दक्षिण एशिया के देशों के वैज्ञानिकों का कहना है कि उत्तराखंड के पहाड़ न सिर्फ स्वर्ग है, बल्कि यहा उपलब्ध प्राकृतिक संशाधन रोजगार देने में भी सक्षम हैं। इसके बावजूद भी यहां के लोग पहाड़ छोड़कर पलायन कर रहे हैं यह उनकी समझ से भी परे है।
दक्षिण एशिया के आठ देशों का दल इन दिनों चमोली जिला भ्रमण पर है। दल चमोली के गांवों में भ्रमण कर ग्रामीण परिवेश, रोजगार के साधन व संभावनाओं का अध्ययन कर रहा दल सामाजिक संगठनों से भी मुलाकात रहा है। इतना ही नहीं विदेशी छात्रों का दल पर्यावरण, सामाजिक व आर्थिक मुद्दों पर भी अध्ययन कर रहा है। फोल्का हाईस्कूल स्वीडन में स्नातक स्तर की पढ़ाई के दौरान प्रोफेसर अन्दस की अगुआई में भारत आया दल इन दिनों चमोली के गांवों की जीवन शैली व संस्कृति के साथ-साथ शिक्षा, स्वास्थ्य, रोजगार, आजीविका, पर्यावरण और सामाजिक आर्थिक गतिविधियों का गहनता से अध्ययन कर रहा है। जिले में सात दिवसीय भ्रमण के लिए पहुंचे दल को न सिर्फ यहां की सुन्दरता बल्कि अतिथि देवो भव: की परम्परा ने काफी प्रभावित किया है। दल की सदस्य सारा का कहना है कि उत्तराखंड की वादियां स्वर्ग के समान हैं। गांवों की संस्कृति व परम्परा से प्रभावित सारा का कहना है कि विकट भौगोलिक परिस्थिमियों में भी जीवंत शैली पहाड़ों की सुन्दरता को चार चांद लगाती हैं। उन्होंने प्राकृतिक संशाधन आधारित रोजगार की अपार संभावना होने के बाद भी सुंदर गांवों से हो रहे पलायन को दुर्भाग्यपूर्ण बताया। विदेशी छात्र-छात्राओं के दल में सान्द्रा, अन्ना, कौरिन, मैडिलियन, सैमुअल समेत दो छात्र व आठ छात्राएं शामिल हैं। चमोली में दल को भ्रमण करने में सहयोग कर रहे जीत सनवाल व हेमा भट्ट ने बताया कि आठ सदस्यीय यह दल दक्षिण एशिया भारत समेत बांग्लादेश व नेपाल का भी भ्रमण करेगा।
in.jagran.yahoo.com se sabhar

1 comment:

  1. Kyonki Na to wanha pahale jensi hansi rahi or na khushi log pense ke liye pagal ho rahe hai sarkar nakam hai Low & justice to gayab ho gaya log adalat ka darwaja karkane se darate hai 1 mahine ka kam ek sal may bhi nahi hota tarikh Pe tarikh pata nahi kitani tarikh ab to kanoon ko dekh kar dar lagata hai sarkar 4 sal or 9 mahine soi rahati hai last ke 3 mahine unhe parchar or alag kam karna parta hai log paresan hai

    Mr. Nisank ne jo kiya wah tarif layak hai lekin justice & low ke mamale may unhone 10/1.1 ank hi paye low & justice may way fail rahe

    Log kahate hai ki likhane wale ghoot hote hai is liye nam chhore ja raha hnu Ravindra Singh Negi Pourigarhwal Proble slow Justice

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