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मुख्यमंत्री डा. रमेश पोखरियाल निशंक ने कहा कि टिहरी बांध की झील जलक्रीड़ा प्रतियोगिताओं के लिए विश्वस्तरीय साबित होगी.
उन्होंने कहा कि इस झील से स्थानीय लोगों को रोजगार भी मिलेगा. स्थानीय लोगों के लिए रोजगार के लिए उन्होंने अलग नीति बनाने की घोषणा की. उन्होंने दावा किया कि निकट भविष्य में टिहरी पर्यटन हब होगा. मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखंड हिम क्रीड़ा के क्षेत्र में दक्षिण एशिया में अपनी पहचान बना चुका है और अब बारी जल क्रीड़ा क्षेत्र में राज्य को शीर्ष पर लाने की है. उन्होंने जल क्रीड़ा खेलों के प्रशिक्षण के लिए जल्द ही पांच करोड़ रुपये अवमुक्त करने की घोषणा की.
कोटी कालोनी में टिहरी महोत्सव के तहत जल क्रीड़ाओं के प्रदर्शन के उद्घाटन के बाद मुख्यमंत्री ने कहा कि टिहरी के लोगों ने बांध के पुनर्वास के कारण काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ा है, मगर अब इस क्षेत्र के नाम उपलब्धियां होंगी. स्थानीय लोगों को रोजगार प्रदान करना उन्होंने अपनी प्राथमिकता बताई. इसके लिए उन्होंने आयुक्त गढ़वाल को विशेष नीति बनाने के निर्देश दिए.
उन्होंने दावा किया कि पर्यटन के क्षेत्र में टिहरी का विकास होगा और हजारों लोग यहां का रुख करेंगे. प्रदेश सरकार इसके लिए पर्यटन योजना बना रही है. उन्होंने बताया कि पर्यटन के अलावा मत्स्य पालन परियोजना पर भी जोर दिया गया है, जिससे हर साल रू. 300 करोड़ से अधिक आय होगी.
मुख्यमंत्री ने सांस्कृतिक झांकियों, देव डोलियों और विभिन्न विभागों के स्टॉलों को भी सराहा. इस मौके पर सूबे के मुखिया ने टिहरी में कृषकों के लिए एक करोड़ रुपये की लागत से कृषि भवन बनाने और होटल मैनेजमेंट संस्थान की स्थापना और नई टिहरी पुनर्वासित शहर के लिए जल व सीवर टैक्स में विशेष रियायत देने की घोषणा की.
साथ ही उन्होंने अधिकारियों के बौराड़ी स्टेडियम का विस्तार करने, पुरानी टिहरी की सांस्कृतिक धरोहरों को अक्षुण्ण रखने के लिए एक म्यूजियम खोलने और नई टिहरी की सड़कों के विस्तार व दुरुस्तीरकरण के निर्देश दिए. इस अवसर पर प्रदेश के सिंचाई मंत्री मातबर सिंह कंडारी, दैवीय आपदा मंत्री खजान दास, विधायक ओम गोपाल रावत, विजय पंवार, जिला पंचायत अध्यक्ष रतन सिंह गुनसोला, दर्जाधारी बीडी रतूड़ी, आदित्य कोठारी, ज्योति गैैरोला, ज्ञान सिंह नेगी, भाजपा जिलाध्यक्ष विनोद सुयाल, कांगेस अध्यक्ष कीर्ति सिंह नेगी, दुग्ध संघ के धन सिंह नेगी, सहकारी बैंक के अध्यक्ष घनश्याम नौटियाल, पूर्व ब्लॉक प्रमुख खेम सिंह चौहान सहित कई लोग उपस्थित थे.
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कोटी कालोनी में टिहरी महोत्सव के तहत जल क्रीड़ाओं के प्रदर्शन के उद्घाटन के बाद मुख्यमंत्री ने कहा कि टिहरी के लोगों ने बांध के पुनर्वास के कारण काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ा है, मगर अब इस क्षेत्र के नाम उपलब्धियां होंगी. स्थानीय लोगों को रोजगार प्रदान करना उन्होंने अपनी प्राथमिकता बताई. इसके लिए उन्होंने आयुक्त गढ़वाल को विशेष नीति बनाने के निर्देश दिए.
उन्होंने दावा किया कि पर्यटन के क्षेत्र में टिहरी का विकास होगा और हजारों लोग यहां का रुख करेंगे. प्रदेश सरकार इसके लिए पर्यटन योजना बना रही है. उन्होंने बताया कि पर्यटन के अलावा मत्स्य पालन परियोजना पर भी जोर दिया गया है, जिससे हर साल रू. 300 करोड़ से अधिक आय होगी.
मुख्यमंत्री ने सांस्कृतिक झांकियों, देव डोलियों और विभिन्न विभागों के स्टॉलों को भी सराहा. इस मौके पर सूबे के मुखिया ने टिहरी में कृषकों के लिए एक करोड़ रुपये की लागत से कृषि भवन बनाने और होटल मैनेजमेंट संस्थान की स्थापना और नई टिहरी पुनर्वासित शहर के लिए जल व सीवर टैक्स में विशेष रियायत देने की घोषणा की.
साथ ही उन्होंने अधिकारियों के बौराड़ी स्टेडियम का विस्तार करने, पुरानी टिहरी की सांस्कृतिक धरोहरों को अक्षुण्ण रखने के लिए एक म्यूजियम खोलने और नई टिहरी की सड़कों के विस्तार व दुरुस्तीरकरण के निर्देश दिए. इस अवसर पर प्रदेश के सिंचाई मंत्री मातबर सिंह कंडारी, दैवीय आपदा मंत्री खजान दास, विधायक ओम गोपाल रावत, विजय पंवार, जिला पंचायत अध्यक्ष रतन सिंह गुनसोला, दर्जाधारी बीडी रतूड़ी, आदित्य कोठारी, ज्योति गैैरोला, ज्ञान सिंह नेगी, भाजपा जिलाध्यक्ष विनोद सुयाल, कांगेस अध्यक्ष कीर्ति सिंह नेगी, दुग्ध संघ के धन सिंह नेगी, सहकारी बैंक के अध्यक्ष घनश्याम नौटियाल, पूर्व ब्लॉक प्रमुख खेम सिंह चौहान सहित कई लोग उपस्थित थे.
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