देहरादून। रामनगर स्थित जिम कार्बेट नेशनल पार्क में आल इंडिया टाइगर कांफ्रेस शुक्रवार से शुरू होगी। दो दिवसीय इस कांफ्रेंस का उद्घाटन केंद्रीय पर्यावरण एवं वन राज्य मंत्री जयराम रमेश करेंगे। कांफ्रेंस में देश के 17 प्रदेशों के वन सचिव, प्रमुख मुख्य वन सरंक्षक, मुख्य वन्यजीव प्रतिपालक और देश के जाने माने बाघ विशेषज्ञ, बाघों के शिकार पर रोक के तरीकों, उनके रिलोकेशन और राष्ट्रीय बाघ गणना पर विचार-विमर्श करेंगे।
वर्ष 2009 देश में बाघों के लिए बुरा साबित हुआ है। पिछले साल और इस साल की शुरुआत में देश में शिकार और अन्य कारणों से करीब छह दर्जन बाघ मौत के शिकार हुए है। इसने वन्यजीव विशेषज्ञों के माथे पर चिंता की लकीरें खींच दी हैं। पिछले दिनों दून आए पर्यावरण एवं राज्य मंत्री जयराम रमेश ने कहा था कि सरकार की बाघ बचाने में वन गुज्जरों की मदद लेने की योजना है। यही नहीं उन्होंने बाघों की सुरक्षा के लिए विभिन्न कड़े कदम उठाने की बात भी कही थी। भारतीय वन्यजीव संस्थान के डीन डा. विनोद माथुर ने बताया कि भारतीय पर्यावरण एवं वन राज्य मंत्री जयराम रमेश की पहल पर आयोजित इस राष्ट्रीय कार्यक्रम में बाघ संरक्षण परियोजनाओं की सफलता व कमियों पर विचार किया जाएगा। सम्मेलन में डब्लूआईआई के निदेशक डा. प्रिय रंजन सिन्हा, वरिष्ठ वैज्ञानिक डा. यादवेंद्र वी. झाला, कमर कुरैशी, के. शंकर समेत अनेक वन्यजीव विशेषज्ञ हिस्सा लेंगे।
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