नगर पालिका ने ली आवारा पशुओं की सुध
( सुदर्शन सिंह रावत ) पौड़ी गढ़वाल उत्तराखंड के पहाडी क्षेत्रों से लगातार हो रहे पलायन कर गए लोग, अपने पीछे उन बेजुबान व निरीह पशुओं को पौड़ी व श्रीनगर, या फिर जंगलो में छोड़कर शहरो में पलायन कर गए वही इस बरसात के मौसम ने लोगों को घरों के भीतर कैद करके रख दिया है,वही दूसरी ओर यह जानवर पेट भरने की चाह में दिन रात सड़कों पर टहलते हुए देखे जा सकते हैं घोरबटी द्वारा पूर्व में कई बार आवारा पशुओं की समस्या को उठा चुका है। नगर पालिका द्वारा संज्ञान लेते हुए शहर की गलियों व सड़कों में आवारा घूम रहे पशुओं को पहले चरण में केवल गायों को शहर से बाहर टिहरी की एक समिति को सौंपा जा रहा है समिति केवल गायों को ही रखा जाता है। वहीँ दूसरी तरफ आवारा पशुओं के सड़कों पर आपस में लड़ने से जहाँ अफरा-तफरी का माहौल भी पैदा होता है। तथा वहीं कूड़े के ढेरों, सड़कों और गलियों पर मंडराते इन पशुओं के कारण गंदगी भी फैलती है। कई बार इनके कारण शहर में जाम की स्थिति भी पैदा हो जाती है, अभी भी शहर में इस वक्त करीब सौ से अधिक छोटे-बड़े आवारा पशु घूमते ह्वए देखे जा सकते है !