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देहरादून। मूसलाधार बारिश से चमोली जिले में जोशीमठ व बदरीनाथ के बीच दो अलग-अलग स्थानों पर डेढ़ सौ मीटर सड़क पानी में बह गई। इससे ऋषिकेश-बदरीनाथ राष्ट्रीय राजमार्ग पर यातायात और पैदल आवागमन ठप हो गया है। साढ़े पांच हजार तीर्थ यात्री बदरीनाथ व हेमकुंट साहिब क्षेत्र में फंसे हैं। आपदा प्रबंधन राज्य मंत्री खजान दास ने जिलाधिकारी को मार्ग में फंसे यात्रियों के ठहरने और भोजन की उचित व्यवस्था करने के निर्देश दिए हैं। उधर, ऋषिकेश-गंगोत्री राष्ट्रीय राजमार्ग भटवाड़ी के पास भारी भूस्खलन के कारण पांचवें दिन भी बंद रहा।
चमोली जिले में भारी बारिश से अलकनंदा नदी और धौली गंगा का जलस्तर बढ़ गया। जोशीमठ और बदरीनाथ के बीच विष्णुप्रयाग के पास हुए भूमि कटाव से 100 मीटर सड़क पानी में बह गई। इसके अलावा, लामबगड़ के पास खचाचढ़ा नाले का पानी बढ़ने से उस पर बना पुल और 50 मीटर सड़क बह गई। जिला प्रशासन के मुताबिक लगभग चार हजार यात्री बदरीनाथ धाम व लगभग डेढ़ हजार यात्री हेमकुंट साहिब क्षेत्र में फंसे हुए हैं। अलकनंदा नदी का जलस्तर बढ़ने से पाण्डुकेश्वर के पास शेषधारा नामक स्थान पर नदी किनारे स्थित साधुओं की तीन कुटियाएं भी बह गई। तीनों साधु सुरक्षित बताए जा रहे हैं। माणा से बदरीनाथ की ओर आ रही एक बुलेरो जीप संख्या यूके 07 टीए-2987 पाटिया नाले में फंस गई। चालक व यात्रियों के बाहर उतरते ही यह जीप पानी के तेज बहाव में बहकर अलकनंदा नदी में समा गई। आपदा प्रबंधन राज्य मंत्री खजान दास ने जिलाधिकारी चमोली को यात्रियों के ठहरने और भोजन की उचित व्यवस्था करने के निर्देश दिए हैं। डीएम चमोली नीरज सेमवाल ने बताया कि राजमार्ग को खोलने का कार्य चल रहा है। दो-तीन दिन में यातायात सुचारू कर दिया जाएगा। दूसरी ओर, बारह अगस्त से भूस्खलन की जद में आए उत्तरकाशी जिले के भटवाड़ी बाजार में भूधंसाव अभी भी जारी है। देश विदेश से गंगोत्री धाम की यात्रा पर निकले यात्रियों के तकरीबन चार सौ वाहन गंगोत्री की तरफ फंसे हैं।
jagran se sabhar
चमोली जिले में भारी बारिश से अलकनंदा नदी और धौली गंगा का जलस्तर बढ़ गया। जोशीमठ और बदरीनाथ के बीच विष्णुप्रयाग के पास हुए भूमि कटाव से 100 मीटर सड़क पानी में बह गई। इसके अलावा, लामबगड़ के पास खचाचढ़ा नाले का पानी बढ़ने से उस पर बना पुल और 50 मीटर सड़क बह गई। जिला प्रशासन के मुताबिक लगभग चार हजार यात्री बदरीनाथ धाम व लगभग डेढ़ हजार यात्री हेमकुंट साहिब क्षेत्र में फंसे हुए हैं। अलकनंदा नदी का जलस्तर बढ़ने से पाण्डुकेश्वर के पास शेषधारा नामक स्थान पर नदी किनारे स्थित साधुओं की तीन कुटियाएं भी बह गई। तीनों साधु सुरक्षित बताए जा रहे हैं। माणा से बदरीनाथ की ओर आ रही एक बुलेरो जीप संख्या यूके 07 टीए-2987 पाटिया नाले में फंस गई। चालक व यात्रियों के बाहर उतरते ही यह जीप पानी के तेज बहाव में बहकर अलकनंदा नदी में समा गई। आपदा प्रबंधन राज्य मंत्री खजान दास ने जिलाधिकारी चमोली को यात्रियों के ठहरने और भोजन की उचित व्यवस्था करने के निर्देश दिए हैं। डीएम चमोली नीरज सेमवाल ने बताया कि राजमार्ग को खोलने का कार्य चल रहा है। दो-तीन दिन में यातायात सुचारू कर दिया जाएगा। दूसरी ओर, बारह अगस्त से भूस्खलन की जद में आए उत्तरकाशी जिले के भटवाड़ी बाजार में भूधंसाव अभी भी जारी है। देश विदेश से गंगोत्री धाम की यात्रा पर निकले यात्रियों के तकरीबन चार सौ वाहन गंगोत्री की तरफ फंसे हैं।
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