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Sunday, March 11, 2012

उत्कृष्ट कार्य करने वाली महिलाएं सम्मानित

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सामाजिक क्षेत्रों में उत्कृष्ट कार्य करने वाली महिलाओं को सम्मानित किया गया। पत्रकारिता, सामाजिक जन आन्दोलन, स्वरोजगार, महिला जन स्वास्थ्य और महिला समूह के क्षेत्र में आदर्श स्थापित करने वाली इन महिलाओं से प्रेरणा लेनी चाहिए ।
अलकनंदा नदी तट पर स्थित शारदा घाट में आयोजित कार्यक्रम में पत्रकारिता के लिए गंगा असनोड़ा थपलियाल, सामाजिक जन आन्दोलन के लिए बीना चौधरी, स्वरोजगार के लिए विमला रावत, महिला स्वास्थ्य के लिए सौला देवी और महिला समूह के लिए सुशीला भंडारी को सम्मानित किया गया। कार्यक्रम की मुख्य अतिथि ब्लॉक प्रमुख खिर्सू आरती भंडारी ने सम्मान पत्र, स्मृति चिन्ह और शॉल भेंटकर महिलाओं को सम्मानित किया। उन्होंने कहा कि महिला विकास की योजनाओं और कार्यक्रमों भर से महिलाओं को सशक्त नहीं किया जा सकता। आवश्यक है कि प्रत्येक महिला की भागीदारी ऐसे कार्यक्रमों में आवश्यक रूप से हो। प्रभा खंडूड़ी ने कहा कि महिलाओं को बेहतर शिक्षा और विकास कार्यों में भागीदारी की जानी चाहिए, तभी पूरे समाज का विकास होगा। बाल विकास परियोजना अधिकारी शकुंतला रावत ने कहा कि महिलाओं के विकास के बिना पहाड़ के विकास की कल्पना भी नहीं की जा सकती है। कार्यक्रम में संयोजक डॉ. अरविंद दरमोड़ा, प्रो. जेपी पचौरी, डॉ. मोहन पंवार, रणजीत सिंह जाखी, पार्वती सजवाण, विनोद डंगवाल, अनिता उनियाल समेत अन्य लोग मौजूद रहे।

जंगल धू-धू कर हो गए राख

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कोटद्वार रेंज के अंतर्गत ग्वालगढ़ बीट के जंगल धू-धू कर राख हो गए। दावानल की चपेट से वन का करीब डेढ़ हेक्टेयर हिस्सा जलकर राख हो गया है।
रविवार को प्रभाग की कोटद्वार रेंज के अंतर्गत ग्वालगढ़ बीट कक्ष संख्या पांच के जंगलों में रविवार सुबह आग भड़क गई। देखते ही देखते आग ने जंगल के बड़े हिस्से को अपनी चपेट में ले लिया। सूचना मिलने के बाद मौके पर पहुंचे वनकर्मियों ने फायर लाइनें काट किसी तरह आग पर काबू पा लिया। वन क्षेत्राधिकारी ने बताया कि आग से करीब डेढ़ हेक्टेयर क्षेत्र प्रभावित हुआ है। अग्निकांड के कारणों पर उन्होंने बताया कि रविवार सुबह गांव की महिलाएं घास लेने जंगल गई थी, वहां उन पर मधुमक्खियों के झुंड ने हमला कर दिया। महिलाओं ने मधुमक्खियों से बचने के लिए मशाल जलाई और बाद में जलती मशाल जंगल में छोड़ दी। उन्होंने संभावना जताते कहा कि यही मशाल दावानल का कारण बनी।  वन क्षेत्राधिकारी ने बताया कि  जंगल से दो-तीन दरांतियां, रस्सी व चप्पलें भी मिली हैं।
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