Movie Download

Ghaur Bati Search

image ad

Chitika

Saturday, February 19, 2011

ढोल और दमाउं बनाने/बजाने की परंपरा संकट में ?

ढोल और दमाउं बनाने/बजाने की परंपरा संकट में ?
(सुदर्शन सिंह रावत) उत्तराखंड के पहाड़ो में शादी कि खुशियाँ व देव पूजा या मांगलिक कार्यों में ढोल और दमाउं बजाने की परंपरा अब समाप्त होती जा रही है ढोल बजाने वाले दलित वर्ग व कई पिछड़े और विकास से दूर की आवाज है उनको राज्य में कोई सम्मान नहीं दिया जा रहा है। ढोल दमाऊं उत्तराखण्ड के परंपरागत वाद्य हैं और इसको केवल दलित वर्ग के ही लोगों द्वारा बजाया जाता है आज धीरे- धीरे ढोल और दमाउं बनाने/बजाने की परंपरा समाप्त होती जा रही है। इस परंपरा को जीवित रखने के लिये राज्य सरकार द्वारा अभी तक कोई भी कदम इनके विकास व इस कला के संरक्षण के लिए कोई भी कदम नहीं उठाये गई है इस कला के संरक्षण को जीवित रखने के लिये सरकार को कुछ न कुछ करना ही होगा जैसे पेंशन की व्यवस्था व नये तकनिकी के माध्यम से विकास करना यहाँ तक कि राज्य आन्दोलन दौरान और रैली मे इन ढोल वादकों की पूरी भागीदारी रहती थी। लोग इनके ढोल दमाऊं की थापों पर राज्य बनाये जाने के गीतों को गा-गा कर जन जागरण करते थे। लेकिन राज्य बनने के बाद इन ढोल वादकों को एकदम से भुला दिया गया !

Wednesday, February 16, 2011

शिक्षा के अधिकार अधिनियम की धज्जियां

पानी

शिक्षा के अधिकार अधिनियम की धज्जियां

(सुदर्शन सिंह रावत) उत्तराखंड के रुद्रप्रयाग जिले से कुछ ही किलो मीटर दूर श्यामा प्रसाद अभिनव विद्यालय में स्कूल प्रबंधको की मनमानी के कारण जिन बच्चो के हाथ में पेन और किताबे होने चाहिए थी आज उन छोटे-छोटे नौनिहाल के हाथों में पानी कि बाल्टी है देश में शिक्षा का अधिकार अधिनियम भले ही लागू हो लेकिन छह से 14 वर्ष तक के बच्चों को बुनियादी शिक्षा के दायरे में लाने वाले इस कानून पर अमल से उत्तराखंड में अभी कोसों दूर है। तमाम कोशिशों के बावजूद प्रदेश के स्कूलों में कोई सुधार नहीं हो रहा है सूबे में बड़ी संख्या में ऐसे स्कूल हैं जिनमें बच्चों के लिए मूलभूत सुविधाओं का अभाव है। सूबे के बदहाल शैक्षिक परिदृश्य को उजागर करती है एक तरफ भारत सरकार सर्ब शिक्षा अभियान पूरे देश में चला रही है वही दूसरी तरफ श्यामा प्रसाद अभिनव विद्यालय द्वारा इस अभियान की धज्जियां उडाई जा रही है! ग्रामीणों ने कभी भी न सोचा होगा की जिन बच्चों के बेहतरी के लिए हम सरकारी स्कूलो को छोड़कर अच्छी शिक्षा के लिए डॉ श्यामा प्रसाद अभिनव विद्यालय में में बच्चो को भेज रहे है अपने बच्चो का हाल देख कर भोचक है यहां तक छोटे-छोटे नौनिहाल मासूमों का कहना है कि उन्होंने अपने घरों में कभी पानी नहीं भरा, जिससे उनके हाथ और पैरों में भी दर्द होता है। यदि कहना न माने तो स्कूल में पिटाई होती है यहाँ तक आस पास के लोगो का कहना है की प्रसाशन द्वारा कोई भी कार्यवाही नहीं की जा रही है ! अब इसे स्कूल की लापरवाही कहे या शिक्षा बिभाग कि लापरवाही ?


Monday, February 14, 2011

मसूरी में 'टॉय ट्रेन'!

पहाड़ों की रानी मसूरी में 'टॉय ट्रेन' चलाने की तैयारी जोरों पर है
मसूरी नगरपालिका के अध्यक्ष ओ पी उनियाल ने रविवार को बताया कि दिल्ली की कम्पनी के वास्तुविद् और इंजीनियरों ने कैमलबैक रोड पर मांउटरोज के आस-पास के क्षेत्र का सर्वेक्षण किया, जिसमें करीब दो किलोमीटर लम्बे मार्ग को टॉय ट्रेन चलाने के लिए उपयुक्त बताया गया है. इस रेलगाड़ी की पटरी सड़क के ऊपरी हिस्से पर तैयार होगी |
उन्होंने बताया कि माउंटरोज और तारगली के बीच यह रेलगाड़ी बैटरी और हल्के डीजल इंजन से चलाई जाएगी. यह उतराई में बैटरी से और चढ़ाई में हल्के डीजल इंजन के सहारे चलेगी |
उन्होंने बताया कि कम्पनी शीघ्र ही इसकी परियोजना रिपोर्ट और अनुमानित लागत का ब्योरा पालिका को सौंपेगी, जिसके बाद आगे की कार्रवाई की जायेगा |
samayelive.com se sabhar

ऊंचाई वाले इलाकों में हिमपात

http://garhwalbati.blogspot.com
सोनिया रावत | ऊंची पहाड़ियों ने एक बार फिर बर्फ की चादर ओढ़ ली। श्री बदरीनाथ, हेमकुंड, गोरसों बुग्याल, रुद्रनाथ समेत ऊंची चोटियों पर हिमपात होने से ठंड बढ़ गई है।
बदले मौसम के कारण ऊंचाई वाले इलाकों में हिमपात हुआ, जिससे निचले इलाकों में भी ठंड बढ़ गई। पाण्डुकेश्वर व जोशीमठ प्रतिनिधि के अनुसार श्री बदरीनाथ, हेमकुंड, घांघरिया, गोरसों बुग्याल सहित जिला मुख्यालय के समीप रुद्रनाथ व मंडल की ऊंची पहाड़ियों पर दिन में बर्फबारी होती रही।
रविवार को जिले में शीत लहर का प्रकोप रहा, वहीं केदारनाथ व तुंगनाथ में बर्फबारी हुई। दिनभर धूप न होने जिला मुख्यालय समेत अन्य कस्बों में बाजारों की रौनक भी फीकी रही। मौसम में रविवार को खासा बदलाव देखने को मिला। जहां शनिवार को तेज धूप खिली हुई थी, वहीं रविवार को पूरे दिन सूर्य देव के दर्शन तक नहीं हुए। केदारनाथ व तुंगनाथ में बर्फबारी हुई जबकि निचले स्थानों पर हल्की बूंदाबादी हुई। शीत लहर के चलते ठंड का प्रकोप काफी बढ़ गया। जिला मुख्यालय के साथ ही तिलवाड़ा, अगस्त्यमुनि, गुप्तकाशी, ऊखीमठ, फाटा, चोपड़ा सहित अन्य बाजारों में लोगों की चहलकदमी बहुत कम देखने को मिली।
कृषि के लिए अनुकूल बारिश
गुमसुम मौसम व दिन में बूंदाबांदी के साथ चली तेज ठण्डी हवाओं ने एक बार फिर लोगों को घरों में दुबकने पर मजबूर कर दिया। बीत कई दिनों से रोजाना धूप खिलने पर मौसम सुहावना हो गया था। पहाड़ों में गुनगुनी धूप गर्मी आने का अहसास कराने लगी थी लेकिन एकाएक रविवार तड़के से बदले मौसम के मिजाज ने फिर सर्दी का एहसास करा दिया। मौसम के इस मिजाज को कृषि के लिए अनुकूल माना जा रहा है। गंगोल गांव के काश्तकार दीवान सिंह का कहना है कि इन दिनों हो रही बारिश खेती के लिए अनुकूल है।

हैईटेक हुआ वेलेंटाइन

http://garhwalbati.blogspot.com
राजेश शर्मा  |  युवाओं ने प्रेम की तमाम बंदिशों के बाद अपने प्यार का इजहार करने के लिए नया रास्ता खोज लिया है। खासकर तब जब वेलेंटाइन डे के विरोध में अड़चनें ही अड़चनें हो। यह रास्ता है एसएमएस से लेकर ई-मेल का, जिसका महत्व धीरे-धीरे बढ़ता ही जा रहा है।
वेलेंटाइन वीक का आखिरी दिन यानि वेलेंटाइन डे बस चंद मिनटों बाद आ जाएगा। इस दिन को लेकर युवाओं में क्रेज बढ़ा ही है, जबकि कई बार वेलेंटाइन डे का विरोध भी हुआ है। ऐसे में युवा वर्ग बच-बचाते वेलेंटाइन से मिलने और प्यार का इजहार नहीं भूलते हैं। हालांकि प्यार का इजहार करने में दूरी तो आई है, लेकिन ई-मेल के जरिये प्यार का इजहार करना और भी आसान हो गया है। छात्रा चित्रांशी का कहना कि ई-मेल से संबंधों में प्रगाढ़ता आती है, जिसके चलते इसका क्रेज बढ़ता ही जा रहा है। छात्र अमित, दिव्याशु के अनुसार ई-मेल प्रोवाइडर कंपनियां ग्राहक को टेक्सट मैसेज ही नहीं बल्कि कार्ड, फोटो आदि की सुविधाएं मुहैया करा रही हैं। इनकी सहायता से कोई भी व्यक्ति वेलेंटाइन के लिए स्वयं भी कार्ड से अपनी दिल की बात रख सकता है। वेलेंटाइन डे को लेकर काफी उत्साहित हैं। इसका अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि रविवार को युवाओं ने जमकर गिफ्ट एवं ग्रीटिंग कार्ड खरीदे। इसमें यह भी देखा गया कि बेहतर स्लोगन किस में लिखा है। आर्चीज गिफ्ट गैलरीज की ऑनर अमिता सिंह ने बताया कि वेलेंटाइन की पूर्व संध्या पर ग्रीटिंग कार्ड की डिमांड में इजाफा हुआ है।
Related Posts Plugin for WordPress, Blogger...