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Wednesday, August 29, 2012

धारी देवी मंदिर पहुंची पर्यावरण टीम

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केंद्रीय पर्यावरण वन मंत्रालय की तीन सदस्यीय टीम बुधवार शाम को धारी देवी मंदिर पहुंची। टीम ने श्रीनगर जलविद्युत परियोजना के अंतर्गत धारी देवी मंदिर अपलिफ्ट और सौंदर्यीकरण के कार्यो का निरीक्षण किया। धारी देवी मंदिर समिति के पदाधिकारियों से भी टीम की वार्ता हुई।
इस दौरान मंदिर समिति के अध्यक्ष विश्वेश्वर पांडे, सचिव विवेक पांडे, पुजारी मनीष पांडे, माधव पांडे आदि ने कहा कि मंदिर के चारों ओर दीवार से कुआं बनाने की योजना स्वीकार्य नहीं होगी। केन्द्रीय पर्यावरण वन मंत्रालय के निदेशक वीवी बर्मन की अगुवाई में टीम के अन्य दो सदस्यों डा. वीपी दास, कैप्टन राजा ने धारी देवी से लौटकर डैम साइट स्थल का भी निरीक्षण किया। इस दौरान वीवी बर्मन ने कहा कि परियोजना क्षेत्र में नियमों का पालन हुआ है या नही, वह यह भी देखेंगे। क्षेत्र पंचायत सदस्यों ने टीम के सदस्यों से परियोजना जल्द पूरी करने की अपील की। पंचायत जनप्रतिनिधि संगठन चौरास की श्रीमती माहेश्वरी देवी के नेतृत्व में और डॉ. भीमराव अम्बेडकर विकास संघर्ष समिति मंगसू के अध्यक्ष बचदेव भारद्वाज तथा खिर्सू श्रीनगर विकास महापंचायत के अध्यक्ष राकेश कुमार, महासचिव मातबर सिंह निजवाला ने भी टीम के सदस्यों को ज्ञापन देते हुए, पर्यावरण के नाम पर परियोजना को रोका जाना बेफिजूल बताया। निरीक्षण टीम के सदस्यों वीवी बर्मन, कैप्टन राजा और डॉ. वीपी दास ने ग्रामीणों की बात को भी ध्यानपूर्वक सुना। धारी देवी मंदिर परिसर में कलियासौड़ के पूर्व प्रधान कीर्तिराम जुगरान के नेतृत्व में भी ग्रामीणों ने टीम के सदस्यों से परियोजना को पूरा करने की बात कही।
jagran.yahoo.in से साभार

बीएड छात्रों को मिलेगी उसी सत्र की डिग्री

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श्रीनगर : गढ़वाल विवि में बीएड का शिक्षा सत्र एक साल विलंब से चलने के कारण पैदा हुई डबल डिग्री की समस्या से जूझ रहे छात्रों ने बुधवार को कुलसचिव डा. उदय सिंह रावत से वार्ता कर उनके सम्मुख अपनी समस्या रखी। 2009 में कुछ शिक्षण संस्थानों द्वारा न्यायालय में याचिका दायर कर देने से वर्ष 2009-10 से गढ़वाल विवि का बीएड सत्र एक साल विलंब से चल रहा था।
कुलसचिव डॉ. उदय सिंह रावत ने कहा कि विवि ने निर्णय लिया है कि जिस सत्र में छात्र बीएड परीक्षा उत्तीर्ण करेगा, उसी सत्र की उसे डिग्री दी जाएगी। पौड़ी परिसर छात्रसंघ के अध्यक्ष के नेतृत्व में भी छात्र-छात्राओं के एक प्रतिनिधिमंडल ने इसी मुद्दे पर कुलसचिव से वार्ता की।
गढ़वाल विवि का बीएड सत्र वर्ष 2009-10 से एक साल विलंब से चलने के कारण छात्र सत्र 2009-10 की बीएड पढ़ाई वर्ष 2010-11 में करते हुए परीक्षा दे रहा था। इससे उन छात्रों के सम्मुख समस्या खड़ी हो गई, जिन्होंने उसी शैक्षणिक सत्र में पीजी की परीक्षा भी दी थी। इससे उनके सामने एक ही साल में दो डिग्रियों की समस्या खड़ी हो गई। पिछले वर्ष इस समस्या के समाधान को लेकर गढ़वाल विवि ने संबंधित छात्र-छात्राओं को प्रमाण पत्र जारी कर भी कहा था कि सत्र विलंब से चलने के बाद अलग-अलग डिग्रियां होने के बावजूद उनका वर्ष एक ही है, लेकिन प्रदेश के लोक सेवा आयोग ने इस प्रमाण पत्र को स्वीकार करने से मना कर दिया। जिसके बाद समस्या के हल को लेकर गढ़वाल विवि ने बीएड का 2011-12 का सत्र शून्य भी घोषित कर दिया। कुलसचिव डा. उदय रावत ने कहा कि जो छात्र 2010-11 में बीएड कर रहा है उसे बीएड की डिग्री 2010-11 की ही मिलेगी। संबंधित बीएड डिग्री के प्रारुप में भी तदानुसार परिवर्तन करने को लेकर विवि विचार कर रहा है।
jagran.yahoo.in से साभार 

पौधरोपण के माध्यम से गंगा प्रदूषण को रोके जाने की नायाब योजना

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हरिद्वार जिले में गायत्री मंत्री के माध्यम से भारतीय संस्कृति तथा विज्ञान को प्रसारित करने के कार्य में संलग्न ‘‘शांति कुज’’ संस्था ने अब पूरे देश में पौधरोपण के माध्यम से गंगा प्रदूषण को कम करने की नायाब योजना शुरू की है. 

शांतिकुंज स्थित देवसंस्कृति विविद्यालय के कुलपति डा0 चिन्मय पण्ड्या ने बताया कि इस योजना के तहत ऐसे हजारों की संख्या में स्वयंसेवकों के माध्यम से ऐसे पौधे लगाये जायेंगे जो गंगा प्रदूषण को रोकने में कारगर साबित होते हैं. उन्होने कहा कि इस योजना में केन्द्रीय पर्यावरण तथा वन मंत्रालय की राष्ट्रीय नदी संरक्षण निदेशालय का भी सहयोग लिया जायेगा. उन्होने कहा कि इस पूरी योजना को मूर्त रूप देने के लिये विविद्यालय में गत दिनों एक राष्ट्रीय कार्यशाला का आयोजन किया गया था. 
उन्होने कहा कि इस कार्यशाला में यह तय किया गया कि प्राकृतिक ढंग से गंगा प्रदूषण को कम करने के लिये विशेष प्रजाति के पौधों की रोपाई का कार्य अत्यंत ही कारगर साबित होगा. 
डा0 पण्ड्या ने बताया कि इस योजना के तहत गांवों में उन छोटे छोटे नालों के लिये एक एक टैंक बनाये जायेंगे जिनका गंदा जल अभी भी किन्हीं कारणों से गंगा में जाकर गिर रहा है.
samaylive.in से साभार 

पर्वतीय राज्य उत्तराखंड के विभिन्न हिस्सों में हो रही है रुक-रुक कर वर्षा

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बारिश के कारण सड़कों पर मलवा आ जाने से चार धाम मार्ग में से तीन मार्ग बंद कर दिए गए. 
आधिकारिक सूत्रों ने बुधवार 29 अगस्त को देहरादून में बताया कि गंगोत्री, यमुनोत्री और बद्रीनाथ धाम विभिन्न स्थानों पर भूस्खलन के चलते पहाडों से आये मलबे के कारण मार्ग यातायात के लिये बंद रहे.
सूत्रों के अनुसार वर्षा के चलते आम जनजीवन अस्त व्यस्त रहा. आपदाग्रस्त उत्तरकाशी जिले में राहत कार्य लगातार जारी हैं.     
आधिकारिक सूत्रों ने देहरादून में बताया कि राज्य के विभिन्न हिस्सों में रुक रुक वर्षा जारी है. ऊंचाई वाले कुछ इलाकों में भारी वर्षा होने की भी ख़बर है. 
मौसम विभाग के सूत्रों के अनुसार देहरादून, चमोली, रूद्रप्रयाग तथा उत्तरकाशी जिलों में अच्छी खासी वर्षा रिकॉर्ड की गई.  
उत्तरकाशी जिले में तिलोथ के पास गत दिनों पैदल पुल की दीवार ढह जाने के बाद से उस पुल की मरम्मत का कार्य किया जा रहा है. दीवार ढहने से एक व्यक्ति की मृत्यु हो गयी थी तथा तीन अन्य घायल हो गये थे.  
राज्य के अन्य हिस्सों में वर्षा के चलते सड़कों पर जगह जगह मलवा आ गया है, जिससे यातायात बाधित है.
सूत्रों ने बताया कि उत्तरकाशी में करीब 400 से भी अधिक लोग अभी भी राहत शिविरों में रह रहे हैं जबकि अन्य कई लोगों ने अपने रिश्तेदारों के घरों में शरण ले रखी है. सूत्रों के अनुसार जिला प्रशासन ने प्रभावित लोगों को अनाज, मिट्टी के तेल, गैस तथा अन्य वस्तुओं की आपूर्ति जारी है.
samaylive.in से साभार

Sunday, August 26, 2012

अब रोमांच के आसमान में गोता नहीं खाते ग्लाइडर

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पौड़ी: उत्तराखंड में पैराग्लाइडिंग की अपार संभावनाओं को देखते हुए पर्यटन विभाग ने पौड़ी, मसूरी और पिथौरागढ़ में पैराग्लाइडिंग शुरू तो कराई, लेकिन पौड़ी में अन्य सरकारी योजनाओं की तरह ही यह योजना भी 2010 में बंद करा दी गई।
कई किलोमीटर में फैली पौड़ी की गगवाडस्यूं और पैडुलस्यूं घाटी पैराग्लाइडिंग के लिए माकूल परिस्थितियों और हवा के बेहतर दबाव के लिए जानी जाती हैं। 1994 में हिमालयन फ्लाइंग स्कूल के मनीष जोशी ने ट्रायल के तौर पर पैडुलस्यूं की कंडारा घाटी में कुछ उड़ाने भर कर पहली दफा घाटी में पैराग्लाइडिंग के लिए बेहतर परिस्थितियों का खुलासा किया। आसमान में उड़ते पैराग्लाइडर के रोमांच और साहस को देखने घाटी में लोगों का हुजूम उमड़ पड़ा। 1995 में कंडारा वैली में 12 नौजवानों ने आसमानी रोमांच की पहली उड़ान भरी। कम प्रशिक्षण के बाद ही पहली उड़ाने भरने से अन्य युवाओं में भी रोमांच बढ़ा। 1989 में पैराग्लाइडिंग की बदौलत मनीष लिम्का बुक ऑफ रिकार्डस में अपना नाम दर्ज करा चुके हैं। बकौल मनीष घाटी में हवा का दबाव उम्दा है और हवा के मंद मंद झोंके पैराग्लाइड़र को आसमान की ऊंचाई से रूबरू कराने के लिए मुफीद हैं।
इसके बाद मनीष ने आसमान के इस रोमांच को पर्यटन विभाग के साथ मिलकर एक बार फिर वर्ष 2008, 2009 औ 2010 में घाटी में जीवंत किया। छोटी ढ़लवा पहाडियों के चलते कंडारा वैली प्रशिक्षुओं के लिए ऊंची चोटियों के मुकाबले जोखिम भरी नहीं थी। इस दौरान तकरीबन 80 युवाओं ने पैराग्लाइडिंग का बेसिक प्रशिक्षण भी लिया। लेकिन, 2010 के बाद से घाटी में पर्यटन विभाग की उपेक्षा के चलते पैराग्लाइडिंग दोबारा शुरू नहीं हो पाई।
in.jagaran.yahoo.com से साभार 

वैली ब्रिज तैयार, यातायात बहाल

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उत्तरकाशी:असीगंगा नदी पर बीआरओ ने वैली ब्रिज तैयार कर दिया है। अब गंगोत्री हाईवे के बड़े हिस्से में यातायात बहाल हो गया है। 55 मीटर लंबे इस पुल को बनाने में बीआरओ को 15 दिन का समय लगा। अब हाईवे को पूरी तरह खोलने के लिए बीआरओ को कुछ जगहों पर सड़क की कटिंग करनी है।
बीते तीन अगस्त की रात्रि को असीगंगा की प्रचंड बाढ़ गंगोरी पुल को बहा ले गई थी। इससे गंगोत्री की ओर यातायात भी बाधित हो गया था। बीआरओ ने कड़ी मशक्कत के बाद रविवार को असीगंगा पर वैली ब्रिज तैयार कर यातयात बहाल कर दिया। क्षेत्रीय विधायक व संसदीय सचिव विजयपाल सिंह सजवाण व बीआरओ के कमांडर यूके पांडे ने विधिवत पूजा अर्चना के साथ रिबन काट कर पुल का उद्घाटन किया। सबसे पहले बीआरओ के वाहन पुल से गुजरे और उसके बाद सामान्य यातयात बहाल हुआ।
बीआरओ के सामने अब भाटुकासौड़ में सौ मीटर सड़क कटिंग और बिशनपुर व नलूणा में करीब चार सौ मीटर सड़क कटिंग का काम बाकी है। माना जा रहा है कि हाईवे को पूरी तरह खुलने में अभी एक हफ्ते का और समय लग सकता है। फिलहाल जिला मुख्यालय से मनेरी तक वाहनों के जरिए आवाजाही शुरू हो गई है। बीआरओ के कमांडर यूके पांडे ने बताया कि बारिश की बाधा न हो तो जल्द ही आगे भी सड़क खोल दी जाएगी।
in.jagaran.yahoo.com से साभार 

बदरीनाथ हाईवे दो जगह अवरुद्ध, सैकड़ों यात्री फंसे

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ऋषिकेश-बदरीनाथ राष्ट्रीय राजमार्ग शनिवार सायं देवप्रयाग के दोनों ओर भूस्खलन के कारण बंद हो गया। जिससे यहां सैकड़ों यात्री फंस गए। देर रात तक मार्ग खुलने का कोई उम्मीद नजर नहीं आ रही थी।
जानकारी के मुताबिक देवप्रयाग से करीब आठ किलोमीटर आगे श्रीनगर की ओर मूल्या गांव के समीप एक चट्टान बारिश के कारण दरक कर राजमार्ग पर आ गिरी। जिससे राजमार्ग पूरी तरह से बंद हो गया। उधर, देवप्रयाग से ऋषिकेश की ओर तोताघाटी के समीप सायं पांच बजे चट्टान टूटने के कारण मार्ग पर बंद हो गया था। जिसे देर रात करीब आठ बजे खोला जा सका। मगर इस बीच करीब पौने आठ बजे मूल्या गांव के समीप राजमार्ग बंद होने के कारण यातायात पूरी तरह से ठप रहा। बताया जा रहा है कि मूल्या गांव के पास जो भूस्खलन हुआ है उसमें चट्टनें सड़क पर आ गई है जिसे बिना मशीन और विस्फोट के खोल पाना संभव नहीं है। देवप्रयाग पुलिस के मुताबिक राजमार्ग के दोनों ओर दो हजार से अधिक यात्री फंसे होने की उम्मीद है। मौके पर पुलिस और बीआरओ के लोग सड़क खोलने की कोशिश में जुटे हुए थे मगर भारी भरकम चट्टान को देखते हुए देर रात तक मार्ग खुलने की कोई उम्मीद नजर नहीं आ रही थी। जाम में फंसे रुड़की निवासी अमित ने बताया कि वह बस से श्रीनगर जा रहे थे। मगर तीन बजे के करीब मार्ग बंद होने की बात कहकर उनकी बस को रोक दिया गया। बीआरओ के अधिकारियों से बात की गई तो जवाब संतोषजनक नहीं मिला। यात्री के मुताबिक बीआरओ ने उजाले में रास्ता खोलने की बात कहकर अपनी जिम्मेदारी पूरी कर ली। जबकि पूरे रास्ते में सैकड़ों लोग फंसे हैं।
in.jagran.yahoo.com से साभार 

टीम अन्ना के समर्थकों ने भगत सिंह चौक पर दिया धरना

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रुद्रपुर: दिल्ली में टीम अन्ना सदस्य अरविंद केजरीवाल सहित अन्य लोगों पर हुए लाठीचार्ज के विरोध में उनके समर्थकों ने भगत सिंह चौक पर धरना देकर रोष जताया। उन्होंने केंद्र सरकार पर तानाशाही रवैया अपनाने का आरोप लगाया।
इंडिया अगेंस्ट करप्शन के समर्थक रविवार को भगत सिंह चौक पर धरना देकर केंद्र सरकार के खिलाफ नारेबाजी की। उन्होंने दिल्ली में निर्दोष लोगों पर हुए लाठीचार्ज की निंदा की। कहा कि भ्रष्टाचार के खिलाफ यह संघर्ष शांत नहीं होने वाला है। केंद्र की कांग्रेस सरकार हिटलरशाही रवैया पर उतर आई है। जब तक भारत भ्रष्टाचार मुक्त नहीं हो जाता है, तब आंदोलन जारी रहेगा। धरना देने वालों में महेश कठेरिया, देवी दयाल गुप्ता, हेमचंद कांडपाल, हरीश चंद्र भट्ट, नवीन, युगराज, रघुवंशी, राजदीप बठला, पीके अग्रवाल, अशोक कुमार, डीडी गुप्ता, संजय, विमल मेहरा, किरन सिंह आदि शामिल थे।
साभार : in.jagran.yahoo.com

स्कूल में शिक्षक न होने से, अधर में लटका बच्चो का भविष्य

प्रदेश में सर्व शिक्षा अभियान की योजना अब बेमानी होती नज़र आ रही है। कोटाबाग क्षेत्र केबांसी गांव के प्राथमिक विद्यालय में चार माह से कोई शिक्षक नहीं है। इस विद्यालय में करीब 40 बच्चे पढ़ते हैं। एक शिक्षा मित्र के सहारे ही इन बच्चों की पढ़ाई होती है। शिक्षक की तैनाती न होने से अभिभावकों में रोष है। गौरतलब है कि प्राथमिक विद्यालय बांसी के शिक्षक के साथ मारपीट प्रकरण में उप प्रधान के खिलाफ मुकदमा लिखाया गया था। इसके बाद शिक्षक को कोटाबाग के बागजाला के स्कूल में तैनाती मिल गई। ग्रामीणों का कहना है कि शिक्षक ने उप प्रधान पर झूठा मुकदमा लिखवा कर उन्हें फंसाया।
ग्रामीणों ने शिक्षा विभाग और जिला प्रशासन से मांग की है कि अब उप प्रधान की गिरफ्तारी हो चुकी है, लिहाजा शिक्षक को पुन: बांसी में तैनात किया जाए। इससे नौनिहालों की पढ़ाई चौपट होने से बच सकेगी। ज्ञात हो कि 18 नवंबर को राजस्व पुलिस ने उपप्रधान को गिरफ्तार कर लिया था। लम्बे समय से प्राथमिक शिक्षक संघ भी उपप्रधान की गिरफ्तारी की मांग को लेकर आन्दोलित था।
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