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Saturday, May 21, 2011

23 मई को जसपुर आएंगे मुख्मंत्री निशंक - बहुद्देशीय शिविर

रुद्रपुर, 21 मई - सरकार जनता के द्वार कार्यक्रम के तहत 23 मई को 10 बजे से नेहरू राजकीय इण्टर कालेज महुवाडाबरा,जसपुर में बहुद्देशीय शिविर आयोजित होगा। 23 मई को जसपुर आएंगे मुख्मंत्री निशंक कार्यकारी जिलाधिकारी वाईके पन्त ने सभी जिला स्तरीय अधिकारियों को शिविर के लिये सभी तैयारियां समय से सुनिश्चित करने के साथ ही अद्यतन सूचनाओं के साथ स्वयं उपस्थित रहने के निर्देश दिये है।

इस सम्बन्ध में जानकारी देते हुये जिला विकास अधिकारी आरसी तिवारी ने वताया कि  शिविर में विभिन्न विभागों द्वारा स्टाल लगाकर विभागीय योजनाओं एवं कार्यक्रमों की जानकारी दी जायेगी । उन्होंने वताया कि शिविर में समाज कल्याण सहित विभिन्न विभागों की योजनाओं में  पात्र लाभार्थियों के आवेदन प्राप्त कर औपचारिकतायें पूरी कराते हुये स्वीकृतियां दी जायेंगी। स्वास्थ्य विभाग के शिविर में बीमार लोगों के स्वास्थ्य परीक्षण के अलावा मोतियाबिन्द का परीक्षण किया जायेगा तथा विकलांग प्रमाण पत्र जारी होंगे। राजस्व विभाग द्वारा स्थायी निवास , जाति ,आय तथा चरित्र प्रमाण पत्र जारी करने के अलावा अविवादित भू उत्तराधिकार के मामलों का निस्तारण किया जायेगा। विकास विभाग द्वारा जन्म मृत्यु प्रमाण पत्र तथा परिवार रजिस्टर की नकल दी जायेगी। शिविर में स्वास्थ्य, पशु चिकित्सा, कृषि, उद्यान, महिला एवं शिशु कल्याण, समाज कल्याण, उरेडा एवं अन्य सरकारी विभागों के इस क्षेत्र में चल रहे कार्यक्रमों के प्रचार-प्रसार एवं सामानों की बिक्री हेतु स्टॉल लगाने की व्यवस्था की जायेगी ।

Thursday, May 19, 2011

भौर्याल 21 मई को 3.30 बजे रूद्रपुर आयेंगे

रूद्रपुर 19 मई-प्रदेष के चिकित्सा,शिक्षा एवं सूचना प्रोद्योगिकी मंत्री श्री बलवंत सिंह भौर्याल जनपद भ्रमण पर आ रहे है । निर्धारित कार्यक्रम के मुताविक श्री भौर्याल 21 मई को 1 बजे टनकपुर से प्रस्थान की अपरान्ह 3.30 बजे रूद्रपुर आयेंगे तथा मेडिकल कालेज हेतु निर्माणाधीन भवन के निर्माण कार्यो का निरीक्षण करने के उपरान्त गदरपुर में संचालित किये जा रहे ए.एन.एम प्रषिक्षण केन्द्र का निरीक्षण करेंगे। श्री भौर्याल सायं 6 बजे गदरपुर से कार द्वारा हल्द्वानी के लिये प्रस्थान करेंगे।                         

रूद्रपुर 19 मई- जनता इंटर कॉलेज, रूद्रपुर में शिक्षा का अधिकार अधिनियम पर जनपद के गैर-आवासीय निजी विद्यालयों की कार्यषाला का आयोजन किया गया। बैठक की अध्यक्षता करते हुए जिला शिक्षा अधिकारी आरसी आर्य ने कहा कि आरटीई के तहत नॉन-रेजीडेंसीयल निजी विद्यालयों को अपनी न्यूनतम कक्षा में वंचित वर्गों के बच्चों के लिए 25 फीसदी सीटें आरक्षित रखना अनिवार्य किया गया है। वंचित वर्ग में अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, अन्य पिछड़ा वर्ग(क्रीमिलेयर को छोड़कर), अनाथ,षारीरिक रूप से विकलांग, विधवा या तलाकषुदा माता के बच्चे(वार्षिक आय 80 हजार रूपए से कम हो) समेत कुछ अन्य वर्गों के बच्चों को शामिल किया गया है।
    जिला षिक्षा अधिकारी ने बताया कि षिक्षा का अधिकार अधिनियम के अंतर्गत निजी विद्यालयों को अपनी न्यूनतम कक्षा में 25 प्रतिषत दाखिले चिन्हित किए गए वंचित वर्गों के बच्चों मे से करने होंगे। निर्धारित संख्या से अधिक आवेदन आने पर लाटरी सिस्टम अपनाना होगा। आरक्षित सीटों पर प्रवेष पाए बच्चों की फीस, किताबों, ड्रेस आदि का खर्चा राज्य सरकार द्वारा वहन किया जाएगा। निजी विद्यालयों के संचालकों से सहयोग का अनुरोध करते हुए जिला षिक्षा अधिकारी ने कहा कि जिन विद्यालयों के प्रतिनिधि कार्यषाला में उपस्थित नहीं हुए हैं उन्हें पत्र भेजकर अगली कार्यषाला में अनिवार्य रूप से प्रतिभाग करने के लिए निर्देषित किया जाएगा।
    कार्यषाला में अपर जिला शिक्षा अधिकारी माध्यमिक डीसी सती, अपर जिला शिक्षा अधिकारी बेसिक एके सिंह, जनता इंटर कालेज के प्रधानाचार्य सतीष अरोरा सहित अनेक निजी विद्यालयों के प्रतिनिधि उपस्थित थे।
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जिला सूचना अधिकारी
उधमसिंह नगर।

Tuesday, May 17, 2011

पंतनगर लाही एवं सरसों की उत्पादकता में वृद्धि हेतु राष्ट्रीय बैठक का आयोजन

पंतनगर। 17 मई, 2011। पंतनगर विष्वविद्यालय के कृषि महाविद्यालय के सभागार में आज पंतनगर के लाही-सरसों अनुसंधान समूह के द्वारा लाही-सरसों अनुसंधान निदेषालय, भरतपुर एवं भारतीय  कृषि अनुसंधान परिषद्, नयी दिल्ली द्वारा चलायी जा रही अखिल भारतीय लाही-सरसों समन्वित शोध परियोजना के तत्वावधान में 'भारत के क्षेत्र द्वितीय एवं तृतीय में लाही-सरसों की उत्पादकता में वृद्धि' विषय पर दो-दिवसीय राष्ट्रीय मस्तिष्क मंथन बैठक का आयोजन किया गया। बैठक के उद्घाटन सत्र् में भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद् के सहायक महानिदेषक (फसल विज्ञान), डा. बी.बी. सिंह मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित थे। सत्र की अध्यक्षता विष्वविद्यालय के कुलपति, डा. बी.एस. बिष्ट ने की। राष्ट्रीस सरसों अनुसंधान निदेषालय, भरतपुर के निदेषक, डा. जे.एस. चौहान भी मंच पर उपस्थित थे। तिलहन वैज्ञानिकों ने लाही-सरसों की उत्पादकता एवं गुणवत्ता में वृद्धि हेतु संकर प्रजातियों, रोग रोधी एवं कीट रोधी तथा अधिक उपज देने वाली प्रजातियों के विकास पर विषेष बल दिया। सम्मेलन में विभिन्न राज्यों से आये हुए लगभग 50 वैज्ञानिकों ने भाग लिया।
अपने अध्यक्षीय सम्बोधन में कुलपति डा. बिष्ट ने तिलहन अनुसंधान एवं उत्पादन में विष्वविद्यालय के योगदान पर प्रकाष डाला तथा विष्वविद्यालय के तिलहन कार्यक्रम से सम्बद्ध वैज्ञानिकों एवं कार्यकर्ताओं के प्रयासों पर प्रषंसा एवं संतुष्टि व्यक्त की। उन्होंने उत्तराखण्ड के पर्वतीय क्षेत्रों में लाही-सरसों उत्पादन को समुचित स्तर तक ले जाने के लिए इस क्षेत्र में तिलहन अनुसंधान के उपकेन्द्र की स्थापना को आवष्यक बताया।
मुख्य अतिथि डा. बी.बी. सिंह ने फसल सुधार कार्यक्रम के अंतर्गत नवीनतम तकनीकों के प्रयोग द्वारा विभिन्न क्षेत्रों में लाही-सरसों में प्राप्त हो रही उत्पादकता के अंतर को समाप्त करने पर बल दिया।
डा. जे.एस. चौहान ने राजस्थान में लाही-सरसों के बढ़ते हुए क्षेत्रों एवं उत्पादन पर संतुष्टि व्यक्त करते हुए दूसरे प्रमुख राज्यों, मुख्य रूप से उत्तर प्रदेष, में आने वाले क्षेत्र में विगत वर्षों में आयी हुई गिरावट पर चिन्ता व्यक्त की तथा इस बारे में नवीन रणनीति बनाने पर बल दिया। उन्होंने वैज्ञानिकों से लाही-सरसों की आनुवांषिक क्षमता में वृद्धि लाने के लिए कहा एवं सरकार द्वारा लाही-सरसों के समर्थन मूल्य में वृद्धि को राष्ट्रीय विकास के लिए आवष्यक बताया।
उद्घाटन सत्र के अंत में पंतनगर के तिलहन कार्यक्रम के समन्वयक, डा. आर.पी. अवस्थी द्वारा कार्यक्रम को सफलतापूर्वक आयोजित करने के लिए सभी वैज्ञानिकों, अधिकारियों एवं कार्यकर्ताओं का आभार व्यक्त किया। इस कार्यक्रम के आयोजन में विष्वविद्यालय के निदेषक अनुसंधान, डा. महेष कुमार एवं पंतनगर केन्द्र के तिलहन वैज्ञानिक, डा. राम भजन, डा. सी.पी. सिंह, डा. ए.के. तिवारी, डा. अनिल शुक्ला, डा. ऊषा भट्ट, डा. हिमांषु, इत्यादि ने अभिन्न योगदान दिया।

नैनीताल के राज भवन को हेरीटेज बिल्डिंग के रूप में घोषित किया जाना जरूरी



राजभवन नैनीताल, दिनांक 17 मई, 2011

शिल्पकला तथा भव्य सौंदर्य के लिए सुप्रसिद्ध राजभवन नैनीताल की ऐतिहासिक इमारत को दीर्घकाल तक उसके मौलिक स्वरूप में बनाए रखने की दृष्टि से राज्यपाल श्रीमती मार्ग्रेट आल्वा ने आज एक बैठक ली। उन्होंने कहा कि ऐतिहासिक महत्व के इस खूबसूरत भवन के दीर्घ कालीन संरक्षण के लिए इसे हैरिटेज बिल्डिंग के रूप में घोषित किया जाना जरूरी है।

लगभग 110 वर्षीय इस भव्य भवन के वाह्य स्वरूप, आन्तरिक प्रकोष्ठ, (कक्षों) साज सज्जा में प्रयुक्त सामग्री (फर्नीचर आदि) को समय के साथ-साथ होने वाले स्वाभाविक क्षरण से बचाने के लिए विस्तृत कार्ययोजना बनाने हेतु राज्यपाल द्वारा लोक निर्माण विभाग के उच्चाधिकारियों को पूर्व में ही निर्देशित किया गया था जिसके क्रम में आज लोक निर्माण विभाग द्वारा राज्यपाल के समक्ष राजभवन के मरम्मत/पुनर्रचना तथा उच्चीकरण के लिए बनाई गई कार्ययोजना व संस्तुतियों का प्रस्तुतीेकरण किया गया।

कार्ययोजना तथा संस्तुतियों से सहमति व्यक्त करते हुए राज्यपाल ने निर्देश दिये कि रिस्टोरेशन सम्बन्धी सम्पूर्ण कार्योें को चरणबद्ध क्रम में पूर्ण किया जाना उचित होगा। इसके लिए नई विस्तृत कार्य योजना (क्च्त्) 31 मई तक प्रस्तुत की जाए। प्रथम चरण में मुख्य भवन के वाह्य स्वरूप के संरक्षण तथा प्रिंटिंग प्रेस के मरम्मत कार्य को सम्मिलित किया जाये। उन्होंने राजभवन की प्रिंटिंग प्रेस को चालू करके राजभवन आने वाले पर्यटकों को उस र्प्रिंिटंग प्रेस से ''राजभवन आगमन'' का प्रमाण पत्र जारी करने की व्यवस्था करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि मुख्य भवन के कॉरीडोर से पर्यटकों को राजभवन के कक्षों को दिखाने की कार्ययोजना को भी प्रथम चरण में सम्मिलित किया जा सकता है। राजभवन में पर्यटकों को सशुल्क प्रवेश देने के साथ ही सोवेनियर की व्यवस्था तथा पर्यटकों को अन्य सुविधायें दिए जाने पर विचार विमर्श हुआ।

बैठक में राजभवन की ब्रिटिशकालीन विद्युत, अग्निशमन, हीटिंग तथा वैन्टीलेशन, सुरक्षा व्यवस्था अनुश्रवण प्रणाली को आधुनिक परिप्रेक्ष्य में उच्चीकृत किए जाने की आवश्यकता पर विचार विमर्श के दौरान राज्यपाल ने कहा कि ब्रिटिश कालीन इन उपकरणों को यथास्थान संरक्षित किया जाये। राज्यपाल की अपेक्षा/निर्देशानुसार राजभवन के सम्पूर्ण परिसर, तथा प्रत्येक कक्ष में स्थापित फर्नीचर, सजावटी सामान आदि की वीडियोग्राफी व फोटोग्राफी करायी जा चुकी है। सभी सामान आदि का अभिलेखीकरण भी कर लिया गया है।

बैठक में राज्यपाल ने स्पष्ट निर्देश दिए कि पुनर्रचना/मरम्मत सम्बन्धी सभी कार्य विशेषज्ञों की निगरानी में हों, भवन की मूल संरचना तथा उसमें स्थापित सभी सामग्री को उसके मौलिक स्वरूप में हू-बहू संरक्षित किये जाने के लिए मरम्मत के समय विशेष सावधानी बरती जाए।

वर्तमान में लोकनिर्माण विभाग द्वारा संरक्षित किए जा रहे इस भवन के पुनर्रचना सम्बन्धी कार्यों के लिए शहरी विकास विभाग के माध्यम से भारत सरकार की जे. एन. एन. यू. आर. एम. (जवाहर लाल नेहरू अर्बन रिन्यूवल मिशन) योजना तथा पर्यटन विभाग से वित्तीय व्यवस्था के प्रयास किये जा रहे हैं, राज्यपाल ने राजभवन मं ल रहे अन्य कार्यां की भी समीक्षा की।

आज की इस महत्वपूर्ण बैठक में सचिव राज्यपाल श्री अशोक पई, प्रमुख सचिव लोक निर्माण विभाग श्री उत्पल कुमार सिंह, प्रमुख सचिव शहरी विकास डा0 रणबीर सिंह, वित्त अधिकारी राजभवन श्रीमती पूनम, कुमाऊँ मण्डल के मुख्य अभियंता लोक निर्माण श्री कैलाश उप्रेती सहित अन्य सम्बन्धित अधिकारी तथा राज्यपाल के परिसहाय श्री वी. के. कृष्ण कुमार उपस्थित थे।

Sunday, May 15, 2011

एक क्लिक पे मिलेगी खसरा, खतौनी और नकल की जानकारी उत्तराखण्ड समेत दर्जनों राज्यों ने हस्तलिखित प्रति देने पर लगाया प्रतिबंध

देहरादून। कम्प्यूटर अब तक दफ्तरों ,स्कूलों व अन्य विभागों में अपनी एहम भुमिका बनाये हुये था लेकिन अब इसकी जानकारी किसानों को होना भी जरूरत बन चुकी हैं चंूकि किसान अब अपनी जमीन का ब्योरा पटवारी या कचहरी के चक्कर काट कर नही ,अपितु उन्हे कम्प्यूटर से क्लिक करके लेना होगा।
वो दिन दूर नहीं, जब खसरा, खतौनी और नकल जैसे दस्तावेज बीते जमाने की बात हो जाएं। कचहरी की किच-किच और पटवारी की पट-पट से आपको छुटकारा मिल जाएगा। जमीन जायदाद के ये दस्तावेजी आंकड़े बस कंप्यूटर पर सिर्फ एक क्लिक पर हाजिर होंगे। सभी आंकड़े एक ही जगह और एक ही फाइल में मिल जाएंगे। तहसीलों और कचहरियों के चक्कर लगाकर चप्पलें घिस चुके लोगों को ये ख्वाब लग सकता है, लेकिन अब पूरे देश में यह सब ऑन लाइन होगा। वहां से अपनी जायदाद का ब्यौरा डाउन लोड कर चाहें तो प्रिंट लें या फिर छोटी सी पेन ड्राइव में जमीन के सभी अभिलेखों को सुरक्षित रख सकते हैं।
हालांकि, इस बीच कुछ राज्यों में निगरानी के दौरान मिली अनियमितता के मद्देनजर केंद्र सरकार ने इस योजना का गहन अध्ययन कराने और इसे गति प्रदान करने का जिम्मा लाल बहादुर शास्त्री राष्ट्रीय प्रशासनिक अकादमी मंसूरी को जिम्मा सौंपा है। केंद्र सरकार के इस कदम से जल्दी ही यह योजना परवान चढऩे की उम्मीद बंधी है। वैसे सभी जमीनी दस्तावेज ऑनलाइन होने का पहला चरण पूरा भी हो चुका है। देश के ज्यादातर राज्यों ने अपनी जमीन-जायदाद और उनके नक्शों को डिजिटल रूप दे दिया है।
कई राज्यों ने और आगे बढक़र किसानों को उनकी जमीन की नकल यानी भूमि के आंकड़ों कादस्तावेज हस्तलिखित देने तक पर पाबंदी लगा दी है। किसान को अपनी नकल लेने के लिए कचहरी में नाम मात्र की राशि जमाकर कंप्यूटर से निकला दस्तावेज प्राप्त कर सकता है।
उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश, हरियाणा, पश्चिम बंगाल, गुजरात समेत लगभग एक दर्जन राज्यों ने कंप्यूटर से निकली नकल को वैधानिक मान्यता दे दी है। इन राज्यों ने हस्तलिखित प्रति देने पर प्रतिबंध भी लगा दिया है।
उत्तराखंड ,उत्तर प्रदेश, आंध्र प्रदेश, राजस्थान, हरियाणा और मध्य प्रदेश  समेत 14 राज्यों ने अपने राज्य में भूमि से संबंधित सारे आंकड़ों को इंटरनेट की वेबसाइट पर भी डाल दिया है। धीरे-धीरे लोगों को जमीन का ब्यौरा लेने के लिए लेखपाल, कानून गो, नायब तहसीलदार और तहसीलदार के चक्कर लगाने से फुर्सत मिल जाएगी। केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्रालय की मानें तो अंडमान व निकोबार द्वीप को छोडक़र सभी राज्यों में इस योजना पर अमल किया जा रहा है।
नतीजे भी उत्साहजनक हैं, लेकिन कुछ राज्यों ने इस दिशा में उल्लेखनीय प्रगति की है। मंत्रालय का दावा है कि देश के 141 जिलों में भूमि संबंधी अभिलेखों को शत प्रतिशत आन लाइन कर दिया गया है। देश के 27 राज्यों व केंद्र शासित क्षेत्रों में 4434 तहसील स्तरीय आंकड़ा केंद्र और 16 राज्यों में के 1045 उप मंडल स्तरीय आंकड़ा केंद्रों के 392 जिला स्तरीय आंकड़ा केंद्रों की स्थापना के लिए केंद्रीय मदद बहुत पहले ही जारी की जा चुकी है।


किसान नेता महेंद्र सिंह टिकैत का निधन सुबह 7.20 बजे

मुजफ्फरनगर, 15 मई। भारतीय किसान यूनियन के अध्यक्ष और दिग्गज किसान नेता महेंद्र सिंह टिकैत का मुजफ्फरनगर में रविवार सुबह लम्बी बीमारी के बाद निधन हो गया। वह 76 वर्ष के थे। भारतीय किसान यूनियन के प्रवक्ता धर्मेद्र मलिक ने बताया कि महेंद्र सिंह टिकैत का निधन सुबह 7.20 बजे मुजफ्फरनगर शहर में सर्कुलर रोड स्थित आवास पर हुआ। वह तीन साल से कैंसर से पीड़ित थे। उन्होंने बताया कि टिकैत का पार्थिव शरीर उनके पैतृक गांव सिसोतिया ले जाया जाएगा और भारतीय किसान मुख्यालय पर सोमवार 11 बजे तक अंतिम दर्शनों के लिए रखा जाएगा।
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