Movie Download

Ghaur Bati Search

image ad

Chitika

Saturday, June 25, 2011

पेंशन के लिए तरसते विधवा, विकलांग और वृद्ध

http://garhwalbati.blogspot.com/
देश में फ़ैल रहे भ्रष्टाचार के खिलाफ जहाँ एक ओर धरना प्रदर्शन और आन्दोलन चल रहे हैं, वहीँ  दूसरी ओर उत्तराखंड में अल्मोड़ा के जैंती ग्राम में कुछ  भ्रष्टाचारी लोगो गरीब ज़रूरतमंद की पेंशन हड़प रहे हैं।  समाज कल्याण विभाग से 6 माह पूर्व वृद्धों, विकलांगों, विधवाओं की पेंशन रिलीज होने के बाद भी लाभार्थियों को आज तक नहीं मिल पायी है। तहसील के सैकड़ों लाभार्थी रोजाना डाकघरों के चक्कर काटकर थक गए हैं। इधर गांव-गांव लग रही चौपालों में इस बात का खुलासा हुआ। कालाडुंगरा निवासी विकलांग नंदन राम पुत्र देव राम की सालभर की पेंशन विगत 18 नवंबर 2010 को समाज कल्याण विभाग ने चेक नंबर 03408 के माध्यम से अल्मोड़ा हैड पोस्ट आफिस को भेज दी थी। इसी तरह कांडे निवासी कमलापति पुत्र देवी दत्त की पेंशन 2 फरवरी 2010 को समाज कल्याण विभाग ने निर्गत की। इन लोगों को अभी तक पेंशन का भुगतान नहीं हुआ। इसी तरह कट्योली के शेर राम, कुटोली की 90 वर्षीय मोतिमा देवी सहित सैकड़ों लोगों की पेशन निर्गत होने के बाद भी नहीं मिली है। इन लोगों का कहना है कि सरकार द्वारा अनुमन्य मात्र 400 रुपया उन्हें प्रतिमाह मिलता है। जिससे महंगाई के इस जमाने में गुजारा करना पड़ता है। लेकिन सालभर से उन्हें पेंशन न मिलने से दो जून की रोटी के लाले पड़े हुए हैं। सरकारी आंकड़ों के अनुसार क्षेत्र में ऐसे 400 से अधिक लाभार्थी हैं, जिन्हें विभाग से पेंशन निर्गत होने के बाद भुगतान नहीं पाया है।

Friday, June 24, 2011

पौड़ी-कोटद्वार मार्ग पर भूस्खलन से मुसाफिर परेशान

प्रदेश में मानसून की दस्तक के साथ ही भूस्खलन का खतरा भी बढ़ गया है। पौड़ी-कोटद्वार मार्ग पर कई जगह भूस्खलन सक्रिय होने से मुसाफिरों को मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है। ज्वालपा देवी से पाटीसैण व गुमखाल के पास पहाडि़यों से पत्थर गिरने के कारण यात्री घंटों जाम से जूझ रहे हैं।
इन दिनों पौड़ी-कोटद्वार राष्ट्रीय राजमार्ग पर सड़क चौड़ीकरण का कार्य चल रहा है। इस मार्ग पर छह से अधिक स्थानों पर भूस्खलन सक्रिय है। इसके अलावा पहाड़ से खिसकते पत्थरों से पैदल चलने वाले लोगो  की जान को पर  भी खतरा बना हुआ  है।  मार्ग पर बार-बार आ रहे मलबे से यातायात में अड़चन पैदा हो रही है। जगह-जगह घंटों लगे जाम से मुसाफिर परेशान हैं।
अधिकारियो का कहना है की 'सड़क चौड़ीकरण के बाद कुछ पहाड़ियों पर मलबा खिसक रहा है और इस मलबे को हटाया जा रहा है। बरसात में भी विभाग पूरी तत्परता से कार्य करेगा और कोशिश की जाएगी कि सड़क बंद न हो।  अब  इस मुद्दे पर अधिकारियो ने तो अपने जवाब दे दिए हैं, लेकिन यह लोग अपने वादों पर कितने खरे उतरते हैं यह तो बरसात के दिनों में ही पता चल पायेगा।  



उत्तराखंड का एक गाँव ऐसा भी जो आज तक है, विकास से कोसो दूर

http://garhwalbati.blogspot.com/
उत्तराखंड  सरकार  चाहे  विकास के कितने  ही  वादे  क्यों  न करे, लेकिन सच क्या है यह तो सभी जानते हैं। 108 सेवा, शिक्षा, पेयजल व यातायात आदि सुविधाएं देने का ढिंढोरा पीटने वाली प्रदेश सरकार को शायद यह पता नहीं की प्रदेश में आज भी कई गाँव विकास से राह से कोसो दूर हैं।  स्थिति यह है कि विकास खंड के बीनातोली कुंझाली के ग्रामीणों के लिए 108 सेवा सपना ही बनी हुई है तथा यहाँ  अब भी मरीज को डोली में रखकर अस्पताल पहुचाया जाता  है।
विकास खंड के बीनातोली, कुंझाली, सिमार, मजकोट, खिलाफखेत के ग्रामीण अब भी विभिन्न समस्याओं से जूझ रहे हैं। गांव में सब्जी व फलों का उत्पादन होता तो है परंतु यातायात की सुविधा न होने के कारण गांव में ही उत्पादकों का माल सढ़-गल जाता है। पूर्व ग्राम प्रधान नरेंद्र गिरी बताते हैं कि हर वर्ष चुनावों में जन प्रतिनिधि गांवों को यातायात सुविधा से जोड़ने का वायदा करते हैं परंतु न जाने क्यों प्रदेश में सत्ता बनते ही गांव की सुध कोई नहीं लेता।  गांव में शिक्षकों की कमी से छात्राएं अधिक शिक्षा नहीं ले पाते हैं। ग्रामीण अब भी मरीज को डोली में रख कर  कई किमी ले जाकर चिकित्सालय पहुंचाते हैं कई मरीज रास्ते में ही दम तोड़ देते हैं। 108 सेवा का अब तक किसी मरीज ने लाभ नहीं उठाया है। उनका कहना है कि कई बार ग्रामीणों ने जनप्रतिनिधियों से गांवों की समस्याओं की जानकारी दी परंतु किसी ने अब तक समस्याओं का निदान करने की सोची तक नहीं।

Thursday, June 23, 2011

सैकड़ों पत्रकार सामूहिक उपवास पर बैठे। जंतर मंतर पर संगठन

नईं दिल्ली। पत्रकार संगठन प्रेस फ्रीडम ने मुंबई में मिड डे के पत्रकार जे डे के हत्यारों काो गिरफ्तार करने और देश भर में पत्रकारों पर बढ़ रहे हमलों के प्रति अपना रोष प्रकट करते हुए आज जंतर मंतर पर एक दिवसीय उपवास रखकर धरना दिया और देश भर में संगठन से जुड़े लोगों ने काला दिवस मनाया।
श्री अजय कुमार पाण्डेय ने बताया‌ कि प्रेस फ्रीडम ने देश भर में पत्रकारों पर हो रहे हमलों के खिलाफ १८ जून को   पूरे देश में काला दिवस मनाया जिसके तहत देश भर में पत्रकार साथियों ने काला फीता बांधा और जिला मुख्यालयों पर डिस्ट्रिक्ट मजिस्ट्रेट काो ज्ञापन भी दिया।
उन्होंने कहा कि वरिष्ठï पत्रकार श्री डे की हत्या प्रेस का गला घोंटने वाली कार्रवाई है और इस घटना पर सरकार की चुप्पी खतरनाक है। उन्होंने कहा, मंच ने  पत्रकार डे के शोक संतप्त परिवार के लिए मुआवजे के रूप में एक करोड़ रुपये की मांग की है।
उन्होंने बताया कि संगठन की यह भी मांग है, कि जो पत्रकार, खतरे का सामना कर रहे हैं उनके लिए अनिवार्य सत्यापन के बिना बंदूक लाइसेंस दिया जाए। प्रेस फ्रीडम, ने उन अन्य सभी पत्रकारों के एक परिजन काो, जिनकी अभी हाल ही में हत्या कर दी गई है, नौकरी की मांग की है, उनमें दैनिक भास्‍कर बिलासपुर के पत्रकार सुशील पाठक और नई दुनिया, रायपुर के पत्रकार उमेश राजपूत के परिवार शामिल हैं।
संगठन ने मांग की है कि पत्रकार कपिल शर्मा की ग्यारह- बारह जून की रात्रि में अवैध हिरासत में रखने एवं थर्ड डिग्री का प्रयोग करने वाले दिल्ली के थाना तीमारपुर के एसएचओ एवं स्टाफ के विरुद्घ अपहरण एवं अवैध हिरासत में रखने का मुकदमा कायम किया जाए।
संगठन द्वारा आहूत काला दिवस काो जर्नलिस्ट यूनियन ऑफ सिविल सोसायटी, गुवाहाटी प्रेस क्लब,आगरा प्रेस क्लब, बचपन बचाओ आन्दोलन एवं कई अन्य संगठनों ने समर्थन दिया। 
प्रदर्शन में अजय कुमार पाण्डेय, अमलेन्दु उपाध्याय, शाह आालम, शारिक नकवी, सोहन भारद्वाज, ओम प्रकाश पाल, बिपीन कुमार तिवारी, सीतेश कश्यप, श्रवण शुक्ला, राकेश रमन, सीपी मिश्रा, वीरेन्द्र सैनी, अवनीश राय, नीरज कुमार, आजाद अंसारी, वरुण शँैलेश, पूर्णिमा, उत्तराखंड श्रमजीवी पत्रकार जूनियन के उधम सिंह नगर जिला सचिव प्रेम अरोड़ा, हिमांशु बिष्टï, अरुण कुमार उरांव, सत्येंद्र प्रताप सिंह, नितिन, अविनाश सिंह, नवीन कुमार रण्वी‍ार, प्रकाश •कुमार सिंह, आशीष पाण्डेय, रविन्द्र शर्मा, विक्रान्‍त शिशोदिया, शिव शैलेन्द्र, भू त्यागी, सुरेन्द्र त्यागी,अशोक चौधरी, नरेश पाण्डेय, यू एस राना, आशुतोष कुमार झा, विजय शर्मा, जगदीप सिंधु, विनीत सिंहप्रियंका शर्मा, मनीष कुमार, मुमताज आलम रिजवी, अमित कुमार, मु गुफरान खान, मु नाज खान, सुमित गुप्ता, ए के सूर्यावंशी, रंजीत कुमार झा, डॉ राजीव, आदि ने भी भाग लिया। 
बाद में दो सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल ने प्रधानमंत्री कार्यालय जाकर ज्ञापन प्रस्तुत किया। 


ज्ञापन


 

 

प्रतिष्ठ में 
माननीय मनमोहन सिंह
प्रधानमंत्री,
भारत सरकार,
नई दिल्ली


पिछले काफी समय से ईमानदार पत्रकारों के सामने अपने कतर्तव्य का निर्वहन करने में काफी दिक्कतें आ रही हैं। हाल ही में मिड डे के पत्रकार ज्यातिर्मय डे की हत्या ने एक बार फिर साबित कर दिया है कि कर्तव्यनिष्ठ पत्रकारों के कत्ल का जो सिलसिला शहीद उमेश डोभाल से शुरु हुआ थावह रुका नहीं है और सरकारें भी पत्रकारों की सुरक्षा के सवाल पर न केवल हाथ पर हाथ धरे बैठी हैं बल्कि अब तो जनता के सवालों को पूरी शिद्दत के साथ उठाने वाले पत्रकारों को फर्जी मुठभेड़ों में मारने और जेल भेजने का भी सिलसिला शुरु हो गया है। 
स्व डे कर्तव्यनिष्ठ पत्रकारो के लिए एक बड़ा आदर्श बन कर उभरे हैं। पीडि़त परिवार की समुचित मदद कर केन्द्र सरकार अपनी सामाजिक जिम्मेदारी निभा सकती हैं। यह मौका उन अनेकों पत्रकारों के बारे में भी सोचने का है जो अपनी कलम से पत्रकारिता के उच्चतम मापदंड़ों की रक्षा के लिए तत्पर रहते हैं औऱ नित नए खतरों से खेलते रहते हैं। 
अत: इस घटना पर अपना विरोध दर्ज कराते हुए हम मांग करते हैं कि --

1.  जे डे के परिवार को एक करोड़ रुपये की सहयोग राशि मिले।
2. नई दुनिया रायपुर के पत्रकार उमेश राजपूतदै
‌निक भास्कर बिलासपुर के पत्रकार सुशील पाठक और स्वतंत्र पत्रकार हेमचंद्र पाण्डेय समेत सभी उन पत्रकारों के परिजनों को एक - एक करोड़ रुपया मुआवजा मिले जिनकी हत्याएं हुई हैं। 
2. पत्रकारों की सुरक्षा के खास प्रबंध हों।
3. किसी भी आपात स्थिति में पत्रकार की स्वाभा
विक या स्वाभाविक मृत्यु होने पर एक करोड़ रुपये की राशि बीमा कवच के रूप में पीडि़त परिवार को मिले।
4. दुर्घटना- वारदात के शिकार पत्रकारों के आश्रित अव्यस्क बच्चों को निशुल्क शिक्षा की व्यवस्था हो।
5. पीडि
त परिवार के किसी एक वयस्क सदस्य के लिए सरकारी नौकरी की व्यवस्था हो। यदि परिवार में कोई वयस्क व्यक्ति नहीं है तो परिवार को पारिवारिक पेंशन दी जाए।
6. जनता के सवालों को पूरी शिद्दत से उठाने वाले पत्रकार प्रशांत राहीसीमा आजादसुधीर धवले और विश्वविजय को तत्काल रिहा किया जाए।
7. पत्रकार कपिल शर्मा की ग्यारह- बारह जून की रात्रि में अवैध हिरासत 
में रखने एवं थर्ड डिग्री का प्रयोग करने वाले दिल्ली के थाना तीमारपुर के एसएचओ एवं स्टाफ के विरुद्घ अपहरण एवं अवैध हिरासत में रखने का मुकदमा कायम किया जाए

 

हम हैं प्रेस फ्रीडम के साथी

दुर्घटना को न्योता देता हेंवल नदी पर बना पुल

http://garhwalbati.blogspot.com/
चम्बा प्रदेश  के नागणी में हेंवल नदी पर बना पुल पिछले काफी समय से जर्जर स्थिति में है,  दैवीय आपदा से क्षतिग्रस्त यह पुल कभी भी गिर सकता है।
जिससे यहाँ दुर्घटना के आसार बनते जा रहे हैं। यदि तत्काल पुल के सुरक्षा के इंतजाम नहीं किए गए तो नदी के बहाव से पुल कभी भी गिर सकता है, इससे  लोगों का नदी से आर-पार जाना मुश्किल हो जाएगा।
 गत वर्ष सितंबर माह में दैवीय आपदा के दौरान पुल के दोनों स्तंभ खोखले हो चुके हैं नदी का तेज बहाव पुल की सुरक्षा दीवारों को तोड़ चुका है। यदि नदी में बाढ़ आई तो पुल कभी भी ढह सकता है। पुल के क्षतिग्रस्त होने से करीब आधा दर्जन गांव को भारी मुश्किलों का सामना करना पड़ सकता है। पुल का निर्माण सन् 2000 में जिला पंचायत द्वारा किया गया था। जनप्रतिनिधि पुल मरम्मत की मांग कर रहे हैं, लेकिन विभाग द्वारा इस मामले में लापरवाही बरती जा रही है, जिससे ग्रामीणों में रोष व्याप्त है।


नौ जुलाई से होगी एचएनबी गढ़वाल विवि की बीएड परीक्षा

29 जून से होने वाली एचएनबी गढ़वाल विवि बीएड परीक्षा अब  नौ जुलाई से शुरू होगी।
एचएनबी गढ़वाल विश्वविद्यालय ने बीएड परीक्षा कार्यक्रम में संशोधन किया है। विवि के विशेष कार्याधिकारी परीक्षा प्रो. एलजे सिंह ने बताया कि यह परीक्षा दोपहर 11 से दो बजे की पाली में होगी। जो कि एक अगस्त तक चलेगी।
प्रो. एलजे सिंह ने कहा कि बिड़ला परिसर, एसआरटी परिसर टिहरी, पौड़ी परिसर, केएलडीएवी रुड़की, देहरादून के डीएवी और डीब्ल्यूटी कॉलेज व कोटद्वार, गोपेश्वर, अगस्त्यमुनि, जहरीखाल, नैनीडांडा, बेदीखाल, उत्तरकाशी, डाकपत्थर राजकीय महाविद्यालयों की बीएड परीक्षा नौ जुलाई से शुरू होगी। संशोधित परीक्षा कार्यक्रम सम्बन्धित महाविद्यालयों को भी प्रेषित कर दिया गया है।

कलयुगी माँ ने घोटा ममता का गला और पोंछ दिया सिंदूर

एक पुरानी कहावत है की, पुत्र कुपुत्र हो सकता है लेकिन माता कभी कुमाता नहीं हो सकती, लेकिन आज के समय में ये कहावत शायद खोखली होती नज़र आ रही है। इसका ताज़ा उदहारण है उत्तराखंड के चमोली जिले में देवाल इलाके के सुय्या गांव की एक कलयुगी माँ जिसने आपने  प्रेम प्रसंगों के चलते अपने पुत्र और पति की हत्या कर दी।  चमोली जिले में देवाल इलाके के सुय्या गांव में एक मां प्रेम में इस कदर पागल हो गई कि उसने न केवल अपने माथे का सिंदूर पोंछ दिया, बल्कि अपनी कोख भी उजाड़ डाली। मंगलवार को राजस्व पुलिस की हिरासत में आरोपी पुष्पा देवी की निशानदेही पर पति और पुत्र के शव बरामद कर लिए गए। पुष्पा का पति जनवरी और पुत्र मार्च से लापता थे। पुलिस ने महिला के दो भाइयों को भी हिरासत में लिया है। घटना के तार रुद्रपुर से जुड़े बताए जा रहे हैं। बुधवार को पिता व पुत्र के शव का जिला चिकित्सालय में पोस्टमार्टम कराया गया।
देवाल के सुय्या गांव निवासी प्रद्युमन राम ने पटवारी जैनबिष्ट में रिपोर्ट दर्ज कर  पुष्पा देवी पर अपने ही 12 वर्षीय बेटे प्रकाश और पति लखपतराम की हत्या का आरोप लगाया था। महिला की निशानदेही पर नायब तहसीलदार आरआर टम्टा के नेतृत्व में राजस्व पुलिस ने प्रकाश का शव बलाण के घट गदेरे और लखपत राम का कंकाल बलाण से सात किलोमीटर दूर घेस की सीमा में एक गड्ढे से बरामद किया। बुधवार को दोनों शवों का जिला चिकित्सालय में पोस्टमार्टम कराया गया। राजस्व पुलिस ने पुष्पा देवी सहित उसके भाई बालक राम व नारायण राम को हिरासत में लिया है। राजस्व पुलिस के अनुसार पूछताछ में पुष्पा देवी के रुद्रपुर में प्रेम संबंध की बात सामने आई है। पुलिस का अनुमान है कि संभवत: यही कारण रहा कि महिला ने पहले अपने पति और बाद में पुत्र की भी हत्या कर डाली। राजस्व पुलिस के अनुसार उसने पुत्र की हत्या मायके मे की। राजस्व पुलिस का कहना है कि मामले की जांच की जा रही है। इस घटना से पुरे इलाके में जहाँ सनसनी फैली हुई है, वहीँ  पुष्पा की इस घिनोनी हरकत से ग्रामीण लोग भी बहुत आक्रोशित हैं।

Wednesday, June 22, 2011

श्रद्धालुओं पर पड़ी ऊर्जा निगम की काली छाया

देश के कोने कोने से आये केदारबाबा के दर्शन के लिए हजारो श्रद्धालुओं पर ऊर्जा निगम की काली छाया पड़ने से उन्हें  काफी परेशानियों  का सामना करना पड़ रहा है।                                     
यही नहीं इस यात्रा के दौरान कई लोगो को तो अपनी जान भी गवानी पड़ी। यात्रा मार्गो पर विद्युत आपूर्ति ठप होने से सन्नाटा छा जाता है, ऊपर से यात्री की भारी भीड़ व संकरी सड़कों पर भक्तों की आवाजाही के दौरान लगातार जान का जोखिम बना रहता है। आंकड़ों पर गौर करें तो अब तक गौरीकुंड में विद्युत गुल होने के बाद दो लोगों की अंधेरे में खाई में गिरने से मौत हो चुकी है, जबकि सत्रह लोग घायल हो चुके हैं।
यात्रा शुरु होने के साथ ही विद्युत गुल होने का सिलसिला शुरू हो गया। इसका खामियाजा देश विदेश से आने वाले यात्रियों को भुगतना पड़ रहा है, मुख्य पड़ाव स्थलों पर भारी भीड़ व धक्का-मुक्की होने से अंधेरे में आवाजाही काफी मुश्किल हो जाती है।
गौरीकुंड में कई डेंजर जोन हैं। विद्युत गुल होने से यहां एक-एक कदम चलना भी मुश्किल हो जाता है, इस पर तुर्रा यह है कि यात्रियों को टैक्सी व जीप पार्किंग के चलते पैदल ही बाजार तक आना पड़ता है, लेकिन यह रास्ता काफी डेंजर है, जिससे दुर्घटना की संभावना बढ़ जाती है।

अब तक हुई दुर्घटना

1-लाल चन्द शुक्ला उम्र-55 वर्ष पटियाला, पंजाब
मौत- 23 मई गौरीकुण्ड में

2-अज्ञात महिला-उम्र 55 वर्ष,
मौत-29 मई, गौरीकुण्ड में

3-17 लोग अंधेरे में सड़क से नीचे गिरने से घायल हो चुके हैं।

इतनी दुर्घटनाये होने के बावजूद भी सरकार ने अभी तक कोई ठोस कदम नहीं उठाये  हैं, शायद सरकार की नींद तब खुलेगी जब कोई बड़ा हादसा होगा।  

ओपीडी बहिष्कार वापस लिया

देहरादून। दून अस्पताल में इमरजेंसी में तैनात चिकित्सक डा. आएस भाटिया के साथ बीती देर शाम कुछ लोगों द्वारा मारपीट के विरोध में प्रांतीय चिकित्सा संघ ने आज ओपीडी के कार्य बहिष्कार की घोषणा कर दी थी। पुलिस के हस्तक्षेप के बाद हमलावरों ने लिखित में माफीनामा दिया। आज संघ के महा सचिव डा. डीपी जोशी ने बताया कि हमलावरों के माफी मांग लिए जाने के बाद संघ ने ओपीडी कार्य बहिष्कार को वापस लिया और वहां ड्यूटी पूरी जिम्मेदारी से निभाई।
प्रांतीय चिकित्सा संघ के महासचिव डा. डीपी जोशी ने बताया कि चिकित्सक से मारपीट के आरोपियों की गिरफ्तारी की मांग को लेकर चिकित्सक एसएसपी जीएस मर्ताेलिया से मिले। पुलिस कप्तान ने उन्हें आश्वासन दिया कि जरूरी जांच के बाद उचित कार्रवाई की जाएगी। एक मरीज के साथ दर्जनों तिमारदार नहीं हो सकते, जबकि देर शाम चिकित्सक से मारपीट करने वालों में काफी लोग शामिल थे। चिकित्सकों ने आरोप लगाए हैं कि कुछ लोग नेतागिरी चमकाने के लिए वहां मौजूद रहे और चिकित्सक पर हाथ छोड़ दिया। एसएसपी के आश्वासन पर संघ के लोग वापस लौट आए।
डा. डीपी जोशी मामले की जांच के लिए पंाच सदस्यीय चिकित्सकों की कमेटी बनी है। उन्होंने कहा कि मीडिया क्लीपिंग के आधार पर हमलावरों की पुलिस पहचान कर रही है। अब तक की जांच में कल बच्ची की मौत का कारण चिकित्सक की लापरवाही होना नहीं पाया गया है। डा. जोशी के अनुसार प्रमुख सचिव चिकित्सा विभाग उमाकांत पंवार से प्रांतीय चिकित्सा संघ के पदाधिकारियों की वार्ता होगी। जिसमें चिकित्सक काफी पहले से सिक्योरिटी अधिनियम पारित करने की मांग कर सकते हैं। कल इमरजेंसी में चिकित्सक से हुई मारपीट के बाद आज सुबह दून अस्पताल में प्रांतीय चिकित्सा संघ की एक बैठक भी हुई जिसमें कई अहम मुद्दों पर गम्भीरता से चर्चा हुई। 

पूरा नहीं हो पाया भू-बैकुंठ धाम में हरियाली का सपना

पहाड़ी इलाको में नष्ट हो रही प्राकर्तिक सुन्दरता को बचाने के लिए वर्ष 2002 में शुरू हुए  भू-बैकुंठ धाम की खाली चोटियों को हरा-भरा करने की योजना विफल होती नज़र आ रही है।  भू-बैकुंठ धाम की खाली चोटियों को हरा-भरा करने व एकता वन में आने वाले प्रत्येक यात्री को यात्रा को यादगार बनाने और अपने बुजुर्गो की स्मृति में पौधे रोपने की योजना को सरकारी विभाग ही पलीता लगा रहे हैं।
भू-बैकुंठ धाम की खाली चोटियों को हरा-भरा करने के लिए श्री बदरीनाथ धाम में वन विभाग ने बद्रीश एकता वन की शुरूआत की थी। इस योजना के तहत वन विभाग ने देवदर्शिनी के पास बामणी में नौ हेक्टेयर क्षेत्रफल में देश के अलग-अलग प्रदेशों से आने वाले यात्रियों के लिए भूखंड चिन्हित करने के साथ ही आरक्षित किये थे। यात्री को अपने प्रदेश के लिए आवंटित भूखंड में ही अपनी यात्रा और पूर्वजों के नाम से पौधरोपण करना था। इसके लिए यात्री को 100 रुपया शुल्क देने के साथ पौधे पर यात्री के नाम व पते की तख्ती लगनी थी। जब यह योजना शुरू हुई तो यात्रियों ने भी इसे हाथों हाथ लिया और देखते ही देखते बद्रीश एकता वन में सैकड़ों पौध रोपित हो गये। पौध रोपण के लिए न केवल मंदिर समिति बल्कि यहां के होटल, धर्मशालाओं में हर यात्री को इसके प्रति जागरूक किया जाता रहा, लेकिन दो वर्ष बाद ही वन विभाग की यह योजना लापरवाही की भेंट चढ़ गई। वर्ष 2005 में बर्फ से सड़क के किनारे बनाया गया बुकिंग काउंटर भी ध्वस्त हो गया और इसी के साथ इस महत्वाकांक्षी योजना खानापूर्ति बनकर रह गई। अब हालात यह है कि करीब छह वर्षो से बद्रीश एकता वन की यह योजना मात्र कागजों में ही चल रही है।
'बद्रीश एकता वन निश्चित ही बदरीनाथ को हरा-भरा करने के लिए एक सराहनीय प्रयास था। वर्तमान में इस वन में पौधरोपण को लेकर वह उत्साह नहीं है जो शुरूआती दौर में रहा। अब इसे फिर से  हरित करने विकसित करने का प्रयास  किया जा रहा है।

भगीरथ के इंतजार में धराली

उत्तराखंड राज्य में वैसे तो कई ऐसे स्थल हैं जो पर्यटन की दृष्टी से बहुत सुन्दर हैं, लेकिन मूलभूत सुविधाएं न  होने  के कारण ये स्थान अपनी खूबसूरती का फायदा  नहीं उठा पाते।  ऐसा ही कुछ हाल है   गंगोत्री धाम यात्रा मार्ग पर स्थित धराली ग्राम  का।  गांव में सुविधाएं न होने से पर्यटक चाहकर भी इस रमणीक स्थल पर नहीं ठहरते पाते।  ग्रामीणों का कहना है कि धराली ग्राम को उस 'भगीरथ' का इंतजार है, जो इस गांव को मूलभूत सुविधाएं प्रदान करा सके। 
उत्तरकाशी जिला मुख्यालय से 75 किमी दूर गंगोत्री राजमार्ग पर धराली गांव पर्यटन विकास की अपार संभावनाएं हैं। गांव में खुदाई में निकला प्राचीन कल्प केदार मंदिर, मार्कंडेय मंदिर और सेब के बाग आकर्षण का केंद्र हैं। श्रीकंठ पर्वत की तलहटी में बसे इस गांव से सात ताल का ट्रैक सहित अन्य उच्च हिमालयी ट्रैक शुरू होते हैं। संभावनाओं के चलते ही धराली में दो दर्जन होटल व गेस्ट हाउस तैयार हो गये हैं। गंगोत्री धाम की यात्रा पर आने वाले देशी विदेशी श्रद्धालु व पर्यटक इस जगह पर रुकना भी पसंद करते हैं, लेकिन सुविधाएं न मिलने पर उन्हें दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। पर्यटन के लिहाज से जरूरी सुविधाओं में शामिल विद्युत, संचार व सफाई की व्यवस्थाएं नहीं जुटाई जा सकी है। सार्वजनिक शौचालय, कूड़ेदान, ड्रेनेज जैसी सुविधाएं कोसों दूर हैं। वहीं वाहन पार्किंग, साइनबोर्ड और पर्यटन सूचना केंद्र जैसी व्यवस्था भी नहीं है। यात्रा सीजन की शुरुआत में व्यवस्थाएं चाक चौबंद तो की जाती हैं, लेकिन कुछ ही दिनों में सारी व्यवस्था  चरमरा जाती हैं। धराली की ग्राम प्रधान ममता पंवार ने बताया कि जिला पंचायत सहित शासन प्रशासन से अनेक बार जरूरी सुविधाएं जुटाए जाने की मांग की गयी  है, लेकिन अभी तक स्थिति ज्यों की त्यों बनी हुई है।

उम्मीद की किरन, गंगोत्री मेगा प्रोजेक्ट 

 धराली के लोगों को निर्मल गंगोत्री मेगा प्रोजेक्ट से काफी उम्मीदें हैं। इसके तहत हर्षिल से गंगोत्री तक पर्यटकीय सुविधाओं का विस्तार किया जाना है।
'धराली पर्यटकों की पसंदीदा जगह रही है। निर्मल गंगोत्री प्रोजेक्ट से धराली को काफी लाभ मिलेगा। लेकिन यह सब तभी संभव होगा,  जब ये प्रोजेक्ट पूरी तरह से बन कर तैयार हो जायेगा।

पंचायत एक्ट को लागू करने को लेकर ग्राम प्रधानों का धरना प्रदर्शन

गाँव में पंचायत एक्ट लागू  करने को लेकर सहसपुर विकासखंड के ग्राम प्रधानों ने कार्यालय में तालाबंदी और धरना शुरू कर दिया है। सहसपुर ब्लॉक के ग्राम प्रधान मंगलवार को सुबह करीब साढ़े दस बजे ग्राम प्रधान संगठन के ब्लॉक अध्यक्ष मेघ सिंह के नेतृत्व में विकासखंड कार्यालय में एकत्रित हुए और प्रदेश सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। प्रधानों ने ब्लॉक कार्यालय में तालाबंदी करने के पश्चात वहां पर धरना-प्रदर्शन किया। प्रधानों का कहना था कि उत्तराखंड राज्य को बने दस वर्ष बीत चुके हैं, लेकिन अभी तक राज्य में उत्तर प्रदेश का ही पंचायतराज एक्ट लागू है। प्रधानों का कहना था कि प्रदेश सरकार अपना पंचायतराज एक्ट लागू करें। 29 विभागों को पंचायतों के अधीन करने की लंबे समय से मांग की जा रही है, लेकिन अभी तक ये विभाग पंचायतों के अधीन नहीं किए गए हैं। प्रधानों का कहना था कि सरकार पंचायतों को सुदृढ़ करने के बजाए उन्हें कमजोर करने में लगी हुई है। इसके अलावा ग्राम प्रधान अपना मानदेय बढ़ाए जाने की भी मांग कर रहे थे। प्रधानों का कहना था कि उन्हें महंगाई के इस दौर में मात्र 600 रुपये मानदेय दिया जा रहा है। सरकार ने सांसदों, विधायकों, अधिकारियों, कर्मचारियों सभी का वेतन बढ़ा दिया है, लेकिन प्रधानों की कोई सुध नहीं ली गई है। प्रधानों ने मानदेय बढ़ाकर पांच हजार रुपये किया जाने की मांग की है ।

Tuesday, June 21, 2011

प्रथम कैलास मानसरोवर यात्रा दल भारत लौटा

पिथौरागढ़। कैलास मानसरोवर का प्रथम दल कैलास मानसरोवर की परिक्रमा पूरी करने के बाद भारत वापस लौट चुका है। दल के सभी सदस्य सकुशल और प्रसन्नचित्त हैं।
आईटीबीपी 7वीं वाहिनी भातिसीपु के कंट्रोल रुम से मिली जानकारी के अनुसार मंगलवार की प्रात: प्रथम कैलास मानसरोवर यात्रा दल कैलास मानसरोवर की परिक्रमा पूरी कर भारत लौट चुका है। इस मौके पर तीसरे दल ने तिब्बत में प्रवेश किया। कैलास मानसरोवर की परिक्रमा पूरी कर वापस लौटे प्रथम दल के यात्रियों ने बताया कि उनकी यात्रा पूरी तरह सफल रही। कैलास मानसरोवर का दर्शन उनके जीवन की विशेष उपलब्धि रही। वहीं चौथा कैलास मानसरोवर यात्रा दल आधार शिविर धारचूला से चलकर प्रथम पैदल पड़ाव सिर्खा पहुंच चुका है। यह दल बुधवार को प्रथम पैदल पड़ाव सिर्खा से गाला रवाना होगा। तीसरा दल लिपूलेख पास कर मंगलवार को तिब्बत के तकलाकोट पड़ाव में पहुंचा है। दल बुधवार को तकलाकोट में प्रवास करने के बाद आगे रवाना होगा। दूसरा दल इस समय तिब्बत में मानसरोवर की परिक्रमा कर रहा है।

गोरखाओं ने की 27 प्रतिशत आरक्षण की मांगा

पिछले दिनों गुजर   आरक्षण को लेकर देश में हुए हिंसक आन्दोलन से जहाँ एक ओर देश  में हिंसात्मक  गतिविधिया  हुई,  वही  आम  लोगो  को  भी  काफी परेशानियों का सामना करना पड़ा।   अब खबर है की  गोरखा सुधार सभा ने यूपी की भांति उत्तराखण्ड के गोरखाओं को भी 27 प्रतिशत आरक्षण दिये जाने की मांग उठाई है। सम्मेलन में समुदाय की विभिन्न समस्याओं पर चर्चा हुई और अपने अधिकारों के प्रति जागरूक रहने का आह्वान किया गया।
रामलीला मैदान में हुए सम्मेलन में विभिन्न मुद्दों पर चर्चा की गई। वक्ताओं ने कहा यूपी में गोरखा समुदाय को 27 प्रतिशत आरक्षण की परिधि में शामिल किया गया है, लेकिन उत्तराखंड में आरक्षण का प्रतिशत बहुत कम है। सम्मेलन में समुदाय को उत्तराखंड में भी 27 प्रतिशत आरक्षण दिये जाने की मांग उठाई गई। प्राइमरी, जूनियर व दसवीं कक्षा के विद्यार्थियों को पिछड़े वर्ग का लाभ कम मिलने का मामला भी उठाया गया और मांग की गई कि पूरा लाभ विद्यार्थियों को दिया जाये साथ ही स्पेशल कम्पोनेंट के तहत पिछड़े वर्ग के लिए अलग से बजट की व्यवस्था की जाये। बैठक में वर्तमान में रामलीला मैदान के निकट स्थित किले को गोरखा हितों के उपयोग के इस्तेमाल के लिए इजाजत दिये जाने की मांग सम्मेलन में उठाई गई।
धारचूला से आये भूपेन्द्र सिंह थापा ने फौज में भर्ती हो रहे युवाओं के सम्मुख निकट भविष्य में आने वाली परेशानी का जिक्र करते हुए इसके समाधान की मांग की  है।

ट्रेन चालक की समझदारी से टला गया बड़ा हादसा

बीते सोमवार को हरिद्वार बाइपास रेलवे क्रासिंग पर एक बड़ा हादसा होने बच गया। अगर सही समय पर ट्रेन चालक अपनी  सूझबूझ से काम न लेता तो नाजाने कितने मासूम लोगो को अपनी जान से हाथ धोना पड़ता।   जरा सोचिये शताब्दी एक्सप्रेस अपनी रफ्तार से रेलवे ट्रैक पर दौड़ रही हो और व्यस्ततम ट्रैफिक वाले मार्ग का रेलवे बैरियर खुला हुआ हो। तो.. क्या से क्या हो जाता।  ऐसा ही कुछ हुआ सोमवार को हरिद्वार बाइपास रेलवे क्रासिंग पर। चालक ने बीच रास्ते में ही ट्रेन रोक कर  एक बड़ी अनहोनी को टाल दिया।
घटना सोमवार शाम लगभग सवा पांच बजे हरिद्वार बाइपास रेलवे फाटक पर हुई। हुआ यूं कि, शताब्दी एक्सप्रेस दिल्ली जाने के लिए अपने निर्धारित समय पर स्टेशन से चली। जब ट्रेन बाइपास फाटक के नजदीक पहुंची तो ट्रेन चालक ने दूर से भांप लिया कि फाटक खुला हुआ है। यह वो फाटक है जिस पर हर समय वाहनों की रेलमपेल लगी रहती है। चालक ने गेटमैन से संपर्क करना चाहा पर दूसरी ओर से जवाब नहीं मिला। चालक ने इमरजेंसी ब्रेक लगा ट्रेन फाटक से चंद मीटर पहले रोक दी। रेलवे फाटक पर शताब्दी एक्सप्रेस को देखते ही वाहन चालकों के होश उड़ गए। भगदड़ जैसे हालत बन गए।
चालक नीचे उतरा और गेटमैन को देखने गया। वहां का नजारा देखकर वह हतप्रभ रह गया। गेटमैन अपने कक्ष से नदारद था। तलाश हुई तो वह कक्ष की पिछली तरफ नशे में धुत पड़ा था, जबकि वायरलैस सेट जमीन पर गिरा हुआ था। चालक ने तुरंत रेलवे स्टेशन पर अफसरों से संपर्क किया व मामले की जानकारी दी। सूचना मिलते ही अफसरों में हड़कंप मच गया। अफसर मौके पर पहुंचे। सूचना पर पुलिस भी वहां आ पहुंची। पुलिस ने आरोपी गेटमैन को अपने कब्जे में ले लिया और मेडिकल को ले गई। इसके बाद फाटक बंद कर शताब्दी एक्सप्रेस को दिल्ली रवाना किया गया। इस दौरान लोगों का यही कहना था कि अगर चालक ने सूझबूझ नहीं दिखाई होती तो एक बड़ा हादसा हो सकता था।
स्टेशन अधीक्षक एसडी डोबाल ने बताया कि फाटक रेलवे के इंजीनियरिंग डिपार्टमेंट ईडब्लूआइ के अंर्तगत आता है। घटना के बाद ही ईडब्लूआइ के अफसर वहां पहुंच गए थे। उन्होंने गेटमैन का मेडिकल कराया व उसे तत्काल सस्पेंड कर दिया। मामले में रेलवे द्वारा जांच बैठा दी गई है।

पिछले दिनों भी हुई थी ऐसी ही घटना, जिसमे ट्रेन को जंगल में रोकना पड़ा था।

 23 मई को बांद्रा एक्सप्रेस अपनी निर्धारित गति से आ रही थी। तभी दून-हरिद्वार हाइवे पर मोहकमपुर फाटक को गेटमैन ने बंद कर दिया। एक रोडवेज चालक ने बैरियर बंद होने से चंद सेंकड पहले बस फाटक में घुसा दी। इस दौरान सामने वाला फाटक बंद हो गया और बस रेलवे ट्रैक पर फंस गई। उस वक्त भी बांद्रा एक्सप्रेस को जंगल में रोकना पड़ा नहीं तो शायद उस दिन भी कोई बड़ा हादसा हो जाता।

मनमाना किराया वसूल रहे चालको से ग्रामीण परेशान

उत्तराखंड के ग्राम  त्यूणी, तहसील क्षेत्र के विभिन्न रूटों पर  छोटे वाहन चालको की मनमानी के चलते वाहन चालक ग्रामीणों  से  मनमाना किराया वसूल रहे हैं। इससे खफा लोगों ने डीएम को ज्ञापन भेजकर किराया निर्धारण करने की मांग की। ग्रामीणों ने क्षेत्र में संचालित बगैर परमिट के हिमाचल-प्रदेश के छोटे वाहन पर भी रोक लगाने की मांग की।
डीएम को प्रेषित ज्ञापन में क्षेत्र के लोगों का कहना है कि बसों के अभाव में त्यूणी तहसील क्षेत्र के अधिकांश रूटों पर छोटे वाहनों का संचालन होता है। आरोप है कि ये छोटे वाहन चालक ग्रामीणों से मनमाना किराया वसूलते हैं। लोगों का कहना है कि वाहन चालक त्यूणी से मझोग दूरी चार किमी और त्यूणी से मैंद्रथ दूरी पांच किमी का दस रुपये प्रति सवारी किराया वसूलते हैं, जो कहीं अधिक है। बसों के अभाव में त्यूणी-हनोल-मोरी, त्यूणी-दारागाड़-केराड़, त्यूणी-चिल्हाड़, त्यूणी-कथियान, त्यूणी-आराकोट-हाटकोटी, त्यूणी-अणू-अटाल व त्यूणी-दार्मीगाड़ चार नंबर समेत विभिन्न रूटों पर छोटे वाहनों का संचालन होता है। इसके अलावा यहां पड़ोसी राज्य हिमाचल-प्रदेश के रोहडू क्षेत्र के दर्जनों छोटे वाहनों का संचालन भी होता है। लोगों का कहना है कि हिमाचल के छोटे वाहन राज्य में बगैर परमिट के चल रहे हैं। छोटे वाहन चालकों की मनमानी से लोग परेशान हैं। कई बार शिकायत के बाद भी तहसील प्रशासन कार्रवाई नहीं कर रहा है। इससे लोगों में गहरा रोष है। ग्रामीणों ने इस संबंध में डीएम सचिन कुर्वे को ज्ञापन भेज जल्द कार्रवाई किए जाने की मांग की है।

....जल्द बनेगा उत्तराखंड मंगल दल

पूर्व कमांडर त्रिलोकसिंह बोहरा और उमेश्वरसिंह तड़ागी ने  उक्रांद से इस्तीफा देने के बाद युवक व महिला मंगल दलों को साथ लेकर उत्तराखंड मंगल दल बनाने की घोषणा की है । उनका कहना है कि सामाजिक गतिविधियों में बढ़चढ़कर भाग लेने के बाद भी मंगल दलों को नजरअंदाज किया जा रहा है।
दोनों नेताओं ने बताया कि क्षेत्र की समस्याओं के साथ ही पर्वतीय राज्य उत्तराखंड के सुनियोजित विकास के लिए संघर्ष किया जाएगा। इस मुहिम में युवक और महिला मंगल दलों को साथ लेकर चलने का निर्णय लिया गया है। वर्तमान में मंगल दलों की अनदेखी की जा रही है। जबकि वह ग्रामीण क्षेत्रों में रचनात्मक कार्यो के अलावा सामाजिक गतिविधियों के संचालन में सक्रिय भूमिका निभाते आ रहे हैं। विभिन्न मंगल दलों से जुडे़ युवाओं से उत्तराखंड मंगल दल गठित करने में सहयोग की अपील की गई है।

पक्की सड़को से चमकेंगे गांवों

सड़को की ख़राब हालत से परेशान प्रदेश के कई गांवों में अब जल्द ही सड़के पक्की हो जाएँगी।   जनपद में जिला योजना के तहत विभिन्न मोटर मार्गो को मंजूरी प्रदान की गई है। सरकार द्वारा कांडा में विश्राम गृह भी स्वीकृत किया है। इसके अलावा चार मोटर मार्गो को भारत सरकार से सैद्धांतिक स्वीकृति मिली है।
 भारत सरकार से घिंघारतोला से देवली, विजयपुर से रणकांडे व बनलेख से मउडियार व खंतोली तक मोटर मार्गो की स्वीकृति प्रदान की है। जिला योजना से नरगोली से तुसरेड़ा, देवीनगर से तुसरेड़ा, नरगोली से बांस-सेराघाट, बोहाला से हन्योलीपंप, जौलकांडे से शीशाखानी, बोहाला से नदीगांव, रावतसेरा से माणा विमौली, सातचौंरा से जल्थाकोट, गंगनाथ धार से नारायण देव मंदिर, सिमकूना से बाजड़ मोटर मार्ग को मंजूरी प्रदान की है।  इसके अलावा कांडा भाकड़पंत को विस्तार, पालड़ीछीना से जोगाड़ी, दोफाड़ में पुल निर्माण, कांडा से थपलियाधार, घिंघारतोला से देवली, मजबे का विस्तार, कमेड़ीदेवी से झांकरा, दोफाड़ से ओखलधार, अनगड़ी पुल से गापानी, घिंघारतोला से भैरूचोबट्टा, दोफाड़ रताइस मोटर मार्ग को पीएमजीएसवाई में मिलान, भैरू चौबट्ट से गैराड़ मोटर मार्ग को स्वीकृति दी है। इसके अलावा कांडा में विश्राम गृह, लाल पहाड़ से दोया तक सीसीमार्ग, फुसेरा धनागिरी से सुंदिल तक मिलान व बालीघाट धरमघर मोटर मार्ग के खितोली तक मिलान का कार्य स्वीकृत किया है।  शीघ्र ही इन कार्योँ पर सर्वे करने के निर्देश दिए हैं, जिनके परिणाम जल्द ही देखने को मिलेंगे  ।

उत्तराखंड में मानसून की दस्तक

 मानसून के इंतजार में बैठे उत्तराखंड में मानसून  ने दस्तक दे दी है। सोमवार को  कुमाऊं मंडल के कुछ हिस्सों में मानसून का नज़ारा देखने को मिला। पिछले  सात सालों में 2007 व 2008 के बाद उत्तराखंड में यह तीसरा मौका है, जब मानसून का हफ्तेभर पहले आगमन हुआ है। उम्मीद जताई जा रही है कि दो-तीन रोज में संपूर्ण उत्तराखंड में मानसून सक्रिय हो जाएगा।
प्री-मानसून जैसे बरस रहा था, उससे यह संभावना जताई जा रही थी कि सूबे में इस बार मानसून जल्दी दस्तक दे देगा। कुछ दिन पहले पूर्वी उत्तर प्रदेश में मानसून के आने बाद दो-चार रोज में इसके उत्तराखंड में प्रवेश की संभावना जताई गई थी। सोमवार को कुमाऊं क्षेत्र में मानसून का आगमन भी हो गया।  मौसम का जैसा रुख है उसे देखते हुए उम्मीद है कि दो-तीन रोज में मानसून पूरे उत्तराखंड में सक्रिय हो जाएगा।
गौरतलब है कि इस बार मानसून करीब हफ्तेभर पहले पहुंचा है। सूबे में अमूमन जून के तीसरे हफ्ते में मानसून पहुंचता है, जो इस बार 20 जून को ही पहुंच गया। पिछले सात सालों में यह तीसरा अवसर है, जब मानसून नियत समय से पहले आया है। गत वर्ष तो यह करीब 12 दिन विलंब से पांच जुलाई को आया था।
Related Posts Plugin for WordPress, Blogger...