Saturday, June 25, 2011
पेंशन के लिए तरसते विधवा, विकलांग और वृद्ध
Friday, June 24, 2011
पौड़ी-कोटद्वार मार्ग पर भूस्खलन से मुसाफिर परेशान
उत्तराखंड का एक गाँव ऐसा भी जो आज तक है, विकास से कोसो दूर
Thursday, June 23, 2011
सैकड़ों पत्रकार सामूहिक उपवास पर बैठे। जंतर मंतर पर संगठन
प्रतिष्ठ में
माननीय मनमोहन सिंह
प्रधानमंत्री,
भारत सरकार,
नई दिल्ली
पिछले काफी समय से ईमानदार पत्रकारों के सामने अपने कतर्तव्य का निर्वहन करने में काफी दिक्कतें आ रही हैं। हाल ही में मिड डे के पत्रकार ज्यातिर्मय डे की हत्या ने एक बार फिर साबित कर दिया है कि कर्तव्यनिष्ठ पत्रकारों के कत्ल का जो सिलसिला शहीद उमेश डोभाल से शुरु हुआ था, वह रुका नहीं है और सरकारें भी पत्रकारों की सुरक्षा के सवाल पर न केवल हाथ पर हाथ धरे बैठी हैं बल्कि अब तो जनता के सवालों को पूरी शिद्दत के साथ उठाने वाले पत्रकारों को फर्जी मुठभेड़ों में मारने और जेल भेजने का भी सिलसिला शुरु हो गया है।
स्व डे कर्तव्यनिष्ठ पत्रकारो के लिए एक बड़ा आदर्श बन कर उभरे हैं। पीडि़त परिवार की समुचित मदद कर केन्द्र सरकार अपनी सामाजिक जिम्मेदारी निभा सकती हैं। यह मौका उन अनेकों पत्रकारों के बारे में भी सोचने का है जो अपनी कलम से पत्रकारिता के उच्चतम मापदंड़ों की रक्षा के लिए तत्पर रहते हैं औऱ नित नए खतरों से खेलते रहते हैं।
अत: इस घटना पर अपना विरोध दर्ज कराते हुए हम मांग करते हैं कि --
1. जे डे के परिवार को एक करोड़ रुपये की सहयोग राशि मिले।
2. नई दुनिया रायपुर के पत्रकार उमेश राजपूत, दैनिक भास्कर बिलासपुर के पत्रकार सुशील पाठक और स्वतंत्र पत्रकार हेमचंद्र पाण्डेय समेत सभी उन पत्रकारों के परिजनों को एक - एक करोड़ रुपया मुआवजा मिले जिनकी हत्याएं हुई हैं।
2. पत्रकारों की सुरक्षा के खास प्रबंध हों।
3. किसी भी आपात स्थिति में पत्रकार की स्वाभाविक या अस्वाभाविक मृत्यु होने पर एक करोड़ रुपये की राशि बीमा कवच के रूप में पीडि़त परिवार को मिले।
4. दुर्घटना- वारदात के शिकार पत्रकारों के आश्रित अव्यस्क बच्चों को निशुल्क शिक्षा की व्यवस्था हो।
5. पीडि़त परिवार के किसी एक वयस्क सदस्य के लिए सरकारी नौकरी की व्यवस्था हो। यदि परिवार में कोई वयस्क व्यक्ति नहीं है तो परिवार को पारिवारिक पेंशन दी जाए।
6. जनता के सवालों को पूरी शिद्दत से उठाने वाले पत्रकार प्रशांत राही, सीमा आजाद, सुधीर धवले और विश्वविजय को तत्काल रिहा किया जाए।
7. पत्रकार कपिल शर्मा की ग्यारह- बारह जून की रात्रि में अवैध हिरासत में रखने एवं थर्ड डिग्री का प्रयोग करने वाले दिल्ली के थाना तीमारपुर के एसएचओ एवं स्टाफ के विरुद्घ अपहरण एवं अवैध हिरासत में रखने का मुकदमा कायम किया जाए।
हम हैं प्रेस फ्रीडम के साथी
दुर्घटना को न्योता देता हेंवल नदी पर बना पुल
नौ जुलाई से होगी एचएनबी गढ़वाल विवि की बीएड परीक्षा
कलयुगी माँ ने घोटा ममता का गला और पोंछ दिया सिंदूर
Wednesday, June 22, 2011
श्रद्धालुओं पर पड़ी ऊर्जा निगम की काली छाया
ओपीडी बहिष्कार वापस लिया
प्रांतीय चिकित्सा संघ के महासचिव डा. डीपी जोशी ने बताया कि चिकित्सक से मारपीट के आरोपियों की गिरफ्तारी की मांग को लेकर चिकित्सक एसएसपी जीएस मर्ताेलिया से मिले। पुलिस कप्तान ने उन्हें आश्वासन दिया कि जरूरी जांच के बाद उचित कार्रवाई की जाएगी। एक मरीज के साथ दर्जनों तिमारदार नहीं हो सकते, जबकि देर शाम चिकित्सक से मारपीट करने वालों में काफी लोग शामिल थे। चिकित्सकों ने आरोप लगाए हैं कि कुछ लोग नेतागिरी चमकाने के लिए वहां मौजूद रहे और चिकित्सक पर हाथ छोड़ दिया। एसएसपी के आश्वासन पर संघ के लोग वापस लौट आए।
डा. डीपी जोशी मामले की जांच के लिए पंाच सदस्यीय चिकित्सकों की कमेटी बनी है। उन्होंने कहा कि मीडिया क्लीपिंग के आधार पर हमलावरों की पुलिस पहचान कर रही है। अब तक की जांच में कल बच्ची की मौत का कारण चिकित्सक की लापरवाही होना नहीं पाया गया है। डा. जोशी के अनुसार प्रमुख सचिव चिकित्सा विभाग उमाकांत पंवार से प्रांतीय चिकित्सा संघ के पदाधिकारियों की वार्ता होगी। जिसमें चिकित्सक काफी पहले से सिक्योरिटी अधिनियम पारित करने की मांग कर सकते हैं। कल इमरजेंसी में चिकित्सक से हुई मारपीट के बाद आज सुबह दून अस्पताल में प्रांतीय चिकित्सा संघ की एक बैठक भी हुई जिसमें कई अहम मुद्दों पर गम्भीरता से चर्चा हुई।
पूरा नहीं हो पाया भू-बैकुंठ धाम में हरियाली का सपना
भगीरथ के इंतजार में धराली
पंचायत एक्ट को लागू करने को लेकर ग्राम प्रधानों का धरना प्रदर्शन
Tuesday, June 21, 2011
प्रथम कैलास मानसरोवर यात्रा दल भारत लौटा
आईटीबीपी 7वीं वाहिनी भातिसीपु के कंट्रोल रुम से मिली जानकारी के अनुसार मंगलवार की प्रात: प्रथम कैलास मानसरोवर यात्रा दल कैलास मानसरोवर की परिक्रमा पूरी कर भारत लौट चुका है। इस मौके पर तीसरे दल ने तिब्बत में प्रवेश किया। कैलास मानसरोवर की परिक्रमा पूरी कर वापस लौटे प्रथम दल के यात्रियों ने बताया कि उनकी यात्रा पूरी तरह सफल रही। कैलास मानसरोवर का दर्शन उनके जीवन की विशेष उपलब्धि रही। वहीं चौथा कैलास मानसरोवर यात्रा दल आधार शिविर धारचूला से चलकर प्रथम पैदल पड़ाव सिर्खा पहुंच चुका है। यह दल बुधवार को प्रथम पैदल पड़ाव सिर्खा से गाला रवाना होगा। तीसरा दल लिपूलेख पास कर मंगलवार को तिब्बत के तकलाकोट पड़ाव में पहुंचा है। दल बुधवार को तकलाकोट में प्रवास करने के बाद आगे रवाना होगा। दूसरा दल इस समय तिब्बत में मानसरोवर की परिक्रमा कर रहा है।
गोरखाओं ने की 27 प्रतिशत आरक्षण की मांगा
ट्रेन चालक की समझदारी से टला गया बड़ा हादसा
मनमाना किराया वसूल रहे चालको से ग्रामीण परेशान
डीएम को प्रेषित ज्ञापन में क्षेत्र के लोगों का कहना है कि बसों के अभाव में त्यूणी तहसील क्षेत्र के अधिकांश रूटों पर छोटे वाहनों का संचालन होता है। आरोप है कि ये छोटे वाहन चालक ग्रामीणों से मनमाना किराया वसूलते हैं। लोगों का कहना है कि वाहन चालक त्यूणी से मझोग दूरी चार किमी और त्यूणी से मैंद्रथ दूरी पांच किमी का दस रुपये प्रति सवारी किराया वसूलते हैं, जो कहीं अधिक है। बसों के अभाव में त्यूणी-हनोल-मोरी, त्यूणी-दारागाड़-केराड़, त्यूणी-चिल्हाड़, त्यूणी-कथियान, त्यूणी-आराकोट-हाटकोटी, त्यूणी-अणू-अटाल व त्यूणी-दार्मीगाड़ चार नंबर समेत विभिन्न रूटों पर छोटे वाहनों का संचालन होता है। इसके अलावा यहां पड़ोसी राज्य हिमाचल-प्रदेश के रोहडू क्षेत्र के दर्जनों छोटे वाहनों का संचालन भी होता है। लोगों का कहना है कि हिमाचल के छोटे वाहन राज्य में बगैर परमिट के चल रहे हैं। छोटे वाहन चालकों की मनमानी से लोग परेशान हैं। कई बार शिकायत के बाद भी तहसील प्रशासन कार्रवाई नहीं कर रहा है। इससे लोगों में गहरा रोष है। ग्रामीणों ने इस संबंध में डीएम सचिन कुर्वे को ज्ञापन भेज जल्द कार्रवाई किए जाने की मांग की है।