विदेशो में जमा काले धन को वापिस लाने और देश में फैले भ्रष्टाचार के खिलाफ अनिश्चितकालीन अनशन पर बैठे बाबा रामदेव अनशन अब लगभग ख़तम हो चूका है।
सरकार के साथ वार्ता टूटने के बाद पुलिस ने बाबा रामदेव को आधी रात में रामलीला मैदान से हिरासत में ले लिया। पुलिस ने उनके समर्थकों पर आसू गैस के गोले दागे और लाठिया बरसाई। सरकार और 46 वर्षीय योगगुरु ने बीती रात एक दूसरे पर आश्वासनों पर विश्वासघात का आरोप लगाया जिसके बाद पुलिस कार्रवाई हुई।
करीब एक बजे रात को यह ड्रामा तब शुरू हुआ जब बड़ी संख्या में पुलिस रामलीला मैदान में पहुंची जहाँ बाबा रामदेव विदेशों में छिपाकर रखे गए कालेधन को वापस लाने की मांग को लेकर अनशन पर बैठे थे। मध्य रात्रि से शुरू हुई कार्रवाई में पुलिस ने भोर होने से पहले बाबा के सभी समर्थकों को सत्याग्रह स्थल से बाहर कर दिया। हालाकि उनके समर्थकों ने इसका काफी प्रतिरोध किया।
दिल्ली पुलिस के प्रवक्ता राजन भगत ने बताया कि बाबा रामदेव जब अनशन स्थल छोड़कर जा रहे थे तब उन्हें हिरासत में ले लिया गया। सूत्रों ने बताया कि उन्हें दिल्ली से बाहर हरिद्वार भेजा गया है।
रामदेव के समर्थकों ने पथराव किया जबकि पुलिस ने आसूगैस के गोले छोड़ने के अलावा कोई बल प्रयोग नहीं किया।
पुलिस ने उनके योगशिविर के लिए अनुमति वापस ले ली और वहा निषेधाज्ञा लगा दी। दरअसल एक पुलिस अधिकारी का कहना था कि उनके विरोध प्रदर्शन को खत्म करने के लिए राजनीतिक निर्णय लिया गया जिसके बाद यह कार्रवाई हुई।
बीती रात सरकार और रामदेव ने एक दूसरे पर आरोप प्रत्यारोप लगाए थे। रामदेव को अनशन पर नहीं जाने के लिए मनाने के लिए उनसे वार्ता करने वाले केंद्रीय मंत्री कपिल सिब्बल ने योगगुरू के करीब की ओर से लिखे गए उस पत्र को सार्वजनिक कर दिया जिसमें कहा गया है कि यदि सरकार कालेधन को वापस लाने और दोषियों के लिए कड़े कठोर दंड के कानून पर लिखित आश्वासन देती है तो वे शनिवार के शाम तक अनशन वापस ले लेंगे।
रामदेव ने यह कहते हुए पलटवार किया कि सरकार ने उनके साथ धोखा और विश्वासघात किया है और उन्होंने जीवन में कभी भी सिब्बल से बातचीत नहीं करने की बात कही। उन्होंने कहा कि वह प्रधानमंत्री की ही बात मानेंगे।
आरोप प्रत्यारोप के बाद सरकार ने शनिवार की रात को उनकी मागों पर आश्वासन का एक ताजा पत्र भेजा और उनसे अनशन वापस लेने की अपील की। आधी रात को टेलीविजन कैमरों के सामने हुए इस ड्रामा के दौरान रामदेव के समर्थकों को सोते से जगा दिया गया। उनके समर्थक पुलिस कार्रवाई के विरोध में उठ खड़े हुए।
पुलिस के आसू गैस के गोले दागने से कई वृद्ध महिलाएं बेहोश हो गईं। उनके 30 घायल समर्थक समीप के एक अस्पताल में भर्ती कराए गए हैं। पुलिस जब रैपिड ऐक्शन फोर्स के साथ अनशन स्थल पर पहुंची और रामदेव बाबा तक जाने लगी तब तक हंगामा और अफरातफरी का माहौल पैदा हो चुका था। योगगुरू वहा विशेष रूप से तैयार मंच पर सो रहे थे। जैसे ही यह खबर फैली की कि रामदेव को गिरफ्तार किया जा सकता है, महिलाओं समेत उनके समर्थकों ने पुलिस को उन तक पहुंचने से रोकने के लिए योगगुरू को चारों तरफ से घेर लिया।
कुछ समर्थकों ने बाबा रामदेव को अपने कंधों पर बैठा लिया। इससे पहले रामदेव अपने समर्थकों से शांति बनाए रखने अपील करते हुए देखे गए। जब आसू गैस का एक गोला मंच पर गिरा तब मंच में भी मामूली आग लग गई। इस आग को तुरंत बुझा लिया गया।
समर्थकों ने पुलिसकर्मियों को मंच के करीब आने से रोकने के लिए बर्तन, ट्राइपॉड और माइक फेंके। पुलिस के आसू गैस के गोले दागने के बाद भीड़ तितर बितर हो गई। लोग मंच और आसपास के इलाके से जाते हुए देखे गए।
समर्थकों ने दावा किया है कि बाबा को आचार्य बाल कृष्णन तथा भारत स्वाभिमान मंच के प्रमुख जयदीप आर्य के साथ गिरफ्तार किया गया है। उन्होंने कहा कि बाबा रामदेव के बाद दूसरे स्थान पर आने वाले स्वामी संपूर्णानंद ने आदोलन की कमान संभाल ली है और उन्होंने लोगों से जंतरमंतर पर एकत्रित करने का आह्वान किया। पुलिस कार्रवाई के दौरान बैनर फाड़ दिए गए। गद्दे और फर्नीचर रामलीला मैदान में इधर उधर बिखड़े पड़े थे।
रामलीला मैदान बाबा रामदेव ने योग शिविर के लिए 20 दिन के लिए बुक कराया था लेकिन वह उनके सत्याग्रह आदोलन का स्थल में बदल गया। आयोजक लोगों से पंडाल नहीं छोड़कर जाने तथा विरोध प्रदर्शन जारी रखने का आह्वान करते हुए नजर आए।
रामदेव के आदोलन से जुड़े कुछ उनके समर्थकों ने राज्य इकाइयों से पुलिस कार्रवाई के खिलाफ अगली सुबह को विरोध प्रदर्शन करने को कहा। रामलीला मैदान से बड़ी संख्या में लोग जाते हुए देखे गए। उनमें से कुछ पुलिसकर्मियों के साथ यह बहस करते हुए देखे गए कि जब उनका प्रदर्शन शातिपूर्ण था तब उन्होंने ऐसी कार्रवाई क्यों की।
रामदेव घटनाक्रम
रामलीला मैदान में मध्यरात्री में बाबा रामदेव का सत्याग्रह भग करने के लिए की गई पुलिस कार्रवाई से जुड़ा घटनाक्रम इस प्रकार है :
एक जून: उज्जैन से दिल्ली हवाई अड्डे पर योगगुरू का आगमन। चार वरिष्ठ केंद्रीय मंत्री प्रणव मुखर्जी, कपिल सिब्बल, पी के बंसल और सुबोध कात सहाय की योगगुरू से मुलाकात और भ्रष्टाचार एवं कालेधन के विषय पर चर्चा।
दो जून: दोनों पक्षों के बीच पर्दे के पीछे से चर्चा शुरू।
तीन जून: रामदेव ने सिब्बल और सहाय के साथ बातचीत की। दोनों पक्षों ने अधिकाश मुद्दों पर आम सहमति का दावा किया। शाम में बाबा ने अनशन पर जाने के अपने निर्णय की घोषणा की। सरकार ने रामदेव की मागों पर विषयवार जवाब जारी किया।
चार जून: रामलीला मैदान में अनशन शुरू। शाम में सरकार ने रामदेव पक्ष का एक पत्र सर्वजनिक किया जिसमें कहा गया था कि अगर सरकार अपनी प्रतिबद्धता पर कायम रहती है तो मध्यरात्रि तक सत्याग्रह समाप्त कर दिया जाएगा। रामदेव ने जवाब में सरकार पर छल करने का आरोप लगाया। दोनों पक्षों ने अपना अपना रूख कड़ा कर लिया। सरकार ने देर रात में रामदेव को पत्र लिखा।
मध्यरात्रि चार/पांच जून: मध्यरात्रि में करीब एक बजे रामलीला मैदान में सत्याग्रह स्थल पर रामदेव और उनके समर्थकों को पकड़ने के लिए पुलिस कार्रवाई। पुलिस ने लाठीचार्ज किया और आसू गैस के गोले छोड़े। रामलीला मैदान में अफरा-तफरी का माहौल। 30 घायल लोगों को अस्पताल में भर्ती कराया गया।
सुबह चार से साढ़े चार बजे: आदोलनकारियों को रामलीला मैदान से हटाया गया।