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Saturday, October 27, 2012

शोध के लिए विषय का चयन बहुत अहम

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 देहरादून: शोध कितना महत्वपूर्ण है, इससे भी अहम यह है कि शोध किस विषय पर किया गया है। शोध का विषय खुद ही इसकी गुणवत्ता जाहिर कर देगा। यह बात डीएसई नई दिल्ली के प्रो. बीएल पंडित ने 'शोध पत्र कैसे लिखें' विषय पर आयोजित कार्यशाला पर कही। उन्होंने कहा कि किया गया शोध समाज और जनहित में होना चाहिए।
शनिवार को उप्र-उत्तराखंड इकॉनोमिक एसोसिएशन ने एसजीआरआर पीजी कॉलेज में 'शोध पत्र कैसे लिखें' विषय पर कार्यशाला का आयोजन किया। कार्यशाला का उद्घाटन प्रो. बीएल पंडित, प्रो. पीके चौबे, डॉ. वीए बौड़ाई, प्रो. एके सिंह व प्रो. श्रीप्रकाश ने दीप प्रज्ज्वलित कर किया। इसके बाद पहला टेक्निकल सेशन शुरू हुआ। इसमें कारलेटन विवि कनाडा से आए प्रो. बली राम ने कहा कि कार्यशाला का उद्देश्य छात्रों को शोध के लिए सही विषय का चुनाव और उसके बाद सही शोध कार्य करने की जानकारी देना है। उन्होंने कहा कि विषय के सही चुनाव के बाद शोध पर छात्रों को ध्यान केंद्रित करना चाहिए। शोध के समय विषय से संबंधित सूक्ष्म से सूक्ष्म बिंदु का भी गहन अध्ययन करना आवश्यक है। इसके बाद ही उसके निष्कर्ष को शोध पत्र में लिखा जाना चाहिए।
तीन सत्र में हुए टेक्निकल सेशन में एमएच कॉलेज गाजियाबाद के प्रो. केवी त्यागी, लखनऊ विवि के प्रो. नार सिंह, गढ़वाल विवि की प्रो. अंजलि बहुगुणा, बीआइएम टेक ग्रेटर नोयडा के प्रो. श्रीप्रकाश, एएसयू अलीगढ़ के प्रो. अशोक मित्तल, प्रो. पीके चौबे आदि ने विचार रखे।
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चार वर्गों में विभाजित हो सुगम-दुर्गम क्षेत्र

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स्थानांतरण को लेकर मचे बवाल को समाप्त करने के लिए राजकीय शिक्षक संघ ने विद्यालयाें के सुगम-दुर्गम श्रेणी को चार वर्गों में विभाजित करने का सुझाव दिया है। संघ का मानना है कि राज्य में भौगोलिक परिस्थितियाें के अनुसार तबादले के लिए नियम नहीं बनाए गए हैं, जिससे परेशानी हो रही है। इस संबंध में संघ के जिला मंत्री ने प्रदेश महामंत्री एसएस चौहान से वार्ता कर प्रदेश संगठन स्तर से इस पर ठोस कार्रवाई करने की मांग की है। 
राजकीय शिक्षक संघ के जिला मंत्री आनंद सिंह जगवाण ने बताया कि राज्य में सुगम-दुर्गम को जब तक ए, बी, सी और डी वर्गों में विभाजित नहीं किया जाता है, तब तक सुगम-दुर्गम को लेकर चल रहा विवाद समाप्त नहीं होगा। जगवाण ने कहा कि राज्य की भौगोलिक परिस्थितियाे के अनुसार ही सुगम -दुर्गम को विभाजित किया जाना चाहिए। उन्हाेंने प्रदेश महामंत्री को बताया कि समय पर वार्षिक गोपनीय आख्या उपलब्ध नहीं होने के कारण प्रधानाध्यापकाें और प्रधानाचार्यों की डीपीसी में रुकावट आ रही है, जिस पर उन्होंने जिले के शिक्षकाें और स्थानांतरण को लेकर संघ के सुझाव के संबंध में शिक्षा मंत्री मंत्री प्रसाद नैथानी को अवगत कराया। इस पर शिक्षा मंत्री ने शिक्षा सचिव को उक्त प्रकरणाें और सुझाव को प्राथमिकता देते हुए 30 अक्तूबर को होने वाली कैबिनेट बैठक के लिए प्रस्ताव तैयार करने के निर्देश दिए।
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विदेशी निवेशकों को बहुगुणा ने आमंत्रित किया

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उत्तराखंड के मुख्यमंत्री विजय बहुगुणा बहुगुणा ने राजदूतों की बैठक का उद्घाटन करते हुये कहा कि उत्तराखंड अपनी मजबूत भौतिक और सामाजिक अवसंरचना, समृद्ध प्राकृतिक संसाधन और कुशल श्रमशक्ति के साथ विदेशी निवेशकों के लिये उपयुक्त निवेश स्थल बन सकता है|
मुख्यमंत्री ने उत्तराखंड की दिल्ली, चंडीगढ़ और दूसरे निकटवर्ती वाणिज्यिक केन्द्रों से निकटता का हवाला देते हुये कहा कि निवेशक इसका लाभ उठा सकते हैं और पुष्पोत्पादन, बागवानी और कृषि व्यावसाय में निवेश की संभावनायें तलाश सकते हैं.
उन्होंने कहा ‘राज्य में फल, सब्जियों, फूलों, जड़ी बूटियों और औषधीय पौधों की कई किस्में पैदा होती हैं. इसके साथ ही राज्य में खाद्य प्रसंस्करण के लिये उपयुक्त जलवायु की उपलब्धता इसे कृषि और खाद्य प्रसंस्करण उद्योग में निवेश के लिये आकर्षक एवं उपयुक्त स्थल बनाती है.’
मुख्यमंत्री ने बैठक में शामिल विभिन्न देशों के राजनयिकों और निवेशकों को उनके प्रयासों में हर संभव सहायता देने का आश्वासन दिया.
बैठक में बुर्किनो फासो, टोगो, नाइजर, मेडागास्कर, बेनिन, जार्जिया,गैबन और दक्षिण अफ्रीका के उच्चायुक्त उपस्थित थे.
इसके अलावा 14 देशों के राजनयिक भी बैठक में उपस्थित थे. 
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तो तीर्थयात्रियों को नहीं खाने होंगे हिचकोले

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बीआरओ (बार्डर रोड ऑरगेनाइजेशन) ने यदि योजना के मुताबिक कार्य किया, तो आगामी वर्ष तीर्थयात्रियों को हाइवे की बदहाली से कष्ट नहीं उठाना पड़ेगा। बीआरओ तीन माह के भीतर सबसे तंग हालत वाले चमोली से जोशीमठ के बीच 16 किमी. मार्ग को पूरी तरह से डबल लेन कर देगा। साथ ही चमोली और नंदप्रयाग ब्रिज भी आगामी यात्रा काल तक तैयार हो जाएगा।

इस वर्ष आपदा के चलते चार धाम यात्रा पर निकले तीर्थयात्रियों को बडे़ कष्ट झेलने पड़े। इस वर्ष 10 लाख 29 हजार 7 सौ 94 तीर्थयात्री कई डेंजर जोन पार कर श्री बदरीविशाल धाम में मत्था टेकने पहुंचे। पाताल गंगा में भूस्खलन होने से तीन अगस्त को तीन दिन, चार अगस्त को दो दिन और छह अगस्त को चार दिन तक तीर्थयात्रा थमी रही। इस दौरान यात्रियों को भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ा।

हम अभी हाइवे के सुधारीकरण पर पूरी तरह से ध्यान केंद्रित किए हुए हैं। चमोली से जोशीमठ तक तीन माह के भीतर 16 किमी तक हाइवे डबल लेन कर दिया जाएगा। अन्य जगहों पर डामरीकरण के लिए भारत सरकार के सड़क परिवहन मंत्रालय को प्रपोजल भेजा गया है। हमारे 40 करोड़ के प्रपोजल भारत सरकार में लंबित पडे़ हुए हैं। -राहुल श्रीवास्तव, कमान अधिकारी, ग्रेफ, पीपलकोटी। 
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नीती घाटी में भारी बर्फबारी ग्रामीण हुए घरों में कैद

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गोपेश्वर: चमोली जिले में नीती घाटी के नीती व बांपा गांव में दो दिनों से लगातार बर्फबारी हो रही है। इसके अलावा बदरीनाथ व जोशीमठ की ऊंची पहाड़ियों पर भी हिमपात का सिलसिला जारी है। उधर उत्तरकाशी जिले में गंगोत्री यमुनोत्री के अलावा हर्षिल, सुक्की, डोडीताल, केदारकांठा आदि क्षेत्रों में बर्फबारी शुरू हो गई है।
तीन दिन पूर्व बदरीनाथ धाम में हुई बर्फबारी के बाद अब नीती घाटी के नीती व बांपा गांवों में भी लगातार बर्फबारी हो रही है। बर्फबारी के बाद नीती व बाम्पा के ग्रामीण घरों में कैद हो गए हैं। हालांकि इन गांवों से अधिकतर लोग अब माईग्रेशन वाले स्थानों पर आ चुके हैं, लेकिन जो लोग अभी भी इन गांवों में हैं वे भारी बर्फबारी के कारण घरों से बाहर नहीं आ पा रहे हैं। द्रोणागिरी, हाथी घोड़ा पालकी, कामेट, नंदा देवी, नीलकंठ आदि ऊंची चोटियों पर भी लगातार बर्फबारी हो रही है। उत्तरकाशी जिले में शुक्रवार को दोपहर तक खिली धूप के बाद मौसम ने अचानक करवट बदली और जिले के ऊंचाई वाले इलाकों में बर्फबारी शुरू हो गई। लगातार सर्द होते मौसम के चलते बर्फ की फुहारें गंगोत्री यमुनोत्री धाम के साथ ही हर्षिल, सुक्की, डोडीताल, केदारकांठा आदि क्षेत्रों में पड़नी शुरू हो गई है। जबकि ऊंची चोटियों पर बीते एक पखवाड़े से बर्फबारी का सिलसिला जारी है। शुक्रवार को ऊंचाई वाले इलाकों में बर्फबारी के साथ ही जिला मुख्यालय सहित निचले इलाकों में गरज के साथ बौछारें पड़ी। इसससे ठिठुरन और अधिक बढ़ गई है।
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नीती घाटी में भारी बर्फबारी ग्रामीण हुए घरों में कैद

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गोपेश्वर: चमोली जिले में नीती घाटी के नीती व बांपा गांव में दो दिनों से लगातार बर्फबारी हो रही है। इसके अलावा बदरीनाथ व जोशीमठ की ऊंची पहाड़ियों पर भी हिमपात का सिलसिला जारी है। उधर उत्तरकाशी जिले में गंगोत्री यमुनोत्री के अलावा हर्षिल, सुक्की, डोडीताल, केदारकांठा आदि क्षेत्रों में बर्फबारी शुरू हो गई है।
तीन दिन पूर्व बदरीनाथ धाम में हुई बर्फबारी के बाद अब नीती घाटी के नीती व बांपा गांवों में भी लगातार बर्फबारी हो रही है। बर्फबारी के बाद नीती व बाम्पा के ग्रामीण घरों में कैद हो गए हैं। हालांकि इन गांवों से अधिकतर लोग अब माईग्रेशन वाले स्थानों पर आ चुके हैं, लेकिन जो लोग अभी भी इन गांवों में हैं वे भारी बर्फबारी के कारण घरों से बाहर नहीं आ पा रहे हैं। द्रोणागिरी, हाथी घोड़ा पालकी, कामेट, नंदा देवी, नीलकंठ आदि ऊंची चोटियों पर भी लगातार बर्फबारी हो रही है। उत्तरकाशी जिले में शुक्रवार को दोपहर तक खिली धूप के बाद मौसम ने अचानक करवट बदली और जिले के ऊंचाई वाले इलाकों में बर्फबारी शुरू हो गई। लगातार सर्द होते मौसम के चलते बर्फ की फुहारें गंगोत्री यमुनोत्री धाम के साथ ही हर्षिल, सुक्की, डोडीताल, केदारकांठा आदि क्षेत्रों में पड़नी शुरू हो गई है। जबकि ऊंची चोटियों पर बीते एक पखवाड़े से बर्फबारी का सिलसिला जारी है। शुक्रवार को ऊंचाई वाले इलाकों में बर्फबारी के साथ ही जिला मुख्यालय सहित निचले इलाकों में गरज के साथ बौछारें पड़ी। इसससे ठिठुरन और अधिक बढ़ गई है।
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नीती घाटी में भारी बर्फबारी ग्रामीण हुए घरों में कैद

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गोपेश्वर: चमोली जिले में नीती घाटी के नीती व बांपा गांव में दो दिनों से लगातार बर्फबारी हो रही है। इसके अलावा बदरीनाथ व जोशीमठ की ऊंची पहाड़ियों पर भी हिमपात का सिलसिला जारी है। उधर उत्तरकाशी जिले में गंगोत्री यमुनोत्री के अलावा हर्षिल, सुक्की, डोडीताल, केदारकांठा आदि क्षेत्रों में बर्फबारी शुरू हो गई है।
तीन दिन पूर्व बदरीनाथ धाम में हुई बर्फबारी के बाद अब नीती घाटी के नीती व बांपा गांवों में भी लगातार बर्फबारी हो रही है। बर्फबारी के बाद नीती व बाम्पा के ग्रामीण घरों में कैद हो गए हैं। हालांकि इन गांवों से अधिकतर लोग अब माईग्रेशन वाले स्थानों पर आ चुके हैं, लेकिन जो लोग अभी भी इन गांवों में हैं वे भारी बर्फबारी के कारण घरों से बाहर नहीं आ पा रहे हैं। द्रोणागिरी, हाथी घोड़ा पालकी, कामेट, नंदा देवी, नीलकंठ आदि ऊंची चोटियों पर भी लगातार बर्फबारी हो रही है। उत्तरकाशी जिले में शुक्रवार को दोपहर तक खिली धूप के बाद मौसम ने अचानक करवट बदली और जिले के ऊंचाई वाले इलाकों में बर्फबारी शुरू हो गई। लगातार सर्द होते मौसम के चलते बर्फ की फुहारें गंगोत्री यमुनोत्री धाम के साथ ही हर्षिल, सुक्की, डोडीताल, केदारकांठा आदि क्षेत्रों में पड़नी शुरू हो गई है। जबकि ऊंची चोटियों पर बीते एक पखवाड़े से बर्फबारी का सिलसिला जारी है। शुक्रवार को ऊंचाई वाले इलाकों में बर्फबारी के साथ ही जिला मुख्यालय सहित निचले इलाकों में गरज के साथ बौछारें पड़ी। इसससे ठिठुरन और अधिक बढ़ गई है।
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नीती घाटी में भारी बर्फबारी ग्रामीण हुए घरों में कैद

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गोपेश्वर: चमोली जिले में नीती घाटी के नीती व बांपा गांव में दो दिनों से लगातार बर्फबारी हो रही है। इसके अलावा बदरीनाथ व जोशीमठ की ऊंची पहाड़ियों पर भी हिमपात का सिलसिला जारी है। उधर उत्तरकाशी जिले में गंगोत्री यमुनोत्री के अलावा हर्षिल, सुक्की, डोडीताल, केदारकांठा आदि क्षेत्रों में बर्फबारी शुरू हो गई है।
तीन दिन पूर्व बदरीनाथ धाम में हुई बर्फबारी के बाद अब नीती घाटी के नीती व बांपा गांवों में भी लगातार बर्फबारी हो रही है। बर्फबारी के बाद नीती व बाम्पा के ग्रामीण घरों में कैद हो गए हैं। हालांकि इन गांवों से अधिकतर लोग अब माईग्रेशन वाले स्थानों पर आ चुके हैं, लेकिन जो लोग अभी भी इन गांवों में हैं वे भारी बर्फबारी के कारण घरों से बाहर नहीं आ पा रहे हैं। द्रोणागिरी, हाथी घोड़ा पालकी, कामेट, नंदा देवी, नीलकंठ आदि ऊंची चोटियों पर भी लगातार बर्फबारी हो रही है। उत्तरकाशी जिले में शुक्रवार को दोपहर तक खिली धूप के बाद मौसम ने अचानक करवट बदली और जिले के ऊंचाई वाले इलाकों में बर्फबारी शुरू हो गई। लगातार सर्द होते मौसम के चलते बर्फ की फुहारें गंगोत्री यमुनोत्री धाम के साथ ही हर्षिल, सुक्की, डोडीताल, केदारकांठा आदि क्षेत्रों में पड़नी शुरू हो गई है। जबकि ऊंची चोटियों पर बीते एक पखवाड़े से बर्फबारी का सिलसिला जारी है। शुक्रवार को ऊंचाई वाले इलाकों में बर्फबारी के साथ ही जिला मुख्यालय सहित निचले इलाकों में गरज के साथ बौछारें पड़ी। इसससे ठिठुरन और अधिक बढ़ गई है।
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Friday, October 26, 2012

ये मेहनत और हौसलों का पुल है

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उत्तरकाशी : अंग्रेजी की एक मशहूर कहावत है 'गॉड हेल्प दोज, हू हेल्प देम्सेल्वेस' यानी भगवान भी उनकी ही मदद करता है, जो अपनी मदद स्वयं करते हैं। कुछ ऐसा ही कर दिखाया है उत्तरकाशी के अठाली व चामकोट गांव के लोगों ने। ग्रामीणों ने असीगंगा की बाढ़ में तबाह हुए झूला पुल के स्थान पर भागीरथी नदी पर वैकल्पिक लकड़ी के पुल को बिना सरकारी मदद के एक हफ्ते में बना दिया।
जनपद की गंगा घाटी में प्रलयकारी बाढ़ में दर्जनों झूला पुल बहने के बाद गांव के लोग सरकारी तंत्र के भरोसे न रहकर नदी व नालों पर खुद वैकल्पिक पुल तैयार करने की जद्दोजहद में लगे हुए हैं। बाढ़ में अठाली व चामकोट गांव को जोड़ने वाला पुल बहने के बाद अलग-थलग पड़े इन दोनों गांव में संकट पैदा हो गया था। स्थानीय प्रशासन ने इस गंभीर समस्या को देखते हुए नदी पर वैकल्पिक व्यवस्था के तौर पर आवाजाही के लिए ट्रॉली लगाई, लेकिन ट्रॉली के संचालन के लिए रखे एग दो होमगार्ड के जवान कुछ समय बाद चले गए। इसके बाद ट्रॉली लोगों ने खुद संचालित की। इस कारण आवाजाही की ग्रामीणों की समस्या जस की तस बनी रही। इसके बाद ग्रामीणों ने खुद पुल बनाने की ठानी।
गांव के ग्रामीणों ने गांव में त्योहार व शादियों के सीजन को देखते हुए लोगों ने प्रशासन की सहायता के बिना भागीरथी नदी पर एक हफ्ते की कड़ी मशक्कत के बाद लकड़ी का वैकल्पिक पुल तैयार कर दिया। गांव के प्रधान संदीप पंवार ने बताया कि ट्रॉली से आवाजाही करने में गांव के बुजुर्ग व स्कूली बच्चों को भारी कठनाइयों का सामना करना पड़ रहा था। इसलिए ग्रामीणों ने खुद का पुल तैयार कर दिया।
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मैती सम्मान से सम्मानित होंगे गणेश सिंह गरीब

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पौड़ी: पिछले लंबे समय से पहाड़ों में काश्तकारों को चकबंदी के लिए प्रेरित करते आ रहे गणेश सिंह गरीब को इस वर्ष के मैती सम्मान के लिए चुना गया है। गणेश सिंह गरीब को आगामी 10 नवंबर को यह सम्मान चमोली जिले के नंदासैण में मैती संस्था की ओर से दिया जा रहा है।
हिमालयी पर्यावरण को लेकर कार्य कर रही मैती संस्था ने इस दफा मैती सम्मान के लिए सामाजिक कार्यकर्ता गणेश सिंह गरीब को चुना है। गणेश सिंह गरीब ने पहाड़ी काश्तकारों के सामने छितरी खेती के बजाय चकबंदी कर खेती से लाभ कमाने का नायाब विकल्प पैदा किया है। इससे पूर्व लोकगायक नरेंद्र सिंह नेगी को भी यह सम्मान दिया जा चुका है। पहाड़ों के सरोकार के लिए समाज में कार्य करने वाले व्यक्तियों को संस्था की ओर से यह सम्मान प्रदान किया जाता है।
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कल बजेगी 'नौबत', बिखरेगी इंद्रधनुषी छटा

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देहरादून: कला-संस्कृति का महाकुंभ 'विरासत-2012' का इंद्रधनुषी आगाज 27 अक्टूबर को नंदा देवी जागर के साथ ओएनजीसी के अंबेडकर स्टेडियम में होगा। यह 'विरासत' इसलिए भी खास है, क्योंकि इस बार इसमें देश के विभिन्न प्रांतों समेत विदेशों से आए कलाकार भी अपनी सांस्कृतिक विविधता के दर्शन कराएंगे। यहां फ्यूजन के रंग भी बिखरेंगे और लोक संगीत की छटा भी। उत्सव को उत्कर्ष प्रदान करेगा हिंदुस्तानी शास्त्रीय संगीत, जिसमें जीवन का संपूर्ण दर्शन समाया हुआ है।
रीच के महासचिव आरके सिंह ने पत्रकारों को यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि विरासत का शुभारंभ 'नौबत' के साथ होगा। नौबत टिहरी राजशाही की परंपरा का हिस्सा है, जो उत्सव के मौके पर बजाई जाती थी। इस बार विरासत में देश के विभिन्न हिस्सों से ही नहीं, विदेशी मुल्कों से भी कलाकार आ रहे हैं। इसलिए रसिकजनों को मोरक्को, ईरान, आस्ट्रिया, बेल्जियम, आयरलैंड, एस्टोनिया, बुरुंडी जैसे मुल्कों की लोकसंस्कृति से रूबरू होने का मौका भी मिलेगा।
उन्होंने बताया कि महफिल-ए-मुशायरा, गढ़वाली नृत्य नाटिका 'चक्रव्यूह' का मंचन, भोजपुरी संगीत, ओडिसी नृत्य, भरतनाट्यम, बैले, गुलाब बाई की नौटंकी, गजल, ठुमरी, शाम-ए-कव्वाली विरासत के विशेष आकर्षण रहेंगे। इस मौके पर लोकेश ओहरी, मीडिया को-ऑर्डिनेटर सामिया अकबर, जयश्री जोशी, कर्नल अरुण शर्मा आदि मौजूद रहे।
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हिम्मत के बूते शिखर चूम सकती हैं महिलाएं

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ऋषिकेश: इनरव्हील क्लब मुनिकीरेती की ओर से आयोजित सम्मान समारोह में विभिन्न क्षेत्रों में सराहनीय कार्य करने वाली महिलाओं को सम्मानित किया गया। वक्ताओं ने कहा कि महिलाएं अपनी हिम्मत के बूते आज समाज में अपना रुतवा कायम किए हुए है।
रेलवे मार्ग स्थित होटल में आयोजित कार्यक्रम का उद्घाटन क्लब की डिस्ट्रिक चेयरमैन बृज परमार ने किया। इस दौरान क्लब की अध्यक्ष कुलविंदर आहुजा ने कहा कि हिम्मत के बूते महिलाएं किसी भी शिखर पर कामयाबी का झंडा फहरा सकती हैं। उन्होंने कहा कि क्लब समाज के विभिन्न क्षेत्रों में बेहतरीन कार्य करने वाली ऐसी महिलाओं को प्रोत्साहित करने की कोशिश कर रही है। उन्होंने कहा कि गरीब कन्याओं के विवाह व उन्हें संबल देने के लिए भी क्लब प्रयासरत है। इस दौरान पूर्व दायित्वधारी अनीता वशिष्ठ, रोटरी क्लब के अध्यक्ष मनोज वर्मा, सीमा जेटली आदि ने विचार व्यक्त किए। क्लब ने पुलिस सेवा के लिए उप निरीक्षक भावना कैंथोला, पूर्व सभासद सुधारानी पाल, लघु बचत के लिए महिलाओं को प्रोत्साहित करने वाली विनोद बाला रावत, पार्लर संचालक पूर्णिमा दास तथा गंगा प्रेम हास्पिस की नर्स सिस्ले को उनके बेहतर कार्यो के लिए सम्मानित किया। इस दौरान क्लब की सचिव नीरू खुराना, सालू जौहर, अंजली अरोड़ा, श्वेता गुरेजा, सलोनी शर्मा, शीतल शर्मा, अनु तायल आदि उपस्थित थे।
दया नहीं सहयोग दे समाज
इनरव्हील क्लब ऋषिकेश की ओर से विद्यालय मालवीय नगर में कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस दौरान क्लब की रोपड़ शाखा की जिलाध्यक्ष बृज परमार ने बच्चों को कंबल व वस्त्र वितरित किए। उन्होंने कहा कि ऐसे बच्चों को दया की नहीं, बल्कि सहयोग की जरूरत है। सहयोग मिले तो विशेष बच्चे भी बुलंदियों को छूने की हिम्मत रखते हैं। इस दौरान संस्थान के समन्वयक वीएस चौधरी, प्रधानाचार्य मंजू सैनी ने विद्यालय में विशेष बच्चों के लिए चलाए जा रहे कार्यक्रमों की जानकारी दी। इनरव्हील क्लब की अध्यक्ष प्रवीन मलिक, सचिव हेमा गुलाटी ने भविष्य में भी संस्थान को हर तरह का सहयोग देने की बात कही। इस दौरान रश्मि अग्रवाल, ऋतु अग्रवाल, गीता, अंजू मित्ताल, विजय नेगी, भोला राम आले, मंजू सैनी, पूर्णिमा, अनीता यादव आदि उपस्थित थे। संचालन बृजपाल सैनी ने किया।
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हिम्मत के बूते शिखर चूम सकती हैं महिलाएं

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ऋषिकेश: इनरव्हील क्लब मुनिकीरेती की ओर से आयोजित सम्मान समारोह में विभिन्न क्षेत्रों में सराहनीय कार्य करने वाली महिलाओं को सम्मानित किया गया। वक्ताओं ने कहा कि महिलाएं अपनी हिम्मत के बूते आज समाज में अपना रुतवा कायम किए हुए है।
रेलवे मार्ग स्थित होटल में आयोजित कार्यक्रम का उद्घाटन क्लब की डिस्ट्रिक चेयरमैन बृज परमार ने किया। इस दौरान क्लब की अध्यक्ष कुलविंदर आहुजा ने कहा कि हिम्मत के बूते महिलाएं किसी भी शिखर पर कामयाबी का झंडा फहरा सकती हैं। उन्होंने कहा कि क्लब समाज के विभिन्न क्षेत्रों में बेहतरीन कार्य करने वाली ऐसी महिलाओं को प्रोत्साहित करने की कोशिश कर रही है। उन्होंने कहा कि गरीब कन्याओं के विवाह व उन्हें संबल देने के लिए भी क्लब प्रयासरत है। इस दौरान पूर्व दायित्वधारी अनीता वशिष्ठ, रोटरी क्लब के अध्यक्ष मनोज वर्मा, सीमा जेटली आदि ने विचार व्यक्त किए। क्लब ने पुलिस सेवा के लिए उप निरीक्षक भावना कैंथोला, पूर्व सभासद सुधारानी पाल, लघु बचत के लिए महिलाओं को प्रोत्साहित करने वाली विनोद बाला रावत, पार्लर संचालक पूर्णिमा दास तथा गंगा प्रेम हास्पिस की नर्स सिस्ले को उनके बेहतर कार्यो के लिए सम्मानित किया। इस दौरान क्लब की सचिव नीरू खुराना, सालू जौहर, अंजली अरोड़ा, श्वेता गुरेजा, सलोनी शर्मा, शीतल शर्मा, अनु तायल आदि उपस्थित थे।
दया नहीं सहयोग दे समाज
इनरव्हील क्लब ऋषिकेश की ओर से विद्यालय मालवीय नगर में कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस दौरान क्लब की रोपड़ शाखा की जिलाध्यक्ष बृज परमार ने बच्चों को कंबल व वस्त्र वितरित किए। उन्होंने कहा कि ऐसे बच्चों को दया की नहीं, बल्कि सहयोग की जरूरत है। सहयोग मिले तो विशेष बच्चे भी बुलंदियों को छूने की हिम्मत रखते हैं। इस दौरान संस्थान के समन्वयक वीएस चौधरी, प्रधानाचार्य मंजू सैनी ने विद्यालय में विशेष बच्चों के लिए चलाए जा रहे कार्यक्रमों की जानकारी दी। इनरव्हील क्लब की अध्यक्ष प्रवीन मलिक, सचिव हेमा गुलाटी ने भविष्य में भी संस्थान को हर तरह का सहयोग देने की बात कही। इस दौरान रश्मि अग्रवाल, ऋतु अग्रवाल, गीता, अंजू मित्ताल, विजय नेगी, भोला राम आले, मंजू सैनी, पूर्णिमा, अनीता यादव आदि उपस्थित थे। संचालन बृजपाल सैनी ने किया।
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हिम्मत के बूते शिखर चूम सकती हैं महिलाएं

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ऋषिकेश: इनरव्हील क्लब मुनिकीरेती की ओर से आयोजित सम्मान समारोह में विभिन्न क्षेत्रों में सराहनीय कार्य करने वाली महिलाओं को सम्मानित किया गया। वक्ताओं ने कहा कि महिलाएं अपनी हिम्मत के बूते आज समाज में अपना रुतवा कायम किए हुए है।
रेलवे मार्ग स्थित होटल में आयोजित कार्यक्रम का उद्घाटन क्लब की डिस्ट्रिक चेयरमैन बृज परमार ने किया। इस दौरान क्लब की अध्यक्ष कुलविंदर आहुजा ने कहा कि हिम्मत के बूते महिलाएं किसी भी शिखर पर कामयाबी का झंडा फहरा सकती हैं। उन्होंने कहा कि क्लब समाज के विभिन्न क्षेत्रों में बेहतरीन कार्य करने वाली ऐसी महिलाओं को प्रोत्साहित करने की कोशिश कर रही है। उन्होंने कहा कि गरीब कन्याओं के विवाह व उन्हें संबल देने के लिए भी क्लब प्रयासरत है। इस दौरान पूर्व दायित्वधारी अनीता वशिष्ठ, रोटरी क्लब के अध्यक्ष मनोज वर्मा, सीमा जेटली आदि ने विचार व्यक्त किए। क्लब ने पुलिस सेवा के लिए उप निरीक्षक भावना कैंथोला, पूर्व सभासद सुधारानी पाल, लघु बचत के लिए महिलाओं को प्रोत्साहित करने वाली विनोद बाला रावत, पार्लर संचालक पूर्णिमा दास तथा गंगा प्रेम हास्पिस की नर्स सिस्ले को उनके बेहतर कार्यो के लिए सम्मानित किया। इस दौरान क्लब की सचिव नीरू खुराना, सालू जौहर, अंजली अरोड़ा, श्वेता गुरेजा, सलोनी शर्मा, शीतल शर्मा, अनु तायल आदि उपस्थित थे।
दया नहीं सहयोग दे समाज
इनरव्हील क्लब ऋषिकेश की ओर से विद्यालय मालवीय नगर में कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस दौरान क्लब की रोपड़ शाखा की जिलाध्यक्ष बृज परमार ने बच्चों को कंबल व वस्त्र वितरित किए। उन्होंने कहा कि ऐसे बच्चों को दया की नहीं, बल्कि सहयोग की जरूरत है। सहयोग मिले तो विशेष बच्चे भी बुलंदियों को छूने की हिम्मत रखते हैं। इस दौरान संस्थान के समन्वयक वीएस चौधरी, प्रधानाचार्य मंजू सैनी ने विद्यालय में विशेष बच्चों के लिए चलाए जा रहे कार्यक्रमों की जानकारी दी। इनरव्हील क्लब की अध्यक्ष प्रवीन मलिक, सचिव हेमा गुलाटी ने भविष्य में भी संस्थान को हर तरह का सहयोग देने की बात कही। इस दौरान रश्मि अग्रवाल, ऋतु अग्रवाल, गीता, अंजू मित्ताल, विजय नेगी, भोला राम आले, मंजू सैनी, पूर्णिमा, अनीता यादव आदि उपस्थित थे। संचालन बृजपाल सैनी ने किया।
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प्रशिक्षु आपदा के वक्त करें लोगों की मदद

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त्यूणी: राज्य आपदा न्यूनीकरण एवं प्रबंधन केंद्र सचिवालय देहरादून द्वारा मानथत में आयोजित दस दिवसीय प्रशिक्षण शिविर गुरुवार को संपन्न हो गया। शिविर में प्रतिभाग कर रहे दो दर्जन से ज्यादा ग्रामीणों को आपदा प्रबंधन टीम ने जरूरी जानकारी दी। इस मौके पर मुख्य प्रशिक्षक ने कहा कि प्रशिक्षण प्राप्त ग्रामीण आपदा के वक्त लोगों की मद्द को हमेशा तैयार रहें।
पर्वतीय क्षेत्र जौनसार-बावर के दुर्गम ग्रामीण इलाकों में आपदा के वक्त सरकारी तंत्र की नाकामी के चलते सरकार स्थानीय लोगों को प्रशिक्षण शिविर के जरिए आपदा प्रबंधन की कुछ जरूरी उपयोगी जानकारी मुहैया करा रही है। अटल आदर्श ग्राम योजना के तहत आपदा न्यूनीकरण एवं प्रबंधन केंद्र द्वारा गत 16 अक्टूबर से मानथात में आयोजित दस दिवसीय प्रशिक्षण शिविर में ग्राम स्तरीय आपदा प्रबंधन के कार्यदल के 25 लोगों को आपदा प्रबंधन के गुर सिखाए गए।
गुरुवार को शिविर के समापन अवसर पर मुख्य प्रशिक्षक अजित रांगड, राजवीर राणा व मुकेश मिश्रा ने कहा कि टीम ने शिविर में प्रतिभाग कर रहे ग्रामीणों को रैप्लिंग यानि पत्थर व चट्टान पर चढ़ना-उतरना, जुमारिंग यानि रस्सी के सहारे खाई में उतरना-चढ़ना, स्ट्रैक्चर मेकिंग और प्राथमिक उपचार के बारे में जानकारी दी गई। इसके अलावा उन्हें भूकंप, बाढ़ व आगजनी की घटनाओं के वक्त त्वरित राहत व बचाव कार्य के उपाय भी बताए। आपदा प्रबंधन शिविर में प्रतिभाग कर रहे 25 लोगों को प्रमाण-पत्र वितरित किए गए। इस मौके पर रजनेश सिंह, नेपाल सिंह, श्याम सिंह, दीवान सिंह, अरविंद, त्रेपन सिंह, नारायण सिंह, बचनलाल व संजय सिंह आदि मौजूद थे।
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मांगों को लेकर आशाएं अनिश्चितकालीन हड़ताल पर

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विकासनगर: मानदेय समेत अन्य मांगों को लेकर पिछले कई दिनों से कार्यबहिष्कार कर रही आशाएं अब अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चली गई हैं। आंदोलित आशा कार्यकत्रियों ने गुरुवार को सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में प्रदर्शन कर सरकार के खिलाफ नारेबाजी की। आशाओं की हड़ताल से स्वास्थ्य संबंधी कार्य पर असर दिखना शुरू हो गया है।
मानदेय समेत अन्य मांगों को लेकर विगत कई दिनों से कार्यबहिष्कार कर रही आशा कार्यकत्रियों ने गुरुवार को सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में एकत्र होकर सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी कर रोष जताया। सरकार की उपेक्षा से आहत आशा कार्यकत्रिया गुरुवार से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चली गई। आशा कार्यकत्री संगठन की अध्यक्ष पूनम बिंजोला ने कहा कि कई बार अनुरोध करने पर भी सरकार ने उनकी मांगों पर ध्यान नहीं दिया। मजबूर होकर समस्त आशा कार्यकत्रियों को अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जाने का फैसला लेना पड़ा। प्रदर्शनकारियों ने कहा कि यदि सरकार ने उनकी मांगें पूरी नहीं की तो आंदोलन को और तेज किया जाएगा।
प्रदर्शन में गुलाबी नेगी, बीना अरोड़ा, निशा चौहान, सुनीता, रुबाबा, जैनब, परवेश चौधरी, गीता देवी, कलावती, सुमित्रा, उषा कश्यप समेत अनेक आशाएं मौजूद थीं।
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Monday, October 22, 2012

अपने बूते बागवानी कर रहे सेब काश्तकार

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उत्तरकाशी: टकनौर क्षेत्र से जिले के सेब की अंतिम खेप मंडियों की ओर रवाना हो रही है। इस साल उत्पादन औसत रहा और हर बार की तरह काश्तकारों की परेशानियां दूर नहीं हुई। इसके बावजूद वे अपने बूते प्रमुख नगदी फसल को उगा रहे हैं। सरकारी तंत्र की ओर से सेब काश्तकार उपेक्षित ही हैं।
जिले में इस बार करीब 35 हजार मीट्रिक टन सेब का उत्पादन हुआ। इसमें टकनौर क्षेत्र में करीब 10-12 हजार मीट्रिक टन उत्पादन दर्ज किया गया है। यह औसत उत्पादन है, इससे काश्तकार ना तो बहुत नुकसान और ना ही बहुत फायदे की स्थिति में रहे, लेकिन खेती करने में उनकी परेशानियां यथावत ही रही। समय पर बर्फबारी और पर्याप्त नमी के चलते सेब की गुणवत्ता बेहतर रही, लेकिन जरूरी दवाओं को और पेटियों सहित उपज को मंडी तक पहुंचाने को जरूरी सुविधाओं को लेकर असमंजस बना रहा। बरसात के दौरान बाधित हुई सड़कों के चलते भी किसानों ने सेब तुड़ान देरी से शुरू किया। इन सब परेशानियों में सरकार की ओर से कोई सहयोग नहीं मिल पाया। जनपद की इस प्रमुख नगदी फसल की उपेक्षा ही इसकी राह में बाधक बन रहे हैं। इसके चलते काश्तकार निराश हैं। टकनौर क्षेत्र के हर्षिल, धराली, मुखबा, छोलमी आदि गांवों में इन दिनों सेब की अंतिम खेप निकल रही है। जबकि सुक्की व झाला से सितंबर माह के अंत में ही उपज मंडियों की ओर रवाना कर दी गई थी।
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स्नेहिल को मिला काव्य शिरोमणि सम्मान

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श्रीनगर: वरिष्ठ साहित्यकार शंभू भंट्ट 'स्नेहिल' को उनके उत्कृष्ट साहित्य लेखन और प्रकाशन के लिए पठानकोट, पंजाब में काव्य शिरोमणि सम्मान से अलंकृत किया गया है। राष्ट्रीय काव्य संकलन 'कमल-धारा' के विमोचन अवसर पर उन्हें प्रथम प्रकाशन की ओर से यह पुरस्कार प्रदान किया गया।
पुरस्कार प्रदान करते हुए प्रकाश संस्था के प्रधान संपादक गगन सोनी ने भंट्ट के लेखन की खुले मन से तारीफ की। इससे पूर्व शंभू भंट्ट राष्ट्रीय प्रतिभा सम्मान-कलम कलाधर और अन्तर्राष्ट्रीय सम्मानोपाधि-मानव रत्न समेत दो दर्जन से अधिक पुरस्कार प्राप्त कर चुके हैं। उनको काव्य शिरोमणि पुरस्कार मिलने पर क्षेत्र के साहित्यकारों और कला प्रेमियों ने हर्ष व्यक्त किया है।
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सौ एकड़ कृषि भूमि और लील गई जगबूढ़ा

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खटीमा: नेपाल की अंतरराष्ट्रीय सीमा से लगे क्षेत्रों के लिए तबाही का पर्याय बनी जगबूढ़ा नदी का कहर जारी है। भारी बारिश के बाद रौद्र रूप में आई जगबूढ़ा ने भू-कटाव तेज कर दिया है। करीब सौ एकड़ भूमि नदी लील गई है। नदी से सीमांत मेलाघाट कस्बा कुछ ही दूरी पर रह गया है।
जगबूढ़ा नदी सीमावर्ती क्षेत्रों में प्रतिवर्ष कहर बरपाती रही है। हरसाल बारिश के दिनों में नदी के उफान पर आने से कृषि भूमि को खासा नुकसान पहुंचता है। इसके बाद बाढ़ व आपदा से बचाव के नाम पर तमाम जतन किए जाते हैं। जिन पर अब तक करोड़ों खर्च किया जा चुका है। लेकिन नतीजा सिफर ही रहा। दो दिनों की बारिश ने बाढ़ से बचाव के सभी दावों की पोल खोल कर रख दी। नदी ने करीब सौ एकड़ कृषि भूमि को फिर आगोश में ले लिया है। यह सिलसिला कई सालों से चल रहा है। बाढ़ पर नियंत्रण के नाम पर बनाई गई वायरक्रेट भी एक झटके में तबाह हो गई। सीमावर्ती मेलाघाट कस्बे से नदी महज कुछ सौ मीटर दूरी पर रह गई है। नदी इसी तेजी से कटाव करती रही तो भविष्य में कस्बे के अस्तित्व पर संकट मंडरा सकता है। दो दिन तक मूसलाधार बारिश के बाद सीमावर्ती कस्बे के शम्बू, रामवृक्ष, दीपक, राजेंद्र, घनपत, इन्द्रासन, राजेश्वर, वामदेव, राजेश्वर तिवारी आदि काश्तकारों की कृषि भूमि खड़ी फसल के साथ नदी में समा गई।
ग्राम प्रधान रामसजीवन का कहना था कि शासन-प्रशासन भू कटाव रोकने के लिए पुख्ता प्रबंध करे। अन्यथा कस्बे का नामोनिशान मिट जायेगा। इस बीच प्रशासन ने बाढ़ में डूब कर मरी बकरी के स्वामी जैबुननिशा को आर्थिक सहायता प्रदान की।
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प्रकृति के कहर ने सौ परिवारों से छीनी छत

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खटीमा: लगातार दो दिनों तक हुई मूसलाधार बारिश कई परिवारों के लिए आफत बनकर आई। प्रकृति के कहर ने सौ परिवारों से छत छीन ली। ऐसे में कुदरत के आगे बेबस हुए ये परिवार खुले आसमान के नीचे आ गए हैं। बारिश में उनका घरेलू सामान के साथ ही राशन भी तबाह हो गया।
सीमांत में मंगलवार को बारिश शुरू हुई तो लगातार मेघ बरसते रहे। बुधवार को भी आधी रात तक तेज बारिश का सिलसिला चलता रहा। 48 घंटे से अधिक समय तक हुई मूसलाधार बारिश ने कई परिवारों के लिए आफत ला दी। उनके आशियाने भारी बारिश में तबाह हो गए। दो दिनों की बारिश ने पचौरिया नई बस्ती के जोगाराम, हरीराम, देवराम, मेलाघाट के शम्भू, मलकू प्रसाद, रामदीन आदि के झाले ध्वस्त हो गए। वहीं गोरखा नाले के उफान पर आने से पचौरिया गांव के गोपाल राम, नंदाबल्लभ पाठक, सुरेश चंद, रमेश चंद, रमेश सिंह की कृषि भूमि उसमे समा गई। कुदरत की इस मार से करीब सौ परिवारों के सिर से छत छिन गई है। भारी बारिश से उनका दैनिक उपयोग का घरेलू सामान, कपड़े लत्ते व राशन तक नष्ट हो गया है। इन परिवारों के सामने दो जून की रोटी जुटाने का भी संकट गहरा गया है। अलबत्ता बारिश थमने से उन्होंने मामूली राहत महसूस की है। वही चकरपुर के जंगल किनारे रहने वाले जगदीश पांडे के झाले पर विशालकाय यूके लिपटिस का पेड़ गिर गया। जिसमें कोई जनहानि नहीं हुई है। ग्राम प्रधान प्रवीन सिंह ने इसकी सूचना वन विभाग के अधिकारियों को दे दी है। उन्होंने पीडि़त परिवार को मुआवजा देने की मांग की है।
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पर्यटकों के लिए आसान नहीं कौसानी की राह

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कौसानी (बागेश्वर) : नवरात्र प्रारम्भ होते ही कौसानी में पर्यटन सीजन प्रारम्भ हो गया है। यहां प्रतिदिन दर्जनों पर्यटक पहुंच रहे हैं। हालांकि लोनिवि ने इस मोटर मार्ग में बने दुर्घटना को दावत देने वाले गड्ढों की मरम्मत करना अब तक आवश्यक नहीं समझा है। जिस पर होटल व्यवसायियों ने आक्रोश व्यक्त किया है।
नवरात्र प्रारम्भ होते ही कौसानी में पर्यटकों की संख्या बढ़ गई है। सैलानियों की संख्या में वृद्धि होने से कौसानी में चहल-पहल बनी हुई है। कौसानी में पर्यटक सीजन को देखते हुए हालांकि जिला पंचायत समेत होटल व्यवसायियों ने आवश्यक तैयारियां पूर्ण की है, परंतु लोनिवि ने इस ओर ध्यान देना तक उचित नहीं समझा। जिस कारण कौसानी-गरुड़ मोटर मार्ग में पिंगलकोट में सड़कों में बढ़े-बढ़े गड्ढे बने हुए हैं तीव्र मोड़ों पर बने गड्ढे व सड़क के दोनों ओर उगी झाडि़यां होने से दुर्घटना की आशंका बनी हुई है। इन गड्ढों में अब तक कई बाइक सवार चोटिल हो चुके हैं। होटल एसोसिएशन के बीडी जोशी, कांग्रेस जिला महामंत्री विपिन उप्रेती ने कहा कि मोटर मार्ग में बने गड्ढों के कारण होटल व्यवसाय प्रभावित हो रहा है तथा पर्यटक पर्यटन का आनंद लेने के लिए बैजनाथ नहीं जा पा रहे हैं। जिससे बैजनाथ,बागेश्वर समेत कौसानी के पर्यटन व्यवसाय में इसका दुष्प्रभाव पड़ रहा है।
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कौसानी-गरुड़ मोटर मार्ग में गड्ढों होने की उन्हें जानकारी नहीं है। वे अब शीघ्र निरीक्षण कर इसकी मरम्मत कराने के लिए उच्चाधिकारियों से वार्ता करेंगे व शीघ्र ही मोटर मार्ग की मरम्मत करेंगे। विनोद कुमार सहायक अभियंता लोनिवि बागेश्वर।
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