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कोटद्वार (पौड़ी गढ़वाल)। यदि सब कुछ योजनाबद्ध तरीके से चला, तो जल्द ही नगर व इससे जुड़े क्षेत्र में सिंचाई विभाग की तमाम नहरें भूमिगत हो जाएंगी। नहरों के भूमिगत होने से नगर की विभिन्न सड़कों की चौड़ाई बढ़ जाएगी। इससे यातायात व्यवस्था भी सुचारु हो जाएगी। विभाग ने मुख्यमंत्री डॉ. रमेश पोखरियाल निशंक की घोषणा के अनुरूप नगर व आसपास के क्षेत्रों से गुजर रही चार नहरों के करीब दस किमी. हिस्से को भूमिगत करने के लिए 827.74 का प्रस्ताव शासन को भेज दिया है।
नगर व आसपास के क्षेत्रों में घनी आबादी के चलते क्षेत्र की नहरें कूड़ा निस्तारण का जरिया बनकर रह गई हैं। काश्तकार लंबे समय से नहरों को भूमिगत करने की मांग करते आ रहे थे। मुख्यमंत्री ने गत 24 मई को कोटद्वार भ्रमण के दौरान जीर्ण-शीर्ण नहरों की मरम्मत के साथ ही नहरों को भी भूमिगत करने की घोषणा की। घोषणा के अनुरूप सिंचाई विभाग की ओर से नगर व आस-पास के क्षेत्रों की नहरों को भूमिगत करने के लिए प्रस्ताव तैयार कर शासन में भेजा जा रहा है। इसके तहत दायीं खोह नहर में 0.846-1.18 किमी तक आरसीसी ह्यूम पाइप डालने, 1.18 किमी. से 2.57 किमी. के हिस्से में आरसीसी कवरिंग करने व 2.57 से 5.77 किमी. तक आरसीसी ह्यूम पाइप डाला जाना है। कौड़िया माइनर में 1.35 किमी तक, सुखरो नहर में 1.40 किमी. से 3.40 किमी. तक और शिवपुर माइनर में 1.65 किमी. तक आरसीसी ह्यूम पाइप डालकर भूमिगत किए जाने की योजना है। इसके अलावा नहर/ माइनर से जगह-जगह निकाले गए कुलाबों के सुलभ संचालन, सफाई, व परिचालन हेतु 50-50 मीटर की दूरी पर संपवैल बनाने की योजना भी है। कुलावों पर जल वितरण हेतु मुख्य लाइन से सड़क के किनारे तक जीआई पाइप व गेट वाल्व बनाने व कुलाबों की अतिरिक्त बढ़ी लंबाई में आरसीसी ह्यूम पाइप डालकर भूमिगत करने की योजना बनाई गई है।
जागरण.याहू.कॉम से साभार
नगर व आसपास के क्षेत्रों में घनी आबादी के चलते क्षेत्र की नहरें कूड़ा निस्तारण का जरिया बनकर रह गई हैं। काश्तकार लंबे समय से नहरों को भूमिगत करने की मांग करते आ रहे थे। मुख्यमंत्री ने गत 24 मई को कोटद्वार भ्रमण के दौरान जीर्ण-शीर्ण नहरों की मरम्मत के साथ ही नहरों को भी भूमिगत करने की घोषणा की। घोषणा के अनुरूप सिंचाई विभाग की ओर से नगर व आस-पास के क्षेत्रों की नहरों को भूमिगत करने के लिए प्रस्ताव तैयार कर शासन में भेजा जा रहा है। इसके तहत दायीं खोह नहर में 0.846-1.18 किमी तक आरसीसी ह्यूम पाइप डालने, 1.18 किमी. से 2.57 किमी. के हिस्से में आरसीसी कवरिंग करने व 2.57 से 5.77 किमी. तक आरसीसी ह्यूम पाइप डाला जाना है। कौड़िया माइनर में 1.35 किमी तक, सुखरो नहर में 1.40 किमी. से 3.40 किमी. तक और शिवपुर माइनर में 1.65 किमी. तक आरसीसी ह्यूम पाइप डालकर भूमिगत किए जाने की योजना है। इसके अलावा नहर/ माइनर से जगह-जगह निकाले गए कुलाबों के सुलभ संचालन, सफाई, व परिचालन हेतु 50-50 मीटर की दूरी पर संपवैल बनाने की योजना भी है। कुलावों पर जल वितरण हेतु मुख्य लाइन से सड़क के किनारे तक जीआई पाइप व गेट वाल्व बनाने व कुलाबों की अतिरिक्त बढ़ी लंबाई में आरसीसी ह्यूम पाइप डालकर भूमिगत करने की योजना बनाई गई है।
जागरण.याहू.कॉम से साभार