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Thursday, December 24, 2009

प्यासों को फिर दिखाया सपना

पौड़ी गढ़वाल। पौड़ी शहर की प्यास शायद आने वाले तीन साल बाद ही बुझ पाएगी। जल निगम ने लाचारी व्यक्त की है कि वे फिलहाल आने वाले दो सालों तक नानघाट पेयजल योजना से पानी की सप्लाई शुरू नहीं पाएगा।

पौड़ी शहर को प्रतिदिन 5.18 एमएलडी पानी उपलब्ध कराने वाली महत्वाकांक्षी नानघाट पेयजल परियोजना का कार्य बेहद सुस्त चाल से चल रहा है। योजना के गत चार सालों मात्र 40 फीसदी कार्य ही पूरे हो पाए हैं और अब रिवाइज इस्टीमेट भेजने के बाद जल निगम ने अमूमन परियोजना कार्य बंद ही कर दिया है। उम्मीद है कि परियोजना की लागत 44 करोड़ से बढ़कर 79 करोड़ हो जाएगी। आम जनता का कहना है कि पौड़ी की समस्या को देखते हुए जल निगम अब मनमर्जी के स्टीमेट शासन को भेज रहा है और शासन में भी कोई ऐसा नहीं है कि निगम की मनमर्जी पर नकेल कस सके। पौड़ी में पानी की हालात पर नजर दौड़ाए तो यहां एक व्यक्ति मात्र दस लीटर पानी में काम चला रहा है। इस दस लीटर में न सिर्फ उसका परिवार खाना बना रहा है, बल्कि पूरा परिवार स्नान भी कर रहा है। आंकडे़ बताते हैं कि पौड़ी की करीब 60 हजार से अधिक की जनसंख्या मात्र 27 लाख लीटर पानी में गुजर बसर कर रही है। वर्ष 2003 में पौड़ी के वह सबसे बड़ा दिन था, जब 43.57 करोड़ की लागत से नानघाट पेयजल योजना का निर्माण शुरू हुआ। उस समय उम्मीद थी कि वर्ष 2006 में नानघाट का पानी पौड़ी पहुंच जाएगा, लेकिन अभी तक परियोजना का निर्माण मात्र 40 फीसदी ही पूरा हुआ और अब पौड़ी इसे स्वीकार कर चुकी है कि परियोजना को अधिकारी चट कर गए। बहरहाल जल निगम ने अब परियोजना की लागत बढ़ाकर दुगनी कर दी है और कार्य भी बहुत धीमा कर दिया है। अधिशासी अभियंता जल निगम आरजी सिंह का कहना है कि योजना का कार्य वर्ष 2006 तक पूरा होना था, लेकिन वन विभाग की सहमति न मिलने से परियोजना का निर्माण समय पर शुरू नहीं हो पाया और अब जल निगम पूरी मेहनत से कार्य कर रहा है। 79.15 किलोमीटर लंबी इस पेयजल योजना पर अभी तक 26 किलोमीटर तक कार्य हो चुका है, शेष 53.15 का निर्माण अभी बाकी है।

एसएसबी के निदेशक राष्ट्रपति पुरस्कार से सम्मानित

श्रीनगर (पौड़ी गढ़वाल)। सशस्त्र सीमा बल अकादमी श्रीनगर के निदेशक और महानिरीक्षक राजेन्द्र सिंह नेगी को उनकी उत्कृष्ट सेवाओं के लिए वर्ष 2009 के राष्ट्रपति पुलिस पदक से सम्मानित किया गया।

एसएसबी मुख्यालय दिल्ली में आयोजित एक भव्य समारोह में केन्द्रीय गृह मंत्री पी चिदंबरम ने नेगी को यह सम्मान प्रदान किया। नारायणबगड़ जिला चमोली के मौणा गांव में 12 दिसम्बर 1949 को जन्मे राजेन्द्र सिंह नेगी के नेतृत्व में सशस्त्र सीमा बल ने उत्तर पूर्वी राज्यों में उग्रवादियों के खिलाफ कारगर कार्यवाही की। श्री नेगी के ही नेतृत्व बीनातौली में एसएसबी के एक नए प्रशिक्षण केंद्र की स्थापना की गयी, जहां अन्य सुरक्षा बलों को भी प्रशिक्षण दिया जाता है। श्रीलंका में भारतीय सेना के साथ ऑपरेशन पवन में राजेन्द्र सिंह नेगी भारतीय दल के प्रथम पंक्ति के नायकों में शामिल रहे। श्रीलंका में उनके उत्तम कार्यो को देखते हुए ही नेगी को वर्ष 1990-91 में श्रीलंका अवार्ड से भी नवाजा गया। दिल्ली में राष्ट्रपति पुलिस पदक से सम्मानित होने के बाद श्रीनगर पहुंचने पर सशस्त्र सीमा बल अकादमी में राजेन्द्र सिंह नेगी का जोरदार स्वागत भी किया गया।

तीरंदाजी प्रतियोगिता के लिए राज्य की टीम चयनित

गोवा में सात जनवरी से शुरू होने वाली इंडियन राउंड अखिल भारतीय तीरंदाजी प्रतियोगिता हेतु उत्तराखंड के टीम का चयन किया गया है। कण्डोलिया मैदान में आयोजित चयन ट्रायल में टीम के लिए प्रदेश के विभिन्न स्थानों के छह खिलाडिय़ों को चुना गया।

उत्तराखंड तीरंदाजी संघ के महासचिव जसपाल सिंह नेगी की देखरेख में आयोजित इस चयन ट्रायल में विभिन्न स्थानों से आए 20 तीरंदाजों ने प्रतिभाग किया। चयन ट्रायल में किए गए प्रदर्शन के अनुसार छह खिलाडिय़ों का राज्य की टीम के लिए चुना गया।

तीरंदाजी संघ के महासचिव जसपाल सिंह नेगी ने बताया कि चयन ट्रायल में कुमाऊं रेजीमेंट सेंटर रानीखेत के विक्रम सिंह, उम्मेद सिंह और चंद्रपाल सिंह क्रमश: पहले, दूसरे और तीसरे स्थान पर रहे। गढ़वाल रेजीमेंट सेंटर लैंसडौन के नत्थी सिंह, प्रीतम सिंह और सतेंद्र सिंह क्रमश: चौथे, पांचवे और छठे स्थान पर रहे। चयन ट्रायल कोटद्वार के तीरंदाज संदीप ढुकलान, गढ़वाल राइफल लैंसडौन के रमेश प्रसाद, कुमाऊं रेजीमेंट सेंटर के अरंगम गुरूंग द्वारा कराया गया। इस मौके पर उत्तराखंड तीरंदाजी संघ के सह सचिव डीडीएस पटवाल, यशवंत नेगी, केशर सिंह असवाल समेत कई लोग मौजूद थे। संघ के पदाधिकारियों के अनुसार टीम में चयनित सभी खिलाड़ी 7 से 9 जनवरी तक गोवा में आयोजित इंडियन राउंड की अखिल भारतीय तीरंदाजी प्रतियोगिता में प्रदेश की ओर से प्रतिभाग करेंगे।
अमर उजाला से साभार

Monday, December 21, 2009

-पुरानी टिहरी डूबने के साथ ही डूब गई सांस्कृतिक गतिविधियां भी

-मास्टर प्लान शहर में न वह रौनक न पहले जैसा मेलजोल

-उत्तराखंड के इंटर व डिग्र्री कालेजों में दिया जायेगा अब पायलट प्रशिक्षण

-उत्तराखंड के इंटर व डिग्र्री कालेजों में दिया जायेगा अब पायलट प्रशिक्षण -

सेना की भर्ती

-18 से 42 वर्ष तक के अभ्यर्थी करेंगे भागीदारी-सात राज्यों से केआरसी में तीन जनवरी को शुरू होगी भर्ती रानीखेत(अल्मोड़ा): कुमाऊं रेजीमेंट रानीखेत में उत्तराखंड समेत सात राज्यों के अभ्यर्थियों के लिए आगामी 3 जनवरी से 111 पैदल वाहिनी (प्रादेशिक सेना) के विभिन्न पदों की भर्ती शुरू होगी। इस भर्ती में 42 वर्ष की उम्र तक के अभ्यर्थी हिस्सा ले सकेंगे। रानीखेत में होने वाली 111 पैदल वाहिनी (प्रादेशिक सेना) कुमाऊं की भर्ती के लिए शारीरिक परीक्षा की तिथि 3 जनवरी, 2010 निर्धारित की गई है। यह शारीरिक परीक्षा इस तिथि को कुमाऊं रेजीमेंट सेंटर रानीखेत में प्रात: 6:30 बजे से होगी। जीएसओ-1 (ट्रेनिंग) कैप्टन अनंत थापन ने बताया है कि शारीरिक दक्षता परीक्षा में उत्तीर्ण अभ्यर्थियों की डाक्टरी व कागजातों की जांच 4 से 6 जनवरी तक होगी। इस भर्ती में उत्तराखंड समेत उत्तर प्रदेश, बिहार, उड़ीसा, झाारखंड, छत्तीसगढ़ व मध्य प्रदेश के अभ्यर्थी हिस्सा लेंगे। इसके लिए आयु सीमा 18 से 42 वर्ष निर्धारित की गई है। यह भर्ती सिपाही (सामान्य), क्लर्क, हाउस कीपर (सफाई वाला) व स्टीवर्ड (मेस वेटर) के पदों के लिए होगी। सिपाही के लिए शैक्षिक योग्यता 45 प्रतिशत अंकों के साथ मैट्रिक पास, क्लर्क के लिए 50 प्रतिशत अंकों के साथ इंटर पास, मेस वेटर के लिए दसवीं पास व हाउस कीपर के लिए आठवीं पास रखी गई है। अभ्यर्थियों से अपने साथ शैक्षिक प्रमाण पत्रों समेत निवास, चरित्र प्रमाण पत्र, 12 पासपोर्ट साइज फोटो, खेलकूद प्रमाण पत्र इत्यादि लाने को कहा गया है। -
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