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Saturday, September 29, 2012

व्यवसायिक में घरेलू गैस के उपयोग पर वितरक भी नपेंगे

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गोपेश्वर : चमोली जिले में रसोई गैस की आपूर्ति व्यवस्था में आ रही खामियों पर जिलाधिकारी ने बैठक लेकर आवश्यक दिशा निर्देश दिये हैं।
जिलाधिकारी एसए मुरुगेशन ने सभी गैस कनेक्शनों का सत्यापन एक माह के अंदर सुनिश्चित करने के निर्देश देते हुए कहा कि सरकार की ओर से तय प्रपत्र में ही सत्यापन अभिलेख मांगे जाएं। उन्होंने गैस वितरकों को कहा कि जिस स्थान को वितरण के लिए चिन्हित किया गया है वहां रोस्टर के अनुसार गैस आपूर्ति सुनिश्चित रखें। जिलाधिकारी ने कहा कि घरेलू सिलेंडरों के सापेक्ष व्यावसायिक कनेक्शनों की संख्या कम है। इसलिए व्यवसायिक संस्थानों में इन सिलेंडरों के उपयोग को सुनिश्चित करना होगा। डीएम ने फर्जी कनेक्शनों को भी बंद करने के लिए अभियान चलाने के निर्देश दिये हैं। अनियमित गैस आपूर्ति को लेकर डीएम ने प्लांट से एजेंसी को उपलब्ध होने वाले सिलेंडरों की सूची भी उन्हें उपलब्ध कराने के निर्देश किए हैं। साथ ही गैस घटतोली को रोकने के लिए गैस वितरण केंद्र पर वेट मशीन आवश्यक होनी चाहिए। डीएम ने कहा कि व्यवसायिक प्रतिष्ठानों में घरेलू गैस के उपयोग पर गैस प्रबंधक के खिलाफ भी कार्यवाही होगी। बैठक में मुख्य विकास अधिकारी सूर्यमेाहन नौटियाल, जिला पूर्ति अधिकारी श्याम आर्य, गोपेश्वर गैस एजेंसी के प्रबंधक विक्रम सिंह बिष्ट सहित जिले के सभी गैस एजेंसियों के प्रबंधक उपस्थित थे।
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विज्ञान महोत्सव में ऊर्जा संसाधनों पर रहा फोकस

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कीर्तिनगर : प्रखंड मुख्यालय में शुक्रवार को ब्लाक स्तरीय विज्ञान महोत्सव का समापन हो गया। कार्यक्रम में छात्र-छात्राओं ने पर्यावरण, ऊर्जा, सिंचाई, प्रदूषण, गणित, सुरक्षित भवन आदि कई विषयों पर माडल व प्रोजेक्ट तैयार किए। राउमा विद्यालय खोला के जगमोहन व किरन ने पांच नींबू जोड़कर 1.7 वोल्ट विद्युत तैयार किया।
इसके अलावा राइंका धारीढुण्डसिर, डांगचौरा, आछरीखण्ड, जाखी डागर, किलकिलेश्वर, गोनीखाल, पीपलीधार, जखण्ड, नागरजाधार, धदीघंडियाल, कीर्तिनगर विद्यालयों के छात्र-छात्राओं ने भी मॉडल व पोस्टर के जरिए प्रतिभा का प्रदर्शन किया। इस मौके पर छात्र-छात्राओं ने नाटकों के माध्यम से सामाजिक कुरीतियों एवं अंधविश्वास के खिलाफ लोगों को जागरूक किया। कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए ब्लाक प्रमुख जय प्रकाश शाह ने कहा कि छात्रों को लक्ष्य निर्धारित कर आगे बढ़ना चाहिए। इस लिए पढ़ाई के साथ ही इस तरह के कार्यक्रम भी जरूरी है। इस मौके पर खंड शिक्षा अधिकारी डीएस आर्य, पीएस पुंडीर, एचएम रतूड़ी, पीआर सेमवाल, एनपी उनियाल, मनोज मंमगाई, बीआर पटेल, किशोर सजवाण सहित कई अध्यापक मौजूद थे।
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ब्लॉक स्तरीय शीतकालीन क्रीड़ा प्रतियोगिता शुरू

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 पौड़ी: पौड़ी ब्लाक के बेसिक एवं माध्यमिक स्कूलों की संकुल स्तरीय शीतकालीन प्रतियोगिता का शुभारंभ हो गया है। प्रतियोगिता में पौड़ी ब्लाक के सात संकुल के छात्र हिस्सा ले रहे हैं।
प्रतियोगिता के पहले दिन प्राथमिक वर्ग के 50 मीटर दौड़ की बालिका वर्ग में दीपा ने पहला व प्रियंका ने दूसरा स्थान प्राप्त किया, जबकि बालक वर्ग में सुमित ने पहला व अंकुश ने दूसरा स्थान प्राप्त किया। 100 मीटर दौड़ के बालिका वर्ग में मोनिका ने पहला व आरती ने दूसरा स्थान प्राप्त किया जबकि बालक वर्ग में सूरज पहले व अमन दूसरे स्थान पर रहा। प्राथमिक वर्ग की ही लंबी कूद प्रतियोगिता में अंकुश ने पहला व अमित ने दूसरा स्थान जबकि बालिका वर्ग में कृष्णा ने पहला व दीपा ने दूसरा स्थान हासिल किया। सब जूनियर बेसिक की 100 मीटर दौड़ में सूरज ने पहला जबकि सूरज नौडियाल ने दूसरा स्थान जबकि बालिका वर्ग में कोमल ने पहला और मोनिका ने दूसरा स्थान कब्जाया। सब जूनियर माध्यमिक बालक वर्ग की लंबी कूद प्रतियोगिता में तैमीर खान ने पहला व सुनील कुमार ने दूसरा स्थान जबकि बालिका वर्ग में निशा ने पहला व जानकी ने दूसरा स्थान प्राप्त किया। गोला फेंक प्रतियोगिता के बालक वर्ग में सुभाष ने पहला व नमन राणा ने दूसरा जबकि बालिका वर्ग में पूनम ने पहला व कविता ने दूसरा स्थान हासिल किया। चक्का फेंक प्रतियोगिता के बालक वर्ग में मिलन ने पहला व मोहित ने दूसरा जबकि बालिका वर्ग में कविता ने पहला व रितिका ने दूसरा स्थान कब्जाया। इस अवसर पर खंड शिक्षा अधिकारी जगमोहन सिंह रावत, कुवंर सिंह राणा, सतीश चंद्र गैरोला, प्रदीप रावत, शैलेंद्र रौथाण, राजेंद्र सिंह रावत, चन्द्रमोहन नैथानी, केसर सिंह असवाल, सहित बड़ी संख्या में छात्र मौजूद थे।
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विज्ञान ने किया जीवन आसान

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श्रीनगर : भारत सरकार के विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्रालय के तत्वावधान में आयोजित इंस्पायर कार्यशाला में दूसरे दिन विशेषज्ञों ने विज्ञान के अविष्कारों और सिद्धांतों को प्रैक्टिकल रूप में छात्र-छात्राओं को समझाया। विशेषज्ञों ने कहा कि विज्ञान के विभिन्न प्रयोगों के कारण ही आज हमारा जीवन इतना आसान हो गया है।
गढ़वाल विवि के चौरास परिसर में चल रही पांच दिवसीय कार्यशाला के दूसरे दिन अहमदाबाद के प्रतिष्ठित वैज्ञानिक धनंजय रावल ने छात्र-छात्राओं को विभिन्न जानकारियां प्रदान की। उन्होंने विभिन्न प्रयोगों के माध्यम से विज्ञान के विभिन्न सिद्धांतों को प्रमाणित कर दिखाया। उन्होंने छात्र-छात्राओं से पृष्ठ तनाव, आपेक्षिक घनत्व, रिसोनेंस बॉक्स, बरनौली थ्योरम के प्रयोग प्रैक्टिकल रुप में छात्र-छात्राओं को समझाए। उन्होंने कहा कि हमारे आस-पास की प्रत्येक वस्तु विज्ञान के किसी ना किसी नियम का पालन करती है। उन्होंने कहा कि विज्ञान के विभिन्न प्रयोगों के कारण ही आज हमारा जीवन इतना आसान हो पाया है।
द्वितीय सत्र में कार्यशाला के समन्वयक प्रो. यशपाल सुंदरियाल ने कहा कि विज्ञान के नियमों और सिद्धांतों को प्रैक्टिकल के माध्यम से बेहतर समझा जा सकता है। इसलिए डीएसटी ने लेक्चर के साथ ही डेमोस्ट्रेशन को भी इंस्पायर कार्यक्रम में शामिल किया है। कार्यक्रम के आयोजन में डॉ. एसपी सती, नरेश राणा, सुनील नेगी, अभिनंदन बड़ोनी, पिंकी बिष्ट, दीप्ति शर्मा आदि ने सहयोग दिया।
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गैरसैंण में नौ नवंबर को होगी मंत्रिमंडल की बैठक

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पहाड़ी चमोली जिले के पिछड़े गैरसैंण इलाके में आगामी दो अक्टूबर को प्रस्तावित उत्तराखंड कैबिनेट की बैठक अब नौ नवंबर को होगी.
 बहुगुणाआधिकारिक सूत्रों ने बताया कि 10 अक्टूबर को होने वाले टिहरी लोकसभा उपचुनाव के कारण लागू आदर्श आचार संहिता के कारण दो अक्टूबर को प्रस्तावित मंत्रिमंडल बैठक की तिथि को बदल दिया गया है.सूत्रों के अनुसार, उत्तराखंड सरकार ने चुनाव आयोग से पूर्व प्रस्तावित कार्यक्रम के तहत गैरसैंण में मंत्रिमंडल की बैठक करने की अनुमति मांगी थी, लेकिन आयोग ने आचार संहिता लागू होने का हवाला देते हुए उसे नामंजूर कर दिया.
सूत्रों ने कहा कि 10 अक्टूबर को होने वाले टिहरी लोकसभा उपचुनाव के बाद अब मंत्रिमंडल की बैठक गैरसैण में नौ नवंबर को राज्य गठन की बरसी पर होगी. मुख्यमंत्री विजय बहुगुणा ने राज्य की सत्ता संभालने के बाद पिछड़े इलाकों के विकास के लिये अपनी सरकार की प्रतिबद्धता प्रदर्शित करते हुए गैरसैंण में दो अक्टूबर को मंत्रिमंडल की बैठक आयोजित करने की घोषणा की थी. गैरसैंण उत्तराखंड के कुमांउ और गढ़वाल मंडलों के बीचोंबीच स्थित है और राज्य की जनता के लिये ‘भावनात्मक मुददा’ रहा है. उत्तराखंड क्रांति दल जैसे क्षेत्रीय दल शुरू से ही वहां राजधानी बनाये जाने की मांग करते रहे हैं. 
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टिहरी उपचुनाव में कांग्रेस को कड़ी टक्कर देगी भाजपा

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उत्तराखंड की टिहरी लोकसभा सीट के लिए आगामी 10 अक्टूबर को होने वाले उपचुनाव में कांटे की टक्कर होने की संभावना है.
मुख्य मुकाबला दो शक्तिशाली राजनीतिक परिवारों के वंशजों के बीच होना है. टिहरी लोकसभा सीट के लिए होने वाले उपचुनाव में 14 उम्मीदवार चुनाव मैदान में हैं. इनमें से भाजपा के टिकट पर अपना भाग्य आजमा रहीं माला राज लक्ष्मी शाह भी हैं. राजलक्ष्मी टिहरी शाही परिवार के वंशज एवं रिकार्ड आठ बार टिहरी से सांसद रहे मानवेंद्र शाह की पुत्रवधु हैं. उनका मुकाबला मुख्यमंत्री विजय बहुगुणा के पुत्र एवं उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री हेमवती नंदन बहुगुणा के पौत्र साकेत बहुगुणा से है. साकेत की बुआ रीता बहुगुणा जोशी हाल तक उत्तर प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष थीं.
उपचुनाव के दोनों मुख्य उम्मीदवारों की ओर से जबर्दस्त चुनाव प्रचार किया जा रहा है. कांग्रेस और भाजपा दोनों चुनावी सभाओं में प्रभावशाली भीड़ का हवाला देते हुए एक-दूसरे पर बढ़त होने के दावे कर रही हैं. भाजपा का मुख्य जोर जहां एक ओर टिहरी के पूर्व शाही परिवार के परंपरागत समर्थकों पर है वहीं राज्य और केंद्र में सत्तारूढ़ कांग्रेस स्वयं को एक ऐसी पार्टी के रूप में पेश कर रही है जो क्षेत्र में बड़ा निवेश और विकास कर सकती है. कांग्रेस का यह मानना है कि उपुचुनाव में एक अनुकूल बात यह है कि यह लोकसभा सीट पार्टी के पास थी. यह सीट मुख्यमंत्री विजय बहुगुणा के त्यागपत्र के बाद खाली हुई है जिन्होंने सितारगंज विधानसभा सीट से जीत दर्ज करने के बाद यह सीट छोड़ दी थी. कांग्रेस का इसके साथ ही यह भी मानना है कि साकेत की कम आयु उनके पक्ष में काम कर सकती है. उन्होंने राजनीति में आने के लिए एक बहुराष्ट्रीय कंपनी के साथ अपना अच्छा करियर छोड़ दिया.
कांग्रेस प्रदेश उपाध्यक्ष सूर्यकांत धसमाना ने कहा, ‘हमारा उम्मीदवार युवा और सक्रिय है ही साथ ही उन्हें अंतरराष्ट्रीय अनुभव भी है. उनकी सभा में भारी भीड़ जुट रही है. यह सब इस बात का संकेत है कि वह भारी अंतर से जीत दर्ज करेंगे. बहरहाल भाजपा का मानना है कि साकेत एक राजनीतिक नौसिखिये हैं जिन्हें माला राज लक्ष्मी शाह जैसे मजबूत प्रतिद्वंद्वी के खिलाफ उतारा गया है. राज लक्ष्मी अपने ससुर मानवेंद्र शाह के चुनावी सभाओं का इंतजाम देखती थीं. विधानसभा में विपक्ष के नेता अजय भट्ट ने कहा, ‘साकेत पहली बार चुनाव लड़ रहे हैं और उन्हें अपने आप को साबित करना है जबकि हमारी उम्मीदवार अपने ससुर के चुनावी अभियान का प्रबंधन संभालती थीं. उनका मतदाताओं के साथ भावनात्मक सम्पर्क है. 
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Thursday, September 27, 2012

दोहरी मार: जमीन गई, रोजगार भी नहीं मिला

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उत्तरकाशी : पाला मनेरी परियोजना का काम बंद होना औंगी गांव के लिये नुकसानदेह साबित हो रहा है। इस गांव की अधिकांश काश्त की भूमि परियोजना निर्माण के लिये अधिग्रहीत कर ली गई थी। गांव के चार परिवार तो पूरी तरह भूमिहीन ही हो गए। ऐसे में इन लोगों के सामने आजीविका का संकट खड़ा हो गया है।
वर्ष 2007 में जल विद्युत निगम ने गंगा भागीरथी पर पाला मनेरी परियोजना निर्माण के लिये औंगी गांव में एडिट टनल और सड़क के लिये जमीन अधिग्रहीत की थी जिसमें बड़े पैमाने पर ग्रामीणों की खेती की जमीन चली गई। इसके अलावा हरि चंद, कबूल चंद, बद्री चंद व शिवचंद भूमिहीन हो गये। यह चारों परिवार वर्ष 2002 में डिडसारी गाड में आई बाढ़ में दस अन्य प्रभावित परिवारों के साथ अपना भवन भी गवां चुके थे। तब भी इन परिवारों को शासन प्रशासन की उपेक्षा का शिकार होना पड़ा। परियोजना के लिये भूमि अधिग्रहण के समय चारों परिवारों को परियोजना में रोजगार और आवास देने का भरोसा दिलाया गया। इसी बीच गंगा के अविरल प्रवाह को बनाए रखने के आंदोलन के चलते यह सरकार को परियोजना निर्माण रोकना पड़ा। तब से जल विद्युत निगम ने प्रभावित परिवारों को भी भुला दिया। वर्ष 2010 में शासन के निर्देशों पर स्थानीय प्रशासन ने इन लोगों की सुध ली और उन्हें मनेरी कालोनी में आवास उपलब्ध कराए। अब पूरी तरह भूमिहीन हो चुके इन चारों परिवारों के पास आजीविका के साधन भी नहीं हैं। शासन प्रशासन और जल विद्युत निगम से कई बार गुहार लगाने के बावजूद कोई इनकी सुध लेने को तैयार नहीं है। प्रभावितों का कहना है कि भूमिहीन होने से रोजगार की दिक्कत हो गई है।
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नामसमझी से लगा ढाई करोड़ का झटका

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रुड़की: अधिकारियों की नासमझी से विनियमित क्षेत्र रुड़की कार्यालय को ढाई करोड़ रुपये का झटका लगा है। एसबीआइ में करंट एकाउंट खोले जाने की वजह से पिछले पांच साल में ढाई करोड़ की ब्याज राशि गंवा दी। अब नियत प्राधिकारी ने विनियमित क्षेत्र कार्यालय का लेखा-जोखा खंगाला तो पूर्व में हुई लापरवाही सामने आई।
विनियमित क्षेत्र रुड़की कार्यालय में नगर पालिका रुड़की, मंगलौर के अलावा आसपास के 37 गांव का विकास शुल्क जमा होता है। विकास शुल्क ही यह राशि प्रतिवर्ष साढ़े पांच से छह करोड़ तक पहुंच जाती है। वर्ष 1999 से लेकर वर्ष 2007 तक विनियमित क्षेत्र का बैंक खाता सिविल लाइंस स्थित पीएनबी में रहा। भूमि अधिग्रहण के एक मामले में पीएनबी के अधिकारियों ने कोर्ट के एक आदेश पर विनियमित क्षेत्र कार्यालय को पौने दो करोड़ रुपये कोषागार को हस्तांतरित किए। इस पर विनियमित क्षेत्र कार्यालय ने पीएनबी का बैंक खाता बंद कराकर सिविल लाइंस की एसबीआइ में चालू खाता खुलवा दिया। तब विनियमित क्षेत्र के अधिकारियों ने इस बात पर गौर नहीं किया कि एसबीआइ चालू खाते में ब्याज नहीं देता। उस समय एसबीआइ के अधिकारी भी चुप्पी साधे रहे। नतीजतन पांच साल में ढाई करोड़ रुपये की ब्याज राशि गंवा दी। 
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बागेश्वर के हीरा ने की भागीरथी चोटी फतह

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बागेश्वर : हरसीला निवासी आइटीबीपी के असिस्टेंट कमांडेंट हीरा राम आर्य ने भागीरथी द्वितीय चोटी (2512मीटर)फतह कर बागेश्वर का नाम रोशन किया है। बुधवार को पीक फतह कर वापस लौटने पर उनका टीम सहित भव्य स्वागत किया गया।
मूल रूप से हरसीला के रहने वाले असिस्टेंट कमांडेंट हीरा राम आर्य अब मंडलसेरा के भुल्यूड़ा में रहते हैं। विगत 27 अगस्त को देहरादून से 10 सदस्यी दल को महानिरीक्षक इंद्र सिंह नेगी द्वारा ध्वज प्रदान किया गया। टीम के लीडर कमांडेंट गनधीर सिंह व असिस्टेंड कमाडेंट हीरा राम आर्य थे। विगत 10 सितंबर को टीम ने भागीरथी द्वितीय (2512मीटर)चोटी फतह कर आइटीबीपी 23वीं वाहिनी सहित बागेश्वर जिले का नाम रोशन किया। उनके साथ टीम में मंडलसेरा (बागेश्वर)निवासी कांस्टेबल कवींद्र सिंह भी शामिल थे। उत्तरकाशी में गंभीर व विषम परिस्थितियों के बाद भी टीम ने पूरे जोश व साहस के साथ पीक क्लाइंब की। बुधवार को देहरादून में आयोजित एक समारोह में पूरी टीम का भव्य स्वागत किया गया।
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अपने आप में अनूठा है पत्ती मेला

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पौड़ी: 15 मीटर लंबे चीड़ के चिकने तने पर पत्ती लूटने के लिए जोर आजमाइश करते ग्रामीण और साथ में हौसलाअफजाई करते लोग पत्ती मेले के उत्साह को कई गुना बढ़ा रहे थे। प्रकृति के बीच प्रकृति का मेला निश्चित तौर पर खुशहाली की कहानी बयां कर रहा था। बीरोंखाल ब्लॉक की ग्राम सभा सुकई के कुंज तलिया में पहली दफा पत्ती मेले का आयोजन किया गया। पहली दफा क्षेत्र में आयोजित मेले में सैकडों की संख्या में ग्रामीण उमड़े।
राजराजेश्वरी मंदिर समिति की ओर से पहली बार आयोजित पत्ती मेले में हालांकि कोई भी ग्रामीण पत्ती नहीं लूट सका, लेकिन दिन भर मेले में लोगों का उत्साह देखते ही बन रहा था। समिति के अध्यक्ष हर्षपाल बंगारी ने बताया कि पत्ती मेले से पूर्व मंदिर में दो दिन तक जागरण और भजन संध्या का आयोजन किया गया। उन्होंने बताया कि सूर्यास्त तक भी पत्ती नहीं लूटने पर मंदिर समिति ने पत्ती को नीचे उतारकर ग्रामीणों में प्रसाद स्वरूप बांट दिया। इस अवसर पर बतौर मुख्य अतिथि सूर्यकांत धस्माना मौजूद थे। इसके अलावा थलीसैंण ब्लॉक के कैंयूर में भी पत्ती मेले का आयोजन किया गया।
क्या है पत्ती मेला
चीड़े के लंबे पेड़ के सारे तने काटकर उसे लंबे डंडे में तब्दील कर दिया जाता है। इस डंडे पर तेल और सेमल की मदद से चिकनाई पैदा की जाती है। इसके सबसे ऊपरी सिरे पर स्थानीय उत्पाद जैसे अखरोट, चूड़ा और अनाज को बांध दिया जाता है, जिसे पत्ती कहा जाता है। जो भी व्यक्ति पत्ती लूटता है, वह विजेता घोषित किया जाता है।
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बड़े बाबुओं को चाहिए बड़ी गाड़ी

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देहरादून । जब मंत्री और शासन के बड़े अफसर परंपरागत एंबेसडर कारों की बजाए लक्जरी कारों को तरजीह देने लगे हैं तो भला जिलों के मुखिया कैसे पीछे रहते। यह सच है कि अब सूबे के कई जिलों के जिलाधिकारियों की दिली इच्छा है कि उन्हें एंबेसडर की जगह इनोवा, जाइलो या स्कार्पियो जैसी बड़ी गाड़ियां दी जाएं। इस तरह के कई पत्र शासन के पास आए हैं। दिलचस्प बात यह है कि बड़ी गाड़ी की मांग करने वालों में कई उप जिलाधिकारी तक शामिल हैं। कुछ साल पहले तक एंबेसडर को रुआब और स्टेटस का प्रतीक समझा जाता था लेकिन अब धीरे-धीरे शासन और सत्ता की हनक दिखाने वाले इस वाहन पर नए मॉडल की लक्जरी कारें भारी पड़ती नजर आ रही हैं। सरकार और शासन के नुमांइदे तो इस वाहन से किनारा कर ही रहे हैं, अब जिलों के अधिकारियों को भी ये रास नहीं आ रही हैं। दरअसल, इन दिनों शासन में कई जिलों के जिलाधिकारियों के साथ ही उप जिलाधिकारियों ने डिमांड की है कि उन्हें एंबेसडर के स्थान पर अन्य कारें और वह भी लेटेस्ट मॉडल, मुहैया कराई जाएं। इन अफसरों की ओर से शासन को बकायदा पसंद भी बताई गई है। मसलन, एक जिलाधिकारी को लंबी इनोवा पुरानी एंबेसडर से कहीं ज्यादा बेहतर दिख रही है तो दूसरे अफसर की पसंद जाइलो या फिर स्कार्पियो है। शासन की तरफ से उन्हें बुलेरो वाहन का विकल्प दिया गया मगर अधिकांश ने इसके प्रति कोई रुचि नहीं दिखाई। सूत्रों का कहना है कि राजस्व विभाग को प्राप्त इन पत्रों के आधार पर नए वाहनों की खरीद का प्रस्ताव तैयार कर वित्त विभाग से भेजा जा रहा है। इस संबंध में जानकारी के लिए प्रमुख सचिव [राजस्व] ओमप्रकाश से बात करने की कोशिश की गई, लेकिन उनसे संपर्क नहीं हो पाया।
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उत्पादों की जांच साजिश : बाबा

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हरिद्वार । योगगुरु बाबा रामदेव ने खाद्य सुरक्षा विभाग की पतंजलि आयुर्वेद लिमिटेड के छह उत्पादों पर आई जांच रिपोर्ट को सिरे से खारिज कर उसे सरकारी साजिश करार दिया है। उन्होंने विभाग पर बिना तथ्यों और प्रमाण के पतंजलि उत्पादों और खुद की साख को ठेस पहुंचाने का आरोप लगाते हुए कानूनी नोटिस भेजने की बात कही। आरोप लगाया कि ये दिल्ली स्थित कांग्रेस के केंद्रीय मुख्यालय के इशारे पर किया गया। कहा कि उनके दो अक्टूबर से एफडीआइ के विरोध में देशभर में शुरू होने जा रहे स्वदेशी आंदोलन को रोकने की नीयत से ऐसा किया है। वर्ष 2011 के जिस एक्ट के तहत खाद्य विभाग ने पतंजलि उत्पादों को मिस-ब्रांडिंग और मिस-लीडिंग का आरोप लगाया है, उसी एक्ट में फरवरी 2013 तक कंपनियों को अपने उत्पादों की नए एक्ट के तहत लेबलिंग कराने का मौका दिया है। ऐसे में समय से पहले पतंजलि के उत्पादों इस तरह का आरोप लगाना कानूनन गलत है। बाबा रामदेव बुधवार शाम पतंजलि योगपीठ में पत्रकारों से बातचीत कर रहे थे। उन्होंने आरोप लगाया कि बिना तथ्य और प्रमाण के इस तरह झूठे और बेबुनियाद आरोप लगा हमें और हमारे संस्थानों के उत्पादों को बदनाम करने की साजिश की जा रही है। हम इसके लिए खाद्य सुरक्षा विभाग को कानूनी नोटिस भेजेंगे। एक सवाल के जवाब में बताया कि फूड सेफ्टी एंड स्टैंड?र्ड्स आथॅरिटी ऑफ इंडिया एक्ट 2006 एफएसएसएआइ को जब लागू किया गया, उस समय तक सभी कंपनियां पहले के प्रिवेंशन ऑफ फूड अडल्ट्रेशन एक्ट पीएफए एक्ट का पालन कर रही थीं। पतंजलि आयुर्वेद लिमिटेड ने भी इसी एक्ट का पालन कर उसके अनुरूप अपने उत्पादों के लेबल को प्रिंट कराया था। 2011 में नया कानून लागू हुआ तो व्यवस्था भी बदली। साथ ही नए एक्ट ने कंपनियों को नए कानून और नई व्यवस्था में खुद को ढालने के लिए 4 फरवरी 2013 तक का समय दिया। हमने अब तक अपने 95 प्रतिशत उत्पादों की लेबलिंग में नए कानून के हिसाब से बदलाव कर दिया है, बाकी पर काम चल रहा है। अभी भी हमारे पास 4 महीने से अधिक का समय है। ऐसे में समय से पहले हम पर अनर्गल आरोप लगाने की वजह क्या है, वह भी तब जब हमारे उत्पाद गुणवत्ता की कसौटी पर उनकी ही जांच में खरे उतरे हों। कहाकि हम इसके खिलाफ बहुत जल्द विभाग को कानूनी नोटिस भेजेंगे और क्षतिपूर्ति की मांग करेंगे।
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