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Saturday, October 6, 2012

उत्तराखंड : मूल निवास पर पलटी राज्य सरकार

उत्तराखंड : मूल निवास पर पलटी राज्य सरकार
उत्तराखंड : मूल निवास पर पलटी राज्य सरकार
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मूल निवास प्रमाण पत्र के मामले में उत्तराखंड सरकार ने उच्च न्यायालय के आदेश को सर्वोच्च न्यायालय में चुनौती दे दी है| सरकार ने यह कदम गुपचुप तरीके से उठाया है. इसको लेकर फिर प्रदेश का राजनीतिक माहौल गरमा गया है. इसका खुलासा करते हुए उत्तराखंड रक्षा मोर्चा ने मुख्यमंत्री पर जनता को गुमराह कर वोट की राजनीति करने का आरोप लगाया है |
उत्तराखंड रक्षा मोर्चा के अध्यक्ष जनरल (रि.) टीपीएस रावत व टिहरी सीट से पार्टी प्रत्याशी कुंवर जपेन्द्र सिंह उत्तराखंडी ने पत्रकारों से वार्ता करते हुए कहा कि मूल निवास व जाति प्रमाण पत्र के मुद्दे पर प्रदेश सरकार जनता से छल कर रही है | मुख्यमंत्री विजय बहुगुणा चुनावी सभाओं में मूल निवास के मामले में मैदानी लोगों को गुमराह कर उच्च न्यायालय  के आदेशों का पालन करने की बात कह रहे हैं, जबकि प्रदेश सरकार ने गुपचुप तरीके से गत आठ सितम्बर को हाईकोर्ट के आदेश को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है. कांग्रेस वोटों की राजनीति कर रही है. उन्होंने जनता से अपील की कि वह कांग्रेस के बहकावे में न आए|
जनरल रावत ने कहा कि हाईकोर्ट का आदेश है कि जो लोग 2000 से प्रदेश में निवास कर रहे हैं. वह यहां के मूल निवासी हैं. हाईकोर्ट ने यह टिप्पणी भी की है कि मूल निवास प्रमाण पत्र के लिए 50 साल की अर्हता गैरजरूरी है. उन्होंने कहा कि कांग्रेस और भाजपा मूल निवास और जाति प्रमाण पत्र के मामले को वोटों के ध्रुवीकरण के लिए इस्तेमाल करती हैं| पार्टी प्रत्याशी कुंवर जपेन्द्र ने कहा कि मुख्यमंत्री पुत्र मोह में जनता को गुमराह कर रहे हैं. सार्वजनिक तौर पर वह कहते हैं कि मूल निवास के मुद्दे पर सुप्रीम कोर्ट नहीं जाएंगे, वहीं दूसरी ओर समाज कल्याण विभाग के अतिरिक्त सचिव बीआर टम्टा इस मुद्दे को लेकर सुप्रीम कोर्ट चले गए हैं| हाईकोर्ट ने कहा है कि प्रदेश सरकार चार सप्ताह में मूल निवास और जाति प्रमाण पत्र जारी करे, लेकिन सरकार सुप्रीम कोर्ट पहुंच गई. आठ सितम्बर 2012 को सरकार सर्वोच्च न्यायालय में जनसेवा समिति बनाम उत्तराखंड सरकार मामले में हलफनामा दाखिल कर चुकी है. इसकी सुनवाई 29 अक्टूबर को है. ऐसा नहीं है कि मूल निवास प्रमाण पत्र मामले में सरकार ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा पहले न खटखटाया हो लेकिन सरकार को मुंह की खानी पड़ी है| 
इस दौरान मोर्चा महामंत्री राजेन्द्र सिंह भण्डारी, चुनाव प्रभारी एसएस कोठियाल, सह प्रभारी राजेन्द्र पंत, महानगर अध्यक्ष योगेन्द्र नेगी, सदस्यता प्रमुख मोहन सिंह रावत, डा. राजेन्द्र प्रसाद गोस्वामी, शीशपाल सिंह असवाल, अिनी मुदगल, करतार सिंह, मौलाना हबीबुर रहमान, मौलाना सुल्तान काजमी, अमर कण्डवाल, राजेन्द्र भट्टकोटी, चौधरी जयवीर सिंह, सीएल भारतीय, प्रीतम कुलवंशी व प्रीतम सिंह नागपाल आदि उपस्थित थे|
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सबसे खर्चीले पूर्व मुख्यमंत्री तिवारी

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सबसे खर्चीले पूर्व मुख्यमंत्री तिवारी
सबसे खर्चीले पूर्व मुख्यमंत्री तिवारी
प्रदेश शासन द्वारा पूर्व मुख्यमंत्रियों को मुहैया कराई सामग्री की कीमत के हिसाब से देखा जाए तो पूर्व मुख्यमंत्री एनडी तिवारी सबसे खर्चीले पूर्व मुख्यमंत्री साबित हो रहे हैं| हालांकि इसमें प्रदेश के प्रथम मुख्यमंत्री नित्यानंद स्वामी को उपलब्ध कराई गई सामग्री का विवरण शामिल नहीं है क्योंकि प्रदेश शासन से सूचनाधिकार के जरिए जो जानकारी दी गई है, उसमें उनका विवरण नहीं दिया गया है | सूचना आयोग के दखल के बाद जो जानकारी मिली है उसके मुताबिक खर्च के हिसाब से एनडी तिवारी पहले, भुवन चंद्र खंडूड़ी दूसरे, रमेश पोखरियाल निशंक तीसरे और भगत सिंह कोश्यारी चौथे नंबर पर हैं.  गौरतलब है कि ओल्ड सव्रे रोड निवासी सुशील खरे ने इसी साल मई में प्रमुख सचिव वित्त के कार्यालय के लोक सूचनाधिकारी से राज्य के सभी पूर्व मुख्यमंत्रियों पर राज्य सरकार द्वारा किए जा रहे सालाना खर्च का ब्योरा मांगा था|
उन्होंने सभी की संपत्ति का विवरण भी मांगा था. लेकिन प्रमुख सचिव वित्त के दफ्तर से उनकी अर्जी यह कहकर लौटा दी गई कि प्रमुख सचिव वित्त कार्यालय लोक सूचनाधिकारी नहीं है. उनकी विभागीय अपील का पत्र भी इस आधार पर लेने से इनकार कर दिया गया कि प्रमुख सचिव वित्त विभागीय अपीलीय अधिकारी नहीं हैं.  शासन के अफसरों के रवैए से निराश होकर सुशील खरे ने राज्य सूचना आयोग का दरवाजा खटखटाया| अब आयोग ने नोटिस भेजा तो वित्त विभाग के लोक सूचनाधिकारी यानी अनुभाग अधिकारी ने इसी जुलाई में मूल अनुरोध पत्र गोपन (मंत्रि परिषद) विभाग के लोक सूचनाधिकारी यानी अनुसचिव को अंतरित कर दिया. आयोग ने कहा कि सूचनाधिकार की अर्जी लौटाना उचित नहीं है और प्रमुख सचिव वित्त को स्पष्टीकरण देने को कहा. गोपन विभाग के अनुसचिव ने भी अर्जी को विधानसभा के लोक सूचनाधिकारी व इरला चैक विभाग उत्तराखंड शासन, राज्य संपत्ति विभाग  व सचिवालय प्रशासन विभाग के लोक सूचनाधिकारियों को अंतरित कर दिया|
विधानसभा के लोक सूचनाधिकारी ने बताया कि पूर्व मुख्यमंत्रियों पर हो रहे खर्च को विस सचिवालय वहन नहीं करता, अलबत्ता सभी पूर्व मुख्यमंत्रियों की संपत्ति की सूचना उसके पास 22 पृष्ठों में मौजूद है जिसे 44 रुपये जमा कर अपीलार्थी ले सकते हैं. अब राज्य सूचना आयुक्त विनोद नौटियाल ने शासन के इरला चैक विभाग, राज्य संपत्ति विभाग व सचिवालय प्रशासन विभाग के लोक सूचना अधिकारियों पक्षकार बनाते हुए निर्देश दिया कि वह अपीलार्थी को मुख्यमंत्रियों पर हो रहे खर्च का ब्यौरा उपलब्ध कराएं| सूचना आयुक्त विनोद नौटियाल ने प्रमुख सचिव वित्त द्वारा निर्देश के बावजूद स्पष्टीकरण न देने पर नाराजगी भी जताई. इतना ही नहीं राज्य सूचना आयोग के निर्देश के बावजूद प्रमुख सचिव वित्त ने इस मामले में स्पष्टीकरण तक नहीं दिया. बहरहाल अब भी राज्य संपत्ति विभाग ने आधी-अधूरी सूचनाएं ही मुहैया कराई हैं. राज्य सूचना आयुक्त ने इस मामले में मांगी गई सभी सूचनाएं मुहैया कराने के निर्देश दिए हैं|
       पूर्व मुख्यमंत्री उपलब्ध कराई सामग्री
  • नारायण दत्त तिवारी    33,77,819 रुपये
  • भुवन चंद्र खंडूड़ी    26,51,919 रुपये
  • रमेश पोखरियाल निशंक    19,89,485 रुपये
  • भगत सिंह कोश्यारी    5,75,918  रुपये

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केदारनाथ यात्रा में घोड़े -खच्चरों पर रोक, आजीविका का संकट

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रूद्रप्रयाग जिला पंचायत ने गौरीकुंड-केदारनाथ पर सफाई व्यवस्था को दुरुस्त करने के लिये घोड़े और खच्चरों की आवाजाही पर रोक लगा दी है|
 केदारनाथ यात्रा में घोड़े खच्चरों पर रोक
जिला पंचायत के अपर मुख्य अधिकारी यशवंत रावत ने बताया कि 14 किलोमीटर लंबे पहाड़ी रास्ते पर घोड़े और खच्चरों की आवाजाही पर अस्थायी रोक का निर्णय उत्तराखंड उच्च न्यायालय द्वारा मार्ग की साफ.सफाई पर अप्रसन्नता जाहिर करने के बाद लिया गया| मार्ग पर गदंगी फैले रहने से संबंधित दायर जनहित याचिका पर सुनवाई के दौरान उच्च न्यायालय ने जिला पंचायत को उचित कदम उठाने का निर्देश देते हुए इस संबंध में एक कार्ययोजना बना कर उसे आगामी छह अक्टूबर को कोर्ट में पेश करने को कहा था| रावत ने कहा कि आगामी शनिवार को मार्ग की सफाई से संबंधित कार्ययोजना अदालत में पेश की जाएगी और वहां से मिले निर्देश के अनुसार अग्रिम कार्रवाई की जाएगी.  
गौरीकुंड से केदारनाथ धाम पहुंचने के पैदल मार्ग पर घोड़े और खच्चरों की आवाजाही की वजह से काफी गंदगी और बदबू फैली रहती है और काफी समय से श्रद्धालु और समाजिक कार्यकर्ता मार्ग पर सफाई व्यवस्था दुरुस्त करने के लिये आवाज उठा रहे थे| जिला पंचायत का नया आदेश लागू होने के बाद केदारनाथ धाम की यात्रा पर आने वाले श्रद्धालुओं को अब दर्शन के लिये पैदल जाना अथवा डंडी.कंडी (डोली और टोकरी) का उपयोग करना पड़ेगा|
नये आदेश के कारण जहां घोड़ा और खच्चर चलाने वाले लोगों के सामने आजीविका का संकट खड़ा हो गया है, वहीं तीर्थयात्रियों के लिये भी यात्रा मंहगी हो गयी है | तीर्थयात्रियों को केदारनाथ मंदिर पहुंचने के लिये घोड़े और खच्चर की सुविधा लेने पर आने.जाने के लिये जहां प्रति व्यक्ति 1700 रुपये देने पड़ते थे, अब डंडी.कंडी का उपयोग करने पर करीब 5000 रुपये प्रति व्यक्ति देने होंगे | रावत ने बताया कि अप्रैल और मई महीने में यात्रा सीजन के चरम पर रहने के दौरान 4000-5000 घोड़े और खच्चर गौरीकुंड-केदारनाथ पैदल मार्ग पर चलते हैं जबकि बरसात के दौरान यह संख्या कम हो जाती है| केदारनाथ मंदिर 10,000 फीट से अधिक की उंचाई पर गढ़वाल हिमालय की पहाड़ियों में स्थित है और अप्रैल.मई से अक्टूबर.नवंबर के मध्य यहां देश विदेश के लाखों श्रद्धालु भगवान शिव के दर्शन के लिये पहुंचते हैं|
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टिहरी में फिल्म सिटी बनाने की इच्छा

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 नई टिहरी: चुनाव प्रचार के लिए पहुचे संजय दत्त टिहरी झील को देख इतने अभिभूत हुए कि उन्होंने वहां फिल्म सिटी बनाने की इच्छा जहिर कर दी। बांध झील का हेलीकॉप्टर से हवाई भ्रमण कर उन्होंने इसे बेहद खूबसूरत स्थान बताया। दत्त ने कहा कि हिटरी की झील फिल्मों की शूटिंग के लिए बेहतर स्थान है। उन्होंने कहा कि यदि उत्तराखंड सरकार ने उन्हें ब्रांड एंबेसडर बनाया तो वह फिल्म जगत से इसको जोड़कर पर्यटन के क्षेत्र में एक नया अध्याय बनाएंगे।
शुक्रवार को चंबा में कांग्रेस की चुनावी जन सभा में शामिल होने पहुंचे सिने स्टार संजय दत्त ने कहा कि टिहरी बांध की झील फिल्म शूटिंग के लिए बेहद खूबसूरत स्थान है। साथ ही उन्होंने कहा कि वह यहां पर फिल्म सिटी का निर्माण भी करेंगे। सिने स्टार ने कहा कि बांध की झील जहां पर्यटकों की पहली पसंद बनेगी, वहीं इससे रोजगार के अवसर भी सृजित होंगे। दत्त ने कहा कि वह केंद्र सरकार से भी इस मामले में पहल करने को कहेंगे। स्थानीय विधायक दिनेश धनै से उन्होंने पुलिस लाइन चम्बा से जनसभा स्थल पहुंचने के दौरान रास्ते में कई जानकारियां हासिल की। श्री धनै ने उन्हें पुराना टिहरी शहर से लेकर बांध निर्माण और अब झील के विकास को लेकर सरकारी प्रयासों के बारे में विस्तार से जानकारी दी। जन सभा में युवाओं की डिमांड पर उन्होंने फिल्म मुन्ना भाई का डॉयलाग सुनाकर लोगों को खूब हंसाया।
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दमादम मस्त कलंदर' पर झूमे मेडिकल स्टूडेंट्स

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हल्द्वानी: राजकीय मेडिकल कालेज परिसर शुक्रवार शाम राजस्थानी गीतों से सराबोर रहा। स्पिक मैके के कलाकारों ने दमादम मस्त कलंदर जैसे गीतों से श्रोताओं को झूमने पर मजबूर कर दिया। अभिनंदन समारोह में प्राचार्य प्रो. आरसी पुरोहित का अभिनंदन किया गया।
मेडिकल कालेज डॉक्टर्स वेलफेयर एसोसिएशन के समारोह में कालेज के स्थायी प्राचार्य होने पर प्रो. पुरोहित का भव्य स्वागत किया गया। उसके बाद कलाकारों ने 'दमादम मस्त कलंदर, अलीदा पहला नंबर, ओ लाल मेरी पत रखियो जरा, झूले लाल' की प्रस्तुति से मेडिकल स्टूडेंट्स को झूमने पर मजबूर कर दिया। 'छाप तिलक सब छीनी रे मोसे नैना मिलाइके' गीत की प्रस्तुति से दर्शक मंत्रमुग्ध हो गए। 'निबूड़ा-निबूड़ा-निबूडा, कांचा, कांचा, कांचा' गीत की प्रस्तुति भी सराहनीय रही। वेदांत सक्सेना ने कन्या भ्रूण हत्या पर आधारित गीत 'ओरी चिडि़या, नन्हीं सी चिड़िया' प्रस्तुति के जरिये दर्शकों को सोचने पर मजबूर कर दिया। प्राचार्य ने राजस्थानी कलाकारों को पुष्प गुच्छ भेंट कर उनका स्वागत किया। संचालन निशाष, अंजुम और अर्चना ने किया। एसोसिएशन महासचिव डॉ. अतुल सक्सेना ने बताया कि नए प्राचार्य के निर्देशन में संस्थान निरंतर प्रगति करेगा। इस अवसर पर प्रो. आशुतोष सयाना, स्पिक मैके के कोऑर्डिनेटर डॉ. केके पांडे, डॉ. आरजी नौटियाल, डॉ. साधना अवस्थी, डॉ. अंशुमन रॉय, डॉ. उर्मिला पलड़िया, डॉ. ऊषा जोशी, डॉ. केके अवस्थी, डॉ. प्रदीप पंत, आलोक उप्रेती, मनोज चौधरी, सुनील जोशी, रवि पाल, हरिमोहन उपाध्याय आदि उपस्थित थे।
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दो दिवसीय विज्ञान महोत्सव आरंभ

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गोपेश्वर:ब्लाक स्तरीय विज्ञान महोत्सव में विज्ञान प्रदर्शनी, विज्ञान मेला, विज्ञान ड्रामे का आयोजन किया गया।
राजकीय इंटर कालेज के सभागार में दशोली ब्लाक का दो दिवसीय विज्ञान महोत्सव शुरू हो गया है। इस महोत्सव में 25 स्कूलों के 262 छात्र-छात्राएं हिस्सा ले रहे हैं। पहले दिन विज्ञान ड्रामा, विज्ञान प्रदर्शनी व विज्ञान मेले में इन सभी बच्चों ने सिरकत की। इस अवसर पर छात्र-छात्राओं ने विज्ञान पर आधारित नवाचारी माडल प्रस्तुत किए। विज्ञान समन्वयक दशोली डीएस रावत ने बताया कि शनिवार को विज्ञान महोत्सव में आयोजित प्रतियोगिताओं का परिणाम घोषित किया जाएगा। उन्होंने बताया कि जनपद स्तरीय विज्ञान महोत्सव राजकीय बालिका इंटर कालेज सभागार में 18 अक्टूबर से शुरू होगा। इस अवसर पर समन्वयक केएस गड़िया, दीप्ति सती, जनपदीय समन्वयक एपी डिमरी समेत कई शिक्षक-शिक्षिकाएं मौजूद थे।
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Friday, October 5, 2012

पंचायत प्रतिनिधियों ने किया प्रदर्शन

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पिथौरागढ़: जिला पंचायत अध्यक्ष सुनीता देवी के पति का वाहन जलाने वालों का पांच दिन बाद भी कोई पता नहीं लगने से गुस्साये पंचायत प्रतिनिधियों ने शुक्रवार को डीएम कार्यालय में प्रदर्शन किया। खुलासा नहीं होने 8 अक्टूबर को राष्ट्रीय राजमार्ग जाम करने की चेतावनी प्रतिनिधियों ने दी है।
मालूम हो एक अक्टूबर को जिला पंचायत अध्यक्ष सुनीता देवी के पति राजेन्द्र प्रसाद के वाहन में अज्ञात तत्वों ने आग लगा दी थी, अराजक तत्व जिला पंचायत डाक बंगला परिसर की दीवारों पर आपत्ति जनक शब्द भी लिख गए थे। पांच दिन बीत जाने के बाद भी पुलिस इस मामले में किसी नतीजे पर नहीं पहुंच सकी है।
मामले का खुलासा नहीं होने से गुस्साए पंचायत प्रतिनिधियों ने शुक्रवार को डीएम कार्यालय परिसर में प्रदर्शन किया। प्रदर्शन के दौरान वक्ताओं ने कहा जब जिले का प्रथम नागरिक और उसके परिजन ही जिले में सुरक्षित नहीं हैं तो आम लोगों की हालत का अंदाज लगाया जा सकता है। वक्ताओं ने घटना का शीघ्र खुलासा नहीं किए जाने पर आठ अक्टूबर को राष्ट्रीय राजमार्ग जाम करने की चेतावनी दी है। प्रदर्शन करने वालों में ग्राम प्रधान गणकोट, क्षेत्र पंचायत सदस्य थरकोट, ज्येष्ठ उपप्रमुख विण, ग्राम प्रधान विषाड़, जिला पंचायत सदस्य धारचूला, जिला पंचायत सदस्य लेलू, ग्राम प्रधान धारी धमौड़ सहित तमाम लोग शामिल थे। प्रदर्शन के बाद खुलासे की मांग का ज्ञापन जिलाधिकारी को सौंपा गया।
आरपीएफ ने भी जिला पंचायत अध्यक्ष के पति का वाहन जलाए जाने की घटना की कड़ी निंदा करते हुए कहा कि उत्तराखंड में अनुसूचित जाति के उत्पीड़न की घटनाएं बढ़ रही हैं। इससे लोगों में डर बना हुआ है। बैठक में इस तरह की घटनाओं को अंजाम देने वाले अराजक तत्वों पर कड़ी कार्रवाई की मांग की गई। बैठक में जिला अध्यक्ष जगदीश प्रसाद, प्रदेश संगठन सचिव हरि प्रसाद, महासचिव जंग बहादुर टम्टा, प्रदेश अध्यक्ष रोबिन बी सिंह आदि मौजूद थे।
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ऑनलाइन होंगे विकास भवन के सभी दफ्तर

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भीमताल: विकास भवन के सभी कार्यालयों को ऑनलाइन करने तथा एक-दूसरे से संपर्क करने की कवायद शुरू कर दी गई है। इसके लिए स्टेट वाइड एरिया नेटवर्क (स्वान) के तहत कार्य को अंतिम रूप दिया जा रहा है।
विकास भवन के सभी कार्यालयों को लाभ दिलाने के लिए स्वान केंद्र की स्थापना की गई। जिला सूचना विज्ञान अधिकारी राजीव जोशी ने गुरुवार को स्वान केंद्र का निरीक्षण किया। उन्होंने जनपदीय अधिकारियों से संपर्क कर स्वान केंद्र से मिलने वाले लाभ के बारे में बताया। जोशी ने बताया कि केंद्र पोषित सामुदायिक अटल ई-सेवा केंद्र योजना के अंतर्गत मुख्यमंत्री द्वारा संचालित ई-गवर्नेस के जरिये नागरिकों को मूल प्रमाण पत्र न्याय पंचायत स्तर पर उपलब्ध कराने के उद्देश्य से एक कियोस्क की स्थापना प्रस्तावित है। इस योजना के क्रियान्यवन के लिए जनपद में शिविर कार्यालय की स्थापना की गई है। शीघ्र सभी कार्यालय आपस में इंटरनेट से जुड़ जाएंगे।
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ऊर्जा संरक्षण प्रोजेक्ट में ईशू अव्वल

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विकासनगर: स्कूली छात्रों में ऊर्जा की बचत के प्रति जागरूकता पैदा करने और ऊर्जा के गैर परंपरागत स्रोतों की जानकारी देने के उद्देश्य से राइंका हर्रबटपुर में ब्लॉक स्तरीय राष्ट्रीय बाल विज्ञान कांग्रेस आयोजित की गयी। इसमें राइंका हरबर्टपुर की ईशू अव्वल रही।
पूरे ब्लॉक से आए छात्रों ने ऊर्जा संरक्षण से संबंधित विभिन्न विषयों पर प्रोजेक्ट प्रस्तुत किए। इसमें ऊर्जा संसाधन विषय में राइंका हर्रबटपुर की ईशू प्रथम, कुलविंदर कौर द्वितीय, ऊर्जा तंत्र विषय में राइंका हर्रबटपुर की भारती प्रथम, शुभम कुमार द्वितीय, ऊर्जा एवं समाज से संबंधित विषय में कुलदीप चौहान राइंका हर्रबटपुर प्रथम व अनुपमा व्यास राइंका सभावाला द्वितीय स्थान पर रहीं। ऊर्जा एवं पर्यावरण विषय में आरती भंडारी बोक्सा जनजाति हाईस्कूल शीशमबाड़ा प्रथम, खुशी तोमर महर्षि अरविंद घोष इंका डाकपत्थर द्वितीय स्थान पर, ऊर्जा प्रबंधन एवं संरक्षण में पीयूष त्रिपाठी संविमंइंका बाबूगढ़ प्रथम, ज्योति राइंका बरोटीवाला द्वितीय, ऊर्जा नियोजन तथा माडलिंग में राउमावि बद्रीपुर के मनीष कुमार प्रथम व राइंका हर्रबटपुर की जसमीत कौर व आरती संयुक्त रूप से द्वितीय स्थान पर रहीं।
इस दौरान ब्लॉक विज्ञान समन्वयक संजय गर्ग ने छात्रों से कहा कि ऊर्जा के परंपरागत स्रोत पेट्रोलियम पदार्थ और कोयला विश्व में सीमित मात्रा में है, इसलिए हमें ऊर्जा के गैर परंपरागत स्रोतों सौर ऊर्जा, पवन ऊर्जा, बायो गैस, जैट्रोफा आदि उपयोग पर जोर देना चाहिए।
इस दौरान विज्ञान कांग्रेस के निर्णायक उमेश कुमार राघव, सुबन्धु, नागचंद सहगल, शैलेंद्र रावत, सुभाष सैनी, शशिभूषण त्रिपाठी आदि मौजूद रहे।
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गैस को भुला , अब जलेगा चूल्हा

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गोपेश्वर : सरकार ने गैस के दाम कुछ ऐसे बढ़ाए कि लोगों को गैस की आंच अब खटकने लगी है। कुछ तो ऐसे हैं जो अब गैस की आंच को भुला, फिर से चूल्हे की आंच पर भोजन पकाने की तैयारी में है। अब नंदप्रयाग के तेफना गांव के लोगों को ही लीजिए। यहां के लोग गैस कीमत की वृद्धि के कारण अब फिर से चूल्हे का दामन थाम रहे हैं। ग्रामीणों ने सामूहिक रूप से निर्णय लिया कि सभी आयोजनों में लकड़ी से रसोई जलाई जाएगी। यही नहीं गांव का हर परिवार घर में फिर से चूल्हे पर ही भोजन पकाएगा।
लगभग 500 की आबादी वाले विकासखंड कर्णप्रयाग का तेफना गांव बदलते जमाने के साथ लकड़ी के परंपरागत चूल्हों से हटकर गैस की हाईटेक रसोई तक पहुंच गए थे। एकाएक गैस की बढ़ी कीमतों ने इन्हें फलैश बैक में जाने को मजबूर कर दिया। ग्रामीणों ने अतिरिक्त बोझ से निपटने के लिए बैठक कर फिर से परंपरागत लकड़ी जलाकर रसोई को चलाने का निर्णय लिया है। गांव के आसपास चीड़ का जंगल है। एक दशक से संपन्न लोग लकड़ी की रसोई का प्रयोग नहीं कर रहे थे। गांव के गरीब लोगों के घर पर ही लकड़ी का चूल्हा जलता था। अब ग्रामीणों ने निर्णय लिया है कि शादी हो या अन्य समारोह, सभी में लकड़ी के चूल्हे जलाए जाएंगे। अगर कोई इस निर्णय की अवहेलना करता है तो उस पर मामूली अर्थदंड भी लगाया जाएगा। जिन लोगों के पास जंगल जाने का समय नहीं, उन्हें जरूरतमंद ग्रामीण जंगल से लाकर लकड़ी बेचेंगे। इससे एक ओर घर बैठे रोजगार के अवसर उपलब्ध होंगे, वहीं गांव की एक सामूहिक परंपरा का भी निर्वहन होगा।
तेफना निवासी वीरेंद्र सिंह रावत ने कहा कि लकड़ी में पकाया भोजन पौष्टिक होता है। ग्राम प्रधान शरादू लाल का कहना है कि जंगल से लकड़ियां लाना गांवों में परंपरागत कार्य रहा है। ऐसे में हमारा गांव उत्तराखंड के ग्रामीण क्षेत्रों के लिए एक मार्गदर्शक बनेगा।
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हे राम! मनरेगा को भी नहीं बख्शा

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 नई टिहरी। दो दिन पहले ही देश ने गांधी जयंती मनाई, लेकिन इस महान शख्सियत के नाम पर चल रही महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना में गबन, चोरी और धांधलेबाजी की मोटी परत जम गई है। मामला प्रतापनगर प्रखंड के रावत गांव का है। यहां सिंचाई गूल निर्माण तो 450 मीटर किया गया, लेकिन भुगतान 1100 मीटर गूल का हुआ। इतना ही नहीं इस निर्माण में 32 हजार से अधिक की कर चोरी भी की गई। जाहिर है मनरेगा में भ्रष्टाचार की बू उच्चे अधिकारियों की नोटों से भरी जेबों से आ रही है।
प्रतापनगर प्रखंड के रावत गांव में अप्रैल माह में मनरेगा योजना के तहत 1100 मीटर सिंचाई गूल निर्माण की योजना स्वीकृत हुई। 1100 मीटर की जगह 450 मीटर गूल निर्माण कर योजना की इतिश्री कर ली गई। योजना में धांधली को लेकर रावत गांव के भागचंद रमोला व बलवीर सिंह रावत समेत 12 ग्रामीणों ने बीती 14 अगस्त को मुख्यालय पहुंचकर लोकपाल कार्यालय में इस संबंध में शिकायत दर्ज की। लोकपाल के निर्देश पर उक्त शिकायत का संज्ञान लेते हुए योजना का स्थलीय निरीक्षण करवाया गया। निरीक्षण में भारी अनियमितताएं पाई गई।
जांच रिपोर्ट में लोकपाल को चौंकाने वाले तथ्य मिले। इस योजना में जहां 32 हजार 154 रुपये की कर की चोरी की गई, वहीं योजना की एमबी (मेजरमेंट बुक) में जहां 1100 मीटर गूल निर्माण बना होना दिखाया गया था, वह सिर्फ 450 मीटर ही मौके पर बनी मिली।
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हे राम! मनरेगा को भी नहीं बख्शा

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 नई टिहरी। दो दिन पहले ही देश ने गांधी जयंती मनाई, लेकिन इस महान शख्सियत के नाम पर चल रही महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना में गबन, चोरी और धांधलेबाजी की मोटी परत जम गई है। मामला प्रतापनगर प्रखंड के रावत गांव का है। यहां सिंचाई गूल निर्माण तो 450 मीटर किया गया, लेकिन भुगतान 1100 मीटर गूल का हुआ। इतना ही नहीं इस निर्माण में 32 हजार से अधिक की कर चोरी भी की गई। जाहिर है मनरेगा में भ्रष्टाचार की बू उच्चे अधिकारियों की नोटों से भरी जेबों से आ रही है।
प्रतापनगर प्रखंड के रावत गांव में अप्रैल माह में मनरेगा योजना के तहत 1100 मीटर सिंचाई गूल निर्माण की योजना स्वीकृत हुई। 1100 मीटर की जगह 450 मीटर गूल निर्माण कर योजना की इतिश्री कर ली गई। योजना में धांधली को लेकर रावत गांव के भागचंद रमोला व बलवीर सिंह रावत समेत 12 ग्रामीणों ने बीती 14 अगस्त को मुख्यालय पहुंचकर लोकपाल कार्यालय में इस संबंध में शिकायत दर्ज की। लोकपाल के निर्देश पर उक्त शिकायत का संज्ञान लेते हुए योजना का स्थलीय निरीक्षण करवाया गया। निरीक्षण में भारी अनियमितताएं पाई गई।
जांच रिपोर्ट में लोकपाल को चौंकाने वाले तथ्य मिले। इस योजना में जहां 32 हजार 154 रुपये की कर की चोरी की गई, वहीं योजना की एमबी (मेजरमेंट बुक) में जहां 1100 मीटर गूल निर्माण बना होना दिखाया गया था, वह सिर्फ 450 मीटर ही मौके पर बनी मिली।
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