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Saturday, June 4, 2011

जानलेवा होता कर्णप्रयाग के ग्रामीण अंचलों का मोटर मार्ग।

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 उत्तराखंड के ग्रामीण इलाकों में  प्राकर्तिक आपदा से  हो रहे विनाश के कारण जहाँ  एक ओर वहां की  प्राकर्तिक सुन्दरता का विनाश हो रहा है वहीँ दूसरी ओर  कर्णप्रयाग में  गत वर्ष आयी दैवीय आपदा से विकासखंड कर्णप्रयाग के अंतर्गत आने वाले ग्रामीण अंचलों के मोटर मार्ग बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो गये थे। अब तक इन मार्गो की मरम्मत न किये जाने से ग्रामीणों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। ग्रामीण अंचल के इन मोटर मार्गो में सबसे ज्यादा खस्ताहाल स्थिति लोनिवि गौचर के अंतर्गत आने वाले कर्णप्रयाग-नैनीसैंण, सोनला-कंडारा-मैखुरा, बडेथ-पिंडवाली की बनी हुई है। इन मोटर मार्गो पर दैवीय आपदा के दौरान बुरी तरह धराशाही हुए पुश्तों व पहाड़ी का मलबा 6 माह बाद भी नहीं हटाया गया है, जबकि पिछले दिनों हुई बारिश ने समस्या को बढ़ा दिया है। क्षेत्रीय प्रधानों खीम सिंह भंडारी, नरेन्द्र सिंह, कनक सिंह, गुड्डी देवी, राजेन्द्र सिंह ने कहा कि इसके लिए कई बार लोनिवि अधिकारियों को अवगत कराया गया, लेकिन समस्या जस की तस है। हालात इस कदर बदत्तर बने हैं कि दो माह पूर्व किमी. 7 में किमोली के समीप किया गया एक किमी. डामरीकरण कई स्थानों से उखड़ गया है। इसी तरह सिमली-शैलेश्वर, बगोली-कोटी, सिमली-बेनीताल की भी स्थिति बनी है और कोटी मार्ग के कोल्सों बैंड के समीप मार्ग के पुश्तों पर कार्य प्रारंभ नही होने से हर समय दुर्घटना का अंदेशा बना है। जिला पंचायत सदस्य भुवन नौटियाल ने कहा कि इस संबध में अधीक्षण अभियंता लोनिवि गोपेश्वर को अवगत कराने के बाद भी विभागीय अधिकारी इसे गंभीरता से नही ले रहे हैं।
दैवीय आपदा के दौरान क्षतिग्रस्त मोटर मार्गो की सुरक्षा दीवार व पुश्ते निर्माण का कार्य प्रारंभ कर दिया गया है, जबकि कच्चे मार्गो के डामरीकरण के प्रस्ताव व आंगणन शासन को भेजे गये हैं।

भ्रष्टाचार और विदेशों में जमा काले धन को वापस लाने की मांग को लेकर बाबा रामदेव का अनशन शुरू

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पहले अन्ना हजारे और अब बाबा रामदेव ने भ्रष्टाचार  के खिलाफ अपने अनशन की शुरुआत कर दी है। शनिवार से शुरू हुए बाबा रामदेव के अनशन के पहले दिन की शुरूआत भजनों और योग के साथ हुई।  देश में फैले भ्रष्टाचार और विदेशों में जमा काले धन को वापस लाने की मांग को लेकर रामलीला मैदान में योग गुरु बाबा रामदेव का अनशन शनिवार सुबह सात बजे से शुरू हो गया। बाबा के समर्थन में रामलीला मैदान में भारी संख्या में लोग मौजूद हैं और लोगों के आने का सिलसिला लगातार जारी है।
अनशन की शुरूआत करने से पहले सुबह पांच बजे के आस पास ही बाबा रामदेव मंच पर आ गए और पांच से सात बजे तक उन्होंने अपने समर्थकों को योग सिखाया। बाबा रामदेव शुक्रवार की रात मंच पर ही सोए थे।
बाबा के समर्थक शक्रवार से ही यहा पहुंचने लगे थे। बड़ी संख्या में लोगों ने पंडाल में ही रात गुजारी। लोग अपने साथ रहने का पूरा सामान लेकर आए हैं।  रामलीला मैदान में बड़ी संख्या में वॉलंटियर तैनात किए गए हैं, ताकी किसी को भी कोई परेशानी ना हो
देश के कोने-कोने से दिल्ली के रामलीला मैदान पहुंचे बाबा रामदेव के हज़ारों समर्थक भी उनके साथ अनशन में हिस्सा ले रहें हैं।
पहले बाबा रामदेव ने कहा था कि सात-आठ हजार लोग उनके साथ अनशन करेंगे, लेकिन रामलीला मैदान से मिल रही खबरों के मुताबिक उनके समर्थकों की संख्या इससे बहुत ज्यादा है।
एक अनुमान के अनुसार इस वक्त लगभग 30 हजार लोग रामलीला मैदान में मौजूद हैं, और लोगों के आने का सिलसिला जारी है। कई लोग अपने बिस्तर, तकिया, और खाने-पीने के सामान के साथ रामलीला मैदान पहुंचे हैं।
इतनी तादाद में लोगों के आने के कारण सुरक्षा को लेकर भी चिंताएं बढ़ गई हैं। रामदेव के साथ साध्वी ऋतंभरा के अलावा सिख, जैन और मुस्लिम समुदाय के कई धार्मिक नेता और रामलीला मैदान में हजारों की संख्या में जमा बाबा के समर्थकों ने भी अनशन की शुरूआत की।
अनशन शुरू करने से पहले बाबा रामदेव ने भजन और योग सत्र का आयोजन किया। इस दौरान उन्होंने अपने समर्थकों से कहा कि यह विरोध प्रदर्शन देश को भ्रष्टाचार से बचाने और गरीबों को बेहतर जीवन देने के लिए है।
भगवा वस्त्र पहने बाबा रामदेव सुबह चार बजकर 50 मिनट पर मंचासीन हुए। उन्होंने विदेशों में जमा काले धन को स्वदेश वापस लाने की माग पर अपने समर्थकों को संबोधित करते हुए कहा कि कुछ असंभव नहीं हैं। सब कुछ संभव है और हम जरूर जीतेंगे।
गौरतलब है कि योगगुरु रामदेव को अनशन से रोकने की सरकारी कोशिशें नाकाम रहीं। तीन केंद्रीय मंत्रियों के साथ पांच घंटे की मैराथन बैठक और सरकार की तरफ से लिखित मसौदे के बावजूद दोनों पक्षों में बात मुकाम तक नहीं पहुंच सकी। कई मुद्दों पर सहमति बनी, लेकिन विदेशों में जमा काले धन पर अध्यादेश लाने समेत कुछ मसलों पर सरकार के रुख को बाबा ने नाकाफी बताकर अनशन रद करने का आग्रह खारिज कर दिया। बैठक से निकलते ही बाबा ने सरकार के प्रस्ताव से असंतुष्टि जताई और शनिवार से सत्याग्रह का एलान कर दिया।
सरकार ने एक दिन में सभी मुद्दों पर निपटारा असंभव बताया और बातचीत को सार्थक बताते हुए कहा कि अभी स्वामी जी से बात जारी रहेगी। उम्मीद है कि देर रात या तड़के रामदेव के साथ सरकार के मंत्रियों की एक चरण और वार्ता हो। रामदेव ने भी वार्ता से इंकार नहीं किया और अपने समर्थकों से शांति और अनुशासन की अपील करते हुए कहा कि बातचीत बहुत अच्छी हो रही है, लेकिन कुछ मुद्दों पर निर्णायक मोड़ तक बात पहुंचना बाकी है।
हालांकि उन्होंने एक शर्त रख दी है कि अब वह बातचीत करने कहीं नहीं जाएंगे। उन्होंने एलान किया कि मांगे न माने जाने तक वह रामलीला मैदान से हिलेंगे नहीं।
इस बीच प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने राष्ट्रपति प्रतिभा देवी सिंह पाटिल से मुलाकात कर उन्हें रामदेव प्रकरण पर भी जानकारी दी। खास बात है कि जहां अनशन टलवाने की निर्णायक वार्ता असफल होने के बावजूद सरकार खासी सतर्क है, वहीं बाबा रामदेव के सुरों में भी सरकार के प्रति तल्खी नहीं है। राजधानी के एक होटल में करीब पांच घंटे तक केंद्रीय मंत्री कपिल सिब्बल, पवन बंसल और सुबोधकांत सहाय की बाबा के साथ वार्ता हुई। बैठक के बाद रामदेव राजघाट गए और वहां से रामलीला मैदान में अपने समर्थकों के बीच सरकार की तरफ से पेश किया गया समझौता पढ़ा। चार बार सरकार की तारीफ भी की, लेकिन कुछ मुद्दों पर सहमति हुए बगैर सत्याग्रह और अनशन से पीछे न हटने का संकल्प लिया।
वहीं तीनों मंत्री पहले वित्त मंत्री प्रणब मुखर्जी से मिले। इसके बाद उन्होंने प्रधानमंत्री को पूरी जानकारी दी। सूत्रों के मुताबिक, काले धन पर अध्यादेश लाने और कुछ मसलों पर समयसीमा और सजा तय करने की मांगों को मानने में सरकार के सामने दिक्कत है। बातचीत के दौरान सिब्बल ने बाबा से कहा भी कि एक ही दिन में सारी बातें मानना मुश्किल है।
रामदेव ने कहा कि मैं आज सभी मुद्दों पर बात नहीं करूंगा। एक साजिश थी मगर वह विफल हो गई। वह साजिश क्या थी उसके बारे में मैं आज नहीं कहूंगा। उसके बारे में मैं सही समय आने पर बोलूंगा।
उन्होंने कहा कि इस प्रदर्शन से भारत को क्या हासिल होगा? भारत अब बच जाएगा। इससे लोगों को सुविधा मिलेगी कि वे सभी सरकारी 'प्रोफेशनल कॉलेजों' में अपनी मातृभाषा में पढ़ाई कर सकेंगे।
बाबा रामदेव के साथ मंच पर बैठी साध्वी ऋतंभरा ने वहा जमा लोगों को संबोधित करते हुए कहा कि अगर वल्लभ भाई पटेल जैसे अन्य लोग होते तो संन्यासियों को सत्याग्रह करने की जरूर नहीं होती।
रामदेव ने बड़े ही खुशमिजाज अंदाज में अपने समर्थकों से बात करते हुए कहा कि इस अनशन से उन्हें सिर्फ दो दिनों में लाभ मिलेगा। उन्होंने कहा कि हमारे मोटे भाई और मोटी बहनों को इस सत्याग्रह से स्वास्थ्य लाभ होगा और देश को धन का। जब एक समर्थक ने बाबा को 11 लाख रुपये का चेक दिया तो उन्होंने मजाक करते हुए कहा कि तस्वीरें ले लीजिए यह काला धन नहीं है।
रामलीला मैदान में किसी तरह की अवाछित घटना से बचने के लिए वहा बड़ी संख्या में पुलिस बलों के साथ-साथ त्वरित कार्य बल की महिला कर्मियों को भी तैनात किया गया है। रामलीला मैदान में प्रवेश करने वालों की तलाशी भी ली जा रही है।
काले धन को वापस लाने और देश में भ्रष्टाचार के खिलाफ बाबा रामदेव की हर बात पर उनके समर्थकों ने जमकर तालिया बजाईं। रामलीला मैदान में राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के लोग भी अपने परिधान में मौजूद थे।
बाबा रामदेव ने जैसे ही अनशन जारी रखने का एलान किया, रामलीला मैदान भारत माता की जयकार से गूंज उठा। ऐसा लगा मानो अनशन जारी रखने के फैसले मात्र से बाबा की जीत हो गई हो। तमाम स्त्री-पुरुष खुशी से झूमने-नाचने लगे। अनशन स्थल विशालकाय मेले में तब्दील हो गया है।
सफाई-सुरक्षा के इंतजाम
नगर निगम की तरफ से सौ सफाईकर्मी और कूड़ा उठाने के लिए 15 ट्रक लगाए गए हैं। कई एंबुलेंस भी खड़ी कर दी गई हैं। बाबा के समर्थकों को मच्छरों से बचाने के लिए फागिंग के भी इंतजाम हैं। एक मिनी अस्पताल भी तैयार हो गया हैं। यहां ऑक्सीजन सिलेंडर से लेकर इलाज के सभी जरूरी उपकरण हैं। सुरक्षा के कड़े प्रबंध के लिए जहां भारी संख्या में पुलिस बल तैनात किया गया है वहीं खाने पीने, सोने, शौचालय आदि की भी व्यवस्था हो गई है। यहां आने वाले लोगों के लिए बाबा की टीम ने भी पुख्ता प्रबंध किए हैं। सुरक्षा जांच के बाद अनशन समर्थक अपने-अपने राज्यों के स्टॉल पर पहुंच कर रजिस्ट्रेशन कराते हैं। ऐसे लोगों की संख्या पांच हजार तक पहुंच चुकी है।
समर्थकों में छात्र और विधायक भी
बाबा के स्वयंसेवकों में हर वर्ग और तबके के लोग हैं। इनमें इंजीनियर, डाक्टर और एमबीए डिग्री धारी है। बाबा का साथ देने के लिए पानीपत की एमबीए छात्रा अनीता शर्मा भी आई हैं तो मॉस कम्यूनिकेशन की छात्रा सुषमा मलिक भी। कन्नौज से 15 एमबीए छात्र एक दल बनाकर आए हैं।
देश

Thursday, June 2, 2011

मीडिया कर्मियों को श्री तिवारी से मिले बगैर ही लौटना पड़ा

आंध्र प्रदेश के पूर्व राज्यपाल और उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री वयोवृद्ध कांग्रेसी नेता नारायण दत्त तिवारी डीएनए टेस्ट प्रकरण के संबंध में बुधवार को नई दिल्ली रवाना नहीं हुए। श्री तिवारी का हालचाल जानने को उनके आवास पर आज मीडिया कर्मियों का जमावड़ा रहा, लेकिन अमूमन जनता से रुबरु होने से गुरेज नहीं करने वाले श्री तिवारी किसी से नहीं मिले।

श्री तिवारी को अदालत के आदेश के तहत डीएनए टेस्ट के लिए बुधवार को नई दिल्ली जाना था। उनके रवाना नहीं होने की जानकारी मिलने पर मीडिया कर्मी उनके आवास पहुंचे, लेकिन उन्हें श्री तिवारी से मुलाकात नहीं करने दिया गया। उनके ओएसडी संजय जोशी ने श्री तिवारी के खराब स्वास्थ्य का हवाला दिया। साथ ही उन्होंने कहा कि डीएनए टेस्ट के लिए नई दिल्ली जाने के संबंध में पूर्व मुख्यमंत्री की ओर से अदालत में याचिका दाखिल की गई है। उन्होंने कहा कि इस याचिका पर अदालत का निर्देश मिलने का इंतजार किया जा रहा है। निर्देश मिलते ही उसका अनुपालन किया जाएगा। मीडिया कर्मियों को श्री तिवारी से मिले बगैर ही लौटना पड़ा।

जनगणना के कार्य में लगाए गए शिक्षकों का उपार्जित अवकाश स्वीकृत

काशीपुर : ग्रीष्म अवकाश अवधि में जनगणना के कार्य में लगाए गए शिक्षकों का उपार्जित अवकाश स्वीकृत कर लिया गया है। यह जानकारी राजकीय शिक्षक संघ के प्रदेश अध्यक्ष ने दी। उन्होंने बताया कि शिक्षा निदेशक सीएस ग्वाल ने शिक्षकों का अवकाश संबंधी आदेश सभी जिला मुख्यालयों पर भेज दिया है। इसके अनुसार ऐसे सभी कार्मिक जिन्होंने अवकाश अवधि में 15 दिन से अधिक कार्य किया है, दीर्घावकाश की अवधि में कार्य लिए जाने के फलस्वरुप कार्य दिवसों के बदले 5-6 के अनुपातिक दर से अवकाश दिया जाएगा।

ज्योति शाह का चयन राष्ट्रीय प्रशिक्षक के रूप में

काशीपुर : भारतीय खेल प्राधिकरण की टेबिल टेनिस कोच ज्योति शाह का चयन राष्ट्रीय प्रशिक्षक के रूप में हुआ है।

ज्योति शाह तीन से छब्बीस जून तक इंदौर में भारतीय टेबिल टेनिस महासंघ द्वारा आयोजित जूनियर कोचिंग कैंप में प्रशिक्षण देंगी। वह उत्तराखंड की पहली कोच हैं जो राष्ट्रीय टीम को प्रशिक्षण देंगी। ज्योति शाह प्रदेश की पहली अंतर्राष्ट्रीय अंपायर भी हैं जो विभिन्न अंतर्राष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में निर्णायक की भूमिका निभा चुकी हैं।

Wednesday, June 1, 2011

रूद्रपुर-त्रिवेन्द्र सिंह रावत 4 जून को जनपद भ्रमण पर

रूद्रपुर 01 जून- कृषि विपणन, उद्यान, फलोद्योग, पशुपालन,दुग्ध विकास एवं मत्स्य पालन मंत्री  त्रिवेन्द्र सिंह रावत 4 जून को जनपद भ्रमण पर आ रहे है। प्राप्त कार्यक्रम के अनुसार श्री रावत 4 जून को हल्द्वानी से अपरान्ह 1 बजे रूद्रपुर पहुंचकर पशु आहार निर्माणशाला में भूषा गोदाम का लोकार्पण करेंगे। कृषि मंत्री 2.30 बजे पशु चिकित्सालय परिसर (विकास खण्ड रोड)रूद्रपुर में पशु चिकित्सा विभाग के अनेक निर्माण कार्यों का लोकार्पण करने के बाद 3.30 बजे लोनिवि अतिथि गृह में पार्टी पदाधिकारियों एवं कार्यकर्ताओं से भेंट वार्ता के बाद रात्रि 9.30 बजे रेल द्वारा देहरादून के लिये प्रस्थान करेंगे।

Tuesday, May 31, 2011

जसपुर-नकली नोट चलाने का प्रयास

जसपुर : पुलिस ने मुखबिर की सूचना पर नकली नोटों के साथ एक युवक को धर दबोचा। पुलिस को अब नकली नोटों को इधर से उधर करने में लिप्त युवक के अन्य साथियों की तलाश है।

निवारमुंडी निवासी नईम सोमवार को धर्मकांटा चौक पर नकली नोट चलाने का प्रयास कर रहा था। इस बीच मुखबिर की सूचना पर पहुंची पुलिस ने उसे एक हजार के 15 नकली नोटों के साथ दबोच लिया। एसएसआइ धीरेन्द्र कुमार ने बताया कि नईम मुरादाबाद से नकली नोट चलाने के लिए यहां लाया था। पूछताछ में उसने अपने कुछ साथियों के नाम भी बताएं हैं। पुलिस उसके साथियों की तलाश में जुट गई है।

काशीपुर : लेखपाल विगत 5 अप्रैल से अनिश्चित कालीन आंदोलन पर


काशीपुर : वेतनमान उच्चीकृत किए जाने समेत 13 सूत्रीय मांगों को लेकर चलाया जा रहा उत्तराखंड लेखपाल संघ का धरना 56 वें दिन भी जारी रहा। इस दौरान

13 सूत्रीय मांगों के निस्तारण के लिए प्रदेश के मैदानी तहसीलों के लेखपाल विगत 5 अप्रैल से अनिश्चित कालीन आंदोलन पर हैं। इस कारण तहसील में स्थाई, जाति प्रमाण पत्र के साथ ही दाखिल खारिज आदि के मामलों का निस्तारण न होने पर जनता त्रस्त हैं। सोमवार को तहसील परिसर में संघ ने आंदोलन तेज करते हुए प्रांतीय कार्यकारिणी के निर्देश पर पांच लेखपाल क्रमिक उपवास पर बैठे। साथ ही मांगों का निस्तारण न होने तक आंदोलन जारी रखने की चेतावनी दी। इस मौके पर राजीव कुमार, दिलशाद हुसैन, रामकुमार, उदयवीर सिंह, भागमल, नबाब अली, राम सिंह, राजेंद्र सिंह, डालचंद, लेखराज सिंह, प्रेम सिंह, अब्बास अली, नंदप्रकाश आदि मौजूद थे।

सितारगंज : लेखपालों व मैदानी राजस्व निरीक्षकों को पर्वतीय क्षेत्र की भांति वेतन व भत्तों की मांग को लेकर लेखपालों की बेमियादी हड़ताल 56वें दिन भी जारी रही। मंगलवार से पटवारी क्रमिक अनशन शुरू करेंगे। पटवारियों ने लेखपाल संघ के प्रांतीय महामंत्री राधेश्याम पैन्यूली की तरफ से तहसीलदार विवेक प्रकाश को ज्ञापन सौंपा।

Sunday, May 29, 2011

महिलाओं को सिखाए स्वरोजगार के गुर

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कालाढुंगी: कोटाबाग विकास खंड अन्तर्गत सहकारिता विभाग द्वारा अनुसूचित जाति महिला बचत समूह के एक दिवसीय शिविर का उद्घाटन समिति के अध्यक्ष पान सिंह मेहरा ने किया। शिविर में महिलाओं को मौसमी फलों व सब्जियों से जैम, अचार बनाकर स्वरोजगार में निर्भर होने के गुर सिखाये गये।
कोटाबाग ब्लाक में अनुसूचित जाति विकास समिति द्वारा गठित स्वयं सहायता महिला समूहों के बचत शिविर को सम्बोधित करते हुये उद्यान विभाग के एडीओ खुशाल सिंह मनराल ने मौसमी फल सब्जियों के माध्यम से निर्मित विभिन्न उत्पादों की जानकारी दी। खंड विकास अधिकारी कोटाबाग अजय सिंह द्वारा महिला स्वरोजगार के तहत कम लागत में अधिक लाभ अर्जित करने के लिये राज्य सरकार द्वारा संचालित विभिन्न लाभकारी योजनाओं की जानकारी दी । शिविर का संचालन समिति के सचिव एमसी बुढ़लाकोटी ने किया। इस अंवसर पर सहायक विकास अधिकारी कोटाबाग, अनुसूचित जाति विकास समिति के उपाध्यक्ष पीपी कोटिया , मान सिंह कपकोटी, मिनी बैंक प्रभारी सोबन सिंह, महेन्द्र सिंह विद्याधर चबडाल सहित अनेक वक्ताओं ने अपने विचार रखे।
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ताइजी बताओ, किसको जमा कराया फार्म

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रुद्रपुर : ताइजी किसको जमा कराया फार्म। यह सवाल मुख्यमंत्री रमेश पोखरियाल निशंक ने पेंशन मांग रही वृद्धा से पूछा। बहुउद्देशीय शिविर में निशंक ने चिकित्सा तथा पढ़ाई के नाम पर आर्थिक सहायता की बौछार की।
गांधी पार्क में लगे शिविर में जब मुख्यमंत्री जनता से रूबरू हुए तो शहर के रम्पुरा मुहल्ले की जयंती ने कहा कि उसे पांच साल हो गए फार्म भरते-भरते, लेकिन पेंशन स्वीकृत नहीं हुई। पिछली बार डेढ़ साल पहले फार्म भरा था। निशंक ने सीडीओ वाइके पंत व जिला समाज कल्याण अधिकारी नीरज चिलकोटी से पूछा। चिलकोटी ने फार्म जमा होने के बारे में अनभिज्ञता जताई। सीएम ने वृद्धा से सवाल किया कि ताइजी बताओ, किसको फार्म जमा कराया। फार्म के बारे में पता चलेगा तभी तो पेंशन मिलेगी। शिविर में लालपुर निवासी शत-प्रतिशत विकलांग राकेश कुमार ने पुत्री की शादी के लिए आर्थिक सहायता की मांग की तो निशंक ने 20 हजार रुपये स्वीकृत किए। गदरपुर अलख देवी की उषापति ने इलाज के लिए पैसे मांगे तो उन्होंने भरोसा दिलाया कि जितना भी पैसा खर्च होगा, मुहैया कराया जाएगा। धर्मपुर की भगवान देई को एक महीने के भीतर पेंशन मुहैया कराने का भरोसा दिलाया। आदर्श इंदिरा बंगाली कालोनी की काली दासी बैरगी ने कहा कि उसे पेंशन मिलती है, लेकिन इससे घर का खर्च नहीं चलता। निशंक ने कहा कि सरकार अटल खाद्यान्न योजना के तहत तीन रुपये किलो गेहूं व दो रुपये किलो चावला मुहैया करा रही है। इससे उनका काम चल जाएगा। इसी तरह बंगाली कालोनी की सुशीला मंडल को विधवा पेंशन, जीत सिंह को लड़की की शादी को 20 हजार, इंद्रा कौर को इंद्रा आवास नन्ही बेगम को 10 हजार, सरिता वाल्मीकि को गौरा देवी कन्या धन में 25 हजार, सरोज रानी को भी पेंशन का भरोसा दिलाया। गदरपुर की विमला रानी ने सपनों की उड़ान परियोजना बंद होने का मसला उठाया तो मुख्यमंत्री ने सीएमओ डॉ. आरएस असवाल को तलब किया। सीएमओ ने बताया कि योजना फिर शुरू की जा रही है। बिंदुखेड़ा के नंद सिंह ने दो वर्ष से बीमार होने की बात करते हुए वृद्धावस्था पेंशन देने की बात की तो उन्हें भी पेंशन स्वीकृत की गई। विपिन को इलाज के लिए इस्टीमेट पर एक लाख, यशवंत मिश्रा के किच्छा-रुद्रपुर के बीच लालपुर मार्ग निर्माण पर अगस्त में कार्य शुरू कराने, छतरपुर-भूरारानी मिनी बाईपास, दिनेश कुमार को दो लाख, नानकमत्ता के भगवान सिंह को विकलांग पेंशन, कैंसर पीडित चंपा को बेटी की शादी को 20 हजार, खटीमा के कराटे खिलाड़ी वीरेंद्र महरोक के प्लाट के विवाद पर डीएम से कार्रवाई के निर्देश दिए। सितारगंज के चीकाघाट की विनीता ने पति नरेंद्र गिरि की रास्ते में कुछ लोगों द्वारा 17 मार्च को एक हाथ काटने की बात रखी। सीएम ने एएसपी से जानकारी ली। एक्सीडेंट की बात को गंभीरता से लेकर डीजीपी से विशेष जांच कराने की बात कही। साथ ही इलाज के लिए तीन लाख रुपये की स्वीकृति दी। परमजीत कौर को 10 हजार, रंपुरा के रमेश का इंदिरा आवास, सहकारी मिनी बैंक मटकोटा में गबन पर एक माह में कार्रवाई, सुखवीर को मां के इलाज के लिए 20 हजार, खटीमा के शंकर सिंह की छह वर्षीय पुत्री के इलाज, बलदेव द्वारा मजदूरों के शेड मामला उठाने पर डीएम से आख्या देने के निर्देश दिए। उन्होंने समस्याओं को लेकर डीएम से गदरपुर व रुद्रपुर में शिविर लगाने को भी कहा।
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ओखलकांडा में बादल फटने से तबाही

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- दोपहर बाद सिमलकन्या गांव में बरसी आपदा
- समीपवर्ती गांवों के नदी नाले भी उफनाए
- कई एकड़ जमीन, फलदार वृक्ष व फसलें बही, दो मकानों में दरार
भीमताल: विकासखण्ड ओखलकाण्डा के सिमलकन्या गांव में बादल फटने से क्षेत्र में व्यापक तबाही हुई है। दो ग्रामीणों के पक्के घरों में दरार के साथ कुछ की छतें उड़ गई। वहीं दर्जनों ग्रामीणों की उपजाऊ भूमि, फलदार वृक्ष व फसलें भी अतिवृष्टि की भेंट चढ़ गई। आसपास के गांवों में बारिश न होने के बावजूद बादल फटने से नदी-गधेरे उफना गए। इससे ग्रामीण दहशत में है। स्थानीय प्रशासन को ग्रामीणों ने सूचना दी।
रविवार को दोपहर बाद करीब ढाई से तीन बजे के बीच ग्राम सिमलकन्या के तोक भेटी डियारखोली तेज वर्षा के साथ अचानक बादल फट गया। इससे बसासत से कुछ दूरी पर ग्रामीणों की करीब दो एकड़ से अधिक भूमि बह गई। खेतों में खड़े माल्टा, नींबू, संतरा, अनार व अमरूद के फलदार वृक्ष तथा बोई गई सब्जियां भूकटाव की जद में आ गई। ग्राम प्रधान तारी देवी के अनुसार भेटीडियारखोली में करीब ढाई बजे से आधे घंटे की मूसलाधार बारिश से जन जीवन अस्त-व्यस्त हो गया। अचानक एक ही जगह पर हुई बारिश के चलते तेज बहाव ने कई एकड़ जमीन के साथ दर्जनों फलदार वृक्ष भी लील लिए। जलागम द्वारा निर्मित कई डैम भी बाढ़ के साथ बह गये। इससे ग्रामीण प्रेम सिंह पुत्र मोदी सिंह, दिवान राम पुत्र बच्ची राम, पूरन सिंह पुत्र राम सिंह की घरों की छत उड़ गयी। वहीं प्राइमरी पाठशाला जांद सेमलकन्या की छत और नवनिर्मित रसोई घर की छत को भी काफी नुकसान पहुंचा है। तारी देवी ने प्रशासन से हुए नुकसान के मुआवजे की मांग की है। स्थानीय निवासी एवं यूथ कांग्रेस के जिला सचिव मदन नौलिया ने बताया कि अचानक बादल फटने की घटना से क्षेत्र में जमीन, फलदार वृक्ष व फसलों की व्यापक तबाही हुई है। घटना के बाद ग्रामीण मौके पर पहुंचे और एसडीएम धारी को फोन पर सूचना देकर मदद की मांग की गई। बादल फटने की घटना से मोहन सिंह कुंवर व हेतराम के मकानों में दरार आई है। जबकि आन सिंह, रणजीत सिंह, तारा सिंह, कैलाश, भूपाल सिंह, रतन सिंह भानु, प्रताप सिंह, देव सिंह, डिकर सिंह सहित तमाम किसानों की कई एकड़ जमीन और कई फसल भी बह गयी।
इधर पटवारी आन्नद सिंह बिष्ट ने बादल फटने की जानकारी न होने व दोपहर ढाई बजे से क्षेत्र में लगातार बारिश की बात कही।
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विकलांग ने दिखाई खुद्दारी, पेंशन ठुकराई

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रुद्रपुर : बहुउद्देशीय शिविर में विकलांग आशीष खन्ना ने खुद्दारी दिखाते हुए पेंशन का प्रस्ताव ठुकरा दिया। उसने इसके बजाय कंप्यूटर सेंटर चलाने के लिए भवन उपलब्ध कराने की मांग की। मुख्यमंत्री ने उसे दुकान मुहैया कराने की घोषणा की।
शहर की गांधी कालोनी निवासी आशीष का जन्म से ही शरीर का निचला हिस्सा काम नहीं करता। दैनिक कार्यो के लिए उसे भाइयों की मदद लेनी पड़ती है। शिविर में जब उसने स्वयं के विकलांग होने की बात की तो निशंक ने जिला समाज कल्याण अधिकारी को उसे विकलांग पेंशन देने के निर्देश दिए। आशीष ने कहा कि उसके पिता कहते हैं कि खुद इतने सक्षम बनो सरकारी सहायता का मुंह न देखना पड़े। उसे पेंशन नहीं चाहिए। आशीष ने कहा कि वह कंप्यूटर सेंटर चलाता है। उसके पास दो कमरें हैं, लेकिन सीखने वाले 60 बच्चे हैं। दो कमरों में गुजारा नहीं होता। वह चाहता है कि सेंटर चलाने के लिए उसे भवन मुहैया कराया जाए। निशंक ने कहा कि वह उसके स्वाभिमानी जज्बे की कदर करते हैं। साथ ही उन्होंने ईओ से आशीष को दो माह के भीतर दुकान उपलब्ध कराने को कहा।
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