यूएईमें भी कौथिग धूम धाम से उत्तरांचली एशोसियेशन आफ अमीरात द्वारा आयोजित सांस्कृतिक आयोजन किया गया "यूएई कौथिग 2010"। 500 के लगभग उत्तराखंडी भाई बहन इसमे शामिल हुये और एक उत्तराखंड नज़र आया यू ए ई मे। सभी लोगो ने कौथिग का भरपूर आनंद लिया और अपनी संस्कृति को इस तरह आगे से जुडने और जोडने तथा दुःख सुख मैं एक दुसरे के साथ के साथ देने का वायदा का प्रयास व सफलता का एक कदम बताया !
Friday, January 14, 2011
यूएई कौथिग 2010
यूएईमें भी कौथिग धूम धाम से उत्तरांचली एशोसियेशन आफ अमीरात द्वारा आयोजित सांस्कृतिक आयोजन किया गया "यूएई कौथिग 2010"। 500 के लगभग उत्तराखंडी भाई बहन इसमे शामिल हुये और एक उत्तराखंड नज़र आया यू ए ई मे। सभी लोगो ने कौथिग का भरपूर आनंद लिया और अपनी संस्कृति को इस तरह आगे से जुडने और जोडने तथा दुःख सुख मैं एक दुसरे के साथ के साथ देने का वायदा का प्रयास व सफलता का एक कदम बताया !
यूएई कौथिग2010
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यूएईमें भी
कौथिग धूम धाम से
उत्तरांचली एशोसियेशन आफ अमीरात द्वारा आयोजित सांस्कृतिक आयोजन किया गया "यूएई कौथिग 2010"। 500 के लगभग उत्तराखंडी भाई बहन इसमे शामिल हुये और एक उत्तराखंड नज़र आया यू ए ई मे। सभी लोगो नेकौथिग का भरपूर आनंद लिया और अपनी संस्कृति को इस तरह आगे
से जुडने और जोडने तथा दुःख सुख मैं एक दुसरे के साथ के साथ देने का वायदा का प्रयास व सफलता का एक कदम बताया !टीएचडीसी के मैनेजर एन के यादव को रिश्वत लेते सीबीआई ने दबोचा
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इसी दौरान सीबीआई टीम को वहां मौजूद मजदूरों व कर्मचारियों ने घेर लिया। सूचना पर भागीरथीपुरम चौकी से पुलिस वहां पहुंची व भीड़ को तितर-बितर किया। सीबीआई ने आरोपी के बी-21, भागीरथीपुरम स्थित आवास से दो लाख 63 लाख की नकदी भी बरामद की। सीबीआई ने आरोपी के अन्य ठिकानों को खंगालना शुरू कर दिया। पूरे प्रकरण पर टीएचडीसी के बड़े अधिकारी चुप्पी साधे हैं।
मेले सांस्कृतिक धरोहर एवं सभ्यता के परिचायक:विजया बड़थ्वाल
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इस मौके पर विशिष्ट अतिथि बलूनी इंस्टीटयूट के निदेशक डॉ. नवीन बलूनी, विपिन बलूनी, जनार्द्धन बलूनी, बीडीओ द्वारीखाल पुष्पेंद्र चौहान, भाजपा के पूर्व जिलाध्यक्ष तीरथ सिंह राही, ऊषा देवरानी, राकसंप के प्रदेश उपाध्यक्ष राकेश मोहन तिवारी, सुरेंद्र सिंह नेगी, शेर सिंह राणा, मुकेश सिंह नेगी, राजेंद्र सिंह रावत, विमल किशोर बलोदी, विकास कुमार भट्ट, उम्मेद सिंह नेगी आदि मौजूद रहे। संचालन जगत सिंह रावत ने किया।
उत्तराखंड के पहाड़ो से महिलाओं का पलायन
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Thursday, January 13, 2011
त्याग और तपस्या की भूमि है उत्तराखंड: निशंक
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विवि पर पीएचडी शोधार्थियों के भविष्य से खिलवाड़ का आरोप
कोटद्वार : छात्र नेताओं की बैठक में गढ़वाल विद्यालय की ओर से राजकीय महाविद्यालयों व सहायता प्राप्त महाविद्यालयों में पीएचडी सीटों के आवंटन पर कोई निर्णय न लिए जाने पर रोष जताया गया। विश्वविद्यालय प्रशासन से इस मसले पर स्पष्टीकरण की मांग की गई।
विश्वविद्यालय प्रशासन के इस रवैये से जहां शोध कार्य प्रभावित होंगे, वहीं शोध कार्यो की गति अवरूद्ध होने से शोध का क्षेत्र भी संकुचित हो जाएगा। बैठक में विश्वविद्यालय से इस संबंध में स्पष्टीकरण देने की मांग की गई।
अरविंद दुदपुड़ी की अध्यक्षता में हुई बैठक में आशीष नयाल, जितेंद्र नेगी, दिनेश चौहान, सुभाष बिष्ट, विवेक बहुखंडी, मनोज गौड़, कमल किशोर धस्माना, भाष्कर, गौरव बुडाकोटी, योगेंद्र पुंडीर, पवनीश चंदोला, आशीष चौधरी, दीपक रावत, दीपक, सूरज प्रसाद कांति आदि ने विचार रखे। संचालन कैलाश थपलियाल ने किया।
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Wednesday, January 12, 2011
लेडी किलर बाघ की अभी पहचान नहीं
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रिजर्व के निदेशक रंजन मिश्रा ने शनिवार को बताया कि गर्जिया के वन चौकी क्षेत्र में लगाए गए पिंजरे में फँसे बाघ के पकड़े जाने के बाद उसे करीब 50 किलोमीटर अंदर घने जंगल के ढिकाला रेंज के सोंठाखाल में छोड़ दिया गया है।
उन्होंने बताया कि यह बाघ नरभक्षी नहीं है और पूरी तरह से स्वस्थ तथा विशाल डीलडौल का है। हालाँकि इस बाघ के पकड़े जाने के बाद भी लेडी किलर बाघ की अभी तक पहचान नहीं हो सकी है तथा सुंदरखाल में उस बाघ के आतंक से लोग अभी भी सहमे हुए हैं
पंचायतों को मनरेगा के तहत मुहैया होंगे रोजगार
(सुदर्शन सिंह रावत) |
![]() अल्मोड़ा 08 जनवरी विकास भवन सभागार में पंचायतों में मनरेगा के नियोजन व क्रियान्वयन के लिए सरपंचों की एक कार्यशाला आहूत की गई। अध्यक्षता प्रभारी जिलाधिकारी व सीडीओ धीराज सिंह गब्र्याल ने की। इस मौके पर उन्होंने कहा कि सरपंचों की इस कार्यशाला का उद्देश्य मनरेगा के जरिये वन पंचायतों को आर्थिक रूप से सुदृढ़ व स्वावलंबी बनाने के साथ रोजगारपरक बनाना है। वन पंचायतों के जरिये मनरेगा के काम सरपंचों से कराए जाएंगे। ताकि सभी इसका लाभ उठा सकें। गब्र्याल ने कहा कि ऐसी वन पंचायतें जिनके पास 50 हेक्टेयर भूमि हो, उनमें टैक्नीकल एक्सपर्ट के माध्यम से 5 वर्षीय माइक्रोप्लान तैयार किया जाएगा। मनरेगा के माध्यम से योजनाओं का संचालन कर उन्हें मजबूत व उपयोगी बनाया जाएगा। बैठक में मौजूद सभी सरपंचों से एक सप्ताह के भीतर बैठक कर प्रस्ताव भेजने को कहा। ताकि उन्हें मनरेगा के कार्यक्रम में शामिल किया जा सके। लोक चेतना मंच के जोगेंदर बिष्ट ने कार्यशाला में सरपंचों को बताया कि पांच साला माइक्रो योजना में प्रस्तावित गतिविधियों के तहत सीमांकन, सघनीकरण, बांज क्षेत्रों में प्राकृतिक पुनरोत्पादन, चारा विकास, जड़ी-बूटी, बांस रोपण, भूमि व मृदा संरक्षण, वनों की सुरक्षा जैसे कार्य किए जा सकते हैं। जिसमें प्रथम वर्ष में वन पंचायतों का सीमांकन कर मृदा कार्य व पौधशाला का निर्माण किया जाएगा। द्वितीय वर्ष में पौधे की ढुलाई, रोपण, अग्निकाल में पौधों की सुरक्षा का काम होगा। कार्यशाला में प्रसार प्रशिक्षण केंद्र के आचार्य डॉ.जीएस खाती, जिला विकास अधिकारी एसएसएस पांगती ने भी जानकारी दी। |
पंचायतों को मनरेगा के तहत मुहैया होंगे रोजगार (सुदर्शन सिंह रावत) 08/01/2011 |
![]() अल्मोड़ा 08 जनवरी विकास भवन सभागार में पंचायतों में मनरेगा के नियोजन व क्रियान्वयन के लिए सरपंचों की एक कार्यशाला आहूत की गई। अध्यक्षता प्रभारी जिलाधिकारी व सीडीओ धीराज सिंह गब्र्याल ने की। इस मौके पर उन्होंने कहा कि सरपंचों की इस कार्यशाला का उद्देश्य मनरेगा के जरिये वन पंचायतों को आर्थिक रूप से सुदृढ़ व स्वावलंबी बनाने के साथ रोजगारपरक बनाना है। वन पंचायतों के जरिये मनरेगा के काम सरपंचों से कराए जाएंगे। ताकि सभी इसका लाभ उठा सकें। गब्र्याल ने कहा कि ऐसी वन पंचायतें जिनके पास 50 हेक्टेयर भूमि हो, उनमें टैक्नीकल एक्सपर्ट के माध्यम से 5 वर्षीय माइक्रोप्लान तैयार किया जाएगा। मनरेगा के माध्यम से योजनाओं का संचालन कर उन्हें मजबूत व उपयोगी बनाया जाएगा। बैठक में मौजूद सभी सरपंचों से एक सप्ताह के भीतर बैठक कर प्रस्ताव भेजने को कहा। ताकि उन्हें मनरेगा के कार्यक्रम में शामिल किया जा सके। लोक चेतना मंच के जोगेंदर बिष्ट ने कार्यशाला में सरपंचों को बताया कि पांच साला माइक्रो योजना में प्रस्तावित गतिविधियों के तहत सीमांकन, सघनीकरण, बांज क्षेत्रों में प्राकृतिक पुनरोत्पादन, चारा विकास, जड़ी-बूटी, बांस रोपण, भूमि व मृदा संरक्षण, वनों की सुरक्षा जैसे कार्य किए जा सकते हैं। जिसमें प्रथम वर्ष में वन पंचायतों का सीमांकन कर मृदा कार्य व पौधशाला का निर्माण किया जाएगा। द्वितीय वर्ष में पौधे की ढुलाई, रोपण, अग्निकाल में पौधों की सुरक्षा का काम होगा। कार्यशाला में प्रसार प्रशिक्षण केंद्र के आचार्य डॉ.जीएस खाती, जिला विकास अधिकारी एसएसएस पांगती ने भी जानकारी दी। |
Tuesday, January 11, 2011
बर्फ से लकदक बगीचे दे रहे सुकून
इन दिनों जिले में सभी ऊंचाई वाली फल पट्टियां बर्फ की चादर ओढ़े हुए हैं। बरसों बाद देखने को मिल रहा यह नजारा खासतौर पर सेब के लिए एकदम मुफीद है। सर्दियों के पतझड़ में सेब के पेड़ों को इस स्थिति से गुजरना बेहतर फसल के लिए जरूरी माना जाता है।
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क्या है शीतमान ताप
उत्तरकाशी: पतझड़ वाले पेड़ों के लिए सर्दियों में सात डिग्री से कम का तापमान जरूरी होता है। फलों की प्रजाति के अनुसार इसकी समयावधि भी भिन्न होती है। मसलन ऊंचाई पर उगने वाली सेब की डेलिशियस प्रजाति के लिये 12 सौ से 16 सौ घंटे का शीतमान ताप चाहिये। स्फर प्रजाति के लिए 800 से 1200 घंटे सात डिग्री से कम तापमान जरूरी है। आड़ू व खुमानी जैसे फलों के लिए भी आठ सौ घंटे का शीतमान ताप जरूरी होता है। घाटियों में उगने वाली सेब की अन्ना व ट्रापिकल जैसी प्रजातियों के लिये तीन सौ से चार सौ घंटे ही शीतमान ताप की जरूरत पड़ती है, इनके लिए बर्फबारी जरूरी नहीं है।
'ऊंचाई पर उगने वाले फलों के लिये यह स्थिति काफी बेहतर है। एक बार फिर मौसम बर्फबारी के संकेत दे रहा है, जिससे सेब व अन्य फलों के लिए ठंडक का ढाई महीने का जरूरी चक्र पूरा हो जाएगा'
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जल विद्युत परियोजनाओं के खिलाफ जोरदार प्रदर्शन
झांसी की रानी बनी विदूषी रही प्रथम
रेनबो पब्लिक स्कूल परिसर में आयोजित फेन्सी ड्रेस प्रतियोगिता में छात्र-छात्राओं ने बढ़ चढ़कर भाग लेते हुए आकर्षक प्रस्तुतियां दीं। झांसी की रानी बनी विदूषी सिंह ने प्रतियोगिता में पहला स्थान प्राप्त किया।
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फेन्सी ड्रेस प्रतिभागियों का उत्साहवर्द्धन करते हुए विद्यालय की प्रधानाचार्या डॉ. रेखा उनियाल ने कहा कि बच्चों के सर्वागीण विकास के लिए ऐसी प्रतियोगिताएं बहुत सहायक भी होती हैं। फेन्सी ड्रेस के माध्यम से बच्चों ने अपनी अच्छी सकारात्मक सोच का भी प्रदर्शन किया। प्रतियोगिता के निर्णायक मंडल में पदमा खंडूड़ी, शांति भट्ट, रजनी चौहान शामिल थे। सुनीता राणा और कक्षा चार के छात्र शिवांश कुकशाल, गौरव फरासी ने प्रतियोगिता का संचालन संयुक्त रूप से किया। मंच सज्जा रेखा तोमर ने की।
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अब अलग नहीं रहेगी स्व.गढ़वाली की प्रतिमा
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पॉलीथिन के विकल्प के रूप में थैले वितरित
नगरपालिका द्वारा पालिका क्षेत्र में हर प्रकार की पॉलीथिन प्रतिबंधित की गई है। इसी क्रम में मंगलवार को क्षेत्रीय सभासद बृजपाल राणा, पुष्पा पुंडीर व संदीप शास्त्री आदि ने हाट बाजार पहुंचकर क्षेत्रीय लोगों से पॉलीथिन का प्रयोग न करने की अपील की। उन्होंने दुकानदारों से भी नियम का पालन करने की अपील करते हुए पॉलीथिन से होने वाले नुकसान के बारे में जानकारी दी। इस दौरान लोगों को पालिका द्वारा उपलब्ध कराए गए कपड़े से बने थैले भी वितरित किए गए। इस मौके पर प्यारेलाल जुगरान, राकेश जैन, बीपी गुप्ता, राधेश्याम पटवा, आकाश सोती व रमेश अरोरा आदि उपस्थित थे।
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Monday, January 10, 2011
उत्तराखंड हाई कोर्ट ने किया सरकार पर पचास हजार का जुर्माना
इस प्रकरण पर अब कुछ नहीं बोलेंगे-कैबिनेट मंत्री दिवाकर भट्ट
बिश्वास पर आघात |
![]() | सुदर्शन सिंह रावत | उक्रांद अध्यक्ष त्रिवेंद्र सिंह पंवार ने कहा कि उक्रांद के अंदर पिछले एक सप्ताह के दौरान जो कुछ भी हुआ, वह भाजपा के इशारों पर हुआ। उधर, कैबिनेट मंत्री दिवाकर भट्ट ने कहा कि जिसे भी कुछ कहना है, वह आम सभा में आकर अपनी बात रखे। उक्रांद अध्यक्ष त्रिवेंद्र सिंह पंवार ने उक्रांद के अंदर चले विवादास्पद घटनाक्रम के लिए भाजपा को जिम्मेदार ठहराया है। उन्होंने कहा कि उक्रांद ने भाजपा को तब स्थिरता के लिए सहयोग दिया था, जब वह बहुमत से पीछे थी। भाजपा को सहयोग और समर्थन देने का उसने उक्रांद को यह सिला दिया है। उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार इस पूरे घटनाक्रम का संचालन कर रही है। उक्रांद कार्यालय में आज दिन भर गहमागहमी का माहौल रहा। कई पुराने कार्यकर्ता कार्यालय पहुंचे और उन्होंने कहा कि यह जनभावना का सम्मान करने वाला निर्णय है। दूसरी तरफ कैबिनेट मंत्री दिवाकर भट्ट ने कहा कि वे इस प्रकरण पर अब कुछ नहीं बोलेंगे। इस मामले में वह आम सभा में ही अपनी बात रखेंगे। जिसे इस प्रकरण पर अपनी बात रखनी हो, वह 16 जनवरी को आयोजित होने वाली आम सभा में अपनी बात रखे। उन्होंने कहा कि यह उक्रांद के लिए संक्रमण का दौर है। इस क्षेत्रीय दल को बचाने के लिए सभी को आगे आना होगा और आम सभा में अपनी बात रखनी होगी। सतीश सेमवाल ने कहा कि कार्यवाहक अध्यक्ष डीएन टोडरिया ने कल की गई कार्यवाही से संबंधित नोटिस संबंधित लोगों को भेज दिया है। |
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गौरतलब है कि सर्दी के मौसम में जहां मैदानी क्षेत्रों में हाड़कंपाती ठंड से आम आदमी ठिठुरने को मजबूर हो जाता है, वहीं गर्मी के मौसम में भी मैदानी क्षेत्रों में दिन आसानी से गुजरना कोई आसान काम नहीं है। घर और बाहर दोनों ही जगह मौसम की मार व कोलाहल भरी जिंदगी से परेशान होकर सुकून के चार पल बिताने के लिए लोग पहाड़ी क्षेत्रों का रुख करते हैं। चमोली की बात करें तो इन दिनों सर्दी के मौसम में गुनगुनी धूप ने जहां मौसम को सुहावना बना दिया है, वहीं औली में चल रहे विंटर गेम्स मौसम को चार चांद लगा रहे हैं। जोशीमठ व औली पहुंच रहे पर्यटक गुनगुनी धूप में सुहावने मौसम का आनन्द लेने के साथ ही औली में पर्यटन विभाग द्वारा प्रदान की जा रही सुविधाओं पर गदगद नजर आ रहे हैं। बीते दो-तीन दिन पहले औली की सैर कर लौटे शाहदरा (दिल्ली) के रवि कुमार व उनके परिजनों का 13 सदस्यीय दल का कहना है कि वे कश्मीर के गुलमर्ग व हिमाचल के कुल्लू व मनाली भी घूम चुके हैं, लेकिन इतनी ऊंचाई पर स्थित होने के बाद भी औली में जितना सुन्दर मौसम व प्राकृतिक नजारे हैं उससे भी ज्यादा सुविधाएं पर्यटन विभाग मुहैय्या करा रहा है। उनका कहना है कि औली व जोशीमठ में जितनी सुविधाएं विकसित की गई हैं उससे यह अंदाजा नहीं लग रहा है कि वह इतनी ऊंचाई वाले पर्यटक स्थल पर पहुंचे हैं। ऐसा ही कुछ कलकत्ता के बासुदेव भट्टाचार्य का कहना भी था कि विंटर गेम्स देखने के लिए वह औली जा रहे हैं। उन्होंने मौसम व प्राकृतिक सौंदर्य की जमकर तारीफ की। गुनगुनी धूप से बने सुहावना मौसम व इस पर चांद लगाता विंटर गेम्स ही पर्यटकों को अपनी ओर खींच रहा है।
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शीत लहर के दो दिन बंद रहेंगे स्कूल
जिलाधिकारी शैलेश बगौली॒ने बताया कि जिले के भाबर और तराई हिस्सों में शीत लहर की वजह से स्कूलों को दो दिन बंद रखने के आदेश दिए॒गए॒हैं। जिला शिक्षा अधिकारी जीवन सिंह हयांकी॒ने बताया कि विभागीय अधिकारियों से सरकारी और गैर सरकारी स्कूलों में इस आदेश का पालन सुनिश्चित कराने को कहा गया है।
हल्द्वानी पब्लिक स्कूल एसोसिएशन के सचिव कैलाश भगत ने बताया कि जिलाधिकारी के आदेशानुसार यहां सभी पब्लिक स्कूल दस और ग्यारह जनवरी को बंद रहेंगे।
भारी पड़ सकती है सौड़ू की अनदेखी
सामाजिक बुराइयों पर मुखर दिखी पहाड़ की बेटियां
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शनिवार को मनेरा स्टेडियम में श्री भुवनेश्वरी महिला आश्रम प्लान की ओर से पर्वतीय किशोरियों का संयुक्त अभियान नंदा कार्यक्रम की छठवीं वर्षगांठ को धूमधाम से मनाया गया। कार्यक्रम में विभिन्न कलस्टरों से आयी किशारियों ने सांस्कृतिक कार्यक्रमों के साथ नंदा यानी पहाड़ की ईष्ट देवी जिसे सुख दुख में यहां के लोगों के लिये याद किया जाता है। नंदा को शक्ति का प्रतीक मानते है। शिक्षा सलाहाकार पुष्पा मानस ने दीप प्रज्ज्वलित करते हुए कहा कि भुवनेश्वरी महिला आश्रम प्लान ने पर्वतीय किशोरियों के सर्वांगीण विकास के लिए नंदा कार्यक्रम का जो बीड़ा उठाया है। यह निश्चित ही पहाड़ की किशोरियों के लिए आगे बढ़ने का मंच है। उन्होंने कहा कि किशोर व किशोरियों ही आने वाले समाज को नई दिशा दिखाने के लिए शिक्षित होना जरूरी है। कार्यक्रम में संसदीय सचिव एवं गंगोत्री विधायक गोपाल सिंह रावत ने कहा नंद कार्यक्रम से जहां किशोरियों को अपने अंदर छुपी प्रतिभाओं को दिखाने के लिए एक मंच है। प्लान इंडिया प्रदेश प्रबंधक सुरेश बलोदी ने महिलाओं एवं बच्चों के विकास के लिए किये जा रहे प्लान इंडिया प्रयासों की जानकारी देते हुये कहा कि महिलाओं एवं बच्चों के विकास लिए प्रतिबद्ध हैं। सीडीओ एमएस कुटियाल, परियोजना प्रबंधक एसबीएमए गोपाल थपलियाल, जिला पंचायत सदस्य सुरेश चौहान,ब्लाक प्रमुख बिनीता रावत, पूर्व प्रमुख चंदन सिंह राणा, कार्यक्रम समन्वयक लखपति भट्ट,श्रीनंद सेमवाल, देवेंद्र ढौंडियाल, प्रमोद पैन्यूली, भूपेंद्र रावत सहित बड़ी संख्या में किशोरियां विभिन्न कलस्टरों से आयी महिलाएं मौजूद थी।
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खिलाडि़यों व कलाकारों ने किया रिंक पर अभ्यास
साउथ एशियन विंटर गेम्स की तैयारियों के लिए रिंक में दोबारा से बर्फ जमाने के कार्य व मार्किंग करने के चलते बंद कर दिया गया था। रविवार को दोपहर बाद इसे खिलाड़ियों के लिए खोल दिया गया। सबसे पहले शास्त्रीय नृत्यांगना एमी पारिख ने उद्घाटन समारोह के लिए रिंक पर लगभग आधे घंटे तक आइस स्केटिंग पर भरतनाट्यम का अभ्यास किया। इसके बाद जूनियर स्केटरों ने फिगर स्केटिंग की प्रेक्टिस। काफी समय से प्रेक्टिस को तरस रहे भारतीय आइस हॉकी खिलाड़ियों ने तो काफी देर तक खेल का मजा लिया। साथ ही उद्घाटन समारोह के दौरान होने वाले डेमो मैच की तैयारी भी की। इवेंट मैनेजमेंट कंपनी ने भी उद्घाटन समारोह के लिए रिंक में की गई लाइटिंग व्यवस्था को परखा।
खेलों में भाग लेने आई नेपाल, पाकिस्तान, मालदीव व भूटान के खिलाड़ी रविवार सुबह एक बार फिर रिंक पहुंचे। हालांकि तब रिंक के अंदर किसी को जाने नहीं दिया गया।
किट तो मिली पर नाम नहीं
साउथ एशियन गेम्स में भाग लेने वाली भारतीय टीम को आयोजकों की ओर से सफेद रंग की किट तो दी, मगर उसमें भारत का नाम डालना भूल गए। यह जरूर है कि इसमें डब्ल्यूजीएफआइ का नाम बड़ा-बड़ा इंगित किया हुआ है। कायदे में तो किट के अपर पर बड़े-बड़े अक्षरों में इंडिया दर्ज होना चाहिए था। मगर आयोजकों ने आगे की ओर छोटे अक्षरों में इंडिया लिखकर इतिश्री कर ली।
रिंक के बाहर चमक दमक के लिए घास लगाने व सड़क को दुरुस्त करने का कार्य दिनभर चलता रहा। आयोजन स्थल के चारों और फूल व घास लगाई गई।
खेलों के उद्घाटन अवसर पर होने वाले मार्चपास्ट के लिए खिलाड़ियों को आउटडोर में ही ड्रेस रिहर्सल करनी पड़ी। वहीं सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत करने आए लोक कलाकारों ने भी बाहर ही अभ्यास किया। आइटीबीपी व आर्मी के बैंड ने बाहर ही रिहर्सल की।
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संस्कृति संरक्षण के लिए आगे आएं युवा
इस अवसर पर कार्यक्रम के मुख्य अतिथि द्वारिका प्रसाद उनियाल ने कहा कि पहाड़ के गांवों को छोड़कर शहरों में आए लोगों को अपने बिसरे खेत-खलिहान की चिंता करनी चाहिए। विधायक विकासनगर कुलदीप कुमार ने कहा कि अपनी संस्कृति के संरक्षण के लिए खासकर युवा पीढ़ी को जागरूक होना होगा। संस्कृति जीवित रहेगी तो राष्ट्र मजबूत होगा। गढ़ चेतना रैली संतोषी माता ग्राउंड से शुरू होकर सैय्यद रोड, डाकपत्थर तिराहे, अस्पताल रोड चौक, मुख्य बाजार, सिनेमागली होते हुए त्रिशला देवी जैन धर्मशाला में सांस्कृतिक महोत्सव स्थल पर पहुंच कर संपन्न हुई। रैली पारंपरिक वाद्य यंत्रों ढोल, दमाऊ, मशकबीन व रणसिंघे के साथ निकली। रैली में क्षेत्र में रहने वाले गढ़वाली समाज के लोग बड़ी संख्या में शामिल हुए। रैली के माध्यम से गांवों को छोड़कर शहरों में रह रहे गढ़वाली समाज के लोगों से अपनी बोली-भाषा, रीति-रिवाज, संस्कृति का सम्मान करने व इसके संरक्षण के लिए आगे आने की अपील की गई। सांस्कृतिक महोत्सव की शुरूआत 'जय गंगे बोली औला, चल माथा टेकी क औला' गाने के साथ हुई। गुरुकुल एकेडमी बुलाकीवाला के छात्रों ने 'ऐजा हे भानुमति पाबौ बाजार', विकास निकेतन जूनियर हाईस्कूल डाकपत्थर के छात्र-छात्राओं ने 'मेरी सुभागा सजीली, रंग-रूप की छबीली', दिनेश लाल ने 'घुट-घुट बाडूली लगदी', साक्षी भट्ट ने 'आंखों मा रिंगणी, पाणी मा रिंगणी मेरी टिहरी', शांति वर्मा ने 'भारत माको को प्यारो उत्तराखंड हमारो, यो गढ़देश न्यारो' व जगमोहन वर्मा ने 'रण सिंगो बाजो बाजे, बाजे रे मुरली झमाझम' प्रस्तुत किया। इस मौके पर विधायक पुरोला राजेश जुवांठा, गढ़वाली मैत्री समिति के संरक्षक रामगोपाल उनियाल व अध्यक्ष ऋषि कोठियाल कृषि उत्पादन मंडी समिति के चेयरमैन विपुल जैन, समाजसे वीरेंद्र मोहन उनियाल, जीएमवीएन के उपाध्यक्ष रघुनाथ सिंह नेगी, सुमन प्रसाद रतूड़ी, डॉ. सुनील पैन्यूली, धनदेश उनियाल, मायाराम उनियाल, उर्मिला शर्मा, राकेश ममगाई आदि मौजूद थे।