हत्या के आरोप में चार को आजीवन कारावास की सजा
पौड़ी। जिला एवं सत्र न्यायाधीश राजकृष्ण ने अगस्त २००६ में लैंसडौन तहसील के दलमोटा गांव में हुए हत्याकांड के मामले में चार लोगों को आजीवन कारावास और बीस-बीस हजार के अर्थदंड की सजा सुनाई है। न्यायालय ने इस मामले में हत्या के लिए उत्प्रेरित करने का मुकदमा झेल रहे चार लोगों को ब कर दिया।
अभियोजन पक्ष की ओर से पैरवी कर रहे सहायक जिला शासकीय अधिक्ता पीबी पंत ने बताया कि ८ अगस्त २००६ को लैंसडौन तहसील के दममोटा गांव निवासी पीतांबर दत्त की हत्या हो गई थी। इस मामले में मृतक के भाई जानकी प्रसाद ने राजस्व पुलिस में तहरीर देकर गांव निवासी मनोज पुत्र पे्रम लाल, उमेश चंद्र पुत्र गणेश चंद्र, सुरेश पुत्र गणेश प्रसाद, सुभाष चंद्र पुत्र रति राम समेत चार लोगों पर पीतांबर की हत्या करने का आरोप लगाया था। इसके अलावा गांव निवासी कमला देवी, जयंती देवी, पुष्पा देवी, गणेश लाल समेत चार लोगों पर भी आरोपियों को मृतक की हत्या करने के लिए उत्प्रेरित करने का आरोप था। सहायक शासकीय अधिवक्ता पंत ने बताया कि इस मामले में बृहस्पतिवार को न्यायालय ने सुनवाई करते हुए आरोपी मनोज, उमेश चंद्र, सुरेश और सुभाष चंद्र को आजीवन कारावास और बीस-बीस हजार के अर्थदंड की सजा सुनाई। इसके अलावा कमला देवी, जयंती देवी, पुष्पा देवी और गणेश लाल को दोषी न पाते हुए बरी कर दिया।
तहसीलदार सहित चार को भी सजा
लैंसडौन। मारपीट के एक मामले में मुंसिफ मजिस्ट्रेट की अदालत ने एक तहसीलदार सहित चार लोगों को एक-एक वर्ष के कारावास और डेढ़-डेढ़ हजार रुपये के जुर्माने की सजा सुनाई है। वर्ष २००६ में सतपुली में तैनात तहसीलदार बृजेश कुमार के ड्राइवर सुरेंद्र सिंह ने तहसीलदार सहित चार लोगों पर उसके साथ मारपीट और धमकी देने का आरोप लगाते हुए मुकदमा दर्ज कराया था। अदालत ने फैसला सुनाते हुए तहसीलदार बृजेश कुमार, रिजर्व पुलिस के सिपाहियों रोशनलाल व गजेंद्र सहित स्थानीय व्यक्ति मोहनलाल को दोषी ठहराते हुए एक-एक वर्ष के कारावास और डेढ़-डेढ़ हजार रुपये के जुर्माने की सजा सुनाई।http://garhwalbati.blogspot.com
अभियोजन पक्ष की ओर से पैरवी कर रहे सहायक जिला शासकीय अधिक्ता पीबी पंत ने बताया कि ८ अगस्त २००६ को लैंसडौन तहसील के दममोटा गांव निवासी पीतांबर दत्त की हत्या हो गई थी। इस मामले में मृतक के भाई जानकी प्रसाद ने राजस्व पुलिस में तहरीर देकर गांव निवासी मनोज पुत्र पे्रम लाल, उमेश चंद्र पुत्र गणेश चंद्र, सुरेश पुत्र गणेश प्रसाद, सुभाष चंद्र पुत्र रति राम समेत चार लोगों पर पीतांबर की हत्या करने का आरोप लगाया था। इसके अलावा गांव निवासी कमला देवी, जयंती देवी, पुष्पा देवी, गणेश लाल समेत चार लोगों पर भी आरोपियों को मृतक की हत्या करने के लिए उत्प्रेरित करने का आरोप था। सहायक शासकीय अधिवक्ता पंत ने बताया कि इस मामले में बृहस्पतिवार को न्यायालय ने सुनवाई करते हुए आरोपी मनोज, उमेश चंद्र, सुरेश और सुभाष चंद्र को आजीवन कारावास और बीस-बीस हजार के अर्थदंड की सजा सुनाई। इसके अलावा कमला देवी, जयंती देवी, पुष्पा देवी और गणेश लाल को दोषी न पाते हुए बरी कर दिया।
तहसीलदार सहित चार को भी सजा
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