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हाथियों के डर से सहमा दूरदर्शन केंद्र
आए दिन हाथियों के उत्पात से जूझ रहे ग्रास्टनगंज स्थित दूरदर्शन रिले केंद्र को अन्यत्र विस्थापित करने की तैयारी शुरू कर दी गई है। इसके लिए क्षेत्र में उपयुक्त भूमि की तलाश भी जोरों पर है। क्षेत्रीय जनता की मांग पर वर्ष 1994 में यहां ग्रास्टनगंज स्थित खाम बंगले के समीप कोटद्वार में दूरदर्शन रिले केंद्र की स्थापना की गई। पिछले 15 वर्षो से सब कुछ ठीकठाक चल रहा था, लेकिन पिछले छह माह से केंद्र में हाथियों का उत्पात जोरों पर है।
वर्तमान में दूरदर्शन रिले केंद्र में शायद ही कोई ऐसा दिन हो, जब हाथी केंद्र में न घुसते हों। गत 12 नवंबर की शाम हाथियों ने केंद्र में घुसकर न सिर्फ जमकर तोड़फोड़ की, बल्कि केंद्र के चारों ओर लगी तारों को उखाड़ फेंका। केंद्र में मौजूद कर्मचारियों ने किसी तरह कमरों में दुबक कर अपनी जान बचाई।
केंद्र में हाथियों के लगातार बढ़ रहे उत्पात के चलते अब केंद्र के अधिकारियों ने दूरदर्शन केंद्र को अन्यत्र शिफ्ट करने की योजना बनाई है। सूत्रों के मुताबिक इस संबंध में मुख्यालय को प्रस्ताव भी भेज दिया गया है। साथ ही क्षेत्र में केंद्र स्थापना के लिए भूमि की तलाश भी की जा रही है।
कार्बेट नेशनल पार्क व राजाजी राष्ट्रीय उद्यान के मध्य में अवस्थित होने के कारण लैंसडौन वन प्रभाग की कोटड़ी, कोटद्वार व लालढांग रेंज को हाथी बतौर कॉरीडोर प्रयोग करते हैं। दूरदर्शन रिले केंद्र जंगल में स्थित है, इसलिए वहां हाथियों की आवाजाही को नहीं रोका जा सकता है। ऐसे में केंद्र को अन्यत्र विस्थापित करना ही एकमात्र विकल्प है। ..नरेंद्र सिंह चौधरी, प्रभागीय वनाधिकारी, लैंसडौन वन प्रभाग
केंद्र में हाथियों का आतंक बहुत अधिक बढ़ गया है, जिससे कर्मचारियों की जान को भी खतरा पैदा हो चला है। केंद्र में हाथियों के उत्पात के संबंध में मुख्यालय को सूचना भेज दी गई है। मुख्यालय से जारी निर्देशों के आधार पर आगे की कार्यवाही की जाएगी|
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