http://garhwalbati.blogspot.com
पति के अत्याचार सहते हुए भी बच्चों का पालन करने वाली महिला को जीवन के अंतिम पड़ाव में बेटे व बहू ने भी दुत्कार दिया तो हारकर अपने जीवनयापन के लिए कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है.
सहारनपुर निवासी तथा एक बड़ी राजनीतिक पार्टी के नेता के खिलाफ पारिवारिक न्यायालय के समक्ष सुमित्रा सैनी निवासी देहरादून ने अर्जी दाखिल कर न्याय की गुहार लगाई है.
महिला ने कोर्ट को बताया कि उनकी शादी 40 वर्ष पहले हिंदू रीति-रिवाज से हुई थी. शादी के बाद से ही पति व ससुराली उसे दहेज के लिए प्रताड़ित करते रहे लेकिन समाज के डर से सब कुछ सहती रही. उसने बताया कि उसके तीन युवा बच्चे 35, 32 व 30 वर्ष के हैं.
उसने बताया कि कुछ साल पहले पति ने साथ छोड़ दिया तथा शहर चले गए. कुछ दिनों बाद वह छोटे बेट को भी साथ ले गए. महिला ने जब् आपत्ति की तो पति ने धमकी दी कि यदि शोरशराबा किया तो सभी बच्चों को साथ ले जाएगा.
इसके बाद वह दोनों बच्चों को लेकर हरिद्वार तथा फिर देहरादून आ गई. इसके बाद बहू आते ही बेटों ने भी उससे किनारा कर लिया जिसके बाद से ही वह दर-दर की ठोकरें खा रही है. जब कहीं आसर न मिला और भूखे मरने की नौबत आ गई तो उसने पति से मदद दिलवाने की गुहार की. महिला ने बताया कि पति की कमाई करीब डेढ़ लाख रुपय् प्रतिमाह है, ऐसे में उसे गुजारा भत्ता दिलाया जाए.
सहारनपुर निवासी तथा एक बड़ी राजनीतिक पार्टी के नेता के खिलाफ पारिवारिक न्यायालय के समक्ष सुमित्रा सैनी निवासी देहरादून ने अर्जी दाखिल कर न्याय की गुहार लगाई है.
महिला ने कोर्ट को बताया कि उनकी शादी 40 वर्ष पहले हिंदू रीति-रिवाज से हुई थी. शादी के बाद से ही पति व ससुराली उसे दहेज के लिए प्रताड़ित करते रहे लेकिन समाज के डर से सब कुछ सहती रही. उसने बताया कि उसके तीन युवा बच्चे 35, 32 व 30 वर्ष के हैं.
उसने बताया कि कुछ साल पहले पति ने साथ छोड़ दिया तथा शहर चले गए. कुछ दिनों बाद वह छोटे बेट को भी साथ ले गए. महिला ने जब् आपत्ति की तो पति ने धमकी दी कि यदि शोरशराबा किया तो सभी बच्चों को साथ ले जाएगा.
इसके बाद वह दोनों बच्चों को लेकर हरिद्वार तथा फिर देहरादून आ गई. इसके बाद बहू आते ही बेटों ने भी उससे किनारा कर लिया जिसके बाद से ही वह दर-दर की ठोकरें खा रही है. जब कहीं आसर न मिला और भूखे मरने की नौबत आ गई तो उसने पति से मदद दिलवाने की गुहार की. महिला ने बताया कि पति की कमाई करीब डेढ़ लाख रुपय् प्रतिमाह है, ऐसे में उसे गुजारा भत्ता दिलाया जाए.
samaylive.com se sabhar
गुजारा भत्ता तो दिया जाना चाहिए।
ReplyDeleteसच में बहुत ही दुर्भाग्यजनक घटना है ..आज के कलयुगी समाज में पति का धोका देना तो आम हो ही गया है ..परन्तु सबसे निर्लज्ज काम तो बेटों ने किया है ..जिन दयाहीनों को अपनी जननी पर भी करुणा नहीं आई ..सच में सामजिक मूल्यों का बहुत ही हवास हो रहा है !! अत्यंत सोचनीय !!!
ReplyDelete