उत्तराखंड के पर्वतीय इलाको में रेल लाइन परियोजनाओं शुरू करने पर सरकार नजाने कब से
विचार कर रही है, लेकिन हमेशा की तरह आज भी यह परियोजना ठन्डे बसते में पड़ी हुई है।
भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष व राज्यसभा सांसद भगत सिंह कोश्यारी द्वारा इस बारे में पूछे गए सवाल के जवाब में केंद्रीय रेल राज्य मंत्री भरत सिंह सोलंकी द्वारा दिए गोलमोल जवाब से ऐसा ही लगता है।
कोश्यारी ने राज्यसभा में उत्तराखंड के ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेल परियोजना की प्रगति के बारे रेलराज्य मंत्री से सवाल किया। श्री कोश्यारी ने टनकपुर-बागेश्वर रेललाइन परियोजना के बारे में भी जानकारी चाही। रेलराज्य मंत्री ने कहा कि टनकपुर-बागेश्वर रेललाइन परियोजना का सर्वे पूरा हो गया है और इसकी रिपोर्ट मंत्रालय को भेज दी गई है। ऋषिकेश-कणप्रयाग परियोजना के बारे में उनका कहना था कि इसके लिए 4295.30 करोड़ के बजट की मंजूरी मिल चुकी है लेकिन दोनों परियोजनाएं कब शुरू होंगी, इसकी कोई समय सीमा तय नहीं है। सरकार के गोलमोल जवाब से असंतुष्ट श्री कोश्यारी ने जम्मू कश्मीर के तर्ज पर इन परियोजनाओं को राष्ट्रीय परियोजना घोषित करने की मांग की। उन्होंने कहा कि सुरक्षा के लिहाज से हिमालयी राज्यों व सीमावर्ती क्षेत्रों में रेल नेटवर्क मजबूत किया जरूरी है।
कोश्यारी ने राज्यसभा में उत्तराखंड के ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेल परियोजना की प्रगति के बारे रेलराज्य मंत्री से सवाल किया। श्री कोश्यारी ने टनकपुर-बागेश्वर रेललाइन परियोजना के बारे में भी जानकारी चाही। रेलराज्य मंत्री ने कहा कि टनकपुर-बागेश्वर रेललाइन परियोजना का सर्वे पूरा हो गया है और इसकी रिपोर्ट मंत्रालय को भेज दी गई है। ऋषिकेश-कणप्रयाग परियोजना के बारे में उनका कहना था कि इसके लिए 4295.30 करोड़ के बजट की मंजूरी मिल चुकी है लेकिन दोनों परियोजनाएं कब शुरू होंगी, इसकी कोई समय सीमा तय नहीं है। सरकार के गोलमोल जवाब से असंतुष्ट श्री कोश्यारी ने जम्मू कश्मीर के तर्ज पर इन परियोजनाओं को राष्ट्रीय परियोजना घोषित करने की मांग की। उन्होंने कहा कि सुरक्षा के लिहाज से हिमालयी राज्यों व सीमावर्ती क्षेत्रों में रेल नेटवर्क मजबूत किया जरूरी है।
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