पिछले दिनों उत्तराखंड के नए मुख्यमंत्री भुवनचंद्र खंडूड़ी ने जब सी एम की गद्दी संभाली तो उन्होंने ऐलान किया की अब वह प्रदेश में भ्रष्टाचार को जड़ से उखाड़ने की पूरी कोशिश करेंगे। लेकिन लगता है की कांग्रेस ने खंडूड़ी के इस भ्रष्टाचार विरोधी अभियान को ही मुद्दा बना कर एक नयी चुनावी जंग का बिगुल फूंक दिया है। 27 सितंबर को विधानसभा घेराव के जरिए पार्टी शक्ति प्रदर्शन की तैयारियों में जुटी है। प्रदेश प्रभारी चौ वीरेंद्र सिंह ने कहा कि घोटालों से घिरी सरकार को कांग्रेस नहीं बख्शेगी। नए मुख्यमंत्री भुवनचंद्र खंडूड़ी के भ्रष्टाचार विरोधी अभियान को चुनौती के लहजे में उन्होंने कहा कि राष्ट्रपति को सौंपी गई छह घोटालों की चार्जशीट की सीबीआई जांच होनी चाहिए।
राजपुर रोड स्थित मीडिया सेंटर में पत्रकारों से मुखातिब प्रदेश प्रभारी चौ वीरेंद्र सिंह ने कहा कि सीएम बदलकर भाजपा ने भ्रष्टाचार के कांग्रेस के आरोपों की पुष्टि कर दी। सीएम बदलने से ही सरकार को क्लीन चिट नहीं मिली। पार्टी राष्ट्रपति को जलविद्युत परियोजना आवंटन, स्टर्डिया डेवलपर्स, कुंभ, आपदा राहत, सैफ गेम्स समेत आधा दर्जन घोटालों की चार्जशीट सौंप चुकी है। सरकार को आगे आकर इनकी सीबीआई जांच करानी चाहिए। प्रदेश सह प्रभारी व एआईसीसी के राष्ट्रीय सचिव अनीस अहमद ने कहा कि 27 सितंबर को विधानसभा घेराव कर सरकार को चेताया जाएगा। अनुसूचित जाति-जनजाति सम्मेलन 15 अक्टूबर को दून और 20 अक्टूबर को नैनीताल में होगा। 16 अक्टूबर को रुद्रपुर में सम्मेलन होगा। पूर्व सैनिकों का सम्मेलन नवंबर पहले हफ्ते में पिथौरागढ़ और फिर श्रीनगर में आयोजित किया जाएगा। प्रदेश अध्यक्ष यशपाल आर्य ने बताया कि 70 विधानसभा क्षेत्रों में 14 चरणों में जनसभाएं होंगी। पार्टी 1600 बूथों पर तैनात कार्यकर्ताओं को रामनगर में दो दिनी ट्रेनिंग देगी। नवंबर में रुड़की से दून तक पदयात्रा निकाली जाएगी।
विदेश दौरे से लौटे नेता प्रतिपक्ष डा हरक सिंह रावत ने इस मौके पर कहा कि सरकार का नेतृत्व बदलने के बाद कांग्रेस विधानमंडल दल अब भाजपा पर सख्त प्रहार करेगी। विधानसभा सत्र कम समय तक चलाने की परंपरा सरकार ने डाली है। मौजूदा सत्र न्यूनतम 90 दिन होना चाहिए, लेकिन सरकार विपक्ष का सामना करने की स्थिति में नहीं है। इस मौके पर वरिष्ठ कांग्रेस नेत्री व पूर्व मंत्री इंदिरा ह्रद्येश भी मौजूद थीं।
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