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कोटद्वार रेंज के अंतर्गत ग्वालगढ़ बीट के जंगल धू-धू कर राख हो गए। दावानल की चपेट से वन का करीब डेढ़ हेक्टेयर हिस्सा जलकर राख हो गया है।
रविवार को प्रभाग की कोटद्वार रेंज के अंतर्गत ग्वालगढ़ बीट कक्ष संख्या पांच के जंगलों में रविवार सुबह आग भड़क गई। देखते ही देखते आग ने जंगल के बड़े हिस्से को अपनी चपेट में ले लिया। सूचना मिलने के बाद मौके पर पहुंचे वनकर्मियों ने फायर लाइनें काट किसी तरह आग पर काबू पा लिया। वन क्षेत्राधिकारी ने बताया कि आग से करीब डेढ़ हेक्टेयर क्षेत्र प्रभावित हुआ है। अग्निकांड के कारणों पर उन्होंने बताया कि रविवार सुबह गांव की महिलाएं घास लेने जंगल गई थी, वहां उन पर मधुमक्खियों के झुंड ने हमला कर दिया। महिलाओं ने मधुमक्खियों से बचने के लिए मशाल जलाई और बाद में जलती मशाल जंगल में छोड़ दी। उन्होंने संभावना जताते कहा कि यही मशाल दावानल का कारण बनी। वन क्षेत्राधिकारी ने बताया कि जंगल से दो-तीन दरांतियां, रस्सी व चप्पलें भी मिली हैं।
कोटद्वार रेंज के अंतर्गत ग्वालगढ़ बीट के जंगल धू-धू कर राख हो गए। दावानल की चपेट से वन का करीब डेढ़ हेक्टेयर हिस्सा जलकर राख हो गया है।
रविवार को प्रभाग की कोटद्वार रेंज के अंतर्गत ग्वालगढ़ बीट कक्ष संख्या पांच के जंगलों में रविवार सुबह आग भड़क गई। देखते ही देखते आग ने जंगल के बड़े हिस्से को अपनी चपेट में ले लिया। सूचना मिलने के बाद मौके पर पहुंचे वनकर्मियों ने फायर लाइनें काट किसी तरह आग पर काबू पा लिया। वन क्षेत्राधिकारी ने बताया कि आग से करीब डेढ़ हेक्टेयर क्षेत्र प्रभावित हुआ है। अग्निकांड के कारणों पर उन्होंने बताया कि रविवार सुबह गांव की महिलाएं घास लेने जंगल गई थी, वहां उन पर मधुमक्खियों के झुंड ने हमला कर दिया। महिलाओं ने मधुमक्खियों से बचने के लिए मशाल जलाई और बाद में जलती मशाल जंगल में छोड़ दी। उन्होंने संभावना जताते कहा कि यही मशाल दावानल का कारण बनी। वन क्षेत्राधिकारी ने बताया कि जंगल से दो-तीन दरांतियां, रस्सी व चप्पलें भी मिली हैं।
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