वर्षों से लंबित पड़ा पर्यटन आवास गृह अधिकारियों की लापरवाही का भेट चढ़ा
सुदर्शन सिंह रावत | पौढ़ी गढ़वाल | उत्तराखंड पौड़ी गढ़वाल नैनिडाडा विकास खंड के अंतर्गत बनने वाली पर्यटन आवास गृह का वर्ष 2006 में शिलान्यास होने के बाद भी अधिकारियों के लापरवाही के कारण अधर में लटका पड़ा है. ग्राम सभा उठिडा गाँव के ज़मीन पर बनने वाले पर्यटन आवास पर्यटन मंत्री श्री तेजपाल सिंह रावत पूर्व उर्जा मंत्री अमृता रावत वर्त्तमान सांसद व पूर्व केन्द्रीय मंत्री श्री सतपाल महाराज की उपस्थिती में खाली ढयां उठिडा गाँव में किया गया था. कई वर्ष बीत जाने के बाद शिलान्यास स्थल पर कोई कार्य नहीं हुआ जबकि उत्तराखंड सरकार के ग्रामीण अभियत्रण विभाग ने भवन निर्माण का पैसा भी आवंटित भी किया जा चुका है. सेवानिवृत अधिकारी श्री विक्रम सिंह रावत का कहना है कि रोज़गार के लिए सपने पाले स्थानीय ग्रामीण बेरोजगार युवकों में कार्य ना होने के कारण असंतोष पैदा होने लगी है. अधिकारी इस क्षेत्र का विकास नहीं होने दे रही है. पूर्व पंचायत सदस्य भी चंदर सिंह रावत ने ग्रामीण अभियत्त्ना विभाग व जिला पर्यटन विभाग के अधिकारियों से बातचीत की तो चौकाने वाली बातें अधिकारियों द्वारा कही गयी कि जिस भूमि पर शिलान्यास किया गया उस भूमी को स्वीकृति नहीं मिली विस्तृत विवरण के लिए सक्रीय लोकसूचना कार्यकर्त्ता व समाज सेवी यशपाल सिंह रावत द्वारा जिला विकास अधिकारी पौड़ी गढ़वाल से सूचना मांगी गयी जिससे विभाग द्वारा पलाक संख्या 105 / लो. सू. अ./ पौड़ी 08 / 09 के द्वारा सूचना दी गयी पर्यटन विकास अधिकारी पौड़ी द्वारा पत्र के माध्यम से बताया गया कि ग्राम सभा उठिडा गाँव में पूर्व चयनित स्थल पर पानी उपलब्ध न होने के कारण योजना को श्री टी. पी. एस रावत पूर्व विधायक द्वारा नैनिडाडा में अस्पताल के निकट राजस्व भूमी पर पर्यटक आवास गृह निर्माण के निर्देश दिये गए तथा योजना स्थल को विभाग के नाम हस्तांतरण व ग्राम सभा से अनापत्ति प्रमाण पत्र की कार्यवाही चल रही है. ग्राम सभा प्रधान वीरा देवी रावत से बातचीत की गयी तो उनका कहना है कि आनापत्ति प्रमाण पत्र ग्राम सभा द्वारा 2009 में ही विभाग को दे दिया गया. स्थल पर निरिक्षण के दौरान जाँच कि गयी तो किसी भी तरह का कार्य विभाग द्वारा नहीं कराया गया है जबकि जिला पर्यटन अधिकारी द्वारा सूचना के तहत मार्च 2009 तक कार्य पूर्ण करने का वादा किया गया. अब इसे विभाग की लापरवाही कहे या कुछ और?
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