वर्षा ने किया ऋशिकेष-बदरीनाथ राश्ट्रीय राजमार्ग बन्द
लगातार हो रही तेज वर्शा ने प्रान्त की सभी सड़कों को अवरोध कर दिया है। सड़कों पर कई जगह भूस्खलन हो गया जिसके कारण वाहनों का आवागमन लगभग बन्द सा हो गया है और लोगों को कई किलोमीटर तक पैदल ही चलना पड़ रहा है। बदरीनाथ राश्ट्रीय राजमार्ग कई जगहों पर बन्द है तो केदारनाथ राजमार्ग में भी भूस्खलन होने के कारण आवागमन बन्द है। अलकनंदा और मंदाकिनी भी खतरे के निशान पर बह रही है जिसके कारण लोग दहषत में है ऋशिकेष-बदरीनाथ राश्ट्रीय राजमार्ग बन्द होने से आवष्यक सामग्री की आपूर्ति नही हो पा रही है। इस मार्ग में कई जगहों पर वाहन फंसे है पर सड़क मार्ग कब खुले किसी को मालूम नहीं। पूर्व से बन्द पड़े मार्गों की स्थिति और भी खौफनाक होगी है अब तो पैदल चलने मंे भी परेषानी हो रही है। अलकनंदा एवं मंदाकिनी का जलस्तर खतरे के निषान तक पहुंचने से नदी किनारे बसे गांव के लोग अपने घरोन्दे छोड़ने को मजबूर हो गये है और गांव में भी लोग अपने घरों छिपे बैठे हैं पर उन्हंे भी भूस्खलन का डर सता रहा। बिजली भी आंख मिचैली खेल रही है जिससे लोगों का जीवन और भी अस्त-ब्यस्त हो गया है।
बारिश के चलते अलकनंदा ने उग्र रूप दिखा दिया है। नदी का जलस्तर खतरे निशान पर जा पहुंचा है। जलस्तर बढ़ने से नदी किनारे बसे कई परिवारों ने अन्यत्र शरण ले ली है। जलस्तर बढ़ने से नगर पालिका के स्नानघाट और भोलेनाथ की मूर्ति जलमग्न हो गई और नदी किनारे बसे भवनों को खतरा पैदा हो गया है। 72 घंटे से अधिक की तेज बरसात से कुमाऊंभर में दो सौ से अधिक मकान ध्वस्त हो गये है और सभी मोटर मार्ग बंद है। इससे कुमाऊं के सभी पांच जनपद शेष दुनिया से अलग-थलग हो गये है। हल्द्वानी में गौला नदी के उफान पर आने के कारण काठगोदाम से गौलापार-सितारगंज रोड का लौह पुल खतरे की जद में आ गया है। प्रशासन ने पुल पर आवाजाही बंद कर दी है। भारी वर्षा से पूरा शहर जलमग्न हो गया है। नवाबी रोड, कालाढूंगी रोड, नैनीताल, बरेली, रामपुर रोड समेत शहर जलमग्न रहा। काठगोदाम से रामपुर रोड तक बरसाती नहर के उफान में रहने से आसपास के सैकड़ों घरों में पानी घुस गया। लोग दिनभर अपने घरों का पानी बाहर निकालते रहे। बरसात के कारण अधिकांश स्कूल और कालेज बंद रहे। सरकारी कार्यालयों में भी उपस्थिति नहीं के बराबर थी। सड़कों में पानी का बहाव ही दिखाई दे रहा था। दुकानें भी बंद थी। कुमाऊं भर में बिजली और पानी की आपूर्ति भी ठप हो गई है। नैनीताल में बारिस ने सारे रिकार्ड ध्वस्त कर दिये है। पिछले 72 घंटें में नैनीताल में रिकार्ड 225.86 मिमी वष्रा रिकार्ड की गई है। जबकि अब तक 3782.53 मिमी वर्षा हो गई है। यह पिछले दस साल में सर्वाधिक रिकार्ड है। नैनीझील का जल स्तर खतरे के निशान के ऊपर आ गया है। इससे पूरा पानी माल रोड में आ गया है। कालाढूंगी में भाखड़ा पुल के पास से पानी का बहाव कालाढूंगी नगर की ओर हो गया है। इससे करीब पांच घंटे सड़क पर आवागमन बाधित रहा। नैनीताल- कालाढूंगी मार्ग पर घटगड़-मंगोली के बीच जगह-जगह मलबा आने से यातायात बाधित है। लोनिवि ने डोजर द्वारा लगातार मलबा हटाने से बाद आवागमन सुचारू हो सका।
बारिश के चलते अलकनंदा ने उग्र रूप दिखा दिया है। नदी का जलस्तर खतरे निशान पर जा पहुंचा है। जलस्तर बढ़ने से नदी किनारे बसे कई परिवारों ने अन्यत्र शरण ले ली है। जलस्तर बढ़ने से नगर पालिका के स्नानघाट और भोलेनाथ की मूर्ति जलमग्न हो गई और नदी किनारे बसे भवनों को खतरा पैदा हो गया है। 72 घंटे से अधिक की तेज बरसात से कुमाऊंभर में दो सौ से अधिक मकान ध्वस्त हो गये है और सभी मोटर मार्ग बंद है। इससे कुमाऊं के सभी पांच जनपद शेष दुनिया से अलग-थलग हो गये है। हल्द्वानी में गौला नदी के उफान पर आने के कारण काठगोदाम से गौलापार-सितारगंज रोड का लौह पुल खतरे की जद में आ गया है। प्रशासन ने पुल पर आवाजाही बंद कर दी है। भारी वर्षा से पूरा शहर जलमग्न हो गया है। नवाबी रोड, कालाढूंगी रोड, नैनीताल, बरेली, रामपुर रोड समेत शहर जलमग्न रहा। काठगोदाम से रामपुर रोड तक बरसाती नहर के उफान में रहने से आसपास के सैकड़ों घरों में पानी घुस गया। लोग दिनभर अपने घरों का पानी बाहर निकालते रहे। बरसात के कारण अधिकांश स्कूल और कालेज बंद रहे। सरकारी कार्यालयों में भी उपस्थिति नहीं के बराबर थी। सड़कों में पानी का बहाव ही दिखाई दे रहा था। दुकानें भी बंद थी। कुमाऊं भर में बिजली और पानी की आपूर्ति भी ठप हो गई है। नैनीताल में बारिस ने सारे रिकार्ड ध्वस्त कर दिये है। पिछले 72 घंटें में नैनीताल में रिकार्ड 225.86 मिमी वष्रा रिकार्ड की गई है। जबकि अब तक 3782.53 मिमी वर्षा हो गई है। यह पिछले दस साल में सर्वाधिक रिकार्ड है। नैनीझील का जल स्तर खतरे के निशान के ऊपर आ गया है। इससे पूरा पानी माल रोड में आ गया है। कालाढूंगी में भाखड़ा पुल के पास से पानी का बहाव कालाढूंगी नगर की ओर हो गया है। इससे करीब पांच घंटे सड़क पर आवागमन बाधित रहा। नैनीताल- कालाढूंगी मार्ग पर घटगड़-मंगोली के बीच जगह-जगह मलबा आने से यातायात बाधित है। लोनिवि ने डोजर द्वारा लगातार मलबा हटाने से बाद आवागमन सुचारू हो सका।
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