उत्तराखंड आंदोलन के दौरान वर्ष,1994 में देहरादून के करनपुर में हुए गोलीकांड की सुनवाई के दौरान गवाह ने आरोपी तत्कालीन सपा नेता व वर्तमान में कांग्रेस के प्रांतीय मीडिया प्रभारी सूर्यकांत धस्माना को पहचान लिया। गवाह ने कहा कि आरोपी ने अपने घर की छत से पुलिसकर्मियों के साथ भीड़ पर फायरिंग की थी। वर्ष, 1994 में देहरादून के डालनवाला थाना क्षेत्र के करनपुर में आगजनी व पथराव के बाद तीन आंदोलनकारियों पर फायरिंग की गई थी। इस गोलीकांड में एक आंदोलनकारी राजेश रावत की मौत हो गई थी, जबकि राजीव मोहन व रविंद्र रावत घायल हो गए थे। पहले सिविल पुलिस इस मामले की जांच कर रही थी, लेकिन बाद में जांच सीबीआई को सौंप दी गई। इसमें अब तक 22 लोगों की गवाही हो चुकी है। गुरुवार को सीबीआई के विशेष न्यायधीश नरेंद्र दत्त की अदालत में लंबे समय बाद इस मामले की सुनवाई हुई। सुनवाई के दौरान आरोपी सूर्यकांत धस्माना व पुलिसकर्मी भी कोर्ट में मौजूद थे। पीडि़त राजीव मोहन ने कोर्ट में गवाही दी कि घटना वाले दिन आगजनी व पथराव के बाद राजेश रावत और रविंद्र रावत के साथ वे पास में नन्हीं दुनिया स्कूल की गली में घुस गए। राजीव ने अपने बयानों में कहा कि तभी अपने घर की छत पर पुलिसकर्मियों के साथ मौजूद सूर्यकांत धस्माना ने उन पर फायरिंग कर दी। आठ से दस राउंड हुई फायरिंग में राजेश रावत की मौत हो गई, जबकि वे और रविंद्र गोली लगने से घायल हो गए। राजीव ने कोर्ट में आरोपी को पहचान लिया, जबकि पुलिसकर्मियों को नहीं पहचान सके। इस मामले में शुक्रवार को दूसरे पीडि़त रविंद्र रावत की गवाही होनी है।
uttrakhand ko farjibare ka rog lag chuka hai.uttrakhand ke dhur birodhi aaj sarkar wo bipaksy ke hamrahi bane baithe hain jabki us dauran aandolan ko jinda rakhe log badhali ki jindagi ji rahehain.unhe apne aandolankari hone ka subut dena bhi muskil ho raha hai.
ReplyDeletedinesh tiwari
khatima