संस्थान का कार्यालय सीज
देहरादून: नगर निगम ने टैक्स जमा न करने पर राज प्लाजा में कुर्की की कार्रवाई करते हुए राज प्लाजा स्थित एक संस्थान और हिमालयन अपार्टमेंट स्थित एक बिल्डर के आफिस को सीज कर दिया है। इन पर लाखों रुपये बकाया था। नगर निगम के इस कदम से बकायेदारों में हड़कंप है। इन दिनों नगर निगम का कर वसूली पर खासा जोर है। इसके तहत टैक्स जमा न किए जाने पर गुरुवार को निगम की टीम ने दो के खिलाफ सीज करने की कार्रवाई की। राज प्लाजा स्थित आईएएफडी को नगर निगम ने सीज कर कर दिया। इस दौरान कर्मचारियों और विद्यार्थियों ने हल्का विरोध भी किया। राज प्लाजा पर कुल तकरीबन साढ़े छह लाख का टैक्स बनता है।
झंडा मेले में दो पक्ष भिडे़, तीन धरे
देहरादून, जागरण संवाददाता: झंडे मेले में दो पक्षों के बीच जमकर संघर्ष हुआ। इस दौरान कुछ दुकानों में तोड़फोड़ भी की गई। बताया गया कि लेनदेन को लेकर यह घटना हुई। पुलिस ने मौके पर तीन लोगों को गिरफ्तार कर मामला शांत कराया। इन दिनों कोतवाली क्षेत्र में झंडा मेला चल रहा है। पुलिस के मुताबिक गुरुवार को लेनदेन को लेकर दो गुटों के बीच विवाद हो गया। इनमें से एक ने मेले में खिलौनों की दुकान लगाई हुई है। पुलिस के मुताबिक दोनों गुटों में पैदा हुए विवाद के मारपीट हो गई। एक गुट ने दूसरे गुट की दुकान और अन्य दुकानों में तोड़फोड़ कर डाली। इससे मेला परिसर में बवाल हो गया। पुलिस को देखते ही कई लोग फरार हो गए, लेकिन पुलिस ने एक मेला दुकानदार व एक गुट के दो लोगों को गिरफ्तार कर लिया। इन तीनों लोगों के मारपीट में चोटें भी लगीं। पुलिस तीनों का दून अस्पताल में मेडिकल कराकर कोतवाली ले गई। एक गुट के आरोपी का नाम लक्ष्मण सिंह निवासी ग्राम नारंगी, चमोली और दूसरे गुट के आरोपियों के नाम सोनू निवासी शालीमार गार्डन थाना कोतवाली देहात जनपद सहारनपुर व दिनेश निवासी दीप नगर (देहरादून) बताए जा रहे हैं। पुलिस के मुताबिक लक्ष्मण ने मेले में दुकान लगाई हुई है। पुलिस के मुताबिक सोनू शातिर बदमाश है और पूर्व में भी जेल जा चुका है। तीस तक संपूर्ण होगा मेला लोकसभा चुनाव की तैयारियों और शहर में बढ़ रही चोरियों की घटनाओं के मद्देनजर कोतवाली पुलिस ने झंडा मेके को 30 मार्च तक संपूर्ण करने के निर्देश दिए हैं। कोतवाल जेपी जुयाल ने मेला प्रशासन को निर्देश दिए हैं कि सुरक्षा के कारण 30 मार्च तक मेला संपूर्ण कर लिया जाए। मालूम हो कि मेले में बाहरी तत्त्वों की भीड़ लगी हुई है और शहर में चोरियों का ग्राफ बढ़ता जा रहा है। पुलिस को संदेह है कि मेले के बहाने यहां पहुंचे कुछ अपराधी तत्त्व वारदातों को अंजाम दे रहे हैं।
एशियन शूटिंग के लए पूनम का चयन
देहरादून: अपनी प्रतिभा एवं अचूक निशाने के बूते विकलांग निशानेबाज पूनम कवि का कोरिया में 23 अप्रैल से होने वाली एशियन शूटिंग चैंपियनशिप में चयन हुआ है। इससे पूर्व पूनम केरल में हुई 52वीं राष्ट्रीय निशानेबाजी प्रतियोगिता में स्वर्ण जीत चुकी हैं। साथ ही उन्होंने राज्य स्तरीय स्पर्धा में स्वर्ण व अखिल भारतीय स्पर्धा में रजत पदक भी हासिल किए। पूनम ने इस मुकाम को हासिल करने के लिए लगातार कड़ी मेहनत की। उनकी सफलता में विकलांगता कभी रोड़ा नहीं बनी। बावजूद इसके प्रदेश सरकार की ओर से उन्हें कोई प्रोत्साहन नहीं मिला है। पूनम का कहना है कि निशानेबाजी एक महंगा खेल है और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर खेलने के लिए उसे आर्थिक कठिनाइयों से जूझना पड़ रहा है। पूनम ने बताया कि जसपाल राणा शूटिंग अकेडमी के सहयोग से वह अभ्यास जारी रखे हुए है। जसपाल राणा और राज्य निशानेबाजी संघ के अध्यक्ष नारायण सिंह राणा समय-समय पर उसे निशानेबाजी के गुर सिखाते हंै।
दोस्तों के सहयोग से शेखर ने छुआ शिखर
देहरादून, जागरण संवाददाता: छह दोस्तों का समूह, कुछ कर दिखाने की लगन और एक-दूसरे को पूरा सपोर्ट। कोई भी हिम्मत न हारे, इसलिए हर रोज एक-दूसरे की परेशानियों पर होती है चर्चा। इन्हीं दोस्तों में से एक हैं- शेखर रमोला। शेखर ने सहायक कमांडेंट परीक्षा में राष्ट्रीय स्तर पर दूसरा स्थान प्राप्त किया। शेखर इस सफलता का श्रेय दोस्तों को देते हैं। उनका कहना है कि मंजिल अभी दूर है, लेकिन यहां तक का सफर दोस्तों के सपोर्ट से ही पूरा हुआ है। उनका सपना आईएएस अधिकारी बनकर देश की सेवा करना है। देहरादून के शास्त्री नगर निवासी शेखर रमोला के पिता प्रकाश चंद रमोला सेना से सेवानिवृत्त हैं। उनकी माता गृहणी हैं। शेखर ने सीबीएसई बोर्ड से दसवीं और बारहवीं की पढ़ाई की और डीबीएस कालेज से स्नातक किया। उन्होंने यूपीएसई द्वारा 2007 में आयोजित सहायक कमांडेंट परीक्षा पास की थी। इसके बाद ग्रुप डिस्कशन और साक्षात्कार में कामयाबी हासिल कर राष्ट्रीय स्तर पर दूसरा स्थान प्राप्त किया। शेखर को सीआईएसएफ में सहायक कमांडेंट के पद पर नियुक्ति मिली है। वे 18 अप्रैल को हैदराबाद में सीआईएसएफ ज्वाइन करेंगे। इससे पहले शेखर आठ बार सीडीएस, एक बार आईबी और तीन बार एसआई परीक्षा पास कर चुके हैं। उन्होंने 2008 की सिविल सेवा परीक्षा (प्री) में सफलता प्राप्त की है और वे मुख्य परीक्षा की तैयारी कर रहे हैं। दैनिक जागरण से बातचीत में उन्होंने कहा कि उनके छह दोस्तों के समूह ने हमेशा एक-दूसरे को मानसिक स्तर पर मजबूत बनाया। जब भी कोई परेशानी आई, एकजुट होकर सामना किया और सफलता प्राप्त की। उन्होंने कहा कि शिक्षक अनूप चौहान के मार्गदर्शन, माता-पिता के आशीर्वाद और दोस्तों के सपोर्ट ने उनकी राह आसान की। शेखर ने कहा कि मंजिल अभी दूर है। उन्होंने कहा कि उन्हें अब नौकरी के साथ-साथ आईएएस मुख्य परीक्षा की तैयारी करनी है।
दून से निकला क्रिकेट का द्रोणाचार्य
देहरादून, जागरण प्रतिनिधि: सूबे के क्रिकेटर भी अब राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेटरों की तरह मनमाफिक कोचिंग हासिल कर प्रतिभा निखार सकेंगे। सूबे के वरिष्ठ क्रिकेटर मनोज रावत ने बीसीसीआई द्वारा संचालित लेवल वन कोचिंग कोर्स उत्तीर्ण कर यहां की क्रिकेट को ऊंचाइयों तक पहुंचाने का बीड़ा उठाया है। मनोज को इस कोर्स में द्वितीय स्थान हासिल हुआ। यह उपलब्धि हासिल करने वाले वह सूबे के एकमात्र क्रिकेटर हैं। बीसीसीआई की इकाई नेशनल क्रिकेट अकेडमी (एनसीए) के तत्वावधान में तीन से आठ फरवरी तक चले लेवल वन कोचिंग कोर्स में देशभर से 32 खिलाडि़यों ने भाग लिया, जिनमें से 18 ही परीक्षा उत्तीर्ण कर पाए। श्री रावत को इसमें द्वितीय स्थान मिला। एनसीए के निदेशक डेव व्हाटमोर ने इस कोर्स की शुरुआत की है, जिसका उद्देश्य देशभर में युवा क्रिकेटरों को एकरूप कोचिंग देना है। श्री रावत ने बताया कि कोर्स के दौरान एनसीए के बालिंग कोच बी.अरुण, बैटिंग कोच अमित असवाह, आर.वेंकटराम व किंजल सूरतवाला ने खेल की तकनीकी जानकारी दी। कोर्स में क्रिकेट के बेसिक गुर सिखाए गए। उन्होंने बताया कि टेस्ट में रिटर्न और प्रैक्टिकल दोनों ही तरह परीक्षण किया गया। मनोज रावत ने बताया कि सीएयू की यूपीसीए से संबद्धता होने के कारण एसोसिएशन के सचिव पीसी वर्मा से कोर्स के लिए नाम मांगे गए थे। अगर श्री वर्मा रिकमंड नहीं करते तो शायद वह यह कोर्स नहीं कर पाते। उन्होंने बताया कि पूर्व में वह एनआईएस, एमपीएड और स्पोर्ट्स मैनेजमेंट का कोर्स कर चुके हैं। इसका फायदा उन्हें लेवल वन कोचिंग कोर्स में मिला। एसीए के निदेशक आरपी ईश्र्वरन का भी इसमें काफी सहयोग रहा। एसीए में बतौर कोच कार्यरत मनोज रावत ने कहा कि सूबे को मान्यता मिल जाती है तो अन्य लोग भी यह कोर्स कर सकेंगे। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड के क्रिकेट के विकास में यह काफी सहायक साबित होगा। साथ ही प्रतिभाओं का पलायन रुकेगा।
ढाई करोड़ लीटर पानी जमा करना है 15 तक
मसूरी, जागरण कार्यालय: पहाड़ों की रानी मसूरी में पर्यटन सीजन की तैयारियां में जल संस्थान भी लग गया है। सीजन के लिए पंपों की मरम्मत की जा चुकी है। संस्थान 15 अप्रैल तक 2 करोड़ 46 लाख लीटर जल का भंडारण करने में जुटा है। संस्थान ने बकायेदारों से वसूली में भी तेजी कर दी है। पर्यटन सीजन में पहाड़ों की रानी मसूरी में पेयजल किल्लत से बचने के लिए जल संस्थान ने हाथ-पैर मारना शुरू कर दिया है। जल संस्थान के अधिशासी अभियंता एसके शर्मा का कहना है कि पर्यटन सीजन में पेयजल संकट से बचने के लिए कोल्टी पंप, मरे पंप, धोबी घाट समेत अन्य पंपों की मरम्मत की गई है। 15 अप्रैल तक 2 करोड़ 46 लाख लीटर का जल भंडारण किया जाएगा। गनहिल में सर्वाधिक एक करोड़ 58 लाख लीटर, राधाभवन क्रेगटॉप में 80 लाख लीटर, लंढौर कैंट में 8 लाख लीटर पानी का भंडारण किया जाना है। उन्होंने बताया कि जल संस्थान ने बकाएदारों से 31 मार्च तक तीन करोड़ 75 लाख रुपये की वसूली का लक्ष्य रखा है। अभी तक दो करोड़ से अधिक की वसूली की जा चुकी है। संस्थान के सहायक अभियंता पीबी भट्ट ने बताया कि कोल्टी पंप में अकसर बिजली समस्या रहती थी। इसके लिए 11 केवी की लाइन लगाने को आकलन किया गया है। केंद्र सरकार से पेजयल व्यवस्था के लिए हाल ही में 16 करोड़ रुपये स्वीकृत हुए हैं, जिनमें कोल्टी पंप के लिए डबल पंपिंग योजना पर तीन करोड़रुपये खर्च किए जाएंगे।
बाजार में लौटी बसंत बहार
मुंबई, एजेंसियां : तमाम सकारात्मक संकेतों के बीच दलाल स्ट्रीट में फिर से वसंत की बहार लौट आई है। शेयर बाजार का बैरोमीटर माना जाने वाला सेंसेक्स करीब तीन महीने बाद गुरुवार को फिर से 10 हजार का स्तर पार कर गया। इस तेजी में अमेरिका में आवास व उपभोक्ता बाजार में आए सुधार का बड़ा हाथ रहा। इसकी वजह से ही विदेशी बाजारों में खासा उछाल आया। इसे देख सटोरियों ने दलाल स्ट्रीट में जमकर लिवाली की। इस दिन बंबई शेयर बाजार (बीएसई) के संवेदी सूचकांक ने 335.20 अंकों यानी 3.47 फीसदी की छलांग लगाई। यह 10003.10 अंक पर बंद हुआ। 5 जनवरी, 09 के बाद सेंसेक्स पहली बार इस स्तर पर पहुंचा है। एक दिन पहले यह 9667.90 अंक पर बंद हुआ था। चार सत्रों की लगातार तेजी के चलते इस हफ्ते संवेदी सूचकांक 1036.42 अंक यानी 11.56 फीसदी की बढ़त बना चुका है। इसी तरह नेशनल स्टाक एक्सचेंज का निफ्टी भी तीन महीने बाद पहली बार 3000 के ऊपर गया। यह 97.90 अंक यानी 3.28 फीसदी उछलकर 3082.25 पर बंद हुआ। बुधवार को यह 2984.35 अंक पर था। बीएसई का 30 शेयरों वाला सेंसेक्स मजबूती के साथ खुला। सत्र के दौरान यह 10061.36 अंक के ऊंचे स्तर तक गया, वहीं इसने 9739.93 अंक का दिन का निचला स्तर छुआ। निफ्टी एक दिन पहले के मुकाबले नीचे खुला, लेकिन कारोबार के दौरान ऊपर में 3103.35 अंक तक गया। बाद में यह नीचे में 2982.25 के स्तर तक लुढ़का। विश्लेषकों के मुताबिक अमेरिका में एक दिन पहले आए नए घरों की बिक्री और उपभोक्ता बाजार के आंकड़े उम्मीद से अच्छे रहे हैं। इसके चलते विश्व की इस सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था में मंदी को लेकर बढ़ रही चिंताएं कम हुईं तो वाल स्ट्रीट में एक दिन पहले खासी तेजी आई। इसकी देखादेखी एशियाई बाजार भी मजबूत रहे। इसके अलावा मुद्रास्फीति दर के गिरकर 0.27 फीसदी आने से रिजर्व बैंक द्वारा दरों में और कटौती करने के आसार बढ़ गए हैं। इन सब कारणों से दलाल स्ट्रीट के निवेशक भी जोश में आ गए और जमकर खरीद कर डाली। घरेलू बाजार को विदेशी संस्थागत निवेशकों की ओर से भी लगातार लिवाली का सहारा मिल रहा है। एक दिन पहले उन्होंने 348.65 करोड़ रुपये के शेयर खरीदे। रीयल एस्टेट को छोड़कर इस दिन बीएसई के सभी सूचकांकों में तेजी दर्ज की गई। रीयल एस्टेट कंपनी आकृति सिटी की शेयरों में आई 55 फीसदी से ज्यादा की गिरावट इस वर्ग के सूचकांक पर भारी पड़ी। बीएसई में कारोबार का आकार भी बढ़कर 4635.28 करोड़ रहा।
चार धाम यात्रा के लिए कंप्यूटरीकृत ग्रीन कार्ड होंगे इस बार
देहरादून: चार धाम यात्रा के लिए परिवहन विभाग की तैयारियां जोरों पर हैं। इस बार विभाग ने यात्रा पर चलने वाले व्यावसायिक वाहनों के लिए कंप्यूटरीकृत ग्रीन कार्ड बनाने का निर्णय लिया है। इससे विभाग के पास यात्रा पर जाने वाली गाड़ी का पूरा ब्योरा उपलब्ध रहेगा। यात्रा के दौरान परिवहन विभाग गाडि़यों के लिए ग्रीन कार्ड जारी करता है। पूर्व में ये कार्ड हाथों से बनाए जाते थे। ऐसे में इनमें गड़बड़ी होने की आशंका भी रहती थी। जांच के दौरान कई ग्रीन कार्ड फर्जी भी पाए गए। ऐसे में फर्जी ग्रीन कार्ड को रोकने और वाहन व चालक का संपूर्ण विवरण एक ही कार्ड में डालने के लिए विभाग ने इस बार ग्रीन कार्डो को पूरी तरह कंप्यूटरीकृत बनाने का निर्णय लिया है। ग्रीन कार्ड में ड्राइवर के डीएल के साथ ही वाहन संबंधित जानकारी जैसे प्रदूषण प्रमाणपत्र की वैधता अवधि, रजिस्ट्रेशन, टैक्स, परमिट, फिटनेस और यात्रा फिटनेस आदि की संपूर्ण जानकारी होगी। यह जानकारी जानकारी कंप्यूटर में भी दर्ज होगी। यात्रा पर चलने वाले स्थानीय वाहनों के अलावा बाहर से आने वाले वाहनों को भी ये कार्ड जारी किए जाएंगे। ग्रीन कार्ड की पहली वैधता तीस जून तक रहेगी। इसके बाद आगे दो-दो माह तक इसकी समय सीमा बढ़ाए जाने का प्रस्ताव है। अपर परिवहन सचिव व अपर आयुक्त विनोद शर्मा ने बताया कि ग्रीन कार्ड का मकसद यह है कि वाहन चालक को एक बार ही सारे कागजात प्रस्तुत न करने पड़ें और जांच में भी विभाग का ज्यादा समय व्यर्थ न हो।
रास्ते के बारे में पता नहीं, चले मंजिल को
विकास गुसाई, देहरादून चार धाम यात्रा के लिए भले ही तैयारियां जोरो पर हों, लेकिन सचाई यह है कि इस बार मार्गो के बिना ठोस सर्वे किए ही यह यात्रा शुरू की जा रही है। बीते वर्ष इन मार्गो पर साढ़े पांच सौ से ज्यादा डेंजर जोन चिह्नित किए गए थे। इन्हीं के आधार पर सुरक्षा की तैयारी की जा रही है। पिछले यात्रा सीजन के बाद हुई बरसात में कई और नए स्थान डेंजर जोन के रूप में उभरे हैं, लेकिन इसकी जानकारी शायद ही विभाग के पास हो। ऐसे में चार धाम यात्रा कितनी सुरक्षित होगी, यह अंदाजा लगाया जा सकता है। चार धाम यात्रा को कुछ ही समय रह गया है। इसके लिए संबंधित महकमों की तैयारियां जोरों पर है। बसों की व्यवस्था से लेकर सड़कों की मरम्मत के लिए परिवहन विभाग, लोक निर्माण विभाग व सीमा सड़क संगठन को निर्देश जारी कर दिए गए हैं, लेकिन इस वर्ष यात्रा से पहले यात्रा रूटों का ठोस सर्वे न तो पुलिस और न ही परिवहन विभाग ने किया है। अभी तक रूट प्लानिंग पुराने डेंजर जोन को ध्यान में रख कर ही की गई है। प्रतिवर्ष परिवहन विभाग और पुलिस अपने-अपने स्तर से चार धाम यात्रा रूटों का सर्वे कराकर तैयारी करते हैं। महकमे इसकी रिपोर्ट शासन को सौंपते हैं। रिपोर्ट में सड़कों की स्थिति, चौड़ीकरण, पिटवाल, रेलिंग, पैराफिट आदि की स्थिति का उल्लेख होता है। इसी हिसाब से तैयारियां की जाती हैं। देहरादून-गंगोत्री, उत्तरकाशी- यमनोत्री, ऋषिकेश-सोनप्रयाग और हरिद्वार-बदरीनाथ मार्ग का सर्वे किया जाता है। हर वर्ष इन मार्गो पर डेंजर जोनों की संख्या घटती-बढ़ती है। इससे रूट की स्थिति स्पष्ट हो जाती है। इसी आधार पर तैयारियां की जाती हैं। इस वर्ष यात्रा मार्गो पर कितने डेंजर जोन घटे व बढ़े, इसकी जानकारी अभी उपलब्ध नहीं है। बीते वर्ष के हिसाब से ही तैयारियां की जा रही हैं। हालांकि अपर परिवहन आयुक्त विनोद शर्मा कहते हैं कि परिवहन आयुक्त व अन्य अधिकारियों के अलावा वे भी यात्रा रूटों की स्थिति का निरीक्षण कर चुके हैं। सीमा सड़क संगठन और लोनिवि को दस अप्रैल तक सभी कार्य दुरुस्त करने के निर्देश दिए जा
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