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श्रीनगर गढ़वाल : जड़ी बूटी उत्पादन को लेकर डाबर, हर्षा, हर्बल सहित अन्य कंपनियां भी क्षेत्र के जड़ी बूटी उत्पादक किसानों को एडवांस में धन देने के लिए भी तैयार हैं। गढ़वाल विवि के हैप्रिक संस्थान के जड़ी बूटी ग्राम घेस में आयोजित कार्यशाला में शामिल हुए कंपनियों के प्रतिनिधियों ने यह बात कही।
उत्पादित जड़ी बूटी विशेषकर कुटकी और जटामासी की खरीद के लिए त्रिपक्षीय समझौता करने का भी निर्णय लिया गया, जिसमें इस साल के लिए कुटकी की कीमत 550 रुपयै प्रतिकिलो तय हुई। हैप्रेक के वैज्ञानिक डॉ. विजयकांत पुरोहित जड़ी बूटी कृषिकरण और विपणन नेटवर्किंग का समन्वय करें। गढ़वाल विवि के उच्च शिखरीय पादप कार्यकी शोध केंद्र (हैप्रेक संस्थान) की कार्यशाला में जड़ी बूटी कृषिकरण से जुड़े किसानों की परेशानियों पर भी विचार किया गया। हैप्रेक संस्थान के निदेशक प्रो. एमसी नौटियाल ने कहा कि जड़ी बूटी उत्पादन के लिए संस्थान किसानों की हर संभव तकनीकी मदद करेगा। हैप्रेक के पूर्व निदेशक प्रो. एआर नौटियाल ने कहा कि कंपनियों के किसानों को एडवांस देने से जड़ी बूटी कृषिकरण को काफी बढ़ावा मिलेगा। घेस के किसान कैप्टन केशर सिंह बिष्ट ने कहा कि क्षेत्र में दो सौ किसान कुठकी, आर्चा का उत्पादन कर रहे हैं।
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