रविवार को डीएम डॉ. बीवीआरसी पुरुषोत्तम व बीज प्रमाणीकरण संस्था के अध्यक्ष बलराज पासी ग्राम जोगीपुरा पहुंचे। उन्होंने नदी से हुए भू-कटाव का जायजा लिया। फिर नदी का रुख जंगल की ओर मोड़ने के लिए पश्चिम छोर पर ग्रामीणों के सहयोग से हो रहे कार्य का निरीक्षण किया। उन्होंने करीब डेढ़ किलोमीटर पैदल घूमकर बारीकी से तहकीकात की। साथ ही पानी का मार्ग जंगल की तरफ परिवर्तित करने में अधिक मेहनत करने को कहा। निरीक्षण में उन्होंने पाया कि नदी का मूल बहाव अब भी गांव की ओर से हो रहा है। इसे कम करने को गोबरा गांव के उत्तर की दिशा में नदी का रुख बदला जाए। डीएम ने कहा कि ग्रामीणों ने पोकलैंड, जेसीबी व ट्रैक्टर आदि से जो कार्य किया है वह सराहनीय है। डीजल आदि में व्यय होने वाली धनराशि उन्होंने अपने संसाधनों से दिलाने का भरोसा दिलाया। एसडीएम को खर्चे का रजिस्टर, पर्ची आदि मेंटेन करने को कहा। श्री पासी ने डीएम को ग्रामीणों की बाढ़ से संबंधित अन्य समस्याओं से अवगत कराया। इस मौके पर चीनी मिल के महाप्रबंधक डॉ. आनंद श्रीवास्तव, उप जिलाधिकारी फिंचाराम चौहान, तहसीलदार रमेश चंद गौतम, अमोलक चंद कंबोज, दौलत राम नढ्डा, विधायक प्रतिनिधि परमजीत राजपूत, जगतार सिंह बाजवा, कुलदीप सिंह, ग्राम प्रधान रामकिशन, इंदरराम, जगदीश कुमार, हंसराज, कश्मीर राजपूत, दलजीत सिंह, हरजिंदर सिंह, सत्यपाल कंबोज, मोहन, मोहन लाल, भुट्टो, बल्देवराज आदि मौजूद थे।
अब बाढ़ आई तो तबाह हो जाएगा सबकुछ
जोगीपुरा के ग्रामीणों ने डीएम को बताया कि नदी में अब भी खनन कार्य हो रहा है। लोग डंडे के जोर पर खनन कर रहे हैं। बीती रात भी लगभग 20 वाहन खनन करने में लगे रहे। उन्होंने खनन के लिए नीति बनाने की मांग की। कहा कि यदि अब बाढ़ आई तो पेयजल टंकी, गुरुद्वारा साहिब, विद्यालय के साथ उनका सबकुछ तबाह हो जाएगा। जमीनें पहले ही कोसी में समा चुकी हैं, अब गांव भी नदी की जद में आ गया है। डीएम ने खनन करने वालों के नाम आदि बताने व एसडीएम से इस पर ध्यान देने को कहा।
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