गोपेश्वर (चमोली)। अभी गर्मी का मौसम शुरू नहीं हुआ, लेकिन जिला मुख्यालय में पानी की किल्लत अभी से शुरू हो गई है। पेयजल संकट का आलम यह है कि मानक के अनुरूप नगरीय क्षेत्र में 135 लीटर प्रति व्यक्ति प्रतिदिन पानी मिलना चाहिए, लेकिन लोगों को मात्र 70 लीटर पानी ही लोगों को उपलब्ध हो पा रहा है।
जिला मुख्यालय गोपेश्वर में पानी की आपूर्ति के लिए वर्ष 1971 में पेयजल योजना का निर्माण किया गया था। समय पर रखरखाव न होने के कारण पेयजल योजना जर्जर होने की कगार पर है। इसकी पाइप लाइन से जगह-जगह पानी का रिसाव हो रहा है, जिससे लोगों को पर्याप्त मात्रा में पानी उपलब्ध नहीं हो पा रहा है। मानकों के अनुसार नगर क्षेत्र में प्रति दिन प्रति व्यक्ति को 135 लीटर पानी मिलना चाहिए, लेकिन लोगों को इससे काफी कम पानी में काम चलाना पड़ रहा है। हालात ऐसे हैं कि हल्दापानी, सुभाषनगर, मंदिर मार्ग आदि मोहल्लों में तो लोगों को पीने के लिए तक पर्याप्त मात्रा में पानी नहीं मिल पा रहा है। नियम के मुताबिक किसी भी पेयजल योजना का उसके निर्माण के 30 वर्ष के भीतर पुनर्गठन हो जाना चाहिए, लेकिन गोपेश्वर की पेयजल योजना का अभी तक पुनर्गठन नहीं किया गया है। जर्जर पाइप लाइन लोगों की जरूरत पूरी नहीं कर पा रही है।
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