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कोटद्वार: इंस्टीट्यूट ऑफ होटल मैनेजमेंट स्टडीज (आईएचएमएस) संस्थान में दो दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया। इसमें प्रशिक्षणार्थियों को विभिन्न पेय पदार्थो को बनाने की जानकारी दी गई।
संस्थान परिसर में आयोजित कार्यशाला के प्रथम दिवस पर जहां प्रशिक्षणार्थियों को विभिन्न पेय पदार्थो की उपयोगिता के बारे में विस्तार से समझाया गया, वहीं दूसरे दिन फूड एंड वेबरेज एकेडमी (दिल्ली) के प्रशिक्षकों ने प्रतिभागियों को मिश्रित पेय पदार्थ बनाने के गुर सिखाए। साथ ही इन पेय पदार्थो की गुणवत्ता की जानकारियां भी दी। प्रशिक्षणार्थियों ने संस्थान के प्रयासों की सराहना करने हुए इस प्रकार के आयोजन भविष्य में भी किए जाने की जरूरत पर जोर दिया। इस मौके पर संस्थान के संरक्षक कर्नल बीएस गुंसाई ने पर्यटन की दृष्टि से महत्वपूर्ण बताते हुए पेय पदार्थो का व्यवसायिक प्रशिक्षण दिए जाने की आवश्यकता पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि इस तरह के प्रशिक्षण से विभिन्न स्थानों से आने वाले पर्यटकों को उनकी पसंद के पेय पेश किए जा सकेंगे। इससे प्रदेश में पर्यटन उद्योग को बढ़ावा मिलेगा। उन्होंने 'परिवर्तन को विकास की जननी' बताते हुए कहा कि समाज में तेजी से परिवर्तन हो रहा है व इन प्रचलित तौर-तरीकों से लोगों के जीवन को सुग्रह्य बनाना है, ताकि समाज में अनुकूल परिवर्तन हो सके। कार्यशाला में मार्टिनी, फ्रूट पंच, पिनाकोलाड़ा आदि पेय पदार्थो को प्रशिक्षणार्थियों ने काफी पसंद किया। कार्यशाला में मनीष व मोहित आदि उपस्थित थे।
संस्थान परिसर में आयोजित कार्यशाला के प्रथम दिवस पर जहां प्रशिक्षणार्थियों को विभिन्न पेय पदार्थो की उपयोगिता के बारे में विस्तार से समझाया गया, वहीं दूसरे दिन फूड एंड वेबरेज एकेडमी (दिल्ली) के प्रशिक्षकों ने प्रतिभागियों को मिश्रित पेय पदार्थ बनाने के गुर सिखाए। साथ ही इन पेय पदार्थो की गुणवत्ता की जानकारियां भी दी। प्रशिक्षणार्थियों ने संस्थान के प्रयासों की सराहना करने हुए इस प्रकार के आयोजन भविष्य में भी किए जाने की जरूरत पर जोर दिया। इस मौके पर संस्थान के संरक्षक कर्नल बीएस गुंसाई ने पर्यटन की दृष्टि से महत्वपूर्ण बताते हुए पेय पदार्थो का व्यवसायिक प्रशिक्षण दिए जाने की आवश्यकता पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि इस तरह के प्रशिक्षण से विभिन्न स्थानों से आने वाले पर्यटकों को उनकी पसंद के पेय पेश किए जा सकेंगे। इससे प्रदेश में पर्यटन उद्योग को बढ़ावा मिलेगा। उन्होंने 'परिवर्तन को विकास की जननी' बताते हुए कहा कि समाज में तेजी से परिवर्तन हो रहा है व इन प्रचलित तौर-तरीकों से लोगों के जीवन को सुग्रह्य बनाना है, ताकि समाज में अनुकूल परिवर्तन हो सके। कार्यशाला में मार्टिनी, फ्रूट पंच, पिनाकोलाड़ा आदि पेय पदार्थो को प्रशिक्षणार्थियों ने काफी पसंद किया। कार्यशाला में मनीष व मोहित आदि उपस्थित थे।
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