रुद्रप्रयाग। एक ओर सरकार प्रदेश में पर्यटन को बढ़ावा देने के दावे कर रही है, वहीं पर्यटक स्थलों तक पर्यटकों को आवागमन में आने वाली दिक्कतें दूर करने की ओर जमीन पर कोई कोशिश नहीं की जा रही। रुद्रप्रयाग के पर्यटक स्थल चोपता के प्रति सरकारी लापरवाही इस बात की तस्दीक करती है। इस सीजन में यहां अच्छी बर्फबारी हुई, जिसका दीदार करने देशी- विदेशी सैलानी इस ओर रुख भी कर रहे हैं, लेकिन बर्फ न हटाने से गत एक महीने से सड़क बंद है। ऐसे में पर्यटक आधे रास्ते से वापस लौटने को मजबूर हैं।
जिले के चोपता पर्यटक स्थल को मिनी स्विट्जरलैंड के नाम से जाना जाता है। यहां के मखमली बुग्याल हर मौसम में पर्यटकों को आकर्षित करते हैं। बर्फबारी के बाद तो इसके सौंदर्य पर चार चांद लग जाते हैं। इस बार भी दिसंबर में चोपता में अच्छी बर्फबारी हुई, जिसके बाद यहां देशी विदेशी सैलानी बड़ी संख्या में पहुंचे, लेकिन चोपता को जाने वाला मोटरमार्ग अधिक बर्फबारी के कारण बंद हो चुका है। इसके चलते अधिकांश लोग चोपता तक नहीं पहुंच पा रहे हैं। हालांकि दुगलबिट्टा व इससे कुछ आगे तक जाने में पर्यटक सफल रहे।
सरकारी बेरुखी का आलम यह है कि बर्फबारी के एक महीने बाद भी चोपता- मंडल मोटरमार्ग नहीं खोला जा सका है। हालांकि, स्थानीय टैक्सी व ट्रक चालक अभ्यास होने के कारण आसानी से निकल रहे हैं, लेकिन पर्यटकों के वाहन बर्फ में फंस रहे हैं। बर्फ पर टायरों के फिसलने की वजह से दुर्घटनाओं की आशंका बनी रहती है। यही वजह है कि पर्यटक दुगलबिट्टा से आगे वाहनों पर नहीं जा रहे। हालांकि, यहा से पैदल भी चोपता तक जाया जा सकता है, लेकिन इस मार्ग पर घने वन होने के कारण जंगली जानवरों का भय बना रहता है। कलकत्ता से चोपता में बर्फबारी का लुत्फ लेने पहुंचे श्यामा प्रसाद बनर्जी की मुराद पूरी नहीं हो सकी। हालांकि, वह दुगलबिट्टा व इससे तीन किमी आगे बनियांकुंड तक गए, लेकिन वह चोपता तक नहीं पहुंच सके। इस संबंध में लोक निर्माण विभाग ऊखीमठ के सहायक अभियंता एचएस नेगी ने बताया कि मोटरमार्ग पर पड़ी बर्फ को हटाया जा रहा है, जल्द ही इस पर वाहनों की आवाजाही शुरू कर दी जाएगी।
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