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Tuesday, June 29, 2010

मशरूम उत्पादन से सुधरी महिलाओं की आर्थिकी

मशरूम उत्पादन से सुधरी महिलाओं की आर्थिकी

श्रीनगर (पौड़ी गढ़वाल)। पहाड़ की महिलाओं विशेषकर ग्रामीण क्षेत्र की महिलाओं के आर्थिक विकास में मशरूम उत्पादन का महत्वपूर्ण योगदान है। कम समय में उत्पादित होने वाली मशरूम नगद फसल भी है।
शोध प्रसार केन्द्र श्रीनगर में बौद्धिक विकास और उद्यान प्रशिक्षण कार्यक्रम को संबोधित करते हुए केन्द्र के वरिष्ठ वैज्ञानिक डा. रोहतास कुंवर (मृदा) ने मृदा परीक्षण, मृदा उर्वता प्रबंधन की विभिन्न विधाओं से भी कार्यक्रम में शामिल महिलाओं को विशेष रूप से अवगत कराया। गोविंद वल्लभ पंत कृषि एवं प्रौद्योगिकी विवि के श्रीनगर स्थित औद्यानिक शोध एवं प्रसार केन्द्र के वरिष्ठ वैज्ञानिक और मशरूम विशेषज्ञ डा. टीपीएस भंडारी का कहना है कि पहाड़ की गांव की महिलाओं को मशरूम उत्पादन से जोड़ा जाना चाहिए। इसके लिए एकल प्रयास के साथ ही स्वयं सहायता समूहों के माध्यम से भी कार्य किया जा सकता है। डा. भंडारी ने सब्जी और फल तथा फसलों पर लगने वाले कीट रोगों की पहचान और नियंत्रण संबंधी तकनीकी के बारे में विस्तार से जानकारी दी। उद्यानों की उपज को संरक्षित कर फल पदार्थ बनाने का प्रशिक्षण भी इस अवसर पर दिया गया। खिर्सू की कनिष्ठ ब्लाक प्रमुख सुषमा देवी, स्वयं सहायता समूह की सावित्री देवी, कलावती देवी, पार्वती देवी, यशोदा देवी ने भी कृषि से जुड़ी ग्रामीण महिलाओं की समस्याएं रखीं जिनका समाधान विशेषज्ञों ने सुझाया।

http://garhwalbati.blogspot.com

1 comment:

  1. बेहतर होगा अगर आप इसके उत्पादन के तौर-तरीक़ों और इसके अर्थशास्त्र के बारे में एक विस्तृत पोस्ट करें. इससे ऐसे लोगों को मदद मिलेगी जो वास्तव में ऐसा कुछ करना चाहते हैं.

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thank for connect to garhwali bati

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