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भुवन चंद खंडूरी ने रविवार को लगभग सवा दो साल बाद दोबारा मुख्यमंत्री की कुर्सी संभाली। स्थानीय रेंजर्स मैदान में राज्यपाल मारग्रेट अल्वा ने एक सादा समारोह में खंडूरी को पद एवं गोयनीयता की शपथ दिलाई।
राजभवन में आयोजित शपथ ग्रहण समारोह में भाजपा नेता राजनाथ सिंह और रविशंकर प्रसाद मौजूद थे। खंडूरी को आज मुख्यमंत्री पद की शपथ दिलाने की वजह सोमवार से पितृपक्ष का शुरू होना है। इससे पहले रमेश पोखरियाल निशंक ने राजभवन पहुंचकर अल्वा को अपना इस्तीफा सौंप दिया था। आज भाजपा विधायक दल की बैठक हुई जिसमें खंडूरी के नाम पर मुहर लगी।
छह माह बाद होने वाले विधानसभा चुनाव में भाजपा की डूबती नैया को पार लगाने की जिम्मेदारी भी अब खंडूरी पर आ गई है। 15वीं लोकसभा चुनाव में उत्तराखंड की पांचों सीटें गंवाने और पूर्व मुख्यमंत्री भगत सिंह कोश्यारी के बगावती तेवरों के कारण भाजपा नेतृत्व ने 24 जून 2009 को उन्हें हटाकर निशंक को कमान सौंप दी थी। निशंक तब खंडूरी की पसंद से ही मुख्यमंत्री बने थे। कर्नाटक में बीएस येदियुरप्पा की विदाई के बाद भाजपा के लिए निशंक का बचाव कर पाना मुश्किल हो रहा था।
राजभवन में आयोजित शपथ ग्रहण समारोह में भाजपा नेता राजनाथ सिंह और रविशंकर प्रसाद मौजूद थे। खंडूरी को आज मुख्यमंत्री पद की शपथ दिलाने की वजह सोमवार से पितृपक्ष का शुरू होना है। इससे पहले रमेश पोखरियाल निशंक ने राजभवन पहुंचकर अल्वा को अपना इस्तीफा सौंप दिया था। आज भाजपा विधायक दल की बैठक हुई जिसमें खंडूरी के नाम पर मुहर लगी।
छह माह बाद होने वाले विधानसभा चुनाव में भाजपा की डूबती नैया को पार लगाने की जिम्मेदारी भी अब खंडूरी पर आ गई है। 15वीं लोकसभा चुनाव में उत्तराखंड की पांचों सीटें गंवाने और पूर्व मुख्यमंत्री भगत सिंह कोश्यारी के बगावती तेवरों के कारण भाजपा नेतृत्व ने 24 जून 2009 को उन्हें हटाकर निशंक को कमान सौंप दी थी। निशंक तब खंडूरी की पसंद से ही मुख्यमंत्री बने थे। कर्नाटक में बीएस येदियुरप्पा की विदाई के बाद भाजपा के लिए निशंक का बचाव कर पाना मुश्किल हो रहा था।
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