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सबसे खर्चीले पूर्व मुख्यमंत्री तिवारी |
प्रदेश शासन द्वारा पूर्व मुख्यमंत्रियों को मुहैया कराई सामग्री की कीमत के हिसाब से देखा जाए तो पूर्व मुख्यमंत्री एनडी तिवारी सबसे खर्चीले पूर्व मुख्यमंत्री साबित हो रहे हैं| हालांकि इसमें प्रदेश के प्रथम मुख्यमंत्री नित्यानंद स्वामी को उपलब्ध कराई गई सामग्री का विवरण शामिल नहीं है क्योंकि प्रदेश शासन से सूचनाधिकार के जरिए जो जानकारी दी गई है, उसमें उनका विवरण नहीं दिया गया है | सूचना आयोग के दखल के बाद जो जानकारी मिली है उसके मुताबिक खर्च के हिसाब से एनडी तिवारी पहले, भुवन चंद्र खंडूड़ी दूसरे, रमेश पोखरियाल निशंक तीसरे और भगत सिंह कोश्यारी चौथे नंबर पर हैं. गौरतलब है कि ओल्ड सव्रे रोड निवासी सुशील खरे ने इसी साल मई में प्रमुख सचिव वित्त के कार्यालय के लोक सूचनाधिकारी से राज्य के सभी पूर्व मुख्यमंत्रियों पर राज्य सरकार द्वारा किए जा रहे सालाना खर्च का ब्योरा मांगा था|
उन्होंने सभी की संपत्ति का विवरण भी मांगा था. लेकिन प्रमुख सचिव वित्त के दफ्तर से उनकी अर्जी यह कहकर लौटा दी गई कि प्रमुख सचिव वित्त कार्यालय लोक सूचनाधिकारी नहीं है. उनकी विभागीय अपील का पत्र भी इस आधार पर लेने से इनकार कर दिया गया कि प्रमुख सचिव वित्त विभागीय अपीलीय अधिकारी नहीं हैं. शासन के अफसरों के रवैए से निराश होकर सुशील खरे ने राज्य सूचना आयोग का दरवाजा खटखटाया| अब आयोग ने नोटिस भेजा तो वित्त विभाग के लोक सूचनाधिकारी यानी अनुभाग अधिकारी ने इसी जुलाई में मूल अनुरोध पत्र गोपन (मंत्रि परिषद) विभाग के लोक सूचनाधिकारी यानी अनुसचिव को अंतरित कर दिया. आयोग ने कहा कि सूचनाधिकार की अर्जी लौटाना उचित नहीं है और प्रमुख सचिव वित्त को स्पष्टीकरण देने को कहा. गोपन विभाग के अनुसचिव ने भी अर्जी को विधानसभा के लोक सूचनाधिकारी व इरला चैक विभाग उत्तराखंड शासन, राज्य संपत्ति विभाग व सचिवालय प्रशासन विभाग के लोक सूचनाधिकारियों को अंतरित कर दिया|
विधानसभा के लोक सूचनाधिकारी ने बताया कि पूर्व मुख्यमंत्रियों पर हो रहे खर्च को विस सचिवालय वहन नहीं करता, अलबत्ता सभी पूर्व मुख्यमंत्रियों की संपत्ति की सूचना उसके पास 22 पृष्ठों में मौजूद है जिसे 44 रुपये जमा कर अपीलार्थी ले सकते हैं. अब राज्य सूचना आयुक्त विनोद नौटियाल ने शासन के इरला चैक विभाग, राज्य संपत्ति विभाग व सचिवालय प्रशासन विभाग के लोक सूचना अधिकारियों पक्षकार बनाते हुए निर्देश दिया कि वह अपीलार्थी को मुख्यमंत्रियों पर हो रहे खर्च का ब्यौरा उपलब्ध कराएं| सूचना आयुक्त विनोद नौटियाल ने प्रमुख सचिव वित्त द्वारा निर्देश के बावजूद स्पष्टीकरण न देने पर नाराजगी भी जताई. इतना ही नहीं राज्य सूचना आयोग के निर्देश के बावजूद प्रमुख सचिव वित्त ने इस मामले में स्पष्टीकरण तक नहीं दिया. बहरहाल अब भी राज्य संपत्ति विभाग ने आधी-अधूरी सूचनाएं ही मुहैया कराई हैं. राज्य सूचना आयुक्त ने इस मामले में मांगी गई सभी सूचनाएं मुहैया कराने के निर्देश दिए हैं|
पूर्व मुख्यमंत्री उपलब्ध कराई सामग्री
- नारायण दत्त तिवारी 33,77,819 रुपये
- भुवन चंद्र खंडूड़ी 26,51,919 रुपये
- रमेश पोखरियाल निशंक 19,89,485 रुपये
- भगत सिंह कोश्यारी 5,75,918 रुपये
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