नई टिहरी: एक ओर नई टिहरी शहर को पर्यटन नगरी के रूप में विकसित करने की बात की जा रही है, वहीं दूसरी ओर बाजार में धड़ल्ले से पॉलीथिन का प्रयोग किया जा रहा है। कई स्थानों पर कचरा फैला है। इस ओर अभी तक कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा।
मास्टर प्लान के अनुसार नई टिहरी शहर में पालीथिन पर प्रतिबंध लगाने के लिए कई बार अभियान चलाया गया। व्यापारियों को पालीथिन का प्रयोग न करने की हिदायत भी दी गई, लेकिन इस पर तरीके से अमल नहीं हो पाया। त्यौहारों के अवसर पर जमकर इसका इसका प्रयोग किया जाता है। पूर्व में कई बार पालिका व प्रशासन ने इसके खिलाफ अभियान छेड़ा था, लेकिन अब फिर स्थिति पहले जैसी हो गई है। पालीथिन के प्रयोग से लोग घर का कूड़ा इसमें भरकर सड़कों पर डाल देते हैं। इससे सड़कों पर पालीथिन जमा हो जाती है। इसके लिए लोगों को भी जागरूक होना होगा, क्योंकि कई लोगों को पालीथिन में सामान ले जाने में सुविधा होती है। नई टिहरी शहर को यदि पर्यटन नगरी के रूप में विकसित करना है तो पालीथिन पर रोक लगानी होगी। पर्यावरण की दृष्टि से भी यह काफी हानिकारक है। हालांकि, नगरपालिका टिहरी ने शहरभर में दो कूड़ा निस्तारण वाहन प्रत्येक मोहल्ले से कूड़ा एकत्रित करने के लिए लगाए हैं। बावजूद इसके लोग पॉलीथीन को सड़कों व गलियों में डाल रहे हैं, इससे शहर की सुंदरता के साथ ही पर्यावरण दूषित हो रहा है।
इस संबंध में पालिका अध्यक्ष उमेशचरण गुसांई ने का कहना है कि मास्टर प्लान शहर में पालिका साफ-सफाई के लिए कई योजनाएं चला रही है। शहर को पर्यटन नगरी के रूप में विकसित करने के लिए शहरवासियों को भी जिम्मेदारी का निर्वहन करना होगा।
jagran.com se sabhar
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