रुद्रप्रयाग : सूक्ष्म लघु एवं मध्यम उद्यम मंत्रालय केंद्र सरकार के माध्यम से संचालित 45 दिवसीय खाद्य प्रसंस्करण प्रशिक्षण शिविर का समापन हो गया है। इस अवसर पर प्रशिक्षणार्थियों को विभिन्न प्रकार के फलों से जैम, जैली, अचार, चटनी व जूस व मुरब्बा बनाने का प्रशिक्षण दिया गया।
इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ एंटरप्रेन्योरशिप के सौजन्य से रतूड़ा में आयोजित प्रशिक्षण शिविर के समापन अवसर पर मुख्य अतिथि जिला पंचायत सदस्य ममता कुंवर ने प्रशिक्षणार्थियों को स्वरोजगार अपनाकर उद्यमिता एवं आत्मनिर्भरता पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि पहाड़ में माल्टा, बुरांस, आंवला समेत कई प्रकार फल-फूल बड़ी मात्रा में होते हैं, लेकिन जानकारी के अभाव में इनका उपयोग नहीं हो पाता है। इस प्रकार की वस्तुओं का उपयोग कर हम अपनी आर्थिक स्थिति मजबूत कर सकते हैं।
प्रशिक्षण शिविर में मास्टर ट्रेनर वीरपाल नेगी ने प्रशिक्षणार्थियों को विभिन्न प्रकार के फल, फूल एवं सब्जियों से बनने वाले खाद्य पदार्थो का प्रशिक्षण दिया गया। इसके साथ ही इन पदार्थो का रख-रखाव एवं बेचने की प्रक्रिया की जानकारी भी दी। अंत में सभी प्रशिक्षणार्थियों को प्रशिक्षण प्रमाण पत्र भी वितरित किए गए। इस अवसर पर संस्था के सदस्य लक्ष्मी प्रसाद भट्ट, प्रकृति संस्था के संस्थापक गजेंद्र रौतेला, प्रधान अनीता चौकियाल, मुरली चौधरी, रणजीत खत्री, राजेश कुंवर समेत पचास प्रशिक्षणार्थी मौजूद थे।
jagran.com se sabhar
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