देहरादून। सूबे के गांवों में अब खिलाडि़यों की खेती लहलहाएगी। हर ग्राम पंचायत में एक खेल मैदान की योजना के तहत सालभर में 386 ग्राम व आठ ब्लाक पंचायतों में खेल मैदान तैयार होंगे। जिन ग्राम पंचायतों में जमीन उपलब्ध नहीं होगी, वहां नजदीकी स्कूल-कालेज मैदान को स्थानीय आबादी की जरूरत के मुताबिक अपग्रेड किया जाएगा।
सूबे में पाइका योजना की रफ्तार तेज होगी। गांव स्तर पर खेलों को प्रोत्साहित करने व खिलाड़ी तैयार करने की इस केंद्र पोषित मुहिम में 'वार्म अप' होने में तकरीबन छह माह का समय राज्य ने लिया। इस योजना के तहत गांव स्तर पर खेल मैदान विकसित किए जाने हैं, ताकि बच्चों व किशोरों की खेलों में रुचि जागे। इन मैदानों पर पंचायत स्तरीय खेल प्रतियोगिताएं भी होंगी। योजना के अंतर्गत 90 फीसदी राशि केंद्र व 10 फीसदी राशि राज्य देगा। खेल मैदान तैयार करने को ग्राम पंचायत स्तर पर एक लाख व ब्लाक स्तर पर पांच लाख की राशि दी जाएगी। ग्राम पंचायत की तुलना में ब्लाक में बड़ा खेल मैदान बनेगा। खेल प्रतियोगिताओं पर होने वाला पूरा खर्च केंद्र उठाएगा। दस वर्षीय इस योजना के तहत एक साल में सूबे को दस करोड़ मिलेंगे।
राज्य की विषम परिस्थितियों के मद्देनजर यह तय किया गया है कि ग्राम पंचायत स्तर पर खेल मैदान के लिए जगह नहीं मिलने की स्थिति में नजदीकी स्कूल अथवा कालेज मैदान को इस राशि से विकसित किया जाएगा। इस मैदान का लाभ स्थानीय आबादी भी उठाएगी। विश्वस्त सूत्रों के मुताबिक राज्य में 7500 ग्राम पंचायतों में खेल मैदान तैयार किए जाएंगे। अगले वित्तीय वर्ष में 386 मैदान तैयार करने की योजना है।
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